भूतों के विषय के अंदर जानने की जिज्ञासा सभी की होती है। कुछ लोगों का मानना है कि भूत नहीं होते जबकि कुछ भूतों के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं। भूत होते हैं या नहीं इस बारे मे विस्तार से जानने के लिए नीचे क्लिक करें ।
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वैसे तो हमारे आस पास रोजाना कोई न कोई मरते रहते हैं किंतु उनमे से बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जिनकी आगे गति नहीं हो पाती है। यानि वे भूत बन जाते हैं। यह लोग भूत योनी के अंदर कई सालों तक रहते हैं। इस लेख के अंदर हम बात करेंगें कि कैसे लोग भूत बनते हैं।
प्रमुख रूप से भूत बनने वाले लोग दो प्रकार के हो सकते हैं।
असंतुष्ट व्यक्ति
ऐसा व्यक्ति मरने के बाद भूत बन जाता है जिसके मन मे कोई इच्छा शोष रह जाती है। जैसे किसी व्यक्ति के मन शादी कराने की इच्छा बहुत थी किंतु वह पहले ही मर गया । तो ऐसी स्थिति के अंदर वह भूत बन सकता है।
मेरे हिसाब से छोटी मोटी ईच्छा यदि कोई व्यक्ति साथ लेकर मर जाता है तो वह भूत नहीं बनता । किंतु यदि वह इच्छा बड़ी होती है तो वह भूत बन जाता है। जैसा की देखा गया है अधिकतर भूत वे लोग बनते हैं जोकि जवानी के अंदर ही मर जाते हैं। क्योंकि इसका कारण है। उनमे कुछ इच्छाएं शोष रह जाती हैं।
लेकिन भूत बनना इच्छाओं के अलावा भी कुछ और बातों पर निर्भर करता है। और वो है कर्म । आपने जाना होतो बुढ़े लोग बहुत कम या नहीं के बराबर भूत बन पाते हैं। इसकी एक ही वजह वे भरपूर जिंदगी जी चुके होते हैं। और उनके मन मे कोई इच्छा शोष नहीं होती है। इसीलिए वे भूत नहीं बन पाते ।
यह भी आवश्यक नहीं है सभी व्यक्ति एक ही प्रकार की इच्छा लेकर मरने से भूत बनें । यह भी हो सकता है कि कुछ लोगों की जान पैसों के अंदर अटक गयी हो जबकि कुछकी सुंदर लड़की के अंदर । यानि व्यक्ति किसी भी प्रकार की इच्छा के साथ मरने पर उसकी जान वहीं अटक कर रह जाती है। ऐसा माना जाता है।
बुरे कर्म
कोई व्यक्ति मरने के बाद भूत बनेगा या नहीं यह उस व्यक्ति के कर्म से तय किया जाता है। यदि मरने वाले व्यक्ति ने दान धर्म किया है तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि वह भूत नहीं बनेगा । लेकिन यदि व्यक्ति के कर्म बुरे हैं किसी को सताया है तो वह मरने के बाद अवश्य ही
भूत बनेगा । हिंदुओं मे यदि कोई जवानी के अंदर मर जाता है और उसने अच्छे कर्म किये हैं तो वह पितर बन जाता है। हिंदू लोग उसकी पूजा करते हैं। लेकिन बुरे कर्म करने वाले को प्रेत योनी प्राप्त होती है।
जहां तक मैंने रिसर्च किया है। अच्छे कर्म करने वाले लोग भूत बनते नहीं देखे गये हैं। और न ही यह सुना है कि वो व्यक्ति भूत है जबकि वह काफी अच्छा आदमी था । मेरा यह मानना है कि खुदा से कभी गलती नहीं हो सकती । हमारी अदालते चाहे निर्दोष को सजा देने के लिए बनी हों । और पैसे वालों के लिए कोई
कानून नहीं हो । लेकिन खुदा का कानून ऐसा है जिससे कोई भी बच नहीं सकता । वहां कोई रिश्वत नहीं चलती । इस बात मे बहुत पहले से ही गौर कर चुका हूं ।
अकालन मौत का शिकार होने वाले
अचानक मौत होने वाले व्यक्ति भी भूत बन सकते हैं। इसका कारण है कि ऐसे लोग के मन के अंदर कई तरह की इच्छा रह जाती है। इसी वजह से उनको भूत योनी के अंदर धकेल दिया जाता है। किंतु यहां पर भी व्यक्तियों का कर्म सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। यदि उनका कर्म अच्छा होता है तो वे भूत नहीं बनते ।
और उनकी आगे गति हो जाती है। मैंने कुछ ऐसे केस भी देखे हैं जो अकालन मौत का शिकार होने के बाद भी भूत नहीं बने और नहीं पितर बने । शायद इसका कारण रहा कि वे ऐसे लोग थे जिनके कर्म न तो बुरे थे और न ही अच्छे थे । कुल मिलाकर सामान्य थे ।
यह तीन प्रमुख आधार हैं जिनके आधार पर किसी व्यक्ति को प्रेत योनी के अंदर डाला जाता है। इनमे कर्म और असंतुष्ट इच्छा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है । यदि किसी व्यक्ति के कर्म अच्छे हैं तो वह प्रेत नहीं बन सकता । किंतु यदि किसी व्यक्ति के कर्म अच्छे हैं और उसकी कोई इच्छा शोष रह गयी
हो तो शायद वह प्रेत बन सकता है। इस बारे मे मुझे कुछ खास ज्ञात नहीं है।
This post was last modified on December 28, 2018