यदि आप राजस्थान के रहने वाले हैं और कुसुम योजना के अंदर भाग लेना चाहते हैं तो हम आपको नीचे इसका ऑनलाइन आवेदन कैसे करना है के बारे मे बता रहे हैं। यह बहुत ही आसान है। आइए जानते हैं। राजस्थान कुसुम योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ?
सबसे पहले आपको वेबसाइट पर जाना है।
एक नया पेज खुल जाएगा ।यहां पर आपको दो प्रकार के आप्सन देखने को मिलेंगे । पहला होगा कुसुम योजना के लिए आवेदन करें और दूसरा पंजिक्रत आवेदनों की सूचि देखें । आपको पहले आप्सन पर क्लिक करना होगा ।
Table of Contents
कुसुम योजना राजस्थान Details Of Applicant/ आवेदक का विवरण:
Application Type/ आवेदन का प्रकार . यहां पर आपको अपना आवेदन का प्रकार सलेक्ट करना होगा ।जैसे आप खुद की भूमी पर लगाना चाह रहे हैं या भूमी लीज पर ले रहे हैं।उसके बाद आपको Name/नाम,Aadhar No./आधार नंबर भी इंटर करने होंगे ।उसके बाद आपके आधार की एक प्रति यहां पर अपलोड करदें ।
Others Applicant/अन्य आवेदक
यहां पर आपको अपने आवेदन की Applicant Category / आवेदक श्रेणी को सलेक्ट करना है। जैसे कि आप किसानों के समूह के लिए या ग्रामपंचायत के लिए आवेदन कर रहे हैं।
Details
यहां पर आपको अपना नाम लिखना है।उसके बाद समूह का नाम लिखना है। यदि पंजिकरण क्रमांक हैं तो उसे भी यहां पर लिखना है।समूह के सदस्यों की सूची और पंजीकरण की प्रति भी जोड़नी है। यदि कोई होतो ।
Contact Details
यहां पर आपको अपनी संपर्क डिटेल भरनी होगी जैसे Address of Communication , Mobile No ,ईमेल आदि ।
Details of 33kV Substation Notified by DISCOM/ DISCOM द्वारा 33kV सबस्टेशन का विवरण
यहां पर आपको जिला ,सबस्टेशन , पंचायत समिती और सबस्टेशन का नाम भरने होंगे ।
भूमि का विवरण
इस भाग के अंदर आपको अपनी भूमी के बारे मे जानकारी देनी होगी । जैसे पंचायत समिति,जिला सर्कल,खसरा नंबर और जमाबंदी की प्रति को भी संलग्न करना होगा ।
अब यदि आप सारा काम कर चुके हैं तो नीचे सेव का बटन दिया है। इसे सेव करदें ,हां सेव करने से पहले अपनी डिटेल को अच्छे से चैक करना ना भूलें ।
ऊर्जा संयंत्र की क्षमता एवं भूमि की आवश्यकता
- योजना के तहत 0.5 मेगावाट से अधिकतम 2 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र हेतु आवेदन किया जा सकता है।
- सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना हेतु भूमि की आवश्यकता 2 हैक्टयर प्रति मेगावाट होगी।
राजस्थान कुसुम योजना की पात्रता
इस योजना में भाग लेने हेतु किसान, किसानों का समूह, सहकारी समितियां, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन एवं जल उपभोक्ता एसोसिएषन जिनके पास स्वंय की अथवा लीज की जमीन है, पात्र होंगे । किसान, किसानों का समूह, सहकारी समितियां, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन एवं जल उपभोक्ता एसोसिएषन आदिस्वंय की अंष पूंजी न होने की स्थिति में प्रोजेक्ट विकसित करने हेतु किसी विकासकर्ता का चुनाव कर सकेंगे तथा भूमि लीज पर देकर भूमि का किराया लीज एग्रीमेंट के आधार पर प्राप्त कर सकेंगे।
भूमी को लीज के बारे मे
ऊर्जा संयंत्र की स्थापना विकासकर्ता द्वारा करनेकी स्थिति में भूमि मालिक को विकासकर्ता से आपसी सहमति से तय लीज रेंट किराया प्राप्त होगा। किसानों को लीजं रेंट सीधे उनके बैंक खातों में प्राप्त करने का विकल्प उपलब्ध रहेगा।
लीज रेंट की राशि रूपए प्रति एकडअथवाभूमि से उत्पादित बिजली की रूपए प्रति यूनिट के रूपमें होगी। लीज एग्रीमेंट किसान तथा विकासकर्ता के मध्य आपसी सहमति से तय शर्तो पर होगा वितरण निगम उक्त अनुबंध के विफल होने के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।
कुसम योजना राजस्थान वितिय योग्यता
कसान, किसानों का समूह, सहकारी समितियां, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन एवं जल उपभोक्ता एसोसिएशन द्वारा स्वंय के निवेश से प्रोजेक्ट विकसित करने की स्थिति में किसी वित्तीय योग्यता की आवश्यकता नहीं होगी।
आवेदन शुल्क
आवेदक द्वारा सौर ऊर्जा सयंत्रं के आवेदन हेतु रूपये 5000 प्रति मेगावाट़जी.एस.टी की दर से आवेदन शुल्कप्रबंध निदेषक राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के नाम से डिमान्ड ड्राफट के रूप में जमा कराना होगा।(0.5 मेगावाट के लिये 2500 रूपये, 1 मेगावाट के लिये 5000 रूपये,1.5 मेगावाट के लिये 7500 रूपये, 2 मेगावाट के लिये
सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के इच्छुक आवेदक/विकासकर्ताओं द्वारा रूपये 100000(एक लाख रूपये)प्रति मेगावाट की दर से धरोहर राशि जमा करानी होगी। यह राशि प्रबंधनिदेशक, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम, जयपुर के पक्षमें डिमाण्ड ड्राफट अथवाबैंक गारंटी के रूप में देनी होगी। बैंक गांरटी की वैद्यता कम से कम 6 माह होनी चाहिए। इसे सफल आवेदकों को पी पी ए साइनकरने के 15 दिन बाद लौटा दिया जायेगा।
बिजली उत्पादन की दर
किसी सब स्टेशन के लिए आवेदकों द्वारा आवेदन की गई कुल क्षमता वितरण निगम द्वाराउस सब स्टेषन हेतु अधिसूचित क्षमता से कम अथवा बराबर है तो सौर ऊर्जा संयंत्र से उत्पादित बिजली को आर यू वी एन द्वारा राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर पर खरीदा जाएगा। किसी ग्रिड सब स्टेशन के लिए आवेदकों द्वारा आवेदन की गई कुल क्षमता वितरण निगमों द्वारा अधिसूचित क्षमता से अधिक है तो सौर ऊर्जा जनरेटर का चयन करने के लिए आरआरईसी द्वारा बोली लगाने की प्रक्रिया का अनुसरण किया जाएगा और ऐसे मामलों में राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (आरईआरसी)द्वारा निर्धारित दर को रिवर्स निविदा हेतु सीलिंग टैरिफ माना जाएगा।
Power Purchase Agreement
निविदा में चयनित निविदाकर्ता के साथ राजस्थान ऊर्जा विकास निगम द्वारा बिजली की खरीद हेतु 25 वर्ष की अवधि के लिए विद्युत खरीद अनुबंध किया जाएगा। ।
25 वर्ष के बाद एसपीजी व वितरण निगम आपसी सहमति से पीपीए की अवधि को बढ़ा सकेंगे।
इन सौर ऊर्जा संयंत्रों से खरीदी गई बिजली का उपयोग वितरण निगमों द्वारा आरपीओ की पूर्ति हेतु किया जाएगा।
.एसपीजी सौर ऊर्जा पर आधारित किसी भी तकनीक को अपनाने के लिए स्वंतत्र होगा।
वितरण निगम उपभोक्ताओें की मांग की पूर्ति के लिए सोलर उत्पादन संयंत्र की घोषित क्षमता में वृद्वि के लिए उपलब्ध किसी भी स्कीम के अंतर्गत सोलर संयंत्र की स्थापना कर सकेंगे
.योजना के अंतर्गत स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों से उत्पादित बिजली को खरीदना वितरण निगमों के लिए बाध्यकारी होगा।
सभी सफल एसपीजी के द्वारा प्रोजेक्ट स्थापित करने हेतु आवश्यक 100 प्रतिशत पूंजी की व्यवस्था पीपीए साइन करने की तिथि से 5 माह में करनी होगी
किसान यदि अपने खेत मे प्रोजेक्ट लगाता है तो लाभ
- ऊर्जा सयंत्र की क्षमता- 1 मेगावाट
- अनुमानित निवेष -3.5 से 4.00 करोड़ रू प्रति मेगावाट
- अनुमानित वार्षिक विद्युत उत्पादन- 17 लाख यूनिट
- अनुमानित टेरिफ (आरईआरसी के ड्राफट में प्रस्तावित दर) – 3.14 रू प्रति यूनिट
- कुल अनुमानित वार्षिक आय- 53 लाख रू
- अनुमानित वार्षिक खर्च- 5 लाख रू
- अनुमानित वार्षिक लाभ-48 लाख रू
- 25 वर्ष की अवधि में कुल अनुमानित आय-12 करोड़
यदि किसान भूमी लीज पर लेता है तो लाभ
- मेगावाट हेतु भूमि की आवष्यकता-2 हैक्टेयर
- प्रति मेगावाट विद्युत उत्पादन-17 लाख यूनिट
- अनुमानित लीज रेन्ट (लीज रेन्ट की अनुमानित दर 10 पैसे से 20 पैसे प्रति युनिट के आधार पर)-1.70 लाख से 3.40 लाख
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Sutrapara Bandar