एंग्जाइटी की समस्या आजकल काफी तेजी से बढ़ रही है। यदि आप बात बात पर घबराते हैं।अच्छी तरह से नींद भी नहीं ले पाते हैं तो इस बात की संभावना है कि आपको भी एंग्जाइटी डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है।
दूसरी भाषा के अंदर यह कहें की यदि आप बिना किसी समस्या के बार बार घबराते हैं।और आपको पता ही नहीं की आपका मन क्यों घबरा रहा है।कई बार रोगी बेकार की कल्पना करके भी घबराने लग जाता है। और उसकी दिल की धड़कन भी तेज हो जाती है।
तो इस प्रकार का व्यक्ति एंग्जाइटी का रोगी होता है।
सोते समय आपका मन अचानक बैचेन हो उठे ।और आप सोचने लगें अब क्या करें ।आप बारबार करवटें बदले किंतु नींद ना आए ।आदि इस रोग के कुछ सामान्य लक्षण हैं।
मेडिकल भाषा के अंदर कहा जाता है कि जब व्यक्ति के स्नायु तंत्र पर अधिक दबाव पड़ता है तो एंग्जाइटी जैसे रोग का जन्म हो सकता है। और आजकल की गला काट प्रतियोगिता के अंदर एक व्यक्ति दूसरे को मार कर भी आगे बढ़ जाता है। ऐसे मे स्नायु तंत्र पर दबाव पड़ना भी स्वभाविक ही है।
क्या होता है एंग्जाइटी डिसऑडर
यह एक प्रकार का मानसिक विकार होता है। जिसको घबराहट भी कह सकते हैं। और यह अधिकतर लोगों के अंदर पाया जाता है।यह 13 से 35 साल तक के लोगों मे अधिक होता है। एंग्जाइटी शरीर के अंदर कैटेकोल हार्मोन की व्रद्वि होने की वजह से होता है। समय रहते यदि इसका इलाज नहीं
कराया जाता है तो यह फोबिया बन सकता है। क्योंकि तब आपकी घबराहट स्थाई हो जाती है। और इस विशेष घबराहट जो डर बन जाता है को ही फोबिया कहा जाता है।
एंग्जाइटी रोग के लक्षण
जब रोगी इस रोग से जकड़ जाता है तो कई प्रकार के लक्षण प्रकट होते हैं।
छोटी छोटी बातों पर घबराहट
यह इस रोग का एक आम लक्षण है। इस रोग से ग्रस्ति रोगी छोटी छोटी बातों से धबराने लग जाता है। जैसे उसे यदि बाईक चलाने को कहा जाए तो उसे डर लगेगा । और यदि किसी भी काम के अंदर
थोड़ी भी रिस्क होगी तो रोगी करने को मना करने लगेगा । और यह धबराहट अजीब तरह की होती है जिसका कोई आधार नहीं होता है।
पसीने छूटना
इस रोग के अंदर रोगी को काफी अधिक पसीना भी आता है। कई बार जब रोगी बुरी तरह से घबरा जाता है तोभी उसको पसीने छूटने लग जाते हैं।
दिल की धड़कन बढ़ना
जैसा की घबराहट मे आमतौर पर होता है कि हमारे दिल की धड़कन बढ़ जाती है। लेकिन इस रोगी के दिल की धड़कन सामान्य से अधिक बढ़ जाती है। जब रोगी बात बात पर घबराहट महसूस करता है तो उसके दिल की धड़कन सामान्य से अधिक बढ़ जाती है।
फैसले नहीं कर पाना
एंग्जाइटी के रोगी आसानी से किसी बात का फैसला नहीं कर पाते हैं। क्योंकि उनके दिमाग के अंदर हमेशा कोई न कोई डर धुसा रहता है। और वे यह आसानी से यह तय नहीं कर पाते कि उन्हें अब क्या करना चाहिए । यानि ऐसे रोगियों की निणर्य क्षमता कमजोर हो जाती है।
बोलने मे घबराहट
यह रोगी बोलने मे भी घबराहट महसूस करते हैं। इनको हमेशा यह डर बना रहता है कि कहीं उनके मुंह से कोई गलत वर्ड ना निकल जाए । यदि उनके मुंह से कोई गलत वर्ड निकल गया तो दूसरे लोग उनके बारे मे क्या सोचेगे।
हाथ पैरों मे कम्पन
एंगजाइटी के रोगी के हाथ पैर भी कांपते हुए देखे जा सकते हैं।
यदि आप एंग्जाइटी का सही समय पर उपचार नहीं कराते हैं तो आपको और कई मानसिक बीमारियां घेर सकती हैं। लम्बे समय तक एंग्जाइटी यदि किसी व्यक्ति के अंदर रहता है। तो वह फोबिया के रूप मे बदल सकता है।
और आपको डिप्रेशन भी हो सकता है। ऐसी दसा मे आपको अकेलापन अधिक पसंद आएगा । और आपका दिमाग सही और गलत मे फर्क नहीं कर पाएगा और आप सुसाईडी भी कर सकते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको तुरन्त अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
और आपके अंदर अचानक से चीजों को भूलने की समस्या भी हो सकती है। आप छोटी छोटी चीजों को रखकर भूल जाएंगे । आप अपने दिमाग को एक जगह पर फोक्स करने की कोशिश करेंगे तो आप आसानी से ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि आपका नगेटिव विचारों पर कन्ट्रोल खत्म हो जाएगा।
एंग्जाइटी के कुछ सामान्य उपचार
बाजार के अंदर एंग्जाइटी के उपचार के लिए कई प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं।लेकिन किसी भी दवाको लेने से पहले अपने चिकित्सक से से परामर्श अवश्य ले लें। आपको हम कुछ बेसिक तरीके भी बता रहे हैं जोकि एंग्जाइटी को दूर करने मे मददगार साबित होंगे ।
ध्यान लगाए
ध्यान एक ऐसी चीज है जिससे एंग्जाइटी रोग दूर करने मे मदद मिलती है। जब आप रोज सुबह सुबह ध्यान लगाते हैं तो आपके मन को शांति मिलेगी और आपका दिमाग फ्रेस हो जाएगा और दिमाग के अंदर से नगेटिव विचारों का धीरे धीरे लोप हो जाएगा।
घूमने जाना
इए मानसिक बिमारी से ग्रस्ति रोगी को सुबह शाम हरे भरे स्थानों पर घूमने जाना चाहिए ।ऐसा करने से तरोताजा महसूस करेंगे आपका आत्मविश्वास भीबढेगा।
पूरी नींद ले
कई बार नींद पूरी नहीं होने की वजह से भी आप एंग्जाइटी डिसऑडर का शिकार हो सकते हैं। इसलिए समय पर सोए और नींद पूरी करें । देर रात तक रोजाना ना जागें । कम से कम हर रोज 8 घंटे तक नींद लें ।
रोज व्यायाम करें
व्यायाम करने के अनेक फायदे हैं। यदि आप रोज व्यायाम करते हैं तो आप एंग्जाइटी डिसऑडर से जल्दी ही ठीक हो जाएंगे । इतना ही नहीं व्यायाम करने के और भी कई फायदे हैं। आप भविष्य के अंदर भी तंदूरस्त रहेंगे।
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