बजरंग बाण सिद्ध करने की विधि और इसके फायदे

‌‌‌ बजरंग बाण सिद्ध करने की विधि ‌‌‌बजरंग बाण के फायदे bajrang baan ke fayde दोस्तों हिंदु धर्म के अंदर बजरंग बाण की बहुत अधिक मान्यता है और यह हनुमानजी से जुड़ा हुआ है। हनुमानजी को कलयुग के देवता माना गया है। ऐसा माना जाता है कि वे आज भी मौजूद हैं। जो हनुमानजी की पूजा अर्चना करता है वे उसके सारे दुख हर लेते हैं और सुख प्रदान करते हैं।

‌‌‌असल मे जो हनुमानजी के भगत होते हैं वे हनुमान चालिसा का तो पाठ करते ही हैं । इसके साथ ही वे पाठ करते हैं बजरंग बाण का इसके कई सारे फायदे होते हैं। इन सभी के बारे मे हम आपको नीचे बताने वाले हैं।

‌‌‌अक्सर अपने देखा होगा कि जब हम कष्ट मे होते हैं तो कई बार हमको हनुमानजी के मंदिर मे दिया जलाने और हनुमान चालिसा का पाठ करने के लिए कहा जाता है यह हमारे कष्ठों को हरने के लिए ही होता है।

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बजरंग बाण सिद्ध करने की विधि bajrang baan

‌‌‌दोस्तों बजरंगबाण को सिद्ध करना बहुत ही आसान है।और यदि आप हनुमानजी के भगत हैं तो आपके लिए यह काफी आसान हो ही जाएगा । ‌‌‌बजरंगबाण को सिद्ध करने का समय मंगलवार रात 12 बजे से होता है।मंगलवार को रात 12 बजे से पहले पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए । इसके लिए पूर्व दिशा के अंदर एक चौकी लगाएं और उसके उपर लाल रंग का कपड़ा बिछा देना चाहिए ।

ऊं हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् मंत्र को एक कागज पर पेनसिल से लिख देना है और फिर उस चौकी पर रख देना होगा । उसके बाद चौकी के दांयी ओर एक घी का दिया जलाएं । दिया प्रयोग के दौरान चलता रहना चाहिए । इसके लिए आप एक बड़ा दिया भी ले सकते हैं।

‌‌‌उसके बाद कुश के आसन पर आप बैठ सकते हैं।आपको बतादें कि कुश एक प्रकार की घास होती है जिसकी चटाई बनाई जाती है। मार्केट से कोई भी चटाई खरीद सकते हैं।

‌‌‌उसके बाद वहीं पर बैठे बैठे हनुमान चालिसा का 5 बार पाठ करें । उसके बाद कागज को मंदिर मे रखदें और पूजा करें । ऐसा करने से बजरंग बाण सिद्ध हो जाएगा और उसके बाद आपको कई तरह के फायदे देखने को मिलेंगे ।

बजरंग बाण सिद्ध करने की विधि अलग अलग हो सकती है। इनके बारे मे विस्तार से जानने के लिए आपको किसी गुरू से संपर्क करना होगा । गुरू के बिना जो सिद्धियां हम करते हैं वे फलदायी नहीं होती हैं। यदि आपके पास गुरू नहीं है तो गुरू बनाएं और उसके बाद सिद्धि करें ।

श्री बजरंग बाण का पाठ बजरंग बाण सिद्ध करने की विधि

जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥

जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥

जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥

आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥

बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥

अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥

लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥

अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥

जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥

जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥

ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥

जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥

बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥

भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥

सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥

जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥

पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥

जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥

जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥

चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥

ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥

अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥

यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥

पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥

यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥

धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

बजरंग बाण का अर्थ बजरंग बाण सिद्ध करने की विधि

‌‌‌दोस्तों सबसे पहले हम आपको बजरंग बाण के अर्थ के बारे मे विस्तार से बताने वाले हैं।अक्सर हम लोग क्या करते हैं कि बजरंग बाण को पढते चले जाते हैं। कुछ चीजें हमें समझ आती हैं तो कुछ चीजों को हम समझ नहीं पाते हैं ऐसा ना हो इसलिए हम आपको बता रहे हैं।

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करें सनमान।

          तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।।

यह एक दोहा है इसका मतलब यह है कि जो हनुमानजी का भक्त उनके सामने प्रार्थना करके द्रढ़ संकल्प लेकर पूजा करता है और प्रार्थना करता है उनकी यह सारी प्रार्थना पूरी होती है।हनुमानजी उनके सभी कार्यों को सिद्ध ‌‌‌ कर देते हैं।

जय हनुमंत संत हित कारी, सुनि लिजै प्रभु अरज हमारी।

जन के काज विलम्ब न किजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै।।

हे वीर हनुमान आप तो संतो के हित को करने वाले हैं। हमारी भी एक प्रार्थना सुनें । भगतों का कल्याण करने मे देर ना करें और आकर उनको सुख प्रदान करें। मतलब यही है कि हे हनुमानजी आप सदैव कल्याणकारी हैं

कुदि सिन्धु वहि पारा, सुरसा बदन पैठि बिस्तारा।

आगे जाय लंकिनी रोका, मारेहु लात गई सुर लोका।

जाय विभीषण को सुख दीन्हा, सीता निरखि परम पद लिन्हा।

बाग उजारी सिन्धु मह वोरा, अति आतुर यम कातुर तोरा।

अक्षय कुमार मारी संहारा, लूम लपेट लंक को जारा।

लाह समान लंक जरि गई, जय जय धुनि सुरपुर मंह

भई।।

‌‌‌हे हनुमानजी आप सदैव ही कल्याणकारी हैं।जैसे कि आपने एक ही छलांग मे सागर को पार कर दिया और सुरसा जैसी राक्षसी ने आपका रस्ता रोकने की कोशिश की । उसका विशालकाय शरीर था तो उसके शरीर के अंदर से निकल कर आपने उसको देव लोक भेज दिया ।

‌‌‌और उसके बाद लंका मे आपने विभिषण को सुख दिया और माता सीता को तलास कर परमपद को प्राप्त किया ।और उसके बाद आपने रावण के बाग को उजाड़ दिया और रावण के भेजे सैनिकों के लिए यमदूत बन गए ।

‌‌‌जितनी तेजी से आपने अक्षय कुमार को मार दिया। और जब आपकी पूंछ के आग लगा दी गई तो आपने सारी लंका को ही जला दिया और जब खुद की पूंछ जलने लगी तो समुद्र मे जा गिरे । जिससे कि आपकी स्वर्ग मे भी जय जय कार होने लगी ।

अब विलम्ब केही कारण स्वामी, कृपा करहुं उर अंतर्यामी।

जय जय लखन प्राण के दाता, आतुर होई दुख करहूं निपाता।

जय गिरिधर जय जय सुख सागर, सुर समूह समरथ भट नागर।

ॐ हनु हनु हनुमंत हठीले,बैरिहि मारू बज्र की कीले।

‌‌‌हे स्वामी आप जिस भी कारण से विलंब कर रहे हैं हे अंतर्यामी आप कृपा करें ।लक्षण जी के प्राण बचाने वाले हे हनुमानजी आपकी सदा ही जय हो ।हे हनुमानजी आप जल्दी ही मेरे कष्ठों का निवारण करें । हे गिरधर सुख के सागर आपकी जय हो । ‌‌‌सभी देवताओं सहित भगवान विष्णु जितना सामर्थ्य रखने वाले हनुमानजी सदैव आपकी जय हो ।हे हठीले हनुमानजी वज्र के कीलों से शत्रू पर प्रहार करो ।अपने वज्र की गदा से शुत्रओं का विनाश करो और अपने भक्त को शत्रुओं से छूटकारा दिलाओ ।

ॐ कार हुंकार महा प्रभु धावो, वज्र गदा हनु विलम्ब न लावो।

ॐ  ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा, ॐ हुं हुं हुं हनु उर शीशा।

सत्य होहु हरि शपथ पाय कै, रामदूत धरू मारू धाय कै।

जय जय जय हनुमत अगाधा, दुख पावत जन केही अपराधा।

‌‌‌हे हनुमानजी दया के सागर ओंकार की हुंकार भरकर मेरे सारे कष्टों को खत्म करों।अपनी वज्र की गदा से कष्टों पर प्रहार करने मे विलंब ना करों ।और दुश्मनों के शीश उनके धर से अलग करदो और यह हरी खुद कहते हैं कि हनुमानजी शत्रुओं का विनाश खुद आकर करते हैं।हे हनुमानजी मैं आपकी सदा ही जय जय कार करता हूं । ‌‌‌आपके रहते हुए लोग किन अपराधों के कारण दुखी हैं।

पूजा जप तप नेम अचारा, नहिं जानत कछु दास तुम्हारा।

वन उपवन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हम डरपत नाही।

पाय परौं करि जोरी मनावों, यह अवसर अब केही गोहरावो ।

जय अंजनी कुमार बलवंत। , शंकर सुमन वीर हनुमंता।

हे हनुमानजी आपका दास पूजा जप तप और नियम कुछ भी नहीं जानता है। ‌‌‌जगल मे उपवन मे या फिर पहाड़ों मे या फिर घरों मे कहीं पर भी आप कृपा करें तो फिर डर किस बात का । मतलब यदि आपकी कृपा किसी के उपर हो तो वह निर्भय हो जाता है। ‌‌‌हे हनुमानजी मैं आपके पांव पकड़कर या फिर दंड़वत होकर या हाथ जोड़कर किस तरह से मनाउं ।मैं आपकी पुकार किस तरह से लगाउं । हे अंजनी पुत्र हनुमान आपकी सदा ही जय हो ।

बदन कराल काल कुल घालक, राम सहाय सदा प्रति पालक।

भूत प्रेत पिशाच निशाचर, अग्नि बेताल काल मारी मर।

इन्हें मारू तोही शपथ राम की, राखू नाथ मरजाद नाम की।

जनक सुता हरि दास कहावो, ताकि शपथ विलंब न लावो।

जय जय जय धुनि होत अकाशा, सुमिरत होत दुसह दुख नाशा।

चरण शरण करि जोरी मनाबों, यही अवसर अब केही गोहरावो।

‌‌‌हे हनुमानजी आपका शरीर काल की तरह विकराल है और आप सदैव रामजी के सहायक बने हुए हैं।और आपने सदैव रामजी के वचनों का पालन किया है। ‌‌‌भूत प्रेत पिशाच निशाचर को आप अपनी अग्नी के अंदर भस्म कर देते हैं।हे हनुमानजी आपको राम नाम की शपथ है हे नाथ अपने नाम की मर्यादा आपको रखनी चाहिए।

       ‌‌‌आप माता सीता के दास हैं। हे हनुमानजी आपको माता सीता की कसम आप इस काम मे तनिक देरी नाक करें आकाश मे आपकी जय जयकार सुनाई दे रही है।

      ‌‌‌हे हनुमानजी आपका नाम लेने से भयंकर से भयंकर कष्टो का नाश हो जाता है। हे नाथ मेरी भी आपसे विनती है कि मैं आपको किस तरह से पुकारूं ? हे प्रभु आप मेरा मार्गदर्शन करें । मुझे रस्ता दिखाएं ।

      उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई, पाय परौ करि जोरी मनाई।

ॐ चं  चं चं चपल चलंत। , ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता।

ॐ हं  हं हांक देत कपि चंचल, ॐ सं  सं सहमि पराने खल दल।

      ‌‌‌हे हनुमानजी आपको रामजी की दुहाई हे प्रभु आप उठकर चलों ।मैं आपके पैरों मे पड़ता हूं और आपको प्रणाम करता हूं। हे हनुमानजी आप तो सदैव चलने वाले हैं।हे हनुमानजी आपके हूंकार से तो राक्षसों के दल भयभीत हो जाते हैं।

     अपने जन को तुरत ऊबारो, सूमिरत होय आनंद हमारो।

यह बजरंग बाण जेहि मारे, ताहि कहो फिर कौन उबारे।

पाठ करें बजरंग बाण की, हनुमत रक्षा करै प्राण की।

यह बजरंग बाण जो जापै, ताते भूत प्रेत सब कांपे।

‌‌‌हे हनुमानजी अपने भगतों का कल्याण करो आपको उनके उपर कृपा करनी चाहिए । हे हनुमानजी आपके सुमरीण से ही तो हम सबको आनन्द मिलता है।जिस किसी को यह बजरंग बाण लगेगा उसका उद्धार फिर कोन करेगा । ‌‌‌आगे कहा गया है कि जो कोई भी इस बजरंग बाण का पाठ करते हैं।उनके प्राणों की रक्षा स्वयं हनुमानजी करते हैं।इस बजरंग बाण के डर से भूत प्रेत सब कांपने लग जाते हैं। यह अचूक बजरंगबाण है। ‌‌‌जो इंसान हनुमानजी के आगे धूप दीप आदि को जलाकर बजरंग बाण का पाठ करता है उसके शरीर पर कभी किसी तरह का कष्ट नहीं आता है।

प्रेम प्रतितही कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान।

         तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान।।

‌‌‌जो कोई भी प्रेम से हनुमानजी का भजन करता है उनके नामों का जाप करता है। उनके सारे कार्य हनुमानजी स्वयं आकर सिद्ध करते हैं।

‌‌‌बजरंग बाण पाठ के फायदे

दोस्तों बजरंग बाण पाठ के ढेर सारे फायदे होते हैं। यदि आप हनुमानजी के भगत हैं तो इसके बारे मे आप अच्छी तरह से जानते हैं। और यदि आपको नहीं पता है तो इसके बारे मे हम नीचे विस्तार से बताएंगे ।

‌‌‌बजरंग बाण के फायदे विवाह मे आसानी

दोस्तों आजकल हम देख रहे हैं कि लड़कियों का विवाह तो काफी आसानी से हो जाता है लेकिन लड़कों का विवाह मे काफी परेशानी होने लग जाती है। इसका कारण यह है कि लड़कियों की संख्या कम है। लेकिन यह उपाय काफी फायदा दे सकता है।‌‌‌इसमे आपको बस एक सरल सा टोटका करना होता है।यदि आप कदली के पेड़ के नीचे बैठकर मंगलवार के दिन सुबह बजरंग बाण का पाठ करते हैं तो इससे आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।

‌‌‌इसमे आपको करना यह होता है कि कदली के पेड़ के नीचे साफ सुथरा करें गंगाजल छिड़के और हनुमानजी की पूजा करें। उसके बाद बजरंगबाण का पाठ करेंगे तो काफी फायदा होगा ।

‌‌‌बजरंग बाण के पाठ के फायदे शत्रु का विनाश

दोस्तों मनुष्य जन्म मे किसी से शत्रुता होना आम बात होती है लेकिन बुद्धिमान इंसान को कभी भी शत्रुता के भाव नहीं रखना चाहिए । क्योंकि यह अच्छा नहीं होता है। लेकिन जो मूर्ख इंसान होते हैं वे शत्रुता का भाव रखते हैं।‌‌‌और यदि किसी अकारण ही शत्रु ताकतवर होते जा रहे हैं और नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं तो बजरंग बाण का पाठ काफी फायदे मंद होता है। जिससे कि हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और शत्रु को पराजित कर देते हैं। यह बहुत ही अच्छा तरीका है शत्रु से बचने का । क्योंकि बहुत से लोग ऐसे होते हैं जोकि ‌‌‌शत्रु से लौहा नहीं ले सकते हैं। यदि आपको भी शत्रु का भय बना रहता है यदि आप कही पर जाते हैं तो आपको शत्रु का भय दूर करने के लिए उपाय करना होगा इसके लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं। एक सरल उपाय यह है कि आप हर मंगलवार के दिन हनुमानजी की मूर्ति के सामने दिपक जलाएं और उसके बाद ‌‌‌ 11 बार हनुमान चालिसा का पाठ करें । ऐसा आप यदि कुछ ही दिन करेंगे तो आपको फायदा होगा और आपके शत्रु आपसे शत्रुता को छोड़देंगे और मित्रता का व्यवहार करेंगे। इस तरह से आप बिना किसी नुकसान के शत्रुओं को पराजित कर देंगे ।

‌‌‌आत्म विश्वास और साहस मे बढ़ोतरी

दोस्तों यदि आप बजरंग बाण का निरतंर पाठ करते हैं तो यह आत्म विश्वास और साहस को बढ़ाने का काम करता है। किसी भी कार्य के लिए आत्म विश्वास बेहद ही जरूरी होता है। यदि आपके अंदर आत्मविश्वास नहीं है तो आप कुछ भी नहीं कर पाएंगे ।‌‌‌और आपको आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए बहुत कुछ करना होगा ।लेकिन बजरंगबाण के पाठ से आपके अंदर अपने आप ही आत्मविश्वास धीरे धीरे आने लग जाता है।

‌‌‌और रही बात साहस की तो जीवन के अंदर साहस भी बहुत अधिक जरूरी होता है। मान ले अचानक से आपके सामने कोई लुटैरे आ गए यदि आपके अंदर साहस नहीं होगा तो आप थर थर कांपने लग जाएंगे। लेकिन यदि आपके अंदर साहस होगा तो फिर आप कांपेगे नहीं वरन आप उनसे भिड़ जाएंगे ।‌‌‌इस तरह से सास आपको लौहा लेने के बारे मे कहता है।अपने और अपने परिवार की रक्षा के लिए साहस काफी जरूरी होता है।

‌‌‌हर्ट रोग को इससे काफी लाभ होता है

दोस्तों यदि आपको हर्ट रोग की समस्या है तो फिर आपको बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए । ऐसा माना जाता है कि बजरंग बाण का पाठ करने से हर्ट रोग की समस्याएं दूर होती हैं। हालांकि इसके अंदर काफी समय लग सकता है लेकिन काफी फायदा हो सकता है।‌‌‌देवता जीवन दायनी ताकते होती हैं जोकि आपके जीवन के अंदर आने वाली समस्याओं को दूर करने मे भी काफी मदद करती हैं।

‌‌‌हाई ब्लड प्रेसर रोगियों के लिए फायदेमंद होती है बजरंगबाण

दोस्तों जिन लोगों को अधिक ब्लड प्रेसर की समस्या है उनके लिए भी बजरंगबाण काफी फायदेमंद हो सकता है। यह उनके ब्लड प्रेसर को कम करती है। जब आप बजरंगबाण का पाठ करते हैं तो इससे आपका दिमाग शांत रहने लगता है और उसके बाद आपके दिमाग के ‌‌‌अंदर जो उलू जलूल विचार होते हैं वे आना बंद हो जाते हैं जिससे कि आपका दिमाग शांत रहता है और ब्लड प्रेसर हाई नहीं होते हैं। आपने यदि देखा होगा तो जिन लोगों का ब्लड प्रेसर हाई होता है वे किसी गुस्से की वजह से या फिर चिंता की वजह से ब्लड प्रेसर हाई हो जाता है।

‌‌‌आपके अंदर के डर को दूर करता है और आपको निडर बनाता है

‌‌‌दोस्तों कुछ लोगों के अंदर छोटी मोटी चीजों से भी डरने की समस्या होती है। वे छोटी छोटी बातों से भी डरने लग जाते हैं। यदि आप भी छोटी चीजों से डरते हैं तो इसके अंदर बजरंग बाण आपकी काफी मदद कर सकता है।‌‌‌बजरंग बाण का पाठ करने से आपके अंदर निडरता आती है और आप उसके बाद रात मे कहीं भी जा सकते हैं आपको किसी भी तरह का डर नहीं लगेगा । यदि डर आपको भी परेशान कर रहा है तो रोजाना  ‌‌‌ हनुमानजी के आगे एक दीपक जलाएं और उसके बाद हनुमान चालिसा का पाठ करें । ऐसा करने से आपके मन मे बैठा डर धीरे धीरे समाप्त हो जाएगा ।

‌‌‌रूके हुए कार्य पूर्ण होते हैं

दोस्तों यदि आपके काम अटक रहे हैं । आपके काम पूरे नहीं हो रहे हैं तो बजरंगबाण का पाठ आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आपको किसी भी शनिवार के दिन शाम को हनुमानजी की मूर्ति के आगे एक दिपक जलाना है और फिर बजरंगबाण का पाठ करना होगा । यह आपके रूके हुए ‌‌‌कार्यों को पूर्ण करता है।

दोस्तों ऐसा कई बार हो जाता है कि हम जो भी कार्य करने की कोशिश करते हैं वह अधुरा ही रह   जाता है वह पूर्ण नहीं होता है। ऐसी स्थिति के अंदर आपको पता लग जाएगा कि आपके कार्यों मे विध्वन आ  रहा है।‌‌‌लेकिन जैसे ही आप बजरंगबाण के पाठ को शूरू करेंगे वैसे ही आपके रूके हुए कार्य एक एक करके सब सही होने लग जाएंगे ।

‌‌‌व्यापार मे फायदे के लिए

दोस्तों यदि आप कोई व्यापार करते हैं । और व्यापार के अंदर कोई भी फायदा नहीं हो रहा है। बिजनेस घाटे के अंदर चल रहा है तो यह उपाय भी आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।इसके लिए आपको करना यह है कि आप जहां पर व्यापार करते हैं वहां पर एक हनुमानजी की मूर्ति लगाएं और ‌‌‌उसके सामने एक दीपक जलाएं ।फिर आप वहीं पर 8 मंगलवार तक बजरंगबाण का पाठ करें । इससे आपको काफी फायदा होगा और प्यापार के अंदर जो नुकसान हो रहा है उसकी सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी ।

साक्षात्कार मे फायदेमंद

दोस्तों कई बार क्या होता है कि हम काम के लिए साक्षात्कार देने के लिए जाते हैं लेकिन बार बार हम साक्षात्कार मे असफल हो जाते हैं। यदि यही आपके साथ हो रहा है तो आपके लिए बजरंग बाण का पाठ काफी फायदेमंद हो सकता है।‌‌‌आप रोजाना बंजरंग बाण का पाठ करें ।और यह प्रयोग 21 दिन तक करें । उसके बाद साक्षात्कार देने के लिए जाएं आपको फायदा मिलेगा ।

‌‌‌ग्रह दोष समाप्त होता है

दोस्तों आपको यदि अपनी कुंडली देखनी नहीं आती है तो किसी पंडित से कुंडली दिखाएं । यदि आपको ग्रह दोष है तो आपके ग्रह दोष को दूर करने के लिए बजरंग बाण का पाठ करना काफी फायदेमंद हो सकता है। ‌‌‌इसके लिए आपको करना यह है कि सूर्योदय से पहले नहाधो लें उसके बाद आटे का दीपक बनाएं और उसको जलाकर बजरंगबाण का पाठ करें ।यदि यह प्रयोग आप लगातार 41 दिन करेंगे तो आपके ग्रह दोष दूर हो जाएंगे । इसके अलावा इस बारे मे आपको कोई जानकारी भी बता सकता है जिससे कि कुंडली वैगरह के बारे मे अच्छी जानकारी ‌‌‌ हो ।

‌‌‌गंभीर बीमारियों से छूटकारा

दोस्तों बजरंग बाण का पाठ करने से गम्भीर से गम्भीर बीमारी से भी आपको छूटकारा मिल सकता है। कैंसर अलसर और गांठ आदि । यह तो रियल मे हम कई बार देख ही चुके हैं। हम ऐसे कई लोगों को जानते हैं जिनकी गांठ सिर्फ इसलिए ठीक हो गई क्योंकि वे हनुमानजी की पूजा करते थे । ‌‌‌हमारा एक जानकार है। उसका नाम सोहन है।उसका एक बेटा था मेहंद्र । वह जब छोटा था तो वह बहुत अधिक बीमार रहता था । सब डॉक्टरों को दिखाया लेकिन कोई भी फयदा नहीं हुआ तो उसके बाद किसी हनुमानजी के पंडित ने कहा कि जा आज के बाद उसको कुछ भी नहीं होगा और हुआ भी वैसा ही । उसकी बीमारी कुछ ही दिनों मे ठीक ‌‌‌ हो गई ।

‌‌‌यदि आपको भी इसी तरह की बीमारियां काफी परेशान कर रही हैं तो आपको चाहिए कि आप राहुकाल मे हनुमानजी को 21 पान के पत्तों से बनी माला को चढ़ाएं और उसके बाद बजरंग बाण का पाठ करें । ऐसा करने से आपकी बीमारी ठीक हो जाएगी और आपको आराम मिलेगा ।

‌‌‌वास्तुदोष को दूर करता है

दोस्तों यदि आपके घर मे वास्तुदोष की समस्या है यह आपके लिए कई तरह से नुकसान पहुंचाती है। वास्तुदोष की वजह से घर मे अजीब स्थिति बनी रहती है। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए बजरंग बाण का पाठ काफी फायदेमंद हो सकता है। ‌‌‌इसके लिए आप अपने घर के अंदर किसी हनुमानजी की मूर्ति के आगे दीपक जलाएं और उसके बाद 7 दिन तक लगातार बजरंग बाण का पाठ करें । जिससे कि घर मे वास्तुदोष का प्रभाव समाप्त हो जाएगा ।

मांगलिक दोष को दूर करता है

अगर कुंडली के लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव या द्वादश भाव में मंगल स्थित हो तो यह मंगल दोष होता है। इस प्रकार के जातक की शादी होने पर विवाह के अंदर काफी समस्याएं आने लग जाती हैं। या फिर कहें कि वैवाहिक जीवन सही नहीं चल पाता है।

‌‌‌वैसे जानकार यह बताते है कि मांगलिक दोष होने पर इससे छूटकारा नहीं मिल सकता है लेकिन इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह दोष वैसे तो जीवन  मे हमेशा ही बना ही रहता है। ‌‌‌आपको इसका पता लगाने के लिए किसी अच्छे व्यक्ति को अपनी कुंडली को दिखाना होता है ताकि वह इसके बारे मे आपको ठीक से बता सके ।

‌‌‌बजरंग बाण का पाठ करने मे गलतियां

दोस्तों यदि आप बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो आपको कुछ बातें खास तौर पर ध्यान रखनी होगी । वरना यह फलदायी नीं होगी ।

  • ‌‌‌बजरंगबाण का पाठ सिर्फ मंगलवार के दिन ही शूरू करना चाहिए । किसी भी दूसरे वार को शूरू नहीं किया जाना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आप किसी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो आपको चाहिए कि आप यह पाठ कम से कम 41 दिन तक करें । तभी इसका फायदा आपको मिल सकता है।
  • ‌‌‌दोस्तों बजरंग बाण का पाठ करने के दौरान लाल वस्त्रों को धारण करें और बह्रमचर्य का पालन करें ।
  • यदि आप बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो इस दौरान आपको किसी भी तरह का नशा या मांस मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए । वरना आपको सफलता नहीं मिलेगी ।
  • ‌‌‌यदि आप यह सोच कर बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं कि आप किसी को नीचा दिखाना चाते हैं तो आपको यह पाठ अभी से बंद कर देना चाहिए क्योंकि इससे आपका भी नुकसान हो सकता है। इसलिए किसी को नीचा दिखाने के लिए बजरंग बाण का पाठ ना करें ।
  • ‌‌‌किसी को यदि आप नुकसान पहुंचाना चाहते हैं तो उसके लिए भी आपको बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपको कोई भी फयदा नहीं होने वाला है।बजरंग बाण का पाठ केवल सात्विक उदेश्य के लिए करें ।
  • ‌‌‌यदि आप किसी अनैतिक कार्य को सिद्ध करना चाहते हैं तो बजरंग बाण का पाठ करना आपके लिए सही नहीं होगा । यह सिर्फ केवल किसी नैतिक कार्य के लिए किया जा सकता है।
  • ‌‌‌यदि आप यह सोच रहे हैं कि बिना प्रयास करें ही आपको सफलता मिल जाएगी तो यह संभव नहीं है। आपको प्रयास करना होगा।  यदि आप बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं इस उदेश्य के लिए आपको फायदा नहीं मिलेगा ।
  • ‌‌‌धन या भौतिक इच्छा की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए क्योंकि यह इसके लिए नहीं होती है। आप इसके लिए किसी दूसरे तरीके का प्रयोग कर सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आप हनुमानजी के अंदर विश्वास रखते हैं और उनकों मानते हैं तो आपके लिए बजरंग बाण का पाठ बहुत अधिक फायदेमंद हो सकता है। यदि आपका हनुमानजी के अंदर श्रद्धा या विश्वास नहीं है तो इसका पाठ करने का कोई भी फायदा नहीं होगा यह सिर्फ श्रद्धा वाले लोगों के लिए है।

‌‌‌यदि आपको यह लेख पसंद आया तो हमें कमेंट करके बताएं । यदि आपका कोई सुझाव हमें बताएं ।हम आपकी मदद करेंगे ।

दोस्तों बजरंग बाण के कई सारे टोटके भी होते हैं। बाकि लिखने को तो हम बहुत सारे फायदे और भी लिख सकते हैं। लेकिन ​लिखने मे यह सब कुछ अलग हो सकता है। मगर रियल मे जब आप बजरंग बाण का पाठ करेंगे , तभी तो आपको चीजों के बारे मे सही सही पता चलेगा । आप जब रियल के अंदर अनुभव करेंगे , तभी तो आपको इसके बारे मे पता चलेगा । असल मे आपके जीवन मे आ रही समस्याएं दूर होगी । यदि हम अपने रियल अनुभव की बात करें , तो एक बार हमारे साथ पड़ोसी का बहुत ही तेज झगड़ा हुआ था , और तेज झगड़े की वजह से हम काफी अधिक परेशान हुए थे , ।उसके बाद किसी ने हमको बताया कि बजरंग बाण का पाठ करें । तो उसके बाद हमने बजरंग बाण का पाठ करना शूरू किया । उसके बाद हमें इसका फायदा अनुभव होने लगा ।

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This post was last modified on January 5, 2024

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