कजाकिस्तान religion की यदि हम बात करें तो इसके अधिकांश नागरिक कजाख और गैर मुस्लिम के रूप मे पहचाने जाते हैं। इसके अलावा कुछ लोग सुन्नी की ओर भी झुकाव रखते हैं।पारंपरिक रूप से जातीय कज़ाकों सहित, जो आबादी का लगभग 63.6% है। , ही साथ जातीय उज़बेक्स, उइगर, और टाटर्स और यहां पर 1 प्रतिशत से कम शफी हैं। इसके अलावा यहां पर 2300 मस्जिदे हैं। जिनकी अध्यक्षता सर्वोच्च मुफ्ती करते हैं । ईद अल-अधा को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। कजाकिस्तान religion के अंदर कजाकिस्तान की आबादी का 25 प्रतिशत रूसियों का है इसमे Ukrainians और बेलारूसियों हैं। और इसाई समूहों के अंदर कैथोलिक , प्रोटेस्टेंट ( बैपटिस्ट , प्रेस्बिटेरियन , लूथरन , पेंटेकोस्टल , मेथोडिस्ट , मेनोनाइट और सेवेंथ-डे एडवेंटिस्ट ), आदि आते हैं।
265 पंजीकृत ऑर्थोडॉक्स चर्च, 93 कैथोलिक चर्च और 543 प्रोटेस्टेंट चर्च और प्रार्थना घर हैं। इसके अलावा अन्य धार्मिक समूहों के अंदर यहां पर यहूदी धर्म , बहाई आस्था , हिंदू धर्म , बौद्ध धर्म , चर्च ऑफ साइंटोलॉजी , ईसाई विज्ञान आदि आते हैं।
यहां पर भी सहिष्णुता और धर्म निरपेक्षता जैसे मुददे हैं। दरसअल जिस देश के अंदर एक से अधिक धर्म होते हैं। वहां पर एक धर्म और दूसरे धर्म के लोगों के अंदर झगड़ा होना सबसे आम हो चुका है। और यहां पर भी ऐसा होता है। हालांकि स्थिति नियंत्रण मे रहती है। लेकिन फिर भी भारत के जैसा ही यहां पर भी है।
कई जातिय समूह और विभिन्न धर्मों के कजाकिस्तान के अंदर भी असहिष्णुता का मुददा उभरा है।यूएसएसआर के विघटन के बाद एक स्वतंत्र गणराज्य की नींव ने लोगों के जीवन के हर पहलू में काफी बदलाव ला दिया है।बैपटिस्ट चर्च पर यहां कई बार छापे मारे जाते हैं। छापे मारने की कई वजहे हो सकती हैं। जैसे चर्च का पंजीक्रत नहीं होना इसके अलावा बिना अनुमति के लोगों को एकत्रित कर लेना भी अपराध है। और जो अपराध करते हैं। उनको यहां पर कठोर सजा दी जाती है।
2 मई, 2017 को, कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में एक 61 साल के व्यक्ति और उनके तीन बच्चों को पांच साल की सजा सुनाई । क्योंकि वे शांति पूर्ण बाइबिल का प्रचार कर रहे थे ।अदालत ने इस प्रचार को जनता को भड़काने वाला और धार्मिक क्ष्रेष्ठता की वकालत करने वाला बताया ।
इसके अदालत ने बाइबिल की शिक्षाओं के प्रचार प्रसार पर 3 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया । जिस व्यक्ति को यह सजा सुनाई गई उसे रक्तस्रावी ट्यूमर था। लेकिन अदालत ने इस पर कोई भी विचार नहीं किया । दशकों से दबी हुई संस्कृति को अपने धर्म के माध्यम से व्यक्त करने की लोगों ने पूरी कोशिश की ।इसके लोगों ने स्वतंत्रता के बाद अनेक धार्मिक चर्च और अनेक मंदिरों और मजिस्दों का निर्माण करवाया और धार्मिक संस्कृति को व्यक्त करने की पूरी कोशिश की । सरकार ने भी लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता को स्थापित करने का प्रयास किया । इसके अलावा सब धर्मों के लोगों को समानता का अधिकार दिया गया और उनके बीच समानता स्थापित करने की कोशिश की गई थी। 1990 के दशक के उत्तरार्ध में धार्मिक स्वतंत्रता के अंदर थोड़ी गिरावट भी आई थी।
कजाकिस्तान के अंदर धर्म का आंकड़ा इस प्रकार से है।
- Islam (70.2%)
- Christianity (26.2%)
- Other religions (0.3%)
- Not religious (2.8%)
- NA (0.5%)
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कजाकिस्तान religion इस्लाम
कजाखस्तान के अंदर इस्लाम आठवीं शताब्दी के अंदर प्रचार प्रसार हुआ था। और यहां की कजाख जाति खानाबदोश लोग थे , भटकते रहते थे । मतलब वे एक तरह से घूमकड़ लोग थे । उस वक्त उनका कोई धर्म नहीं था।एक पत्रिका के अनुसार बदलते समय के साथ इन लोगों को अपने समूह को बचाना था। और कोई भी अपने दम पर नहीं बचा सकता था। इसके लिए इन लोगों को एक दूसरे का भरोशा और सहयोग करना सीखना था।शूरूआती दिनों के अंदर इस्लाम यह सब करने मे सफल रहा और इसी वजह से कज़ाकिस्तान में इस्लाम की आधुनिक प्रथा आज भी कायम है।
मिशनरियों की शांतिपूर्ण गतिविधियों के माध्यम से, इस्लाम धीरे-धीरे लेकिन तेजी से कजाख लोगों के प्रमुख विश्वास बनने के लिए फैल गया। खानाबदोश, चरवाहों और व्यापारियों के रूप में उनकी जीवन शैली और संस्कृति ने स्टेपपे के सबसे दूर और सबसे दूरदराज के कोनों में विश्वास को फैलाया गया और यहां पर अच्छे से इस्लाम धर्म का विकास हो सका ।
कजाखस्तान सोवियत संघ से पूरी तरह से स्वतंत्र हो गया था तो उसके बाद इस्लाम की पुनरूद्वार के प्रयास किये गए ।1990 में, राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेव ने एक मुस्लिम बोर्ड से क्रेमलिन को मध्य एशिया से बाहर खींचा और मुस्लमानों के अधिकारों की रक्षा की । कजाखस्तान सोवियत संघ की धार्मिक सीमाओं से टूट गया और संकेत दिया कि इस्लाम के पुनरुद्धार का समर्थन किया जाएगा और फिर से उभरते हुए स्वतंत्र राष्ट्र के उच्चतम स्तर पर बढ़ावा दिया जाएगा।
नज़रबायेव और उनके सहयोगियों ने कजाकिस्तान में हनफ़ी इस्लाम की परम्पराओं को अच्छे तरीके से ध्यान रखा गया और 1993 में, कजाकिस्तान के नए संविधान ने धार्मिक राजनीतिक दलों के अस्तित्व को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया।दो साल बाद, 1995 का संशोधित संविधान के अंदर यह कहा गया कि देश के अंदर किसी भी समूह , धर्म या जातिय रूपसे संघर्ष भड़काने वाले को बक्सा नहीं जाएगा और उसको सजा दी जाएगी । इसके अलावा सरकार देश के अंदर किसी भी प्रकार की गलत धार्मिंक गतिविधियों की निगरानी करेगी और उनको नियंत्रित करेगी।
1995 का संविधान मे यह कहा गया कि कजाकिस्तान एक धर्म निरपेक्ष राज्य है।जब नज़रबायेव ने कज़ाकिस्तान के मुफ़्ती की स्थापना की, तो उन्होंने रत्बेक निसानबायेव को अपना पहला नेता या मुफ़्ती चुना था। तब उन्होंने कहा था कि इस्लाम को राष्ट्र अंदर लाने से राष्ट्र की शांति के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है।
2010 तक, कजाकिस्तान में 16.4 मिलियन लोगों में से 65 प्रतिशत मुस्लिम थे। नई राजधानी अस्ताना में ब्लू मस्जिद को 7,000 लोगों के घर के लिए बनाया गया था। इसके बजाय, प्रत्येक शुक्रवार को 14,000 से अधिक मस्जिद के अंदर आते हैं।
2011 की गर्मियों में कजाकिस्तान religion के बारे मे एक एजेंसी भी बनाई गई थी। इस कजाकिस्तान religion ऐजेंसी का काम इसका काम धर्मों और राज्य की गतिविधियों का आपस मे समन्वयन करना था। ताकि धार्मिक संगठनों के द्वारा की जाने वाली गलतियों को रोका जा सके और देश के अंदर सहिष्णुता के माहौल्ल को कायम रखा जा सके । कजाकिस्तान religion ऐजेंसी ने 2011 के अंदर ही एक बिल भी पेश किया था। राष्ट्रपति नज़रबायेव ने इस बिल पर हस्ताक्षर किये थें । इस बिल का उदेश्य था , सभी धर्मों को समान रूप से एक साथ लेकर चलना ।
कजाकिस्तान सरकार ने मस्जिद और शिक्षण संस्थानों को बनाने के लिए उचित वितीय सहायता की है। और इसके अतिरिक्त सहायता मिस्र, तुर्की और साउदी अरब से आई थी।हर साल हजारों मुस्लिम हज यात्रा को पुरा करते हैं। सन 2000 ई के अंदर कजाकिस्तान के अंदर हलाल और मांस मिलना काफी मुश्किल था। लेकिन अब यहां पर 500 से अधिक मांस बेचने वाली कम्पनी काम करती हैं। और अब यह मध्य ऐसिया का प्रमुख हलाल उत्पादक देश बन चुका है। हालांकि यहां पर मांस बेचने के लिए कठोर कानून और प्रमाणिकरण बनाए गए हैं।
कजाकिस्तान religion ईसाई
कजाकिस्तान के अंदर ईसाई धर्म इस्लाम धर्म के बाद दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। अधिकांश ईसाई नागरिक रूसी के हैं और कुछ यूक्रेनियन और बेलारूसवासी , जो रूसी रूढ़िवादी चर्च के हैं । 2009 की राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार, कजाकिस्तान की लगभग 26% आबादी ईसाई है। यहां की डेढ प्रतिशत आबादी जर्मन है जोकि कैथोलिक धर्म और लूथरनवाद का अनुसरण करते हैं।कजाकिस्तान में 83 कैथोलिक चर्च इमारतें हैं।कजाकिस्तान के अंदर दो बैपटिस्ट संगठन भी हैं। जिनके अंदर 1000 सदस्य हैं।चर्च ऑफ इवेंजेलिकल क्रिस्चियन और कजाकिस्तान का बैपटिस्ट संघ ,यह संगठन भी सरकार के द्वारा पंजीक्रत हैं। 2009 की जन गणना के अनुसार यहां पर 4,214,232 ईसाई रहते हैं।
इसके अलावा कजाकिस्तान के अंदर अलग अलग जात के ईसाई रहते थे । जिनकी संख्या नीचे दी गई है।
- रूसी – 3,476749
- Ukrainians – 302100
- जर्मन – 145,550
- बेलारूस – 59,938
- कोरियाई – 49,543
- कज़ाख – 39173
- पोलिश – 30675
- टाटर्स – 20913
- अज़ेरिस – 2140
- उज़बेक्स – 1794
- उइगर – 1,142
- चेचेन – 940
- ताजिक्स – 331
- तुर्की – 290
- किर्गिज़ – 206
- कुर्द – 203
- डुंगन – 194
चंगेज खान की विजय से पहले कजाकिस्तान के अंदर नेस्तोरिय हुआ करते थे ।चंगेज खान के समय अधिकांश लोग ईसाई थे । उसके बाद नाइमानस मंगोल साम्राज्य के पश्चिमी के अंदर जो लोग बसे थे वे बाद मे इस्लाम के अंदर बदल चुके थे । मतलब यहां पर धर्मान्तरण करके ईसाइयों को मुस्लमान बनाया गया था।
बहाई विश्वास
कजाकिस्तान के अंदर बहाई आस्था पूर्व सोवियत संघ के अंदर धर्म के उत्पीडन से ही शूरू हुई थी।1847 से कजाकिस्तान बहाई विश्वास के साथ अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क मे था। एसोसिएशन ऑफ रिलिजन डेटा आर्काइव्स जैसे संगठन ने यह अनुमान लगाया है कि 2005 तक यहां पर 6000 से अधिक बहाई विश्वास के लोग रहते हैं।
कजाकिस्तान में यूहदी धर्म
कजाकिस्तान religion कि बात करें तो यहां पर यहूदी धर्म भी पाया जाता है।कजाकिस्तान के अंदर यहूदियों का इतिहास बुकहरन और जुहरू पर्वत यहूदियों के साथ जुड़ा हुआ है। कजाख यहूदियों का इतिहास और भी लंबा है।अधिकांश यहूदी लोग रूसी भाषा बोलते हैं।
महासचिव जोसेफ स्टालिन ने सोवियत संघ के अन्य हिस्सों से हजारों यहूदियों को कज़ाख एसएसआर के पास भेजा गया था। इसके अलावा 1941 से 1942 के बीच हजारों यहूदियों को कजाख के लिय निकाला गया था। मुख्य रब्बी ईशा कोहेन ने 16 जनवरी, 2004 को काज़िनफॉर्म को बताया कि नूर-सुल्तान में एक नया प्रार्थना स्थल भी बनाया गया है। 1989 और 2002 के बीच कम्युनिज़्म के पतन के बाद इनकी आबादी के अंदर तेजी से गिरावट आई है। और अधिकतर यहूदी इजराइल के अंदर जाकर बस गए ।
2,000 यहूदी कजाख बुखारीयन और जुहेरू पर्वत यहूदी यहां पर रहते हैं। इनके अलावा अलमाटी में सभास्थल दो बड़े यहूदियों के समुदाय हैं।करागांडा , चिमकेंट , सेमे , कोकचेतव , डज़ाम्बुल , उरलस्क , अक्तीबिन्स्क और पेट्रोपावलोव्स्क के अंदर यहूदियों के छोट छोटे समुदाय रहते हैं।
इसके अलावा यहां पर 20 यहूदी संगठन भी मौजूद हैं ।इन संगठनों के नाम के अंदर चबाड-लुबाविच , संयुक्त वितरण समिति , यहूदी एजेंसी इजरायल और ऑल-कजाकिस्तान यहूदी कांग्रेस (AKJC) प्रमुख रूप से आते हैं।
आपको बतादें कि यहां पर यहूदी स्कूल भी बने हुए हैं। जिनके अंदर यहूदियों के बच्चे बढ़ते हैं। इसके अलावा सरकार ने यहूदियों के लिए भूमी को दान दिया है। और स्कूल भी बनाए हैं। विदेशों से यहूदियों के पादरी को यहां पर शिक्षा देने के लिए लगाया गया है। इसके अलावा यहां पर यहूदी विरोधी भावना प्रचलित नहीं है।
कजाकिस्तान religion हिंदू धर्म
कजाकिस्तान के अंदर हिंदू धर्म की हालत बहुत अधिक खराब है। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि यहां पर कभी 10 हिंदु संगठन हुआ करते थे । लेकिन आज केवल दो ही हिंदू संगठन बचे हैं। हरे क्रष्ण के इन हिंदू संगठनों को सरकार मान्यता नहीं देती है। पीछले दिनों तो कजाकिस्तान ने हिंदु धर्म के मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया था।
जिसकी वजह से बहुत अधिक बखेड़ा खड़ा हो चुका था। कजाकिस्तान के अंदर हिंदु लोगों पर बुरा अत्याचार किया गया और वहां के अधिकारियों ने कहा कि हिंदू धर्म उनके राज्य के लिए काफी खतरनाख है। इसके अलावा आपको बतादें कि हिंदू लोगों की भूमी को भी सरकार ने जब्त कर लिया था। और अब लोग झूग्गी के अंदर रहने को मजबूर थे । कजाकिस्तान religion मे हिंदू धर्म का बुरा हाल है।
कजाकिस्तान और धार्मिक स्वतंत्रता
कजाकिस्तान religion के अंदर कई प्रकार के धर्म पाये जाते हैं। जैसाकि भारत के अंदर है वैसा ही वहां पर भी है। लेकिन हरे क्रष्ण के भक्तों पर हुए अत्याचार से यह साबित हो चुका है कि वहां की सरकार कोई धार्मिक स्वतंत्रता सब को नहीं देना चाहती है।वह हिंदुओं को तो देश के लिए खतरा बताती है। कजाखस्तान गणराज्य के संविधान के अनुच्छेद 22 के अंदर तो यह कहा गया है कि सभी को अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है।18 मई सन 2011 को कजाकिस्तान के अंदर एक धार्मिक ऐजेंसी की स्थापना की गई। जो ऐजेंसी धर्म और राज्य के कार्य के अंदर एक समांज्स्य स्थापित करने का काम करती है।2003 में कजाकिस्तान ने कुछ धार्मिक नेताओं की स्थापना की थी। जिसका प्रमुख उदेश्य था कि उनके देश मे धार्मिक सहिष्णुता को कायम रखा जा सके ।
कजाकिस्तान religion लेख के अंदर आप जान ही चुके हैं कि कजाकिस्तान के अंदर कौन कौन से धर्म पाये जाते हैं ? और किस धर्म की क्या स्थिति कजाकिस्तान के अंदर है। यह लेख आपको कैसा लगा नीचे कमेंट करके हमें बताएं ।
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This post was last modified on August 21, 2019