आज विज्ञान का युग है। और निरंतर नई नई खोजे हो रही हैं। आपने पिजा डिलिवरी करने वाले रोबोट के बारे मे तो अवश्य ही सुना होगा जो अपने आप ही पिजा की डिलीवरी करता है। लेकिन अब ऐसा ट्रक भी मार्केट के अंदर आने वाला है । जिसे चलाने के लिए किसी ड्राईवर की जरूरत नहीं होगी । वरन रोबोट ट्रेक्टर को चलाएगा । हालांकि यदि ऐसा हो जाता है। दुनिया के अंदर करोड़ों ट्रक चलाने वाले ड्राईवरों का क्या होगा ।
यह ट्रक 5 से 10 साल के अंदर मार्केट के अंदर आ सकते हैं। इस ट्रकों का कम्पनिया परिक्षण कर रही हैं।सैन फ्रांसिस्को कंपनी ओटो इस तरह के ट्रकों को बना रही है। यह अभी परिक्षण के प्रारम्भिक दौर के अंदर हैं।
हांलाकि कुछ लोगों का कहना है कि स्वयं ड्राईविंग ट्रक ज्यादा सफल नहीं हो सकते । क्योंकि ट्रक को चलाने के लिए जो रोबोट सिस्टम काम मे लिया जाएगा । वह इंसान के जितना समझदार नहीं हो सकता । और दूसरी बात सड़क सुरक्षा मे भी चुक हो सकती है। यदि मशीरनरी के अंदर कोई खराबी आ जाएगी तो यह ट्रक
तबाही मचा सकते हैं। जब की ड्राईवर वाले ट्रक काफी बेहतर ढंग से काम करते हैं। क्योंकि इंसान काफी विवेक पूर्ण निर्णय ले सकता है। दूसरी बात यदि ऐसा होता है तो भी बिना ड्राईवर के ट्रक को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता क्योंकि बहुत सी चीजे ऐसी होती हैं। जोकि एक मशीनरी खुद नहीं कर सकती ।
कई बार ट्रक के अन्य हिस्सों के अंदर खराबी आ जाती है। हांलाकि वो मामूली दिक्कत होती है तो ड्राईवर उसे आसानी से संभाल लेता है जबकि बिना ड्राईवर वाले ट्रक यदि कही पर खड़ा हो गया तो वहीं खड़ा रहेगा । उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं होगा ।
हांलाकि समय के साथ टेक्नॉलाजी के विकास के साथ सारी चुनौतियां भी खत्म हो जाएंगी।
ओटो को 2016 की शुरुआत में एंथोनी लेवंंडोस्की ने स्थापित किया था। पीछले दिनों 200 किलोमिटर तक ट्रक को चलाया गया था । जबकि इस ट्रक का ड्राईवर इसके पीछे टेक्सी के अंदर बैठा था। हांलाकि इस ट्रक को हाईवे पर चलाया गया था । क्योंकि यह तकनीकी छोटे शहरों के अंदर काम नहीं करती।
ओटो कम्पनी के एक ड्राईवर बताते हैं कि अभी भी टेक्नॉलाजी का विकास पूरी तरह से नहीं हुआ है। सेल्फ ड्राईविंग ट्रक के साथ अनेक समस्याएं है। कई बार सड़क पर मिटटी का ढेर आ जाता है। तो खुद ड्राईवर को ही ट्रक को कंट्रोल करना पड़ता है।
दुर्घटनाओं मे कटौती का प्रयास
अकेलें अमेरिका के अंदर दुर्घटनाओं के अंदर 4000 लोग मारे जाते हैं। और यही एक लाख लोग घायल हो जाते हैं। यह सभी दुर्घटनाएं चालक की छोटी मोटी गलतियों की वजह से होती है। क्योंकि लगातार 14 घंटे तक ट्रक चलाना काफी तनावपूर्ण होता है। ड्राईंवरों की इस समस्या को दूर करने के लिए सेल्फ ड्राईविंग ट्रक मदद कर सकता है। हालांकि अभी पता नहीं यह दुर्घटनाओं को रोकेगा या बढ़ाएगा।
सेल्फ ड्राईविंग ट्रक के विकास मे अभी भी बहुत सी समस्यांए हैं। जिनको हल किया जाना बाकी है। ताकि ट्रक भीड़ भाड़ वाले इलाकों के अंदर और डेंजर जगहों पर भी आसानी से काम कर सके।