वीर्य अडाकोषों के अंदर बनता है । अडाकोष की दो थेलिया नीचे की ओर लटकी रहती हैं। उनमे वीर्य लगातार बनता रहता है।
जिसके फलस्वरूप् वहां पर वीर्य को रखने के लिये स्थान की कमी आ जाती है। अडाकोष बार बार नए वीर्य को रखने के लिये स्थान बनाता है। इस प्रकार स्वप्न दोष एक प्रकार की नेचुरल क्रिया होती है। इससे शारिरीक या मानसिक हानी नहीं होती है।
स्वप्न दोष को निम्न प्रकार से रोका जा सकता है।
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जामुन
चार ग्राम जामुन की गुंठली का चुर्ण सुबह शाम केा लेने से स्वप्न दोष कम हो जाता है।
धनिया
धनिये को पीसकर सोते समय मिसरी के अंदर मिलाकर पीने से स्वप्न दोष दूर हो जाता है। और सूखे हुए धनिये को कूट कर छान लें उसके बाद समान मात्रा के अंदर उसमे पीसी हुई चीनी मिलाए और सुबह भूखे पेट एक चम्मच से फांकी ले और एक घंटे तक कुछ न खांए। इसी प्रकार रात को सोते समय भी एक खूराक लें ।
तुलसी
तुलसी के जड़ के टुकडों को पीसकर पानी के अंदर मिलाकर पीने से भी लाभ होता है।
लहसुन
लहसुन की कली के दो टुकड़े कर निगल जाएं इससे स्व्पन दोष नहीं होता है। यह रात को सोते समय रोजाना करें
आंवला
एक मुरब्बे का आंवला रोजाना खांए
कंच के गिलास के अंदर 20 ग्राम पीसा हुआ आंवला डाले और इसमे 60 ग्राम पानी भरे फिर 12 घंटे के लिये भिगोदे । फिर छानकर पानी के अंदर 1 ग्राम पीसी हुई हल्दी मिलाकर पीयें।
केला
केला भी स्वप्न दोष के अंदर लाभ दायक होता है। एक केला खाकर उपर से दूध पीयें ।