भेड़िया मानव क्या है wolf man history? भेड़िया मानव के रहस्य

‌‌‌इस लेख मे हम बात करेंगे भेड़िया मानव क्या होता है ? भेड़िया मानव के रहस्य के बारे मे ।दोस्तों भेड़िया का नाम तो आपने सुना ही होगा । लेकिन क्या आप जानते हैं कि भेडिया मानव भी होता है। भले ही अब भेड़िया मानव ना हो लेकिन कभी इसका भी अस्ति्व रहा होगा । अब सिर्फ कथाओं और कल्पनाओं के अंदर ही भेड़िया मानव बचा हुआ है। ‌‌‌दोस्तों यदि आपने हॉलिहुड की मूवी को देखा होगा तो आपने भेड़िया मानव को भी देखा होगा । उस मे किस तरीके से भेड़िया मानव उत्पात मचाते हैं। रियल लाइफ के अंदर भी भेड़िया मानव कुछ इसी तरीके के होते थे ।

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‌‌‌भेड़िया मानव क्या होता है ?

दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बतादें कि भेड़िया मानव एक प्रकार का भेड़िया और इंसान दोनों का मिक्चर रूप होता है।उसका पूरा शरीर भेड़िय की तरह होता है। लेकिन वह इंसान और भेड़िय दोनों की तरह चल सकता है। इसके अलावा शक्ल से कुछ हद तक इंसान के लक्षण नजर आते हैं। ‌‌‌लेकिन वह इंसानी भाषा को नहीं जानता है। और मांस का सेवन करता है। अन्य भेड़ियों की तरह उसे भी शिकार करना काफी ज्यादा पंसद होता है। ‌‌‌लेकिन इसके विपरीत लंदन और अमेरिका के अंदर कई कहानियों के अंदर यह कहा गया है कि भेड़िया इंसानी भाषा को बोल सकता है।

‌‌‌मतलब भेड़िया मानव इंसानों के जैसे ही होते हैं। लेकिन इनके बारे मे पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है। जैसे कि क्या भेड़िया मानव के अंदर अतिरिक्त पैरानोर्मल पॉवर होता है या नहीं ? या फिर वे आम भेड़ियों के अंदर अलग हुए कुछ स्पेसल भेड़िय ही होते हैं।

‌‌‌भेड़िया मानव की कुछ खास बातें

दोस्तों जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है। भेड़िया मानव का मतलब होता है। एक ऐसा इंसान जो की भेड़िया बनने की क्षमता रखता हो । या फिर जो इंसान के जैसे दिखने वाला भेड़िया हो । ‌‌‌अंग्रेजी के अंदर भेडिये को  वेयरवोल्फ के नाम से जाना जाता है।

‌‌‌भेड़िया मानव मे बदलने वाले इंसान

‌‌‌ऐसा माना जाता है कि भेड़िया मानव इंसान ही होते थे । जोकि भेड़िया के अंदर बदलने की क्षमता प्राप्त कर लेते थे ।प्राचीन ग्रीक साहित्य और पौराणिक कथाओं  के अंदर इस बात का उल्लेख मिलता है।हेरोडोटस ने अपने इतिहास में  में लिखा है कि नेउरी नामक एक जनजाति के बारे मे बताया है। जो वह सिथिया के उत्तर-पूर्व में स्थित है, जो हर साल एक बार भेड़िया के अंदर बदल जाती थी। और बाद मे वापस इंसान बन जाती थी। इसी तरीके से दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में, ग्रीक भूगोलवेत्ता पोसानियास ने लाइकॉन ने भी एक ऐसे बच्चे का उल्लेख किया है। जोकि भेड़िया के अंदर बदल सकता था।

‌‌‌गैरीस पैट्रोनिस के द्वारा लिखा गया एक पात्र इस प्रकार से इंसान के भेडिया मे बदलने की कहानी का उल्लेख करता है।

“जब मैं अपने दोस्त की तलाश करता हूं तो देखता हूं कि उसने कपड़े उतार दिए और सड़क किनारे अपने कपड़े उतारे … उसने अपने कपड़ों को गोल कर दिया और फिर जैसे तैसे एक भेड़िये में बदल गया! … जब वह एक भेड़िया में बदल गया, तो उसने रोना शुरू कर दिया और फिर जंगल में भाग गया। “

‌‌‌मांस खाते भेडिया मानव

दोस्तों यदि हम प्राचीन कथाओं और घटनाओं पर एक नजर डालें तो यह बात निकल कर आती है कि  भेड़िया मानव मांस के बड़े शौकीन थे । मेटामोर्फोस के अंदर एक ऐसे पुरूषों की कहानी के बारे मे उल्लेख मिलता है कि जो पुरूष मानव भेडिये थे । वे जंगल के अंदर घूमते थे और मांस का सेवन करते थे । प्लिनी द एल्डर का संबंध भी भेड़ियों से जुड़ा हुआ है। और उनके खाने के बारे मे बताता है। एक स्टोरी के अनुसार एक व्यक्ति अपने कपड़ों को निकाल कर पेड़ पर टांग देता था और खुद  अर्केडियन झील  के आस पास घूम सकता था। उसे 5 साल तक किसी भी इंसान पर हमला करने की अनुमति नहीं थी। प्लिनी ने एग्रीपस को को एक ऐसे आदमी के बारे मे बताया था जोकि इंसान के शरीर के मांस को चखने के लिए भेड़िया के अंदर बदल गया था।

‌‌‌मनोरोगी को भेड़िया मानव के नाम से जाना जाना

दोस्तों सन 1500 ई के आस पास लोगों मनोविज्ञान और मनोरोग के बारे मे कोई खास जानकारी नहीं थी। इस वजह से जो लोग इंसानों को पकड़ कर उनको काट कर उनका मांस खा जाते थे । अक्सर  ऐसे लोगों को भेड़िया मानव के नाम से जान जाता था। और उनको मौत की सजाएं भी दी जाती ‌‌‌थी । नीचे हम ऐसी कई घटनाओं का उल्लेख कर चुके हैं।यह लोग रियल के अंदर भेड़िया मे नहीं बदलते थे ।

‌‌‌भेड़ियों की खाल का पहनना

दोस्तों प्राचीन काल के अंदर कुछ लोग भेड़ियों की खाल को भी पहन लेते थे । जिनको देखकर आसानी से यह समझा जा सकता था कि वे एक भेड़िया मानव हैं। ऑलहेडनार बर्सकर्स लड़ाकू थे, हालांकि वे भेड़ियों के बजाय भेड़ियों के कपड़े पहने थे ।इसी तरीके से प्राचीन काल के अंदर आपको अनेक ऐसे यौद्वाओं के चित्र मिल जाएंगे जोकि भेड़िया की खाल के पहने हुए थे । जिससे देखकर लगता है कि यह लोग अपने पदर्शन को बेहतर बनाने के लिए ऐसा करते थे ।

दफन लाशों को खा लेते थे भेड़िय

मध्ययूरोप के अंदर यह विचार तेजी से प्रचलित रहा कि भेड़िया मानव दफन की गई लासों को खा जाता था। हालांकि इस बारे मे ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी । लेकिन भेड़ियों की यह भी एक क्रिया थी। 19 वीं शताब्दी में एनलिस मेडिको-साइकोलॉजिक में  फेनोसेन्डियन वेयरवेम्स ‌‌‌शब्द का प्रयोग किया गया था। जिसका मतलब था ऐसी बूढ़ी औरते जोकि अपने पंजों के अंदर जहर लगाकर रखती थी और मेवेशियों और बच्चों को मार डालती थी।

‌‌‌भेड़िया मानव देखे जाने की रियल घटनाएं

दोस्तों भले ही आज हम इस बात पर यकीन ना करें कि भेड़िया मानव होता है। लेकिन इससे जुड़ी बहुत सी ऐसी रियल घटनाएं हैं। जिनके अंदर भेड़िया मानव  देखे जाने का दवा किया जाता रहा है। ‌‌‌वैसे इस बात का तो पता नहीं है कि यह घटनाएं कितनी सच्ची हैं ? और कितनी झूंठी हैं ?लेकिन आपको कम से कम रोमांच के लिए इन घटनाओं को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए।

1.# ‌‌‌भेड़िया मानव इंसान

‌‌‌16 वीं शताब्दी के अंदर एक बार डोल शहर के अंदर एक उदघोषणा सर्वाजनिक रूप से पढ़ी जाती थी कि लोगों को आतंकित किये जाने वाले इस मानव भेड़िया का अंत किया जाना चाहिए । ‌‌‌एक बार जब कुछ लोग जंगल के अंदर गुजर रहे थे तो उन्होंने एक बच्ची की चीख पुकार सुनी वे जंगल के अंदर गए तो देखा कि एक भेड़िया एक बच्ची को खा रहा था। लोग उस भेड़िय मानव से बच्ची को नहीं बचा सके । ‌‌‌उसके बाद गार्नियर के घर के आस पास एक 10 साल का लड़का गायब हो गया तो ।पुलिस को गार्नियर पर शक हुआ और उसे पकड़ कर ले गई। और उसने भेड़िया मानव होने की बात भी कबूली । हालांकि बाद मे लोगों ने इस भेड़िया मानव को जिंदा ही जला दिया था। ‌‌‌इस प्रकार का विवरण विकिपिडिया पर भी मिलता है।

2# ‌‌‌ग्रिफसवाल्ड

कुछ पुराने रिकोर्ड के अनुसार 1640 ई के अंदर जर्मन शहर भेड़िया मानव से काफी ज्यादा परेशान हो गया । इनकी संख्या इतनी अधिक हो गई कि यदि कोई मानव रात को घर से बाहर निकलता तो यह उसे खा जाते थे । लेकिन कुछ समय बाद जर्मन छात्रों ने निश्चिय किया की वे इन सब का अंत कर देंगे । उसके ‌‌‌बाद उन लोगों ने अनेक सस्त्र एकत्रित किये और फिर उन भेड़िया मानव पर आक्रमण करने को चल निकले । फिर क्या था । अधिकतर भेड़ियों को मार गिराया । उसके बाद वे लोग दुबारा रात के अंदर बाहर निकल सकते थे ।

3.#ansbach

‌‌‌सन 1685 ई के अंदर एएनएस का बवेरियन शहर भेड़ियों के आंतक से बहुत अधिक परेशान हो गया था।इस प्रकार की अफवाहें थी कि वह भेड़िया असल मे शहर का महापौर था। लोगों ने जब उस भेड़िय को मार दिया तो सही पाया कि वह एक इंसान ही था। बाद मे उस भेड़िय मानव को टाउन स्क्वायर के अंदर प्रदर्शित किया गया था।

4.# ‌‌‌पाविया

1541 ई के अंदर पाविया मे ईटली का एक किसान भेड़िय के रूप मे पकड़ा गया था। उसने कई लोगों के टूकड़े टुकड़े कर दिये थे । काफी मेहनत के बाद उस पागल को पकड़ा गया था। और उसे जेल के अंदर डालदिया गया। उसके शरीर के बालों की जांच करने के बाद पता चला की वह पूरी तरीके से मानव भेड़िया बन चुका है। ‌‌‌वह मांस के अलावा कुछ भी खाना पसंद नहीं करता था  । बाद मे उसे मौत की सजा सुनादी गई थी।

5.# ‌‌‌दानव दर्जी

यह दानव दर्जी काफी भंयकर था। 14 दिसंबर 1598 ई के अंदर इसको पेरिस की एक अदालत के अंदर पेश किया गया था। जहां पर उसको मौत की सजा सुनाई गई और उससे जुड़े सभी दस्तावेज को कोर्ट ने नष्ट करने का आदेश दिया । इसके अलावा उसका असली नाम भी छुपा लिया गया था। ‌‌‌दानव दर्जी भेड़िय के बारे मे यह कहा जाता है कि वह बच्चों को अपना शिकार बनाता और उसके बाद अपनी दुकान पर ले जाकर कुकर्म करता फिर उनका गला घोंट कर मार देता । अंत मे उनके टूकडे टूकड़े करके मांस खा जाता था।

‌‌‌वह जंगल के अंदर भी घूमता था । राहगिरों पर छलांग लगाकर उनको मार देता और उनका मांस भी खा लेता था। कुल मिलाकर वह पूरी तरीके से एक मानव भेड़िया था । उसके नाखून भी एक भेड़िय की तरह ही थे ।

6.# ‌‌‌क्लाडिया गेलार्ड

‌‌‌क्लाडिया गेलार्ड एक आत्मा थी जिसको हेनरी बोगेट के द्वारा परीक्षण के लिए लाया गया था। एक बार लोगों ने उसको एक पेड़ के पीछे बिना पूंछ का भेड़िया बनते देखलिया था। उसके बाद उस आत्मा को एक तांत्रिक के माध्यम से सजा दी गई थी।

7.# ‌‌‌जीन बोइन

‌‌‌1521 के अंदर एक जिज्ञासु जीन बोइन ने फिलाबर्ट , पियरे बॉरगेट ,मिशेल वर्दुल को एक स्पैसल तरीका सीखाया जिसकी मदद से वे इंसान के रूप से भेड़िय के अंदर बदल सकते थे ।

‌‌‌यह तीन लोग एक प्लान के तहत काम करते थे । एक बार जब एक व्यक्ति इनके ईलाके से गुजर रहा था तो दोनों मानव भेड़ियों ने उस व्यक्ति पर हमला कर दिया । उसके बाद उसने जैसे तैसे अपनी जान बचाई । और वहां से भाग गया । इस लड़ाई के अंदर भेड़ियों को भी चोटे आई थी। उसके बाद जब वह अपने घर के अंदर पहुंचा तो ‌‌‌उसे स्थानिए निवासी वरदुन मिला जो अपने घाव धो रहा था। उसके बाद उस व्यक्ति ने इस बात को आम मानते हुए पुलिस को सूचित किया । पुलिस ने जांच पड़ताल की तो तीनों के नाम आय और बाद मे उन तीनों ने स्वीकार किया कि वे ‌‌‌भेड़िया मानव का रूप लेते थे और इंसानों पर हमला करके उनका मांस खा जाते थे । ‌‌‌उसके बाद उन तीनों को तुरन्त ही मार डाला गया ।

8.# ‌‌‌फ्रांस

1603 ई के अंदर फ्रांस के गस्कनी के सेंट सेवर जिलों के अंदर भेड़िया मानव का आतंक इस कदर फैल चुका था कि लोग उसके नाम से ही परेशान हो जाया करते थे । छोटे छोटे बच्चों को उनके घरों से उठालिया जाता था और किसी को भनक तक नहीं लगती थी। ‌‌‌हालांकि यह भेड़िया कौन था इस बारे मे कोई ज्यादा पता नहीं चल सका ।

लेकिन एक तेरह साल की बच्ची ने बताया कि जब वह घर से बाहर मवेशी देखेने के लिए जा रही थी तो उसके हाथ मे एक सरिया था। उसने देखा कि सामने एक कुत्ते से भी बड़ा जानवर आ रहा है। वह बूरी तरीके से डर गई और भाग खड़ी हुई ‌‌‌। लेकिन उस जानवर ने उसका पीछा किया किसी तरीके से उस को घायल करके वह भाग आई और अपनी जान बचाने मे कामयाब रही । इसी तरीके से एक बच्चे ने दावा किया कि उसने एक ऐसे भेड़िय को देखा है जो इंसान जैसा दिखता है। और कई बच्चों को खा चुका है।

लाइकोन्थ्रॉपी  की मदद से बनते थे भेड़िया

लाइकोन्थ्रॉपी एक ऐसी कला होती है। जिसकी मदद से कोई भी इंसान भेड़िया बन सकता है। प्राचीन काल के अंदर लोग इसी पर बहुत अधिक विश्वास भी करते थे । और इस विधि की मदद से कई लोग भेड़िया मानव बनने का दावा भी करते थे । ‌‌‌लेकिन यह विधि कोई वैज्ञानिक विधि ना होकर जादू टोने से जुड़ी हुई थी।सबसे पहले सन 1448 ई के अंदर एक बच्चे खाने वाले भेड़िया के बारे मे रिपोर्ट किया गया था। उसके बाद 1595 और 1615 के दौरान फ्रांस में वेयरवोल्स के कई ग्रंथ लिखे गए थे ।

‌‌‌इसके अलावा किशोर वेयरवोल्फ को 1603 ई के अंदर भेड़िया बनने और इंसानों की हत्या करने के जुर्म मे सजा सुनाई गई थी। हेनरी बोगुएट ने 1602 में वेयरवोल्स के बारे में एक लंबा अध्याय लिखा था। वॉड, वेयरवोल्स को 1602 और 1624 में दोषी ठहराया गया था।

1653 में एक वॉउड पादरी ने एक ग्रंथ के अंदर यह कहा की इंसानों का भेड़िया के अंदर बदलना एक भ्रम था। उसके बाद 1670 ई के अंदर एक लड़के ने यह दावा किया कि वह और उसकी मां एक भेड़िया के अंदर बदल सकते हैं। लेकिन उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया गया ।

‌‌‌जैसा कि हम आपको उपर बता चुके हैं कि अधिकतर मानसिक रोगियों को भी भेड़िया मानव कहकर प्रचारित किया गया । पीटर स्टुम्प (1589 में), जर्मन किसान और कथित सीरियल किलर और नरभक्षी का मामला है। जिसे भेड़िया मानव के रूप मे जाना जाता है।

‌‌‌भेड़िया मानव बनने की कला

दोस्तों लाइकोन्थ्रॉपी को एक भेड़िया बनने की कला के नाम से जाना जाता है। वैसे इसके बारे मे ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन जो कुछ है उसे हम आपको बताने का प्रयास करते हैं।

  • ‌‌‌प्राचीन विधियों के अनुसार कपड़ों को हटाने के बाद एक स्पैसल प्रकार का बैल्ट लगाने से इंसान भेडिये के अंदर बदल जाता है। जैसा कि आपने फिल्मों के अंदर देखा होगा ।
  • ‌‌‌जानवर की त्वचा को धारण करने से इंसान भेड़िया के अंदर बदल जाता है। अक्सर ऐसा कई जगहों पर वर्णित किया गया है।
  • ‌‌‌इसके अलावा शरीर पर एक चादूई नमक रगड़ने से भी इंसान भेड़िया बन जाता है।
  • ओलास मैग्नस का कहना है कि लिवोनियन वेयरवेम्स को विशेष रूप से तैयार बीयर के एक कप को सूखाकर और एक सेट फॉर्मूला दोहराकर इंसान भेडिया मे बदल सकता है।
  • इटली, फ्रांस और जर्मनी में, यह कहा गया था कि एक पुरुष या महिला एक वेयरवोल्फ में बदल सकता है यदि वह एक निश्चित बुधवार या शुक्रवार को, गर्मियों की रात को पूर्णिमा पर सीधे उसके चेहरे पर चमकता है।
  • द वेयरवोम्स “, रिचर्ड वेरस्टेगन   1628 के अंदर इंसान के भेड़िया के अंदर बदलने का एक और तरीका बताया गया है। इसके अनुसार इसके लिए शैतानी अनुष्ठान को पूर्ण करना होता है। और जानवरों का मांस खाना होता है।

‌‌‌कुछ जगहों पर लिखा मिलता है कि एक विशेष करधनी  को पहनने से इंसान एक भेड़िया जैसा बन जाता है। इस वजह से जादूगर इसका प्रयोग करते हैं। प्राचीन काल के अंदर जादूगर दूसरे भेड़ियों के आंतक से खुद को बचाने के लिए इस तरीके का प्रयोग करते थे ।

‌‌‌इस तरह की जादूई ताकतों के लिए कुछ विद्वानों ने जादूगरों और संतों को भी इसके लिए जिम्मेदार माना था।सेंट पैट्रिक ने कहा था कि वेल्श राजा वेरिटिकस को एक भेड़िया में बदल दिया है; नतालिस ने माना  कि एक शानदार आयरिश परिवार को मार दिया था जिसके सदस्य सात साल से एक भेड़िये के रूप में थे।

लाइकेनथ्रोपी का उपचार

प्राचीन काल के अंदर लाइकेनथ्रोपी के उपचार के लिए कई प्रकार की विधियों का प्रयोग किया जाता था।रोमन लोग इसके लिए थकावट के सिद्वांत का प्रयोग करते थे । उनका मानना था कि ऐसा करने से मल का शुद्वि कर किया जा सकेगा । मध्ययुगीन यूरोप में के अंदर  वेर्फोल्फिज़्म के शिकार को ठीक करने के लिए 3 प्रमुख विधियों का प्रयोग किया जाता था।ओषधिये रूप से , शल्य चिकित्सा और भूत भगाने का तरीका ।हालांकि इन लोगों के द्वारा उपयोग किये हुए कई उपचार रोगियों के लिए घातक सिद्व हुए । अरबी मूल का एक सिसिलियन विश्वास ‌‌‌है कि वेयरवोल्फ के माथे पर चाकू से प्रहार करने पर यह ठीक हो जाता है। इसके अलावा वेयरवोल्फ के नाखूनों पर चाकू से प्रहार करने से भी ठीक हो जाता है।

‌‌‌भेड़िया मानव से जुड़े अनोखे विश्वास

  • ‌‌‌19 वीं शताब्दी के अंदर यूनानियों का यह मानना था कि यदि मानव भेड़िया की लाशें नष्ट नहीं हुई तो वे वापस इंसानी जीवन के अंदर आ जाएंगी । ‌‌‌जोकि युद्व के मैदानों के अंदर थे और मरते हुए सैनिकों का खून पीते थे ।
  • जर्मनी, पोलैंड और उत्तरी फ्रांस के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में, यह माना जाता था कि नश्वर पाप में मरने वाले लोग खून पीने वाले भेड़ियों के रूप में वापस आ गए।
  • हंगेरियन लोककथाओं में, वेयरवोल्स ट्रांसडानूबिया के क्षेत्र में विशेष रूप से रहते थे। ‌‌‌यहां पर यह माना जाता था कि भेड़िया के अंदर बदलने की क्षमता शिशु के अंदर प्राप्त हो जाती है। जबकि वे एक शाप के द्वारा पीड़ित होते हैं। मान्यता के अनुसार जब यह बच्चे 7 साल के हो जाते हैं तो भेड़िया मानव के अंदर बदलकर रात को जंगल मे शिकार खेलने के लिए जाते हैं। शाप तब भी प्राप्त किया जा सकता है जब वयस्कता में व्यक्ति एक जंगली गुलाब की रीढ़ की मदद से बर्च से बने एक आर्क के माध्यम से तीन बार गुजरता है। वहां पर यह भी मान्यता है कि बच्चे के सर पर एक विशेष प्रकार का निशान होना यह बताता है कि बच्चे मे भेड़िया मे बदलने की क्षमता है।
  • अर्मेनियाई विद्या के अनुसार जो महिलाएं पाप कर्म करती हैं उनको 7 साल भेड़िया के रूप मे बितानी पड़ती है। और एक ताकतवर आत्मा उनको भेड़िया की खाल पहनने का आदेश देती है।ऐसी महिला अपने आस पास के लोगों को खा जाती है और रात के अंदर भटकती है। ‌‌‌जब सुबह होता है तो वह वापस मानव के रूप मे प्रकट हो जाती है।

डमारचस रियल भेड़िया मानव

डेमेनेटस , परहसिया (अर्काडिया) का एक विजयी ओलंपिक मुक्केबाज था ,जोकि लाइका के त्योहार पर अपना आकार एक भेड़िया के रूप मे बदल लिया था। जिसके बारे मे यह कहा जाता है कि वह 10 साल तक मानव भेडिया के रूप मे रहा था। उसके बाद वापस इंसान बन गया । ‌‌‌लाइका त्यौहार पर एक बच्चे का बलिदान दिया गया और उसके बाद डामरकुस एक भेड़िया के अंदर बदल गया । मान्यताओं के अनुसार यदि वह मांस का सेवन करलेगा तो हमेशा से ही भेड़िया बना रह जाएगा । और यदि मांस का सेवन नहीं करेगा तो 10 साल बाद अपने आप ही मानव बन जाएगा । ‌‌‌इस कहानी को कहानी को प्लेटो की कृति, द रिपब्लिक में संक्षेप में बताया गया है।

‌‌‌क्या भेड़िया मानव सच मे होता है ?

दोस्तों अब तक हमने कई चीजों के बारे मे जाना लेकिन अभी भी एक प्रश्न है जिसका उत्तर शायद बहुत से लोग जानना चाहते हैं। तो दोस्तों यदि प्रमाणों की माने मो भेड़िया मानव सच मुच मे नहीं होता है। वरन वह एक आम इंसान के जैसा होता है।‌‌‌लेकिन उसका दिमाग एक आम इंसान से बहुत अलग हो जाता है। उसका शरीर तो इंसान का होता है। लेकिन इसका दिमाग भेडिया का हो जाता है। यदि हम प्राचीन सत्य घटनाओं का विश्लेषण करेंगे तो पता चलेगा कि इंसान ही भेडिये मानव थे जिनको कुछ तांत्रिक क्रिया करके भेडिया जैसा बना दिया गया था। जोकि अपने आप मे कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनका पूरा शरीर ही भेड़िया बन गया था।

‌‌‌तो दोस्तों आप मान ही चुके होंगे की भेड़िया मानव असली मे होता है। भले ही आज वो तंत्र क्रियाएं विलुप्त हो गई हो । लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि भेड़िया मानव महज एक कल्पना था। भेड़िया मानव एक तंत्र क्रिया का गलत प्रयोग था।

‌‌‌सन 603 के अंदर फ्रांस जीन गेनियर को इस इल्जाम के अंदर अरेस्ट कर लिया गया था । क्योंकि उसने भेड़िया बनकर कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। जब उससे पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया तो उसने बताया कि उसे किसी ने एक भेड़िया कि  ‌‌‌खाल दी थी। जिसको पहनने के बाद अचानक से उसका मन लोगों को मारने और मांस खाने को करने लगा था। इसी तरीके की दूसरी घटना ‌‌‌15 वीं शदी के अंदर जाइल्स ग्रानियर नामक एक व्यक्ति को बच्चों का कत्ल करने और उसके बाद उनका मांस खाने के आरोप मे अरेस्ट कर लिया गया था। उसके बाद पुलिस ने उससे पूछा तो उसने बताया कि  किसी ने उसको एक लेप दिया था । जिसको शरीर पर लगाने के बाद वह भेड़िया बन गया था।

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This post was last modified on May 6, 2019

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