दोस्तों आपने बहुत बार ऐसे जादूगरों को भी देखा होगा जो धधकते आग के गोलों पर चलते हैं। और उनको खंरोच तक नहीं आती है। वे ऐसा कैसे करते हैं? आग पर चलने का जादू क्या है ? इस बारे मे हम आपको इस लेख के अंदर बताने वाले हैं। यदि आप भी आग पर चलने का रहस्य जान लेते हैं तो आप भी आसानी से आग पर चलने का जादू कर सकतें हैं। आग पर चलने की परम्परा भी बहुत से लोगों के अंदर है। कई जगहों पर तो आग पर चलने की प्रथाएं भी हैं। और महिलाएं भी इन प्रथाओं को बखूबी निभाती हैं। देखने वाले इसको देखकर आश्चर्य चकित रह जाएं ।
राँची में उराँव तथा मुण्डा जाति के लोगों के अंदर अंगारों पर चलने की प्रथा है। जिनको देखकर बहुत से लोग आश्चर्य के अंदर पड़ जाते हैं। जब उन लोगों से पूछा गया कि इसका रहस्य क्या है ? तो वे इसको ईश्वर से जोड़ते हैं।
दक्षिण भारत के चिंगलपेट जिले के अंदर उत्सव के समय बहुत से लोग अंगारों पर चले थे । यह अंग्रेजों के समय की बात है।तब अंग्रेज यह देखकर आश्चर्यचकित रह गए कि यह सब कैसे हुआ ? उसके बाद लंदन के वैज्ञानिकों ने इसकी जांच के लिए एक टीम भी घटित की थी । उसने आग पर चलने वाले लोगों के पैर भी जांचे थे ।लेकिन जलने का का कोई निशान नहीं मिला था ।
भारतीय अहमद हुसैन ने भी वैज्ञानिकों के समक्ष प्रस्तुत होकर आग पर चलकर दिखाया था ।उसके साथ अंग्रेज भी चले थे । उस वक्त अंगारों का तापमान बहुत अधिक था।
इंडोनेशिया (सुमात्रा) , मिस्र जैसे देशों के अंदर कुछ लोग ऐसे हैं। जिनके अंदर देवता आते हैं। वे अपना मुंह अंगारों से भर लेतें हैं। उसके बाद भी उनको एक सिकन तक नहीं आती है। वे हाथों से भी अंगारों को पकड़ लेते हैं।
अमेरिका के अंदर दक्षिण समुद्र के बोरा बोरा द्वीत है। वहां पर आग पर चलने का कार्यक्रम आयोजित होता है। इस कार्यक्रम के अंदर बहुत से स्त्री पुरूष शामिल होते हैं। वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार तेज आग के अंदर जब वैज्ञानिक उन लोगों के साथ प्रवेश किये तो उनके पैरों को पता नहीं क्यों जल महसूस नहीं हुई। इसका रहस्य क्या था कोई नहीं जान पाया ।
रिचर्ड मार्टिन ने दक्षिण प्रशान्त महासागर के टाहिटी नामक टापू के अंदर हुई एक घटना का उल्लेख अपनी बुक के अंदर किया । उसके अनुसार इस टापू पर रहने वाले लोगों ने एक गहरा गढ़ा खोदा उसके बाद उसके अंदर कोयले जलाए और जब कोयले गहर लाल हो गये तो एक एक करके आग पर से चलते गए और फिर उसी रस्ते से वापस आ गए ।
यूनान के अंदर अग्नि नृत्य आज भी देखने को मिल जाता है। यहां पर आइयाएलोनी नामक गाँव है। जिसके अंदर यह अग्नि नृत्य किया जाता है।यहां प्रतिवर्ष उत्सव आयोजित होता है। और अंतिम दिन इसका समापन आग पर चलने के साथ ही होता है।यह लोग तब तक आग पर नाचते हैं। जब तक की आग राख के ढेर के अंदर ना बदल जाए ।
कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि आग पर चलने का कोई विशेष तरीका होता है। और वह तरीका यदि आपको पता है तो आप आसानी से आग पर चल सकते हैं।
आग पर चलने का जादू कैसे करें ?
दोस्तों वैसे तो आग पर चलने के कई तरीके हो सकते हैं। लेकिन अभी तक जो तरीका हमारी जानकारी के अंदर है। वह हम आपको बता देते हैं। यदि कोई और तरीका हमारे हाथ लगेगा तो वह भी हम आपको बाद मे बतादेंगे ।आग पर चलने के लिए आपको दो चीजों की आवश्यकता होगी 25 ग्राम नौसादर और 20 ग्राफ काफूर लेलें । और उसके बाद इनको बारीकी से पीस कर अपने पैरों पर मललें आपके पैर आग पर चलने के बाद भी नहीं जलेंगे । ध्यान दें केवल कोयलों पर ही चलें । महिन राख के अंदर ना चलें यह आपकी सुरक्षा के लिए है। दूसरी बात यह तरीका वास्तव मे काम करता है इसका मेरे पास कोई सबूत नहीं है। आप अपने स्तर पर ट्राई करें ।
यह केवल विज्ञान का चमत्कार
बहुत से लोगों को लगता है कि आग पर चलना कोई तांत्रिक क्रिया है। और इसे केवल कोई तांत्रिक ही कर सकता है । तो आपको बतादूं कि यह केवल विज्ञान का चमत्कार है। बस और कुछ नहीं है। जिसको कोई भी कर सकता है। यदि आप भी इस चमत्कार को करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। उपर दिया हुआ तरीका यूज करें । यदि आपको कोई समस्या हो रही है तो नीचे कमेंट करें ।
This post was last modified on November 1, 2018