नीलम स्टोन कहां पाया जाता है और नीलम कितने प्रकार के होते हैं

दोस्तों नीलम के बारे मे आप जानते ही होंगे । इस लेख मे हम बात करेंगे नीलम स्टोन कहां पाया जाता है ? नीलम की खदानों के बारे मे और नीलम कितने प्रकार के होते हैं ? ‌‌‌नीलम कहां पाया जाता है ? और नीलम कितने प्रकार के होते हैं के बारे मे जानने के लिए यह लेख पुरा पढ़े ।

‌‌‌नीलम एक कीमती रत्न होता है और यह एक करोन्डम की एक किस्म होती है। इसके अंदर लौह , टाइटेनियम , क्रोमियम , तांबा , या मैग्नीशियम जैसे तत्वों की मात्रा होती है। वैसे हम नीलम को एक नीले पत्थर के रूप मे मानते हैं। लेकिन यह सच है कि नीलम केवल नीला ही नहीं होता है वरन ‌‌‌प्राक्रतिक नीलम  “फैंसी” नीलम पीले, बैंगनी, नारंगी और हरे रंगों में भी होता है।पार्टी नीलम एक विशेष प्रकार का नीलम होता है। जोकि दो या दो से अधिक रंगों को दर्शाता है। आमतौर पर खदानों से निकलने के बाद नीलम के उपर पॉलिश किया जाता है। और उसके बाद सजावट की सामग्री के अंदर प्रयोग किया जाता है। ‌‌‌आपको बतादें कि अंग्रेजी के अंदर नीलम को Sapphire के नाम से जाना जाता है।

‌‌‌नीलम को प्रयोगशालाओं में उन्हें कृत्रिम रूप से भी बनाया जा सकता है। नीलम का प्रयोग अधिकतर सजावटी सामानों के अंदर किया जाता है। जैसे गुलदस्ते , कलाई घड़ी अंगूठी और इसका प्रयोग कुछ इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के अंदर भी होता है।

‌‌‌नीलम स्टोन कहां पाया जाता है

‌‌‌नीलम पत्थर दुनिया के कई भागों के अंदर पाया जाता है , जिसमे से  पूर्वी ऑस्ट्रेलिया , थाईलैंड , श्रीलंका , चीन ( शेडोंग ), मेडागास्कर , पूर्वी अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में कुछ स्थानों में पाए जाते हैं।‌‌‌नीलम से कश्मीर को सबसे अधिक प्रिमियम मिलता है। इसके अलावा बर्मा, श्रीलंका और मेडागास्कर मे भी नीलम पाया जाता है।

‌‌‌बढ़िया नीलम का उत्पादन करने के मामले मे भी कई देश शामिल हैं। जहां पर नीलम की खदाने स्थित हैं।  तंजानिया , थाईलैंड , संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम अफगानिस्तान , ऑस्ट्रेलिया , म्यांमार / बर्मा , कंबोडिया , चीन , कोलंबिया , भारत , केन्या , लाओस , मेडागास्कर , मलावी , नेपाल , नाइजीरिया , पाकिस्तान , श्री लंका , तजाकिस्तान

‌‌‌दोस्तों अलग अलग जगहों पर नीलम के अंदर अलग अलग प्रकार की अशुद्वता मिलती है। इस वजह से उपयोग करने से पहले इसको निकाला जाता है। आमतौर पर अशुद्वता के आधार पर नीलम को निम्न लिखित भागों के अंदर बांटा जाता है।

neelam
By Stanislav Doronenko – Own work, CC BY 3.0, Link
  • क्लासिक मेटामॉर्फिक,
  • गैर-क्लासिक मेटामॉर्फिक या मैगमैटिक
  • क्लासिक मैगमैटिक

‌‌‌उत्तरी अमेरिका के अंदर नीलम मोटाना से खनन किया जाता है।कश्मीर का नीलम काफी प्रसिद्व है।क्योंकि यह दूसरे जगहों से मिलने वाले नीलम के मामले मे सबसे ज्यादा अच्छा होता है। यही वजह है कि यहां पर नीलम की कीमत बहुत अधिक होती है।‌‌‌सन 2014 के अंदर हांगकांग के अंदर  12.00 कैरेट कार्टियर नीलम की अंगूठी यूएस $ 193,975 के अंदर बिकी थी। जोकि कश्मीरी नीलम से बनी हुई थी।

नीलम कितने प्रकार के होते हैं

दोस्तों अक्सर हम लोग तो सिर्फ इतना ही जानते हैं कि नीलम पत्थर एक प्रकार का होता है। और उसका रंग नीला होता है। लेकिन यह सच नहीं है। नीलम कई प्रकार के होते हैं। और अब तो क्रत्रिम रूप से भी नीलम का निर्माण किया जाने लगा है। नीचे नीलम के विभिन्न प्रकार दिये जा ‌‌‌रहे हैं।

सिंथेटिक नीलम

सिंथेटिक नीलम का प्रचलन अब बहुत अधिक बढ़ चुका है।सिंथेटिक नीलम का मतलब होता है क्रत्रिम प्रकार से बनाया हुआ नीलम । मतलब यह नीलम वैज्ञानिक लैब के अंदर बनाते हैं। और यह आम नीलम की तुलना मे सस्ता होता है। इसमे कोर्ई खास अशुद्वियां भी नहीं होती हैं। 1902 में, फ्रांसीसी रसायनज्ञ ऑगस्टे वर्न्यूइल ने सिंथेटिक नीलम क्रिस्टल उत्पादन का एक तरीका खोजा था।

 वर्न्यूइल प्रक्रिया में  एल्युमिना पाउडर को एक ऑक्सीहाइड्रोजेन फ्लेम में जोड़ा जाता है।रासायनिक डोपेंट्स को जोड़कर नीलम के प्राक्रतिक रंग को प्राप्त किया जाता है। 1916 में पोलिश रसायनज्ञ Jan Czochralski ने भी नीलम बनाने के कई तरीकों को विकसित किया था। 2003 में, दुनिया में सिंथेटिक नीलम का उत्पादन 250 टन था। और इनका सबसे ज्यादा निर्माण रूस और अमेरिका ने ही किया था।

नीला नीलम

By Montanabw – Own work, CC BY-SA 3.0, Link

नीला नीलम सबसे अधिक लोकप्रिय होता है। और अधिकतर लोगों के द्वारा इसी प्रकार के नीलम का प्रयोग किया जाता है।बहुत से लोग इसे अंगूठी के अंदर भी धारण करते हैं। ‌‌‌नीले रंग के नीलम मे बैंगनी और हरा रंग भी पाया जाता है। हालांकि यह बहुत कम मात्रा के अंदर होता है।बैगनी रंग के साथ नीला रंग आमतौर पर ठीक गुणवता के अंदर माना जाता है।लेकिन हरा रंग नीलम की चमक को कम कर देता है।वाशिंगटन, डीसी में नैशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री में 423-कैरेट (84.6 ग्राम) लोगान नीलम , अस्तित्व में सबसे बड़ा -गुणवत्ता वाला नीलम है।

‌‌‌गुलाबी नीलम

‌‌‌गुलाबी नीलम

नीले रंग को छोड़कर बाकी रंगों वाले पत्थर को आंशिक नीलम के नाम से जाना जाता है।पत्थर का गुलाबी रंग उसके अंदर क्रोमियम की मात्रा बढ़ने से होता है। ‌‌‌गुलाबी रंग इसके अंदर जितना अधिक होता है इसका मुल्य भी उतना ही अधिक हो जाता है। इसका प्रयोग भी सजावट के अंदर किया जाता है।

पद्परदशा नीलम

पद्परदशा नीलम काफी दुर्लभ प्रकार का नीलम होता है। यह मूल रूप से श्रीलंका में और वियतनाम और पूर्वी अफ्रिका के कुछ हिस्सों के अंदर पाया जाता है।यह आमतौर पर नारंगी गुलाबी रंगा होता है। ‌‌‌कई बार यह नीलम भी बाजार के अंदर मुख्य नीलम की तुलना मे बहुत अधिक कीमत पर बिकते हैं।

‌‌‌स्टार नीलम

‌‌‌स्टार नीलम

स्टार नीलम मे क्रिस्टल संरचना के बाद विभाजन होते हैं। मतलब जब आप इस नीलम को देखेंगे तो इसके अंदर आपको स्टार के जैसी सफेद लाइने नजर आएंगी । इनलाइनों के द्वारा नीलम को कई भागों के अंदर बांटा गया है। चित्र मे स्टार नीलम के छ भाग देख सकते हैं। ‌‌‌इस पर स्टार के जैसा चिन्ह बना होने की वजह से इसे स्टार नीलम के नाम से जाना जाता है।यह टाइटेनियम डाइऑक्साइड से बने होते हैं। एक स्टार नीलम का मूल्य  पत्थर के वजन पर और  दृश्यता और तारांकन की तीव्रता पर भी निर्भर करता है।

  • एडम ऑफ़ द स्टार सबसे बड़ा नीला तारा नीलम है जिसका वजन 1404.49 कैरेट है।इसको दक्षिणी श्रीलंका के रत्नापुरा शहर से खनन करके प्राप्त किया गया था।
  • दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मणि-क्वालिटी स्टार नीलम क्वींसलैंड के ब्लैक स्टार का वजन 733 कैरेट है।
  • श्रीलंका में खनन किया और 563.4 कैरेट वजन का तीसरा सबसे बड़ा स्टार नीलम ‌‌‌प्राप्त किया गया है।जो न्यूयॉर्क शहर में अमेरिकी प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में रख हुआ है।

‌‌‌रंग बदलने वाला नीलम

दोस्तों यह नीलम की बहुत ही दुर्लभ किस्म है। जिसको रंग बदलने वाले नीलम के नाम से भी जाना जाता है। रंग बदलने वाले नीलम बाहरी प्रकाश में नीले व इनडोर प्रकाश मे बैंगनी रंग के , या दिन के उजाले में हरे-भूरे रंग के होते हैं ।

 रंग बदलने वाले नीलम थाईलैंड और तंजानिया सहित विभिन्न स्थानों पर पाये जाते हैं। ‌‌‌नीलम का रंगबदलना उसके तरंग दैर्ध्य को अवशोषित की वजह से होता है। और यह रंगबदलना उसके अंदर मिली अशुद्वियां  क्रोमियम और वैनेडियम की वजह से होता है। ‌‌‌ऐसा नहीं है कि रंगबदलने वाले नीलम केवल प्राक्रतिक ही होते हैं। वास्तव मे रंग बदलने वाले नीलम को क्रत्रिम रूप से भी बनाया जाता है।जिनको सिंथेटिक अलेक्जेंडाइट के नाम से जाना जाता है।

‌‌‌नीलम के अंदर रंग

रूबी कोरंडम के अंदर क्रोमियम अशुद्वियां होती हैं। इस वजह से वे पीले रंग को व हरे रंग को अवशोषित कर लेती हैं। इस वजह से लाल रंग प्रकट होता है। बैंगनी नीलम में वैनेडियम की ट्रेस मात्रा होती है और यह विभिन्न प्रकार के रंगों में आते हैं।कोरन्डम जिसमें ~ 0.01% टाइटेनियम होता है, रंगहीन होता है लेकिन यदि इसमे लौहे की मात्रा हो तो यह गहरे पीले रंग के रूप मे देखा जा सकता है।

‌‌‌नीलम के अंदर नीला रंग चार्ज ट्रांसफर से ही आता है। यदि Fe 2+ और Ti 4+ आयनों को Al 3+ के लिए प्रतिस्थापित किया जाता है ‌‌‌ऐसा करने से चार्ज मे असंतुलन हो जाता है। और इलेक्ट्रान की उर्जा मे बदलाव होता है जिससे  विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा अवशोषित होती है। अवशोषित ऊर्जा की तरंग दैर्ध्य पीली रोशनी से मेल खाती है जो प्रकाश के संपर्क मे आने से नीले रंग की दिखती है।

‌‌‌नीलम की शुद्वता

‌‌‌नीलम जब प्राप्त होता है तो उसके अंदर नीला रंग अच्छा और स्पष्ट नहीं होता है। स्पष्ट नीला रंग प्राप्त करने के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं।रंग मे सुधार के लिए प्राक्रतिक नीलम को भटटियों के अंदर  500 और 1,800 ° C तक गर्म किया जाता है। ‌‌‌ऐसा करने से पत्थर मे नीला रंग स्पष्ट होता है। वैसे पत्थरों को गर्म करने के साक्ष्य रोमन काल मे भी मिलते हैं।

‌‌‌कुछ उल्लेखनिय नीलम पत्थर

दोस्तों कुछ ऐसे नीलम भी हैं जो दुनिया के विभिन्न भागों के अंदर रखे हुए हैं। और उनको एक धरोहर के रूप मे सहेज कर रखा गया है।

बिस्मार्क नीलम हार

बिस्मार्क नीलम हार

बिस्मार्क नीलम हार कार्टियर, इंक द्वारा 1935 में तैयार किया गया हार है।इसका नाम काउंटेस मोना वॉन बिस्मार्क के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 1967 में स्मिथसोनियन को टुकड़ा दान किया था। यह बर्मा (अब म्यांमार ) में खनन किया गया था, और 1926 में काउंटेस द्वारा श्रीलंका में अपने हैरिसन विलियम्स के साथ हनीमून के दौरान खरीदा गया था। ‌‌‌यह मूल रूप से 98.56 कैरेट का है।

ब्लैक स्टार ऑफ क्वींसलैंड

ब्लैक स्टार ऑफ क्वींसलैंड का नाम एक स्थान के नाम पर रखा गया है।यह 733 करैट का है। और द स्टार ऑफ एडम की खोज होने से पहले यह दुनिया का सबसे बड़ा स्टार नीलम था।इसकी खोज सन 1930 ई के अंदर रॉय स्पैंसर के द्वारा की गई थी। ‌‌‌उसने अपने पिता को इस पत्थर को दिखाया और माना की यह एक बड़ा पत्थर था। उसके बाद उन लोगों ने इसको लंबे समय तक अपने घर के दरवाजे के उपर लगाये रखा ।उसके बाद एक दिन हैरी ने इसको ध्यान से देखा तो पता चला की यह एक स्टार नीलम है।

1947 में, हैरी स्पेंसर ने 18,000 डॉलर में आर्मेनियाई मूल के जौहरी हैरी कांजियान को पत्थर बेचने पर सहमति जताई, जिसके साथ स्पेंसर ने अपने परिवार के लिए एक नया घर बनाया। 1947 में खरीद के बाद से, काज़ेनियन परिवार के व्यवसाय में उछाल आया।और वह उनकी किस्मत चमाकने मे कामयाब रहा ।

लोगन नीलम

लोगन नीलम 422.99 कैरेट का है। यह प्राकृतिक इतिहास का राष्ट्रीय संग्रहालय , वाशिंगटन के अंदर रखा हुआ है।

‌लोगल नीलम एक अंड़े के आकार का है। और यह काफी प्रसिद्व नीलम है। लोगन नीलम का नाम श्रीमती पोली लोगन के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 1960 में स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन को रत्न दान किया था।

रोमानिया की क्वीन मैरी

यह नीलम मूल रूप से लंका से प्राप्त हुआ है। और यह 478.68 कैरेट का है। रोमानिया की मैरी (मैरी एलेक्जेंड्रा विक्टोरिया; 29 अक्टूबर 1875 – 18 जुलाई 1938 जिसे मैरी ऑफ एडिनबर्ग के नाम से भी जाना जाता है।इस नीलम का प्रयोग रानी करती थी।हालांकि इसके बारे मे ज्यादा जानकारी नहीं है।

एडम का सितारा

एडम का सितारा भी एक नीलम है जोकि 1404.49 कैरेट का है।यह एक अंड़ाकार आकार का नीलम है।इसका वजन लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।इस रत्न को सिटी ऑफ़ जेम्स के नाम से जाना जाता है। खोज दक्षिणी श्रीलंका में अगस्त 2015 में की गई थी। इसके मालिक ने बताया कि जब उसने इसको देखा तभी से इसे खरीदने का फैसला कर लिया था ।

द स्टार ऑफ बॉम्बे

स्टार ऑफ़ बॉम्बे की उत्पत्ति श्रीलंका से हुई थी।सबसे पहले न्यूयॉर्क शहर के पार्क एवेन्यू के ट्रेबर्ट एंड होफर इंक द्वारा अधिग्रहित किया गया था और एक प्लैटिनम रिंग में स्थापित किया गया था। यह माना जाता है कि अंगूठी डगलस फेयरबैंक्स द्वारा खरीदी गई थी, जो एक प्रसिद्ध मूक फिल्म स्टार थी। 1979 में, मैरी पिकफोर्ड का निधन हो गया और स्मिथसोनियन संग्रहालय में बॉम्बे के स्टार को देदिया गया । यह 182 कैरेट का है।

भारत का सितारा

मिनरलोगिस्ट और टिफ़नी मणि विशेषज्ञ जॉर्ज कुंज (1856-1932) को धनी फाइनेंसर जेपी मॉर्गन (1837-1913) द्वारा मिला था।जो 1900 के पेरिस प्रदर्शनी में यह दिखाया गया था। जिसमे यह प्रमुख पत्थर था। ‌‌‌यह 563 कैरेट का है। इसको एक ब्रिटिश अधिकारी लंदन ले आया और उसके बाद 1905 के आसपास अल्बर्ट रामसे ने काटा था।उसके बाद  मॉर्गन ने बाकी के संग्रह के साथ-साथ अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री को भी दान कर  दिया था।

29 अक्टूबर, 1964 को चोरो ने संग्राहलय की खिड़की को तौड़कर लगभग 4 लाख डॉलर के संग्रह को चुरा लिया गया था। जिसके अंदर यह भारत का स्टार नीलम भी शामिल था।हालांकि बाद मे पुलिस ने सभी चोरों को पकड़ लिया और सब रत्नों को भी बरामद कर लिया गया था।

स्टुअर्ट नीलम

यह एक नीला नीलम है जो ब्रिटिश क्राउन ज्वेल्स का हिस्सा है।यह चार्ल्स द्वितीय के शासन काल से जुड़ा हुआ है। हालांकि इसके इतिहास के बारे मे कोई खास जानकारी नहीं है।इंग्लैंड का जेम्स द्वितीय ने भी इस नीलम का उपयोग किया था। ‌‌‌उसके बाद इसको जेम्स स्टुअर्ट के द्वारा यूज किया गया ।1909 में, एडवर्ड VII के शासनकाल के दौरान, इसे 317-कैरेट (63.4 ग्राम) के साथ ताज के अंदर लगाया गया था।नीलम का वजन 104-कैरेट है।3.8 सेमी  लंबा और 2.5 सेमी चौड़ा है,

‌‌‌दोस्तों यह लेख के अंदर हमने आपको नीलम कहां पर पाया जाता है। और नीलम कितने प्रकार का होता है के बारे मे बताने का पूरा प्रयास किया है। हम इस बात की उम्मीद करते हैं कि आपको लेख अच्छे से समझ मे आया होगा ।

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arif khan

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