आधा सिर दर्द को माईग्रेन भी कहा जाता है। यह आमतौर पर कई बार हो जाता है। इसके अंदर सिर के एक हिस्से के अंदर तेज दर्द होता है। जबकि दूसरे हिस्से के अंदर कोई दर्द नहीं होता है। ऐसा लगता है कि सिर का एक हिस्सा फट जाएगा । हालांकि आधा सिर दर्द का वैसे कोई ईलाज नहीं है। कई बार यह अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन अधिक समय तक आधे सिर का दर्द होना खतरनाक हो सकता है।
एक शोध के अनुसार पुरूषों की तुलना मे यह महिलाओं को तीन गुना अधिक होता है। कुछ लोग रोज होने वाले आधे सिर दर्द को सामान्य सिर दर्द समझते हैं। और इसका कोई ईलाज भी नहीं कराते हैं। जिसकी वजह से यह बाद मे गम्भीर बन जाता है।
कई बार आधे सिर के अंदर दर्द सर पर चोट लगने की वजह से भी पैदा हो जाता है।
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माईग्रेन को मेडिकल भाषा के अंदर दो प्रमुख प्रकारों के अंदर बांटा गया है
Aura
20 प्रतिशत से 25 प्रतिशत माइग्रेंन के साथ इस प्रकार के लक्षण होते हैं। जिसको Aura कहा जाता है।
दृश्य परिवर्तन जैसे चंचल रोशनी, स्पॉट या रेखाएं, दृष्टि का नुकसान
संवेदी: शरीर में सुन्नता, झुनझुनी, या पिंस-और-सुइयों की भावना।
भाषण: शब्द बोलने या समझने में कठिनाई
Ataxia.
एक प्रकार का माइग्रेन जिसे बेसरर माइग्र्रेन कहा जाता है,जो चलने और बात करने की आपकी क्षमता को प्रभावित करता है। एक अध्ययन में, जिनके लक्षणों के बारे में मूल माइग्रेन वाले लोगों से पूछा गया, 5% ने एनेटिक्सिया की थी
आधे सिर दर्द या माईग्रेन पैदा होने के कारण
माईग्रेन पैदा होने के पीछे कई कारण होते हैं। जिनमे से कुछ का हम यहां पर उल्लेख कर रहे हैं।
जुकाम
जुकाम की वजह से भी आधे सिर के अंदर दर्द होता है। हालांकि हर बार जुकाम होने की वजह से आधा सिर दर्द नहीं होता है। वरन कई बार जुकाम तेज होने पर आधे सर दर्द हो सकता है।
चिंता की वजह से
कुछ लोग चिंता बहुत अधिक करते हैं चिंता करने से दिमाग की नसों पर असर पड़ता है। जिसकी वजह से आधे सिर के अंदर दर्द पैदा हो सकता है। कुछ शोध यह बताते हैं कि चिंता करने वाले इंसानों पर माईग्रेन का होना अधिक पाया जाता है।
मलेरिया की वजह से
मलेरिया होने पर भी आधे सिर के अंदर दर्द पैदा हो सकता है। हालांकि यह मलेरिया के असर के कारण होता है। मलेरिया ठीक होने पर सिर दर्द भी ठीक हो जाता है।
अधिक मानसिक कार्य
कई बार हम अधिक मानसिक कार्य करते हैं । जिसकी वजह से सिर दर्द पैदा हो जाता है। खास कर अधिक सोचने से आधे सिर के अंदर दर्द पैदा हो जाता है। महिलाओं के अंदर अधिक मानसिक कार्य से आधे सर के अंदर दर्द पैदा होने के चांस अधिक रहते हैं।
नींद नहीं लेने की वजह से
कई बार हम किसी काम के अंदर फंस जाते हैं तो ठीक से सो नहीं पाते हैं। और हमारा सर भी भारी हो जाता है। समय पर नींद पूरी नहीं होने से इसका दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। जिससे आधे सर के अंदर दर्द भी पैदा हो सकता है।
मईग्रन के लक्षण
सिर मे अधिक दर्द होना
माइग्रेन से ग्रस्ति रोगी के सिर के दायें या बाएं हिस्से के अंदर काफी तेज दर्द हो सकता है। यह दर्द सिर के सिर्फ एक हिस्से के अंदर ही होता है।
दर्द की वजह से उल्टी होना
सिर के एक हिस्से के अंदर दर्द होने की वजह से उल्टी भी हो सकती है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है। सामान्य सिर के एक हिस्से के अंदर दर्द मे उल्टी नहीं होती है।
दर्द आंखें और जबड़े तक फैल जाना
कई माइग्रेन के रोगियों के अंदर यह लक्षण भी देखा गया है। सिर के एक हिस्से के अंदर होने वाला दर्द बाद मे आंखें और जबड़े तक भी फैल जाता है।
माईग्रेन का ईलाज
- तुलसी के पतों को छाया के अंदर सुखाकर चूर्ण बनाकर दिन मे शहद के साथ तीन बार चाटें । इससे आराम मिलेगा ।
- 150 ग्राम पानी के अंदर 50 ग्राम शक्कर मिलाकर पीने से भी माइग्रेन से आराम मिलता है।
3. लहसुन भी आधे सिर दर्द के अंदर काफी फायदे मंद होता है। लहसुन को पीस कर उसे दर्द वाले स्थान पर लगाएं । जिससे काफी आराम मिलेगा ।
4. गाय का ताजा घी सुबह शाम नाक के अंदर टपकाएं और सूंघते रहें । जिससे जल्दी है आधे सिर दर्द से आराम मिल जाएगा ।
- सिर के जिस भाग के अंदर दर्द हो रहा हो । उस भाग पर का तेल मले और दिन के अंदर कई बार के तेल को सूंघे ।ऐसा करने से सिर दर्द दूर हो जाता है।
माईग्रन के समय कुछ सावधानियां
यदि आपको माइग्रेन की समस्या है तो आपको निम्न लिखित चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए । क्योंकि यह आपके सिर की समस्या को और अधिक बढ़ा देती हैं।
1. शराब का सेवन ना करें
- आलुबुखारा के सेवन से दर्द बढ़ जाता है। इसलिए इसे ना खाएं
- अंगूर वैगरह खटटे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए । यह भी सिर दर्द को बढ़ाते हैं।
- पनीर का सेवन भी बंद करदें ।
Most use migraine tablets
माईग्रेन से नीजात दिलाने के लिए डॉक्टर कुछ टेबलेट भी देते हैं । आपको हम उन टेबलेट के बारे मे बता रहे हैं। इनका प्रयोग बिना डॉक्टर की सलाह के ना करें क्योंकि इनके कई साईड इफेक्ट होते हैं।
1. Naproxen
यह टेबलेट हर्ट के रोगियों को नहीं दी जानी चाहिए । इसके अधिक सेवन से लिवर डेमेज का भी खतर रहता है। इसका प्रयोग भी डॉक्टर माइग्रेन के उपचार मे करते हैं।
2. Ibuprofen
ibuprofen भी माइग्रेन के उपचार मे प्रयोग की जाती है। इसके भी कई साईड इफेक्ट होते हैं। जैसे लाल चकते सूजन आदि
3. sumatriptan + naproxen
इस दवा का प्रयोग भी माइग्रेंन के उपचार मे होता है। इसका प्रयोग सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए । क्योंकि इसके बहुत सारे साईड इफेक्ट होते हैं।
झुनझुनी गला बेचैनी मांसपेशियों में ऐंठन जठरांत्र संबंधी परेशान या खून बहना जी मिचलाना
4. eletriptan
इस दवा का प्रयोग भी माइग्रेन के उपचार के अंदर डॉक्टर करते हैं। इसके भी कई साईड इफेक्ट होते हैं। जैसे चक्कर आना सीने मे दर्द जी मचलाना आदि
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