ब्रह्मराक्षस का नाम तो आपने सुना ही होगा । इस लेख के अंदर हम ब्रह्मराक्षस क्या होता है और ब्रह्मराक्षस साधना विधि के बारे मे विस्तार से चर्चा करने वाले हैं। दोस्तों जैसाकि आपको पता ही होगा कि प्रेत के कई सारे प्रकार होते हैं। और बंगाली कल्चर के अंदर तो भूतों के बहुत से प्रकारों का वर्णन मिलता है। जैसे चूड़ैल , शहीद , भूतनी , प्रेत आदि । इन्हीं प्रकारों के अंदर एक स्पेसल प्रकार का भूत होता है। जिसको ब्रह्मराक्षस के नाम से जाना जाता है। गजानन माधव मुक्तिबोध की कथाओं के अंदर एक ब्रह्मराक्षस की एक कथा का उल्लेख मिलता है । इस कथा के अनुसार एक बार एक शिष्य काशी के अंदर पढ़ने आता है। लेकिन उसके पास दक्षिणा नहीं होने की वजह से गुरू उसे पढ़ाने से इनकार कर देते हैं। तो वह थक कर वापस बाहर जाने लगता है। नगर से बाहर एक खंड़र होता है।
जिसके अंदर उसे एक बूढ़ा आदमी मिलता है। और उसे अपनी परेशानी बताता है। तो बूढ़ा उसे कहता है कि चल तुझे मैं पढ़ाता हूं । शिष्य कई सालों तक उसके पास रहकर उसकी सेवा करता है। और जब ज्ञान पूरा हो जाता है तो बूढ़ा कहता है कि मैरे पास जो कुछ था मैंने तुझे उसके बारे मे बतादिया । अब जा और इस ज्ञान से संसार का कल्याण कर ।अंतिम दिन जब गुरू और शिष्य विशेष भोजन को कर रहे होते हैं तो अचानक से गूरू की थाली के अंदर भोजन घट जाता है तो शिष्य बोलता है कि गूरूजी मैं भोजन और ला देता हूं । तब गूरू कहता है कि नहीं मैं यहीं से ले लेता हूं और गुरू अपना हाथ बढ़ाता है और रशोई से भोजन लेलेता है। यह
देख शिष्य डर जाता है कि वह इतने समय तक एक प्रेत के साथ रहा । लेकिन तब वह बूढ़ा बोलता है कि डरने की जरूरत नहीं है मैं एक ब्रह्मराक्षस हूं । मेरे पास ज्ञान होने के बाद भी मैंने इसको बताया नहीं क्योंकि योग्य शिष्य नहीं मिला । लेकिन अब तू मिल गया है। और मेरी आत्मा भी मुक्त हो जाएगी । इस स्टोरी को बताने का मकसद यह है कि आपको पता चल सके कि वास्तव मे ब्रह्मराक्षस क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं।
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ब्रह्मराक्षस क्या होता है ?
ब्रह्मराक्षस क्या होता है ? दोस्तों ब्रह्मराक्षस एक प्रकार का प्रेत होता है। आमतौर पर 18 प्रकार के प्रेत होते हैं। जिसमे सबसे आम प्रेत भूत होता है। इंसान मरने के बाद सबसे पहले भूत ही बनता है। हिंदु धर्म के अंदर आत्मा को उसके कर्मों के अनुसार सजा दी जाती है। ब्रह्मराक्षस ब्राह्रमण कुल के अंदर उत्पन्न व्यक्ति ब्रह्मराक्षस बनता है। और ब्रह्मराक्षस की सबसे खास बात यह होती है कि इसका आधा हिस्सा दानव का होता है। और आधा हिस्सा देवता के समान होता है। मतलब यदि कोई भूत आपकी मदद भी करे और अचानक से आपका बुरा भी करने लगे तो इस प्रकार का व्यवहार केवल ब्रह्मराक्षस ही करता है। यदि देवता की बात करें तो वह इंसानों का बुरा नहीं करता है। सिर्फ भला ही करता है।
ब्रह्मराक्षस कौन बनता है ?
दोस्तों ब्रह्मराक्षस क्या होता है ? इस बारे मे तो आप जान ही चुके हैं। लेकिन अब हम आपको यह भी बता देते हैं कि ब्रह्मराक्षस कौन बनता है ? और कैसे कोई ब्रह्मराक्षस बन जाता है।
ब्राह्रमण कुल मे जन्मा व्यक्ति ब्रह्मराक्षस बनता है
दोस्तों ब्रह्मराक्षस बनने की पहली कंडिशन तो यह मानी जाती है कि ब्राह्रमण कुल के अंदर पैदा होने वाला व्यक्ति ही ब्रह्मराक्षस बनता है। और किसी दूसरी जाति के अंदर पैदा हुआ व्यक्ति ब्रह्मराक्षस नहीं बनता है। हालांकि यह सब मात्र एक विश्वास है। इसका कोई प्रमाण नहीं है।
पूर्ण ज्ञान से युक्त
ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मराक्षस वह इंसान बनता है जोकि वेदों और पुराणों का पूर्ण ज्ञान रखता है। लेकिन अपने ज्ञान का अनुचित उपयोग करता है। जो अपने तथ्यों के विरूद्व जाता है। सारी विध्याओं का ज्ञान है। तंत्र शास्त्र का ज्ञान है।
गलत कर्म
तंत्र मंत्र से वह पूर्ण ज्ञानी होता है। और अपने ज्ञान से वह आत्माओं को बांध लेता है। और उनसे अपने मन चाहे काम करवाता है। मांस का भक्षण करता है और किसी को तंत्र विध्याओं से मारदेता है। यज्ञोपवित को धारण करने वाला होता है लेकिन उसका आचरण करने वाला नहीं होता है। इस तरह के गलत कर्म करने वाला इंसान ही मरने के बाद ब्रह्मराक्षस बन जाता है।
ब्रह्मराक्षस कहां पर रहता है ?
ऐसा माना जाता है कि पिपल के पेड़ के नीचे ब्रह्मराक्षस का वास होता है। और इसके अलावा गड़े धन के अंदर भी ब्रह्मराक्षस का वास हो सकता है। जब किसी तांत्रिक ने गड़े धन पर ब्रह्मराक्षस का प्रयोग किया हो और उसके मरने के बाद उसकी आत्मा उस धन के अंदर अटक गई हो तो ऐसी स्थिति के अंदर ब्रह्मराक्षस की आत्मा और उस तांत्रिक की आत्मा उस धन की रक्षा करती हैं और यदि कोई व्यक्ति उस धन को चुराने की कोशिश करता है तो उसका अंत निश्चित है।
ब्रह्मराक्षस पीड़ा
ब्रह्मराक्षस भूत बहुत अधिक ताकतवर होते हैं। इनको नियंत्रित करना बहुत कठिन होता है।ब्रह्मराक्षस पीड़ा के बारे मे भी हम आपको बतादें ।कि कैसे एक ब्रह्मराक्षस इंसान के पीछे पड़ जाता है।
पीपल के पेड़ को काटने से
ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ पर ब्रह्मराक्षस रहता है । यदि कोई व्यक्ति पीपल के पेड़ को काटता है। तो ब्रह्मराक्षस आपके पीछे लग सकता है।और उसके बाद तो समझो अंत निश्चित है। इसके अलावा पीपल के पेड़ के नीचे कि जाने वाली अनजानी तंत्रक्रियाओं की वजह से भी ब्रह्मराक्षस आपके पीछे लग सकता है। इसलिए कभी भी पीपल के पेड़ के नीचे कुछ भी तांत्रिक क्रिया ना करें जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है। जानकार बताते हैं कि काली क्रियाओं से भला कम बुरा अधिक होता है।
गड़े धन की वजह से
यदि आपको कोई अचानक से पूराना गड़ा धन मिल जाता है। तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उसके उपर ब्रह्मराक्षस ना हो और यदि आपने उस धन को लेलिया तो ब्रह्मराक्षस आपके पीछे पड़ सकता है। और ऐसी स्थिति के अंदर आपको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।
आक के पेड़ से
आक के पेड़ के बारे मे आप जानते ही होंगे । लेकिन यदि कोई बहुत ही पुराना आक का पेड़ है तो बेहतर होगा कि आप उसे ना काटें क्योंकि हो सकता है। उसके अंदर ब्रह्मराक्षस हो सकता है। हालांकि आम आक के पेड़ों के अंदर ब्रह्मराक्षस नहीं रहता है। आपको बतादें कि ब्रह्मराक्षस काफी कम लोग ही बनते हैं।
तंत्र क्रिया से ब्रह्मराक्षस को घर मे दाखिल करदेना
आमतौर पर ब्रह्मराक्षस के पीछे पड़ने का सबसे आम कारण यही मिलता है। कि आपके दुश्मन किसी तांत्रिक की मदद से ब्रह्मराक्षस को आपके घर के अंदर दाखिल कर देते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर ब्रह्मराक्षस घर के अंदर दाखिल तो हो जाता है। लेकिन उसे घर से वापस निकालना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।
ब्रह्मराक्षस से बचने के उपाय
दोस्तों ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मराक्षस यदि किसी व्यक्ति के पीछे पड़ जाता है तो यह उसका दुर्भाग्य ही होता है। और यह भी माना जाता है कि ब्रह्मराक्षस पीछे पड़ने के बाद उस व्यक्ति बचना बहुत ही मुश्किल होता है। क्योंकि ब्रह्मराक्षस बहुत ही अधिक ताकतवर होते हैं। और उनको तंत्र मंत्र सभी तरह की विधियों का ज्ञान होता है। इस वजह से जब भी कोई तांत्रिक नियंत्रित करने की कोशिश करता है तो उन सब मंत्रों का तोड़ उनके पास होता है। इसी वजह से ब्रह्मराक्षस को नियंत्रित करने की क्षमता हर किसी के पास नहीं होती है।
हालांकि ऐसा नहीं है कि ब्रह्मराक्षस से छूटकारा पाने का कोई तरीका नहीं है। आपको हम कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिनकी मदद से आप ब्रह्मराक्षस की बाधा से छूटकारा पा सकते हैं।
अच्छे साधकों के पास जाएं
ब्रह्मराक्षस से बचने का सबसे अच्छा उपाय है आप किसी ऐसे अच्छे साधक को खोजें जो वास्तव मे सच्चा हो और जो साधक माता भगवती की साधना करते हैं। ऐसे साधकों के पास जाने से ब्रह्मराक्षस डरकर भाग जाते हैं। यदि आपको या आपके किसी परिवार के सदस्य को ब्रह्मराक्षस ने जकड़ लिया है तो आप किसी ऐसे साधक की खोज करें जोकि इसको नियंत्रित कर सके ।
श्राद्ध करने से
ब्रह्मराक्षस भी एक भटकती हुई आत्मा होती है। जोकि एक निश्चित समय तक इस योनी के अंदर रहती है। और उसे तब ही मुक्ति मिलती है। जब उसे कोई मुक्ति दिला देता है। आमतौर पर यदि ब्रह्मराक्षस श्राद्ध करना स्वीकार कर लेता है तो उसकी सदगति हो सकती है।
अच्छे तांत्रिक के पास जाएं
वैसे तो आपके आपस पास बहुत सारे तांत्रिक मिल जाएंगे । लेकिन हर कोई तांत्रिक ब्रह्मराक्षस को कंट्रोल नहीं कर सकता है। इस वजह से आपको किसी ऐसे तांत्रिक की तलास करनी होगी को ब्रह्मराक्षस को कंट्रोल कर सके । आपको बतादें कि ऐसे तांत्रिक बहुत ही कम होते हैं।
ब्रह्मराक्षस के लक्षण
ब्रह्मराक्षस को पहचानना बहुत ही मुश्किल होता है। ऐसा माना जाता है कि रावण ने जब सीता का हरण किया था तो ब्रह्मराक्षस की मदद ली थी। रावण ने ब्रह्मराक्षस से कहा कि वह एक सुंदर मर्ग बन जाए और उस सुंदर मर्ग को जब सीता ने देखा तो उसे राम से लाने को कहा राम उसके पीछे गए और रावण से सीता को हर लिया । कहने का मतलब है कि ब्रह्मराक्षस किसी का भी रूप ले सकते हैं। इसी तरह से घर के अंदर या जिस व्यक्ति के पीछे यह पड़ जाते हैं। उसे कई बाते बोलते हैं। जैसे वह तो देवता हैं। वह तुम्हारे घर का पितर हैं। वह भगवान राम हैं आदि ।
यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है तो संभव है आपको ब्रह्मराक्षस ने जकड़ रखा हो। इसके अलावा ब्रह्मराक्षस की सबसे खास बात तो यह होती है कि वे आपके घर के अंदर अच्छा भी करते हैं और बुरा भी करते हैं। जैसे घर के अंदर नुकसान भी होता है तो घर के अंदर लाभ भी होता है। क्योंकि उनके अंदर देव और दानव दोनों के गुण होते हैं।
ब्रह्मराक्षस की ताकतें
दोस्तों ब्रह्मराक्षस बहुत अधिक ताकतवर होते हैं। तंत्र विध्या का ज्ञान होने की वजह से इनको काबू करना हर इंसान के बस की बात नहीं होती है। छोटे मोटे तांत्रिक को तो यह बहुत ही आसानी से मार सकते हैं। एक तरह से कहा जाए तो यह भूतों के राजा होते हैं। और इनके पास भूतों की पूरी सेना होती है। इनके पास कई सारे चूड़ैल और भूत भी होते हैं। और यह लोगों को भला और बुरा दोनों करते हैं । इनके सींग होते हैं और यह इंसान को भी खा सकते हैं। मयूर भट्ट कवि के बारे मे यह कहा जाता है कि वे खुद ब्रह्मराक्षस से पीड़ित थे । ब्रह्मराक्षस की वजह से वे कुष्ठ रोग से पीड़ित थे और जब वे अपने कुष्ठ रोग से छूटकारा पाने के लिए साधना कर रहे थे तो ब्रह्मराक्षस उसके अंदर बाधाए डालने का काम कर रहा था। बाद मे उन्होंने ब्रह्मराक्षस को नाक से
स्वर उचारण करके हराया था।
ब्रह्मराक्षस की साधना विधि
दोस्तों ब्रह्मराक्षस की साधना यदि कोई कर लेता है। तो उसके पास कई सारी अपार ताकते आ जाती हैं। और उन ताकतों के बल पर वह कुछ भी कर सकता है। मन चाहे उतना धन हाशिल कर सकता है। लेकिन आपको हम बतादें कि आप यदि ब्रह्मराक्षस की साधना अकेले करते हैं तो आपकी मौत भी हो सकती है सो आप यह साधना किसी अच्छे गुरू की परामर्श से ही करें ।
ब्रह्मराक्षस की साधना अमावस्या से शूरू करनी चाहिए और यह 40 दिन तक करनी चाहिए ।आपको बतादें कि आप ब्रह्मराक्षस की साधना को श्मसान के अंदर पीपल के पेड़ के नीचे कर सकते हैं। यहीं पर ब्रह्मराक्षस पाए जाते हैं। लेकिन ध्यानदें आपके पास इसके लिए एक योग्य गूरू होना चाहिए।
- भंसे का चमड़ा 40 दिन तक पहने
- दूप दीप
- नहाने के लिए जल
- मांस मंदिरा चावल भात और अंड़ा
ओम नमो अमुख नामे ब्राहमण
मम सहायतार्थ ब्रह्मराक्षस रूपेण
ममो परि प्रसन्न भव ममार्थे वर्षमेकाय ।।
सबसे आपको कोई भी दो भैंसे का चमड़ा ले आएं और काली चादर आपको लेनी है। इसके अलावा सिद्व रूद्राक्ष माला लें । स्नान आदि करने के बाद 4 बजे श्मसान घाट के अंदर जाएं और फिर ब्रह्मराक्षस का ध्यान करें और बोलें कि आप मुझे तमस रूप मे सिद्व हों । श्मसान के पीपल के पेड़ के नीचे काली चादर बिछाकर बैठ जाएं । उसके बाद वहां पर रोज 11 माला उपर दिये मंत्र का जाप करें और वर्षमेकाय की जगह पर आप कितने वर्ष के लिए उसे अपने वश मे करना चाहते हों बोलें ।
40 वें दिन आप ब्रह्मराक्षस को नए कपड़े वैगरह दें और चप्पल वैगरह की व्यवस्था करें । जिससे ब्रह्मराक्षस अधिक प्रसन्न होंगे और आपके सामने प्रकट होंगे और आपको वर मांगने के लिए कहंगे । बस तब आपको वर मांग लेना है। ध्यानदें ब्रह्मराक्षस को कभी भी वश मे करने की कोशिश ना करें ।
ब्रह्मराक्षस की सच्ची घटना
दोस्तों यकीन मानिए ब्रह्मराक्षस सच्च मे होता है। हालांकि इसके बारे मे कुछ स्टोरी हैं। ऐसी एक स्टोरी मुझे सुनने को मिली फतेहपुर की एक महिला से । हम उस महिला का नाम नहीं बताना चाहेंगे ।उस महिला ने बताया कि उनके घर पर किसी ने ब्रह्मराक्षस को लाकर छोड़ दिया है। पहले पहले तो सब कुछ अच्छा चलता रहा । लेकिन धीरे धीरे घर के अंदर गड़बड़ होने लगी । और इसके लिए वह जहां भी घर के बारे में पूछताछ करने जाती कोई उसे कुछ नहीं बता पाता । बाद मे ब्रह्मराक्षस खुद उसके बेटे के मुंह बोलने लगा और पहले बोला की वो गणेश है। उसके बाद बोला कि वो मां काली है। और इस तरह से वह घर वालों को बरगालने लगा । घर वाले भी उससे काफी परेशान हो चुके थे । काफी कुछ ईलाज करवाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इन बातों को 7 साल हो चुके हैं। और अब मुझे नहीं पता की उस महिला के घर के अंदर ब्रह्मराक्षस रहता है या नहीं रहता । लेकिन यह बात सच साबित हुई की ब्रह्मराक्षस से पीछा छुड़ाना कोई आसान काम नहीं है।
ब्रह्मराक्षस क्या होता है ? ब्रह्मराक्षस की साधना विधि, और ब्रह्मराक्षस के रहस्य लेख आपको कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं।
Sir! Apke blogs me bahut hi acchi jankari rahti hai
aur apne jo brimhrakshas se chhutkara paane ke tarike bataye hai
unme ek upaay aur jod dijiye please
sir church jaane se ya prabhu yeeshu ki prarthna karwane se brimhrakshas 100% bhaag jata hai
kyuki mai bhi brimhrakshas ki julmo ko jhel chuka hu
sir please ye upaay jarooe post kare
kyonki mai janta hu ki brimhrakshas ghar ko nark bana deta hai
हम आपके उपाय को जरूर जोड़ेगें थोड़ा वेट करों भाई
Guru ji ye bhoot pret bramrakas hmri pooja le lete h ya pooja me badha khadi krte h kyunki agar ye pooja le lete h to hmri pooja hmre bhagwan tk pahuchegi hi nhi to ye badha khatam kaise hogi…
Barampishach ko body me se nikalne ka idea bataye.
बहुत सुंदर जानकारी