दोस्तों कई बार हमको लगता है कि कोई काम हमारे बिना नहीं हो सकता । यानि हम ही उस काम को कर सकते हैं। कुछ लोगों को यह भ्रम होता है। तो आपको यह जान लेना चाहिए कि इस संसार मे किसी के होने या न होने का कोई फर्क नहीं पड़ता है।
इस संबंध मे आपको एक कहानी बताते हैं । प्राचीन काल के अंदर एक सेठ रहता था । उसके दो बेटे थे । वे किसी काम के नहीं थे । न तो वे सेठ के काम के अंदर हाथ बंटाते थे और न हीं कुछ करते थे सेठ को उनदोनों की बड़ी चिंता थी। कि उसके बाद वे दोनों क्या करेंगे । वह कई बार लोगों से कहता था कि उसके बेटे उसके बिना कुछ नहीं कर सकते । एक दिन एक संत के सामने भी सेठ ने यह कहदिया । संत ने शांत भाव से कहा कि यह संसार किसी के होने या ना होने से नहीं रूकता । सेठ ने संत को सिद्व करने के लिए कह दिया ।
सेठ को संत ने underground कर दिया और बात फैलादी की सेठ मर गया है। सेठ की मौत का समाचार सुनकर उनके दोनो बेटों को बहुत दुख हुआ वे कई दिनो तक रोते रहे । उसके बाद संत ने उनको सेठ का व्यापार संभालन सीखा दिया । धीरे धीरे वे बहुत अधिक पैसे वाले हो गए । एक दिन सेठ रात को आया तो उसे देख उनके घरवाले
डर गए और भूत समझ कर भगा दिया । तब से ही सेठ को इस संसार का असली रहस्य समझ मे आ चुका था । उसने माया मोह का बंधन छोड़ दिया और संयास लेकर ईश्वर की भक्ति करने लगा ।
कहने का अर्थ है इस संसार मे जरूरत को पूरा करने वाले लोग अधिक प्रिय लगते हैं।
आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि आपके बिना कुछ नहीं हो सकता । वरन सोचना चाहिए कि आपके बिना भी सब कुछ हो सकता है। यह संसार जैसे चलता है वैसे ही चलेगा इसमे किसी के होने न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता ।
This post was last modified on November 4, 2018