पूराने जमाने की बात है। दो दोस्त एक मोबाइल कम्पनी के अंदर काम करते थे । तब मोबाइल तक लोगों की बहुत कम पहुंच थी। कम्पनी ने दोनों को ऐसी जगह पर मोबाइल बेचने के लिए भेजा जहां पर कोई मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता था।
पहला दोस्त एक गांव के अंदर गया और वहां के लोगों से बोला कि मोबाइल खरीदो । इसकी मदद से आप अपनो के साथ जुड़ सकते हैं। उसने काफी प्रयास किया किंतु एक भी मोबाइल बेचने मे कामयाब नहीं हुआ और वापस चला आया । दूसरा दोस्त उसी जगह पर गया । और पहले दिन तो वह लोगों को इसके बारे मे जानकारी देता रहा ।
किंतु एक भी मोबाइल नहीं बेच सका किंतु वह जानता था कि उसके सारे मोबाइल यहां पर जरूर बिकेंगे । दूसरे दिन वह फिर लोगों को मोबाइल प्रयोग करना सिखाया । उसके कुछ मोबाइल बिक गये । इस तरह से कुछ दिनों के बाद लोगों मे उसके मोबाइल की मांग बहुत अधिक तेज होगयी ।
दोस्तों इस कहानी को बताने का मकसद यह कि यदि आपकी सोच सकारात्मक है तो क्या नहीं हो सकता । पहला दोस्त जल्दी ही निराश हो गया । इसलिए मोबाइल बेचने मे असफल रहा । जबकि दूसरे दोस्त को यह विश्वास था कि वज मोबाइल बेच सकता है। उसने प्रयास किया और कामयाब हुआ । जिंदगी के अंदर वे ही लोग कामयाब
होते हैं जोकि निरंतर सकारात्मक सोच के साथ प्रयास करते हैं।