दोस्तों कृष्ण और राधा दो ऐसे नाम हैं जिनको कोई अलग नहीं कर सकता है। भगवान कृष्ण और राधा का नाम हमेशा एक साथ आता है। और हमेशा ही एक साथ आता रहेगा ।कृष्ण के भगत भी राधे कृष्ण एक साथ नाम से पुकारते हैं।कृष्ण का नाम राधा के नाम के बिना अधुरा सा लगता है। लेकिन सही मायने मे बहुत से लोगों को यह पता नहीं है कि राधा की श्रीकृष्ण के साथ शादी हुई थी या नहीं ? राधा और श्रीकृष्ण दोनों की मूर्ति आपको हर जगह पर मिल जाएगी । आप व्रंदावन के अंदर जाकर देखेंगे तो आपको वहां पर राधा और श्रीकृष्ण की कई मूर्तियां मिल जाएंगी । बहुत कम जगह पर श्रीकृष्ण अकेले की मूर्ति दिखाई देती है।
Table of Contents
भगवान होकर भी राधा को नहीं अपना सके god not make here own radha
यह बात सच है कि कृष्ण भगवान थे । उन्होंने बड़े बड़े राक्षसों का वध किया था । और भगवान तो कुछ भी कर सकता है। राधा और कृष्ण दोनों के बीच अदभुत प्रेम था । लेकिन उसके बाद भी कृष्ण राधा से शादी नहीं कर सके ? यह बात समझ मे नहीं आती है। वास्तव मे कृष्ण की वजह से राधा को बहुत कुछ सहना पड़ा कृष्ण पुरूष थे और वैसे भी पुरूष प्रधान समाज मे स्त्री की कोई इच्छा नहीं होती है। राधा को कृष्ण के मथुरा चले जाने के बाद उनकी याद मे दिन गुजारने पड़े ।
इन्हें कोई जुदा नहीं कर सकता Can not separate them
राधा का जन्म क्ष्रीदामा और राधा ने एक दूसरे के शाप की वजह से हुआ था । राधा वैसे एक गौकुल की देवी थी । बाद मे श्रीकृष्ण ने राधा से कहा था कि तुम धरती पर मेरी प्रियसी के रूप मे जन्म लोगी । और हमेशा मेरे आस पास रहोगी । और जिस इंसान से तुम्हारा विवाह होगा वह भी मेरा ही अंश होगा । लेकिन राधा और कृष्ण धरती पर दो ऐसे नाम हैं जिनको कोई भी जुदा नहीं कर सकता है। यह हमेशा से ही जुड़े रहेंगे ।
राधा को कृष्ण मथुरा छोड़कर चले गए Radha left by Krishna from Mathura
जब कृष्ण व्रंदावन के अंदर रहते थे तो वहां पर खुशियां ही खुशियां आती रहती थी । उनका पूरा बचपन व्रंदावन की गलियों के अंदर ही बीता था । अन्होंने अपनी बांसूरी की धुन से अनेक गोपियों का दिल जीता । लेकिन सबसे ज्यादा उनको राधा पसंद थी और राधा को भी कृष्ण पसंद थे।
राधा रेपल्ली नामक गांव के अंदर रहती थी । और वहां से रोज कृष्ण से मिलने के लिए चली आती थी । कृष्ण भी राधा से मिलने को आतुर रहते थे ।
कृष्ण भी राधा से मिलने के लिए कई बार उनके गांच चले जाते थे । जब बांसूरी की तान के अंदर सब गोपियां मग्न हो जाती तो कृष्ण चुपके से राधा से मिलने चले जाते थे । लेकिन धीरे धीरे वह समय निकट आ गया । जब कृष्ण को मथुरा जाना था ।
सभी लोग हुए उदास All sad
कृष्ण के जाने का समाचार जब लोगों को मिला तो पूरे व्रंदावन के लोग उदास हो गए । गोपियों ने तो यहां तक सोच लिया कि वे कृष्ण के चारो ओर घेरा बनाकर बैठ जाएंगी और कृष्ण को जाने नहीं देगी । उधर कृष्ण ने भी सोचा की जाने से पहले एक बार राधा से तो मिल लें । वे राधा से मिलने गए । राधा काफी उदास थी । और उनकी आंखों से आंसू भी बह रहे थें । उन्होंने जल्दी आने को बोला और चल दिए ।
कृष्ण के जाने के बाद राधा After leaving Krishna, Radha
इंसान को तो इंसान के सारे फर्ज भी पूरे करने होंते हैं। कृष्ण के जाने के बाद राधा कुछ दिन तो उनकी याद मे बिताए । वह हमेशा कृष्ण से भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई थी । और इस वजह से उनको कृष्ण के जाने का दुख भी हुआ था । कृष्ण के जाने के बाद राधा पर उसके माता पिता के दबाव डालने पर राधा को विवाह करना पड़ा । लेकिन जिस इंसान से राधा ने विवाह किया था । वह भी भगवान विष्णु का ही अंस था । उसके बाद राधा अपनी घर ग्रहस्ती के अंदर डूब गई। समय बिता साल बिता और इस तरह से राधा व्रद्व हो गई। लेकिन अभी भी राधा के दिल मे कृष्ण के प्रति अपार प्रेम था । उसके बाद वह एक दिन घर से भाग गई और द्वारका नगरी जा पहुंची ।
वहां पहुंचकर उन्होंने कृष्ण से मिलने का निवेदन किया । लेकिन पहली दफा के अंदर यह संभव नहीं हो सका । लेकिन बाद मे उन्हें कृष्ण से मिलने का मौका मिल गया । और कृष्ण ने उनको महल की सेविका के रूप मे नियुक्त किया । वह दिन के अंदर महल के काम काज देखती । और मौका पाकर कृष्ण के दर्शन करलेती ।
कैसे हुआ राधा का इंतकाल How did Radha death
बढ़ती उम्र के साथ राधा के मन मे कृष्ण से दूर जाने का भय सताने लगा । और यह भय बढ़ता ही चला गया । और एक दिन वह महल से निकल गई। उसे खुद पता नहीं था कि वह कहां पर जा रही है। लेकिन वह बस चली जा रही थी । और कृष्ण को याद कर रही थी । कृष्ण तो भगवान थे वे सब कुछ जानते थे वे राधा के सामने प्रकट हुए और बोले तुम जो चाहो मांग सकती हो । अब राधा का अंतिम समय आ चुका था । राधा ने कुछ नहीं मांगा बस वह कृष्ण की मधुर बांसुरी की धुन सुनना चाहती थी । कृष्ण ने बांसुरी बजाई और राधा ने प्राण त्याग दिये । उसके बाद कृष्ण ने बांसुरी तोड़कर दूर फेंक दी ।