आज हम आपको कुछ वास्तुशास्त्र के टिप बता रहे हैं। यह माना जाता है। कि यदि पढ़ाई के कमरे की सही व्यवस्था नहीं होने पर पढ़ाई के अंदर परेशानी आ सकती है। क्योंकि कमरे मे गलत जगह पर रखी वस्तुएं नकारात्मक उर्जा उत्पन्न होती है। जो बच्चे की पढाई मे
समस्याएं उत्पन्न होती हैं। जैसे पढ़ाई मे मन नहीं लगना चिड़चिड़ा पन आदि । इसलिए अपने कमरे की व्यवस्था पूरी तरह से सही रखें । कमरे मे रखा सामान उचित जगह पर रखें । ताकि आप उसकी नकारात्मक उर्जा से बच सकें।
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कमरे का रंग
वास्तुशास्त्र के अनुसार बच्चों के पढ़ाई वाले कमरे का रंग लाईट होना चाहिए । इसके लिए नीला हल्का रंग प्रयोग किया जा सकता है। हर रंग ताजगी और एकाग्रता को बढ़ाता है। आप कमरे के अंदर हल्के पीले लाल रंग की वस्तुएं भी रख सकते हैं।
कमरे के बीच का स्थान एकदम से खाली रखें
कमरे के बीच वाले स्थान को खाली रखें ।यहां पर किसी भी प्रकार की वस्तु न रखें और न ही यहां पर कोई गंदगी फैलाए रखें । वरना इसका बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ता है।
कमरे मे बेकार के चित्र न लगाएं
कमरे के अंदर हिंसात्मक और भूतों के चित्र न लगाएं । इनसे नगेटिव उर्जा बनती है। जो बच्चों की पढ़ाई के अंदर बाधा पैदा करती है।
टेबुल को साफ रखें
जिस टेबुल पर बच्चे बैठ कर पढ़ाई करते हैं ।वह एकदम से साफ सुथरी होनी चाहिए । उसपर कोई कापी किताब इधर उधर भिखरी नहीं होनी चाहिए। उस पर गंदगी भी नहीं होनी चाहिए।
सामान सही दिसा के अंदर रखें
बच्चों के बैग कापी किताबें जूते दक्षिण दिसा के अंदर रखे जाने चाहिए ।
पलंग की स्थिति सही रखें
बच्चों के सोने वाले पलंग के सामने शीशा और टीवी नहीं होने चाहिए । यह बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इसलिए इनको भूलकर भी पलंग के सामने न लगाएं।
कमरे की खिड़कियां सही दिसा मे होनी चाहिए
कमरे की सभी खिड़कियां उतर दिसा की ओर रखी जानी चाहिए । कोई भी खिड़की दक्षिण दिसा की ओर नहीं होनी चाहिए ।