दोस्तों आप सभी जानते हैं कि सूरज एक आग का गोला है। सूर्य के अंदर नाभिकिये सलयंन की अभिक्रिया होती रहती है। जिसकी वजह से बड़ी मात्रा के अंदर ऐनरर्जी निकलती है। जोकि प्रकाश के रूप मे हमारी धरती पर आती है। सूर्य के प्रकाश के बिना धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती । सूर्य के प्रकाश के बंद होने पर सारे पेड़ पौधे अपना भोजन नहीं बना पायेंगें जिसकी वजह से हमे आक्सिजन भी नहीं मिलेगा
और हमारी मौत हो जाएगी ।वर्तमान मे सूर्य के पास केवल 5 अरब साल का ही ईंधन बचा हुआ है। यानि यह आधे से भी कम है। सूर्य ने अपने आधे से अधिक ईंधन का पहले ही प्रयोग कर लिया है।
सूर्य का अंत
सूर्य का हाईट्रोजन भंडार धीरे धीरे कम होता जा रहा है। और हिलियम के अंदर बल रहा है। जब सूर्य के अंदर ईंधन यानि हाईट्रोजन पूरी तरह से खत्म हो जायेगा तो यह प्रकाश देना बंद कर देगा । और इसका आकार बढने लगेगा । यह एक बड़ा तारा बन जायेगा और इसके आस पास जो भी आयेगा यह उसे निगल जायेगा ।
यह स्थिति आज से 5 अरब साल बाद आयेगी । सूर्य के विस्तार होने के बाद उसका आकार कम होना शूरू हो जायेगा और फिर उसके अंदर मौजूद हिलियम भारी तत्वों के अंदर बदल जायेंगें । उसके बाद यह श्वेत वामन तारा बन जायेगा । फिर धरती पर जीवन का भी अंत हो जायेगा ।
सूर्य के विनाश के साथ ही धरती पर इसके भंयकर प्रभाव भी देखने को मिलेंगें । लोग तड़प तड़प कर मर जायेंगें किंतु उनके पास इस तरह की समस्रया से निपटने का कोई रास्ता भी नहीं होगा ।
वैसे देखा जाये तो हमारा सूर्य बहुत ही पूराना है। सूर्य का विकास तब हुआ होगा जब धरती का जन्म हुआ होगा किंतु उस समय धरती पर कोई जीव नहीं थे । और धरती बहुत ही गर्म थी ।धीरे धीरे धरती जीवन के अनुकूल बनी । इस प्रक्रिया के अंदर अरबों साल लगे होंगें ।