वायनाड के एक छोटे से गांव के अंदर पले बढ़े मुस्ताक की स्टोरी बहुत ही रोचक तो है ही इसके साथ साथ यह प्रेरणादाई भी है। इस इंसान ने बचपन मे ही सोच लिया था कि वह बड़ा होकर एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन बनेगा । और मुस्ताक ने जैसा सोचा था वैसा करदिखाया । आज इनकी कम्पनी के ताजा डोसा और इडली भारत के अंदर तो बिकते ही हैं। साथ ही साथ इनकी काफी मांग दूसरे देसों के अंदर भी है। आज इनकी कम्पनी का 100 करोड़ का टर्नओवर है।
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कभी पढ़ने मे थे कमजोर
बचपन से ही वे पढ़ने मे कमजोर थे । वे एक ऐसे गांव के अंदर रहते थे । जहां न तो काई आधुनिक सुविधा थी ।और न ही कोई साधन थे । गांव के अधिकतर बच्चे कुछ क्लाश पढ़कर पढ़ाई छोड़ देते थे । मुस्ताक ने छटटी कक्षा मे फैल होने के बाद पढाई से किनारा कर लिया । क्योंकि उनका मन पढ़ने मे लगता नहीं था वे खाली समय के अंदर भी किताबें खोलकर भी नहीं देखते थे । कुछ समय तक तो उन्होंने एक कुली का काम भी किया और अपने पिता के काम मे भी हाथ बंटाया । किंतु उनके एक शिक्षक ने मुस्ताक के पिता से बात कर मुस्ताक को वापस स्कूल के अंदर भेजने का आग्रह किया तो मुस्ताक वापस स्कूल
जाने लगें । उन्होंने अपनी मेहनत केद्वारा उन्होंने सातवीं कक्षा को बहुत ही अच्छे अंको के साथ उर्तिण किया उसके बाद मुस्ताक को वापस मुड़कर नहीं देखना पड़ा । उन्होंने 10वीं कक्षा के अंदर भी टॉप किया और बाद मे इंजनियरिंग के अंदर उनको 63वीं रैंक मिली ।
नौकरी करके कमाएं पैसों से खड़ी की कम्पनी
100 करोड़ का टर्नओवर वाली यह कम्पनी पिछले दिनों सुर्खियां बटोर रही थी । मुस्ताक ने अपनी कम्पनी को मात्र 14 लाख रूपये से शूरू किया था । यह वो पैसे थे जिसको उन्होंने नौकरी करके कमाया था ।
ईंजनियरिंग करने के बाद उनको अमेरिका की एक कम्पनी के अंदर जॉब मिल गयी । बाद मे कम्पनी ने उनको एक प्रोजेक्ट के सिल सिले के अंदर ब्रिटेन भेज किया जहां पर वे कुछ दिन रहे । बाद मे उन्होंने नौकरी छोड़ दी और एमबिए के अंदर प्रवेश लेलिया । पढ़ाई करने के साथ साथ वे अपने भाई की दुकान पर भीबैठते थे । वहीं पर महिलाएं बैटर ले जाती थी । उनको देखकर उनके दिमाग मे इस बिजनेस को करने का आईडिया आया और जी जान से अपना बिजनेस को शूरू करने मे जुट गये इस काम के अंदर उनके भाईयों ने भी काफी मदद की ।
कम्पनी ने किया विस्तार
कम्पनी के प्रोडेक्ट का बाजार मे हिस्सा बढ़ाने के लिये मुस्ताक को अब अनेक स्टोर के साथ हाथ मिलाना था । ऐसा उन्होंने किया भी और अब उनकी कम्पनी के आठ कार्यालय है। और कम्पनी के अंदर 1000 कर्मचारी काम करते हैं। अब यहां पर 50 हजार किलो इडली डोसा तैयार कियाजाता है।
दक्षणी भारत मे बनाई अपनी पहचान
इस कम्पनी के प्रोडेक्ट का नाम अब दक्षिण भारत के अंदर अब जाना पहचाना नाम बनगया है। लोगों के घर घर तक इसके प्रोडेक्ट की पहुंच हो चुकी है। अब लोग इस कम्पनी के प्रोडेक्ट भी पसंद करने लगे हैं। मुस्ताक बताते हैं कि वे सुबह माल को लोड कर देते हैं।फिर इनको विभिन्न स्टोर तक पहुंचा दिया जाता है।
आनलाईन भी शूरू की बिक्री
कम्पनी ने आनलाईन प्रोर्टलस उपलब्ध कराने वाली कम्पनियों से करार किया है। मुस्ताक का विश्वास है यह सब हमारे उभोक्ताओं के लिये मददगार होगा । इसके माध्यम से वे अपना ऑडर कभी भी बुक करा सकते हैं। हांलाकि कुल बिक्री के हिस्से के अंदर आनलाईन बिक्री का बहुत कम हिस्सा है। फिल्हाल कम्पनी के अंदर 200 गाड़ियां हैं। और कम्पनी ने कई र्स्टोस से हाथ मिला रखा है।