एक कार का टायर कई तत्वों से मिलकर बना होता है जो ड्राइवरिंग विशेषताओं को प्रभावित करते हैं।यदि आप एक कार के टायर को तोड़ेंगे या उसको काटेंगे तो आपको इसके अंदर कई परत देखने को मिलेंगी । यह परत वास्तव मे बहुत उपयोगी होती हैं। किसी टायर को बनाने मे पूरी वैज्ञानिक प्रक्रिया काम मे ली जाती है।
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कार के टायर में कितनी परत होती है ?
वैसे तो कार के टायर के अंदर परत की संख्या फिक्स नहीं होती है। लेकिन इनकी संख्या 8 होती है। एक जगह पर टायर के बारे मे लिखा हुआ था कि एक कार के टायर मे 8 परत होती हैं। यहां पर हम टायर की आठ परतों के बारे मे चर्चा करने वाले हैं। ताकि आपको पता चल सके की टायर मे कौनसी 8 – 9 परत होती हैं।
Inner liner
- यह एक टायर की आंतरिक परत होती है और हवा रोधी और पानी रोधी होती है।
- यह सेंथेटिक रबर की मदद से बनी होती है।
- इसकी विशेषताओं के अंदर ऑक्सीकरण एजेंट, एसिड और क्षार के लिए इसकी उच्च सहिष्णुता है।
Textile layer
- Textile layer कपड़े के धागे से बनी होती है।
- एक कार के टायर के अंदर 1 से 3 तक Textile layer हो सकती हैं।इसकी मोटाई मोटाई 1 से 1.5 मिमी के बीच होती है।
- इस परत का मुख्य उदेश्य दबाव में टायर को आकार में रखना और ट्यूनिंग, ब्रेकिंग और तेजी से कार्यभार को स्थानांतरित करना है।
Bead wires
Bead wires की वजह से टायर को रिंम के उपर माउंट करना संभव होता है। यह बाइक के टायर की तरह ही होते हैं। यह तार टायर को आगे से काफी कठोर बना देते हैं। जिसकी वजह से टायर आसानी से रिम के उपर टिका रहता है। कई बार जब यह तार टूट जाते हैं तो टायर नया होने के बाद भी बेकार हो जाता है।
Bead filler
Bead filler एक रबर की परत से बना होता है और यह मानक तारों को सही जगह रखने का काम करता है।यह टायर के जीवन को लंबा बनाता है और चालक के लिए आरामदायक भी होता है।
Bead bundle
- यह टायर की प्रतिरोधकता को बढ़ाता है और उसके बार बार पहनने के योग्य बनाता है।
- यह बीड वायर को व्हील रिम से अलग करने का काम भी करता है।
- यह आसानी से पहनने योग्य सामग्री से बना हुआ है।
Side wall
Side wall टायर की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल की जाती है। यह परत टायर को घर्षण ,खरोंच और पराबैंगनी किरणें, तापमान में अंतर, रासायनिक परिवर्तन से टायर को बचाता है। यह परत बहुत उपयोगी परत होती है।
Steel belt
Steel belt भाग के अंदर टायर मे स्टील की जालियां होती हैं। एक टायर मे आमतौर से दो बेल्ट हो सकते हैं। बेल्ट का उद्देश्य चालक के आदेशों को स्टीयरिंग व्हील से सड़क पर बेहतर ढंग से आगे बढ़ना होता है।
Tread
- यह टायर के रोलिंग प्रतिरोध और टायर के शौर कम करने मे मदद करता है।
- यह सिंथेटिक और प्राकृतिक घिसने वाले रबर से बना होता है।
- यह गाड़ी को अच्छे से चलने मे और मोड़ने मे आसान बनाता है।
Cross-ply tyres 1970
क्रॉस-प्लाई टायर का आविष्कार सन 1970 ई के आस पास किया गया था।इसके दोनों किनारों पर रबर लगा होता है ,जो मानक तारों के चारो ओर लिपटा हुआ होता है।और टायर को मजबूती से रिम के साथ बांधता है।
यह टायर अलग अलग प्लाई का आता था और लोड के आधार पर प्लाई की संख्या को बढ़ा दिया जाता था। यह सवारी के लिए तो आरामदायक था लेकि न पार्श्व स्थिरता कम कर देता है। एक तीव्र कॉर्ड कोण दिशात्मक बढ़ाता है।
Modern radial tyres
क्रॉस-प्लाई टायर टाइर का प्रयोग अब बंद कर दिया गया और अब अधिकतर केसों मे रेडियल टायर का प्रयोग किया जाता है। यह पहले की तुलना मे काफी बेहतर है।यात्रा की दिशा के लंबवत इसके अंदर डोरियां होती हैं।इस व्यवस्था की कमजोरी यह है कि डोरियां पार्श्व बलों को पर्याप्त रूप से अवशोषित नहीं कर सकती हैं।चलने मे स्थिरता इसका प्रमुख फायदा है।
इन सबके अलावा क्रॉस-प्लाई टायरों की गति बहुत ही कम थी। लेकिन रेडियल टायरों के आ जाने से बहुत कुछ बदल चुका है।
एक टायर को आरामदायक बनाने के लिए रसायन विज्ञान, भौतिकी और इंजीनियरिंग तीनों की मदद ली जाती है।एक औसत टायर में 100 से अधिक अलग-अलग घटक होते हैं। टायर में प्राकृतिक रबर, सिंथेटिक रबर, स्टील, नायलॉन, सिलिका हो सकते हैं।हर टायर को अलग अलग विशेषताओं को लेकर बनाया जाता है। जैसे आप स्पीड के लिए कार का टायर ले रहे हैं तो वह आपको अलग मिलेगा । और यदि आप सवारी के लिए टायर ले रहे हैं तो वह अलग मिलेगा ।
- टायर सड़क के संपर्क का एकमात्र बिंदु हैं। टायर के माध्यम से कार और सड़क के बीच संपर्क का वास्तविक क्षेत्र छोटा है।
- जिस उदेश्य के लिए आप कार का प्रयोग कर रहे हैं उस उदेश्य के अनुसार ही टायर के अंदर हवा और टायर को रखना चाहिए ।
- टायर मे गलत प्रकार के दबाव की वजह सें टायर विफल हो सकता है।
- 2016 में, ग्रेट ब्रिटेन में सड़क दुर्घटना में 8 लोग मारे गए, 150 गंभीर रूप से घायल हुए और कुल 876 सड़क दुर्घटनाएं हुईं थी और जांच के अंदर पता चला कि लोगों ने दोषपूर्ण टायरों का प्रयोग किया था।
- नियमित रूप से अपने कार के टायर की जांच करनी चाहिए । यह दुर्घटना को कम करने का काम करता है।
- एक कार के टायर के उपर दबाव भी लिखा होता है। यदि आप ध्यान से देखेंगे तो आपको लिखा मिलेगा । आपको अपने टायर के अंदर केवल उतना ही प्रेसर रखना चाहिए । बेहतर होगा उससे कम ही रखें ।
- जब एक कार के टायर के अंदर प्रेसर कम होता है तो गिली सतह पर इसके फिसलने की कोई समस्या नहीं होती है।
- सर्दियों के दौरान टायर के अंदर प्रेसर कुछ कम हो जाता है। इसकी वजह से आपको कुछ ज्यादा प्रेसर रखने की आवश्यकता होती है।टायर मे कम प्रेसर होना टायर के जीवन को छोटा कर सकता है और गंभीर सुरक्षा खतरों को जन्म दे सकता है।
- यदि आप जिस इलाके के अंदर रहते हैं वहां का तापमान 10 से नीचे रहता है तो आपको सर्दियों के टायर को चुनना अच्छा रहता है।क्योंकि इन टायरों में विशेष रबर के अलावा एक अधिक इष्टतम चलने वाला पैटर्न होता है जो उन्हें ठंड के कारण कठोर होने से बचाता है।
कार का टायर और संपर्क पैच
बहुत बार आपके मन मे यह सवाल आता होगा कि जमीन से कार के टायर का कितना हिस्सा वास्तव मे टच होता है। इस टच होने वाले हिस्से को ही संपर्क पैच कहा जाता है। आप जब अपनी कार के अंदर बैठते हैं तो आप अपनी कार के टायर को ध्यान से देखेंगे तो पता चलेगा कि कार के टायर गोल नहीं होते वरन वे कुछ बाहर निकले से रहते हैं।
यदि आप एक कांच के फ्रश पर कार को खड़ा करेंगे तो आपको पता चलेगा कि कार के टायर का एक थोड़ा हिस्सा ही सतह के संपर्क मे हैं।
यदि आप कार के अंदर वजन को कम करते हैं तो आपको कम सपंर्क पैच की आवश्यकता होगी और यदि आप कार के अंदर वजन बढ़ाते हैं तो आपको अधिक संपर्क पैच की आवश्यकता होगी ।
आमतौर पर कुछ कारों के टायर अधिक गर्म होते हैं। और टायर अधिकतर ओवरलोड़ की स्थिति मे भी गर्म हो सकते हैं। जब कार के अंदर अधिक वजन होंता है तो टायर अधिक संपर्क पैच बनाता है। टायर को घूमाने के लिए जो बल लगता है उसमे से कुछ बल टायर के अंदर गर्मी पैदा करता है। मतलब जब टायर संपर्क सतह को बदलता है तो वह अपने सम्पूर्ण बल को वापस नहीं ले पाता और इससे ही टायर गर्म होता है। ——-कार के टायर में कितनी परत होती है
कार के टायर खरीदते समय रखें कुछ बातों का ध्यान
यदि आप भी एक कार के मालिक हैं , तो आपको कार के टायर को खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए । जैसे कि आप हमेशा एक अच्छी ब्रांड के कार के टायर ही खरीदें । क्योंकि यदि आप हल्के टायर आदि को खरीद लेते हैं , तो यह आपके लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।और गाड़ी चलाते वक्त भी कई बार यदि टायर फट जाता है , तो उसकी वजह से भी परेशानी होती है। भयंकर एक्सीडेंट हो सकता है। इसके अलावा टायर बेचने वाले से पक्का बिल भी लें । नए टायर की गारंटी भी कंपनी की तरफ से आती है।
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