अधजल गगरी छलकत जाय जैसे मुहावरो का प्रयोग हम बचपन मे करते आए हैं। हिंदी के अंदर इन सब चीजों का बहुत अधिक महत्व है। इस लेख के अंदर हम आपको अधजल गगरी छलकत जाय का अर्थ , अधजल गगरी छलकत जाया का वाक्य मे प्रयोग करना सीखाएंगे ।यदि आप किसी भी एग्जाम वैगहर ही तैयारी कर रहे हैं तो भी मुहावरे आपके लिए महत्वपूर्ण होते हैं। और आपको इनके बारे मे पूरी जानकारी होनी चाहिए । ताकि आप किसी भी मुहावरे को आसानी से हल कर सके ।
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अधजल गगरी छलकत जाय का अर्थ
सबसे पहले हम इसका मतलब जान लेते हैं दोस्तों । इसका अर्थ है अधजल गगरी मतलब आधा भरा हुआ घड़ा , छलकतजाय मतलब छलकता है। आधा भरा हुआ घड़ा छलकता है। इसका सम्पूर्ण अर्थ यही है। आप किसी भी घड़े को आधा भरकर लेकर आओगे तो वह अधिक छलकेगा । अब यह सत्य है । तो इस कथन को दूसरे संदर्भ मे लागू कर दिया । जैसा कि अक्सर मुहावरों के अंदर और कहावतों मे होता है। जैसे आधा ज्ञान वाला इंसान बहुत घमंड करता है। लेकिन वास्तव मे यह सत्य नहीं है। बस ऐसा माना जाता है।
अधजल गगरी छलकत जाय का वाक्य मे प्रयोग
दोस्तों जरूरी नहीं है कि इसका वाक्य मे प्रयोग वहीं करे जो कि बुक के अंदर दिया हुआ है। आप कोई भी वाक्य मे प्रयोग कर सकते हैं।
- जैसे महेश को ढंग से लिखना भी नहीं आता है और बोल रहा है 70 प्रतिशत मॉर्क्स एग्जाम के अंदर लेकर आएगा । महेश पर यह बात सटीक बैठती है। अधजल गगरी छलकत जाए ।
- रीता को कपड़े पहनने का पता भी नहीं है लेकिन कपड़ों के बारे मे ऐसे बात करती है जैसे एक फैसन डिजाइनर हो । सही है रीता तो अधजल गगरी छलकत जाए है।
मतलब आप कोई भी उदाहरण पेश कर सकते हैं। जिसके अंदर एक व्यक्ति किसी बात की ज्यादा शेखी बघारता है। लेकिन असल मे वह नॉलेज के मामले के अंदर जीरो है। बस यही एक कंडिशन को ध्यान मे रखे । आपको असंख्य वाक्य मे प्रयोग कर सकते हैं।
अधजल गगरी छलकत जाय कहानी
दोस्तों कई बार मुहावरों पर भी कहानी लेखन देदिया जाता है। तो हम आपको बताते हैं। कि आप किस तरीके से लिख सकते हैं।
एक गांव के अंदर दो पंड़ित रहते थे । एक का नाम गमलू और दूसरे का नाम शमलू था। दोनों काफी अच्छे थे । लेकिन दोनों की आपस मे बिल्कुल भी नहीं बनती थी। इसकी वजह थी की गमलू काफी अच्छा इंसान था। इसके विपरीत शमलू अच्छा नहीं था। उसे बस हमेशा कुछ ना कुछ गलत करने की आदत थी।
एक बार गांव के अंदर एक महात्मा आए हुए थे । दोनों महात्मा के पास पहुंच गए । और गमलू महात्मा के पैरों मे गिरकर बोला …. हे महात्मा जी आप मुझे अपने शिष्य के रूप मे स्वीकार करने की क्रपा करें । महत्मा जी ने उसको अपने शिष्य के रूप मे स्वीकार कर लिया ।
लेकिन शमलू को यह अच्छा नहीं लगा और वह जोर से चिल्लाया और बोला ……..कौन है पाखंड़ी तू यहां पर कहां से आया है ? चल भाग यहां से ? और यदि तू खुद को सच्चा संत समझता है तो चल मेरे साथ शास्त्रार्थ कर ।
महात्मा ने उसकी ओर देखा और बोला . हे मूर्ख पंड़ित मैं तेरे साथ शास्त्रार्थ करूंगा । लेकिन यदि तू हार गया तो मैं जो कहूंगा क्या तू वो करने को तैयार है ?
उसके बाद पड़ित बोला ….. हां मैं करूगा । लेकिन यदि मैं जीत गया तो तू मेरे चरणों का पानी पीयेगा ।
………… हां मुझे मंजूर है।
उसके बाद दोनों ओर शास्त्रार्थ होने लगा । लेकिन कुछ ही मिनट बाद पंड़ित महात्मा से परास्त हो गया । और बोला मान गया आप सचमुच महान हैं। उसके बाद वह बोला बोलो अब मुझे क्या करना होगा ?
उसके बाद महात्मा ने कहा ……… तू तो अधजल गगरी छलकत जाय की तरह है। आधा ज्ञानी है तू जो अपने आधे ज्ञान का घमंड करता है।अपने इस घमंड को छोड़दे बस मैं यही चाहता हूं।
इसी तरीके से आप कोई और कहानी भी लिख सकते हैं। जिसके अंदर अधजल गगरी को बहुत अच्छे तरीके से डिफाइन किया गया हो । दोस्तों वैसे कहानी लिखना काफी ईजी तरीका है। आप बना कर लिख सकते हैं।यदि आप एग्जाम के अंदर रटेंगे तो फिर सही ढंग से कभी नहीं लिख पाएंगे ।
अधजल गगरी छलकत जाय पर निबंध
वैसे आजकल हर इंसान के अंदर अधजल गगरी छलकत जाय जैसा कुछ होता है। और वैसे भी विद्वान लोग कहते हैं कि कम ज्ञान वाले व्यक्ति बहुत अधिक घमंड करते हैं। उनका परिचाय अधजल गगरी छलकत जाए से ही है।और एक तरह से इसका अर्थ है बिना सत्य के ज्ञान वाले व्यक्ति घमंड़ी हो जाते हैं। आप आज किधर मे देख लो आपको दिखावा करते हुए लोग मिल जाएंग कोई दूसरों को मार रहा है , कोई किसी की जमीन हड़प रहा है। कोई कुर्सी के लिए कुछ भी करने को तैयार है।मतलब लोग यह नहीं जानते हैं कि हम इस दुनिया के अंदर कुछ समय का मेहमान बनकर आए हैं। और हमे अच्छे कर्म करना चाहिए । मतलब उनको सत्य का नॉलेज नहीं है। उन्हें ज्ञान नहीं है। यह कुर्सी , यह जमीन , पैसा सब कुछ यहीं पर पड़ा रह जाएगा ।
यह सब आजकल पूरी दुनिया के अंदर हो रहा है। जैसे जैसे समय अपनी गति से आगे बढ़ रहा है।इंसान अधिक सुख सुविधाएं प्राप्त करने के लिए संवेदनशील होते जा रहें । यह सब बुरी बात नहीं है। लेकिन किसी पाप को करके अपना स्वार्थ सिद्व करना ही अधजल गगरी छलकत जाए सिद्व करना जैसा है।
दोस्तों इस तरीके से आप चाहे तो कोई भी लेख बना कर लिख सकते हैं। यदि आप के एग्जाम के अंदर पूछा जाता है तो । और यदि आपको अपनी होमवर्क की कॉपी के अंदर यह लेख लिखने के लिए दिया गया है तो आप उपर का लेख लिख सकते हैं। यदि आपको ज्यादा बड़ा लेख चाहिए तो नीचे कमेंट करें ।
500 word me chahiye
दीदी आप 500 वर्ड बहुत आसानी से लिख सकती हैं। आपको निंबंध मे 500 वर्ड चाहिए या कहानी के अपनी कमेंट को थोड़ा विस्तार से लिखें । यदि आपको 500 वर्ड के अंदर निंबंध लिखना है तो आप कुछ पॉवाइट बना कर लिख सकती हैं। रियल लाइफ के अंदर कुछ उदाहरण दे सकती हैं। जो कि इस कहावत को चरितार्थ करते हों ।