‌‌‌अपनी ई बुक कैसे लिखे step by step guide

दोस्तों बुक किताब का एक ईलेक्ट्रोनिक वर्जन है। जिसको आप पन्नों पर नहीं वरन बुक रिडर के अंदर पढ़ सकते हैं। बुक की सबसे अच्छी खास बात यह है कि इसके ‌‌‌प्रकाशन का कोई खर्चा नहीं आता है। जिसक वजह से इसके दाम बेहद ही कम होते हैं।

तो इसकी बिक्री भी अधिक होती है। यदि आप कागज की किताब छपवाते हैं तो आपको इसमे खुद ही 20-25 हजार रूपये इन्वेस्ट करने होते हैं। किंतु बुक के अंदर आपको कुछ भी ईन्वेस्ट नहीं करना होता और यह रिडर के फायदे मंद होने के साथ साथ ही लेखक के लिए भी फायदे मंद होती है। लेखक को इसमे 70% तक राॅयल्टी तक मिल जाती है। बुक के कुछ और फायदे निम्न हैं।
1. फ्री के अंदर ‌‌‌प्रकाशन
3. लेखक को अच्छी राॅयल्टी
4. कम दाम के अंदर किताब
5.ग्लोबल मार्केट
6.खुद की डिजाईन
7.स्टोरेज की समस्या से छूटकारा मिल जाता है।

 

‌‌‌इसकेअतिरिक्त और भी बुक ‌‌‌प्रकाशन के फायदे हैं। बुक के युग के अंदर अब पैपरबैक किताबों का बिकना भी कम हो चुका है। साथ ही यह लेखक के फायदे मंद होने की वजह से लेखक भी बुक लिखने पर अधिक ध्यान देने लगे हैं। यदि कोई लेखक किसी किताब का पैपरबैक संस्करण छपवाता है तो उसको अपनी जेब से पैसे देने होते थे
पब्लिकेसन लेखक को भी अच्छा खासा लूटते थे लेकिन अब नजारा बदल चुका है। लेखक को अपनी खुद की किताब छपवाने के लिए किसी तरह का कोई भी समझोता नहीं करना पड़ता अब यदि आप अपनी किताब लिख चुके हैं तो तुरन्त ही बिना किसी को एक पैसा दिए ‌‌‌प्रकाशित कर सकते हैं। और आईएसबिएन नम्बर भी आपको फ्रि के अंदर कई बुक ‌‌‌प्रकाशन साईट देती हैं।

कैसे लिखें अपनी खुद की बुक

यदि आपको भी कविता और कहानी लिखने का ‌‌‌शौक है लेकिन आप समझ नहीं पा रहे हैं कि कैसे ‌‌‌प्रकाशित करें तो आपकी समस्या का हल हमारे पास है। आप अपनी बुक ‌‌‌प्रकाशित कर सकते हैं। बुक आप हिंदी के अंदर दो तरीको से लिख सकते हैं।

1 हिंदीयूनिकोड फोंट से

जैसा की आप जानते होंगे कि ज्यादातर रिडर हिंदी फोंट को support  नहीं करते इस वजह से आपकी किताब को यूनिकोड के अंदर बदलना पड़ता है। यहां पर आपको करना यह है कि आप सबसे पहले अपनी किताब को यूनिकोड के अंदर लिखें और फिर पिडिएफ के अंदर doc फाईल को सेव करले आप चाहें तो doc फाईल को भी बुक के रूपमे बुक पब्लिसिंग कम्पनी की साईट पर अपलोड कर सकते हैं। साईट उसे कई बुक format  जैसे मे कनर्वट कर देती है। लेकिन इस तरीके से ईबुक लिखने मे सहूलियत नहीं है। और कई रिडर को यूनिकोड मे लिखी किताब पढ़ने मे भी समस्या आती है।

2 हिंगलिस के अंदर

यह हिंदी बुक को लिखने का सबसे बेस्ट तरीका है। आप यहां पर हिंदी के अंदर ही किताब लिखते हैं। लेकिन English  का वर्ड प्रयोग करते हुए जैसे क्या है को kya hai  इस प्रकार से लिखते हैं।
‌‌‌इस तरीके का बेहद ही बढिया फायदा है। आपकी किताब को सारे बुक रिडर स्र्पोट करेंगे यदि आप अभी बुक लिख चुके हैं तो आप को अपनी किताब format  के अंदर कनर्वट कर लेनी चाहिए ताकि वह ज्यादा से ज्यादा यूजर तक पहुंच सके 
आप चाहें तो अपनी किताब के अंदर किसी भी तरह के चित्र को भी डाल सकते हैं। इसके अतिरिक्त बुक का कवर भी आपको ही डिजाईन करना होता है। यदि आपको कवर डिजाईन करना नहीं आता तो कई कम्पनी कवर डिजाईन की सुविधा भी देती हैं। लेकिन इसके आपको कुछ पैसे देने होते हैं।
बुक ‌‌‌प्रकाशित करने से पहले आपको उसमेसे सारी गलतियों पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि यहां पर आपकी लिखी बुक के अंदर कोई भी व्यक्ति फेर बदल नहीं करता इस वजह से आपको सभी गलतियों को हटाने के बाद ही किताब ‌‌‌प्रकाशित करनी चाहिए

 ‌‌‌ई बुक के अंदर कौनसी भाषा का प्रयोग करें

वैसे तो आप अंग्रेजी के अंदर ई बुक लिखते हैं तो बेहतर होता है। लेकिन यदि आप चाहें तो हिंदी के अंदर भी ई बुक लिख सकते हैं। इसमे अगर आप हिंगलिस का प्रयोग करते हैं तो सबसे अच्छा है। क्योंकि अधिकतर रिडर हिंदी को स्पोर्ट नहीं करते हैं। इसलिए आपको kya hai kyo ‌‌‌जैसे ई बुक लिखनी होगी । यानि अंग्रेजी का वर्ड प्रयोग करते हुए हिंदी के अंदर लिखना होगा । ताकि सारे रिडर आपकी ई बुक को स्पोर्ट कर सके । इसके अलावा आप हिंदी यूनिकोड के अंदर ई बुक लिखते हैं तो भी आप उसको बाद मे अन्य फोर्मेट जैसे किंडल टेक्स्ट आदि मे नहीं बदल सकते ।

‌‌‌कैसे लिखें ई बुक

सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप किस विषय पर ई बुक लिखना चाहते हैं। और उसमे क्या क्या देना है। माना आपको कोई स्टोरी ई बुक लिखनी है। तो सबसे पहले आपको स्टोरी के बारे मे सोचना होगा । जैसे स्टोरी के अंदर क्या होगा । उसके करेक्टर कैसे होंगे आदि। ‌‌‌जब आप यह तय कर चुके होंगे तो आपको दूसरे स्टेप के अंदर जाना होगा ।

 

Step –  2

Microsoft office ‌‌‌को खोलना है और अपनी स्टोरी का कोई बढ़िया सा शिर्षक देना है। जैसे जिस चीज से आपकी स्टोरी संबंधित है। आपकी ई बुक का शिर्षक आकर्षित होना चाहिए जोकि देखने वाले को अच्छा लगे ।

Office ‌‌‌के दूसरे पेज पर अपनी किताब का शिर्षक बड़े अक्षरों के अंदर लिख देना है। जैसे‌‌‌किसी किताब का नाम ghost story  है तो

 

Ghost story

Bay – shankar

C   –

‌‌‌इस किताब को किसी भी माध्यम के अंदर छापना गैर कानूनी है। इसके किसी भी लेख को तोड़मरोड कर या किसी भी अन्य माध्यम के अंदर छापा गया तो प्रकाशन कर्ता समस्त हर्जाने के लिए जिम्मेदार होगा ।

सर्वाअधिक कार सुरक्षित 2018

 

‌‌‌एच वन हेडिंग के अंदर लिखें और शिर्षक के  काफी नीचे आने के बाद लेखक का नाम लिख दे और उसके नीचे कॉपीराईट नॉटिस लिखे जैसा कि आप किसी भी किताब के अंदर देख सकते हैं।

 

 

Step- 3

 

‌‌‌उसके बाद अगले पेज पर आपको आपकी ई बुक के अंदर जो जो विवरण है उसे देना है। यदि आपकी किताब के अंदर स्टोरी अलग अलग हैं तो आपको प्रत्येक स्टोरी का नाम और उसकी पेज संख्या लिखनी होती है। ई बुक का विवरण आपको किताब लिखने के लास्ट के अंदर देना है। इसलिए इस स्टेप को आप छोड़ दें ।

Step – 4

 

‌‌‌उसके बाद आपकी ई बुक र्स्टाट हो जाती है। उससे अगले पेज पर आपको अपनी स्टोरी या लेख का नाम लिख देना है। और उसके  नीचे आपको पूरी स्टोरी लिखनी है। उस स्टोरी या लेख के समाप्त होने के बाद उसी तरह से आप दूसरी स्टोरी या लेख शूरू कर सकते हैं।

 

‌‌‌ई बुक के अंदर ईमेज कैसे डालें

आप अपनी ई बुक के अंदर ईमेज भी डाल सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कॉपीराईट फ्री ईमेज का ही प्रयोग करें । आप कॉपी राईट फी्र ईमेज pixabay.com   से सर्च कर डाउनलोड कर सकते हैं। उसके बाद इर्स्ट इमेज की मदद से ऑफिस के अंदर ईर्स्ट करदें ।

 

‌‌‌ई बुक प्रुफ रिडिंग

पूरी ई बुक लिखने के बाद आपको उसे दूबारा पढ़ना चाहिए । यदि आपको अपनी किताब के अंदर कोई गलती मिलती है तो आप उसे ठीक करदें । वैसे आजकल सेल्फ publishing के अंदर आपका आपकी ई बुक पर पूरा कंट्रोल रहता है। और आपकी ई बुक के अंदर आपके अलावा कोई फेर बदल नहीं कर सकता ।

‌‌‌ई बुक कवर डिजाईन

ई बुक का कवर भी सेल्फ के अंदर आपको डिजाईन करना होता है। आप इसके लिए कोई भी ईमेज चुन सकते हैं। और उसको एडिटर का प्रयोग कर एडिट कर सकते हैं। कवर के उपर आपको अपनी ई बुक का नाम और लेखक का नाम लिखना होता है। इस ईमेज को ऑफिस के पहले पेज पर लगाएं ।

 

 

 

‌‌‌इमेबेड फोंट के अंदर सेव करें

अंत मे पूरी ई बुक तैयार हो जाने के बाद आप उसे इमेबेड फोंट के अंदर सेव करदें । अब आप अपनी ई बुक को किसी भी ई बुक प्लेट फोर्म पर प्रकाशिकत कर सकते हैं। और वो भी फ्रि के अंदर

 

This post was last modified on November 4, 2018

View Comments (1)

Related Post