दोस्तों मछली को पालन करने के लिए तालाब का निर्माण सही तरह से होना काफी जरूरी होता है। तालाब की जल भंडारण क्षमता काफी अच्छी होनी चाहिए । यदि जल भंडारण क्षमता अच्छी नहीं है , तो फिर आप सही तरह से मछली को नहीं पाल पाएंगे । और आपके पास पानी की उचित व्यवस्था होना भी काफी अधिक जरूरी हो जाता है। यदि आप मछली पालन बिजनेस को करना चाहते हैं , तो हम आपको यहां पर तालाब बनाने से पहले कुछ बातें ध्यान देने के बारे मे कहेंगे । कुछ पाइंट हैं , जिनको आपको नोट करते रहना चाहिए ।
- तालाब को ऐसी जगह पर बनाया जाना चाहिए । जिस जगह की जल की धारण क्षमता अच्छी होनी चाहिए । नहीं तो पानी बहुत ही जल्दी सूख जाएगा । और कोई फायदा नहीं होगा ।
- तालाब के अंदर जी जाने वाली खाद का शेषण नहीं होना चाहिए । नहीं तो फिर समस्याएं हो सकती हैं।
- तालाब की मिट्टी ना तो अम्लिय होनी चाहिए । और ना ही क्षरिय होनी चाहिए ।
- इसके अलावा रेत के अंदर जैविक कार्बन की मात्रा 1 से दो प्रतिशत होना ठीक रहता है।
- मिट्टी मे नाइट्रोजन की मात्रा 50 मिली ग्राम और फास्फोर्स की मात्रा 6 मिलीग्राम होनी चाहिए । यदि यह चीजें सही होती हैं। तो मछलियों को नैचुरल भोजन उत्पादन मे काफी हद तक मदद मिलती है।
- यदि आप मछली पालन कर रहे हैं , तो आपके पास एक अच्छा जल स्त्रोत होना चाहिए । क्योंकि मछलियों को नियमित रूप से जल प्राप्त होना जरूरी है। नहीं तो मछलियां जिंदा नहीं बच पाएंगी ।
- इसके अलावा मछली पालन के लिए इस तरह के स्थान को चुनना जरूरी होता है। जिस स्थान पर बाढ़ नहीं आती हो । बाढ़ आने वाले स्थानों से मछलियों को दूर रखा जाना चाहिए ।
मछली पालन के लिए चिकनी मिट्टी सबसे अधिक उपयुक्त होती है। क्योंकि इस तरह की मिट्टी मे मछली के पालन के लिए नैचुरल भोजन उत्पादन मे काफी हद तक मदद मिलती है।
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मिट्टी की संरचना को ज्ञात करना
दोस्तों तालाब को बनाने से पहले ही मिट्टी की संरचना को ज्ञात करना काफी अधिक जरूरी होता है। इसके आधार पर ही यह ज्ञात किया जाता है , कि मिट्टी के अंदर कितना जल का रिसाव हो सकता है ?इसके लिए सबसे सरल तरीका यह है , कि आप मिट्टी को प्रयोग साला के अंदर लेकर जा सकते हैं। और वहां पर आपको यह बता दिया जाएगा , कि वह तालाब बनाने के लिए उपयुक्त है या नहीं । इसके अलावा आप एक और घरेलू तरीके का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके अंदर आपको करना यह है , कि मिट्टी को पहले एक 2 एम एम वाली छलनी से छान लेना होगा । उसके बाद उसके अंदर पानी को मिला देना होगा । उसके बाद एक गोला बना लें । फिर इसको 2 फुट तक हवा के अंदर फेंक दें । यदि गोला हवा के अंदर ही टूट जाता है , तो यह मिट्टी तालाब को बनाने के लिए उपयुक्त नहीं है। और यदि गोला हवा के अंदर नहीं टूटता है , तो इसका मतलब यह है , कि मिट्टी मछलियों के लिए तालाब बनाने के लिए उपयुक्त है।
मछलियों के लिए तालाब का आकार
यदि आप मछलियों के लिए तालाब बना रहे हैं। तो इसका सही आकार को चुनना काफी अधिक जरूरी होता है। ऐसे ही नहीं होता है , कि खुद की मर्जी से लंबाई और चौड़ाई को बना दिया ।यदि आप तालाब बना रहे हैं , तो आपको आयताकार तालाब बनाना चाहिए । यह काफी अच्छे होते हैं। इनकी लंबाई चौड़ाई 2&3 अनुपात 1 रखा जाना काफी अच्छा हो सकता है। 50 मीटर से अधिक चौड़े तालाब को नहीं बनाया जाना चाहिए । क्योंकि इतने लंबे तालाब की देखभाल करना काफी कठिन होता है। और इसको बनाने का खर्चा भी काफी अधिक आता है। और तालाब को पूरब और पश्चिम दिशा के अंदर बनाया जाना चाहिए । यह सूर्य के छाया के प्रभाव को कम करने का काम करता है। इसके अलावा आपको बतादें कि यह तालाब के अंदर जैव उत्पादन को बढ़ाने का काम करता है।और पूरब से पश्चिम की तरफ हवा के बहाव की वजह से पानी के अंदर अधिक हलचल होती है। और फिर अच्छी तरह से पानी के अंदर आॅक्सीजन घुलनशील होती है।
तालाब का क्षेत्रफल और गहराई
एक मछली पालन के लिए सही आकार और गहरा तालाब को बनाया जाना काफी अधिक जरूरी होता है। यदि गहरा तालाब आप नहीं बना पाते हैं। तो उत्पादकता प्रभावित हो सकती है। संचय तालाब का क्षेत्रफल 0-20 है से 1 हैक्टर तक हो सकता है।हालांकि पर्वतिय क्षेत्र होता है , तो वहां पर समतल भूमी कम होने की वजह से क्षेत्रफल काफी कम रखा जाता है। समतल क्षेत्र के अंदर तालाब की गहराई एक मीटर से 2 मीटर तक होना जरूरी होता है। हालांकि कम गहरे तालाब की समस्या यह होती है , कि इनके गर्मियों के अंदर सूखने का खतरा रहता है। वहीं अधिक गहरे तालाब उत्पादन की द्रष्टि से अधिक उपयुक्त नहीं होते हैं। और अधिक गहरे तालाबों के अंदर तलहटी जमा होने की वजह से विषैली गैसे बनने लग जाती हैं। और फिर अक्सीजन की कमी होने लग जाती है। जिसकी वजह से मछलियों का उत्पादन काफी अधिक प्रभावित हो जाता है।
नर्सरी तालाब
यह एक प्रकार का कम गहराई वाला तालाब होता है। और इसका प्रयोग स्पान से फाई उत्पादन मे किया जाता है। .10 हैक्टर तक इसका क्षेत्रफल हो सकता है। कुछ जगहों पर यह आपको देखने को मिल जाता है।
संचय तालाब
दोस्तों संचय तालाब के अंदर मछलियों का उत्पादन किया जाता है। यह एक तरह से देखा जाए तो बड़ा तालाब होता है। और इसकी गहराई 2 मीटर तक हो सकती है।
तालाब की बनावट किस तरह की होनी चाहिए ।
दोस्तों तालाब की बनावट को सही तरह से होना चाहिए । तालाब का तल समतल और दृढ होना चाहिए । और इसके अंदर जल को निकासी के लिए ढलान होनी चाहिए । ताकि गेट खोलने पर जल आसानी से बाहर निकल जाए । कोई समस्या ना हो ।
तालाब की देखभाल
दोस्तों मछली पालन के लिए समय समय पर तालाब की अच्छी तरह से देखभाल किया जाना काफी अधिक जरूरी होता है। जैसे कि यदि तालाब गंदा हो चुका है तो सभी मछलियों को बेचने के बाद उसको समय समय पर साफ करते रहना चाहिए । कहीं से यदि पानी का रिसाव हो रहा है , तो फिर उसको भी ठीक करना जरूरी होता है। इसके अलावा तालाब के अंदर क्षमता से अधिक मछलियों के बीज को नहीं डालना चाहिए । नहीं तो समस्याएं और अधिक बढ़ सकती हैं। इसके अलावा तालाब के अंदर जब तक मछलियां हैं सही जल स्तर को रखना जरूरी होता है।
मछली पालन के लिए तालाब की गहराई कितनी होनी चाहिए ।
दोस्तों यह अलग अलग मछली के लिए अलग अलग हो सकती है। यहां पर हम आपको कुछ बातें बता रहे हैं।
सामान्य तौर पर:
कम से कम: 1 मीटर (3.28 फीट)
अधिकतम: 2.5 मीटर (8.2 फीट)
विभिन्न मछली प्रजातियों के लिए:
सामान्य मछली: 1-1.5 मीटर (3.28-4.92 फीट)
तल पर रहने वाली मछली: 1.5-2 मीटर (4.92-6.56 फीट)
ऊपरी जल में रहने वाली मछली: 1-1.5 मीटर (3.28-4.92 फीट)
विभिन्न जलवायु के लिए:
गर्म जलवायु: 1.5-2 मीटर (4.92-6.56 फीट)
मछली पालन के लिए तालाब कितने प्रकार के होते हैं
दोस्तों यदि हम बनावट के आधार पर बात करें तो तालाब दो प्रकार के हो सकते हैं। यहां पर दूसरा प्रकार का जो तालाब होता है। वह सबसे अधिक उपयुक्त प्रकार के तालाबों के अंदर आता है। यहां पर हम दोनों ही प्रकार के तालाबों के बारे मे बात करने वाले हैं।
मिट्टी के तालाब
मिट्टी के तालाब सबसे आम होते हैं। और इसके अंदर नैचुरली रूप से मछलियों के लिए भोजन का उत्पादन होता है। यह एक तरह से कच्चे तालाब होते हैं। हालांकि हर प्रकार की मिट्टी के अंदर यह काम नहीं करते हैं। खास कर जिन जगहों पर पानी आसानी से सोख लिया जाता है। वहां पर इस तरह के तालाब नहीं बनाये जा सकते हैं।
पक्के तालाब
पक्के तालाब आमतौर पर कंक्रीट और सीमेंट की मदद से बनाई जाते हैं । इनकी गहराई 2 मीटर तक होती है। और इनको बनाने मे काफी अधिक खर्च आता है। लेकिन यह पानी को नहीं सोखते हैं। और काफी अधिक टिकाउ होते हैं। अधिकतर लोग इसी तरह के तालाब का प्रयोग करते हैं।
हालांकि तालाब के प्रकार को चुनने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। जैसे कि मिट्टी के कच्चे तालाब रेतीली मिट्टी के अंदर काम नहीं करते हैं और जिन स्थानों पर धूप अधिक होती है। वहां पर पक्के तालाब को बनाना अधिक उपयुक्त होता है।
मछली के बीज कहां से लेकर आएं
यदि आपको नहीं पता है , कि मछली के बीज कहां पर मिलते हैं। तो इसके लिए आप गूगल पर सर्च कर सकते हैं। वहां पर आपको कई तरह की जानकारी मिल जाएगी । जिस जगह पर आप रहते हैं। उसका नाम लिखें । और उसके बाद गूगल पर सर्च करें । ऐसा करके आप पता कर सकते हैं। जिन भी स्थान पर आपको यह मिलता है , वहां पर जाकर आप इनको खरीद कर लेकर आ सकते हैं। रही बात इनकी रेट की तो यह अलग अलग मछली के बीज पर निर्भर करता है। जैसे कि एक रूपये से लेकर 3 से 4 रूपये प्रति मछली बीज हो सकता है।
indiamart एक ऐसी वेब है। जिसके उपर आप अपने क्षेत्र के नाम से सर्च कर सकते हैं। और मछली के बीज को खरीद सकते हैं। यहां पर आपको सैलर का फोन नंबर भी मिल जाता है। आप उस फोन नंबर पर फोन करके अधिक जानकारी को हाशिल कर सकते हैं।
मछली उत्पादन का अनुभव जरूर लें
कोई भी काम हो उसके अंदर बिना अनुभव के आपको कभी भी सफलता नहीं मिल सकती है। इसलिए यदि आप मछली के उत्पादन के अंदर प्रवेश कर रहे हैं , तो आपको सबसे पहले अनुभव लेना होगा । आपके आस पास कौन मछली का उत्पादन कर रहा है , वहां पर कुछ समय रोजाना बिताएं । और इस बिजनेस की बारिकियां सीखें । यदि आपको इसके बारे मे पता चल जाता है। तो आप मछली का उत्पादन शूरू कर सकते हैं। और अपने बिजनेस के अंदर पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं। अक्सर कुछ लोग बस युटुब पर विडियो देखने के बाद मोटीवेट हो जाते हैं। और बिना जाने समझें । इस बिजनेस के अंदर उतर जाते हैं। जोकि बाद मे उनकी असफलता का कारण बनता है।
अपने पास के मछली उत्पादन तालाबों का निरिक्षण करें
अपने आस पास आपको ऐसे स्थानों को तलासना चाहिए , जोकि मछली का उत्पादन करते हैं। आप इसका पता किसी मछली बेचने वाले से लगा सकते हैं। उसके बाद वहां पर जाकर मछली पैदा करने वाले तालाब का निरिक्षण करें । उसकी लंबाई चौड़ाई और गहराई का पता लगा सकते हैं ।और उस हिसाब से अपने खेत के अंदर भी तालाब का निर्माण करवा सकते हैं।