गया में पिंडदान का खर्च कितना आता है। इसके बारे मे । दोस्तों पिंडदान के बारे मे आप जानते ही हैं। पिंडदान मर चुके लोगों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। वैसे तो पिंडदान हम अपने यहां पर ही करते हैं। लेकिन कई बार क्या होता है , कि मरे हुए लोगों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है। जिसकी वजह से गया के अंदर पिंडदान करना पड़ता है। अधिकतर केस के अंदर सभी घर के मर चुके लोगों का पिंडदान करना पड़ता है। लेकिन जो लोग नीच कर्मो की वजह से नीच योनी के अंदर चले जाते हैं। उनका पिंडदान करना काफी अधिक जरूरी होता है। क्योंकि यह लोग खुद तो परेशान होते ही हैं। इसके अलावा यह लोग दूसरों को भी परेशान करना शूरू कर देते हैं। क्योंकि यह प्रेत योनी के अंदर होने की वजह से काफी अधिक दुखी हो जाते हैं।
इसकी वजह से गया के अंदर पिंडदान किया जाता है। और यह माना जाता है , कि वहां पर पिंडदान करने की वजह से आत्मा को मुक्ति मिल जाती है। और उसके बाद वह यहां वहां पर नहीं भटकती है। सीधे अपने लोक के अंदर चली जाती है। तो आइए जानते हैं। इसके बारे मे कि गया के अंदर पिंडदान का कितना खर्च आएगा ।
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गया में पिंडदान का खर्च
देखिए यदि आप गया के अंदर पिंडदान करते हैं , तो वहां पर आपको अलग अलग तरह का खर्च करना पड़ सकता है। सन 2023 की यदि हम बात करें , तो हमारा एक जानकार गया के अंदर पिंडदान करने के लिए गये थे । वहां पर उन्होनें बताया कि पंडित को आपको 25 हजार रूपये कुल देने होंगे । इसके अलावा कुल मानकर एक लाख से 70 हजार रूपये खर्च हो जाएंगे । यदि आपको सही तरह से पिंडदान करना है , तो फिर आपको अपने घर के सारे सदस्यों को लेकर जाना होगा । और उसके बाद पिंडदान करना होगा ।
हालांकि कई जगह पर गया के अंदर पिंडदान करने के लिए पैकेज भी उपलब्ध करवाए जाते हैं। यदि आपके यहां पर इस तरह की व्यवस्था है , तो फिर आप गया के अंदर पिंडदान करने के लिए जा सकते हैं। और यह आपके लिए और अधिक सस्ता रहेगा । अपने राज्य के अंदर इस तरह का पैकेज है या फिर नहीं है ? इसके बारे मे आपको खुद ही पता करना होगा ।
यहां पर अधिक खर्च होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि हमारे यहां से गया काफी दूरी है। राजस्थान से तो किराया और खाने पीने के अंदर काफी अधिक खर्च होता है। वहीं यदि आपके पास मे ही गया पड़ता है , तो फिर आपको अधिक खर्च करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी ।
गया मे पिंडदान का विशेष महत्व क्यों है
दोस्तों गया के बारे मे कहा जाता है , कि यहां पर पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार हो जाता है। और यह माना जाता है कि राजा दशरत का पिंडदान यहां पर किया था । माना जाता है कि पितरों के रूप मे भगवान हरि यहां पर निवास करते हैं। और वे खुद पितरों का कल्याण करते हैं। इस वजह से गया के अंदर पिंडदान किया जाता है।
क्या गया के अंदर पिंडदान करने से हर पितर की मुक्ति हो जाती है रियल मे ?
नहीं गया के अंदर पिंडदान करने से हर पितर की मुक्ति नहीं होती है। ऐसा कई बार देखने और सुनने को मिला है , कि गया के अंदर पिंडदान करने के बाद भी प्रेत की मुक्ति नहीं हुई , तो आप यह मान कर ना चले कि वहां पर पिंडदान करने से पितर की मुक्ति हो ही जाएगी । यहां पर 100 फीसदी बातें सच नहीं होती हैं। आप इस बात को समझ लें ।
इसके पीछे के रिजन का तो हमें पता नहीं है। लेकिन 100 फीसदी जैसा कुछ नहीं होता है। हां यह हम कह सकते हैं कि यहां पर पिंडदान करने से अधिकतर पितरों की मुक्ति हो जाती है। कुछ बच जाते हैं। हो सकता है कि उनका पिंडदान सही तरह से नहीं भी हुआ हो या फिर कोई और कारण हो ।
गया मे पिंडदान कहां किया जाता है
50 पिंड वेदी मौजूद हैं. इन्हीं वेदियों पर पिंडदान किया जाता है.प्रमुख पिंड वेदियों में विष्णुपद वेदी, रामशिला वेदी, धर्मारण्य वेदी, प्रेतशिला वेदी, कागबली वेदी, अक्षयवट आदि शामिल हैं। इनके अंदर पिंडदान किया जाता है। पिंडदान करने के लिए बालू का सहारा भी लिया जाता है। कुल मिलाकर यह पिंडदान करने वाले के उपर निर्भर करता है , कि वह कहां पर पिंडदान करता है।
गया में पिंडदान का महत्व
दोस्तों हम अब बात करते हैं कि गया के अंदर यदि हम पिंडदान करते हैं , तो इसका क्या क्या महत्व हो सकता है ? इसके बारे मे विस्तार से बाताने का प्रयास करते हैं। तो आइए जानते हैं , विस्तार से ।
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृ पक्ष कहते है. इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। इस समय पिंडदान किया गया जाता है। और पिंडदान श्राद्ध आदि की मदद से पितरों को खुश करने का प्रयास किया जाता है। इसके लिए यह सभी कार्य किये जाते हैं।
गया मे पिंडदान करने से पितर संतुष्ट होते हैं
दोस्तों यदि आप गया के अंदर पिंडदान करते हैं , तो इसका एक फायदा यह होता है कि इसकी वजह से पितर संतुष्ट होते हैं। और उसके बाद जब वे एक बार संतुष्ट हो जाते हैं , तो वे अपने लोक चले जाते हैं। मतलब वे पितर लोक के अंदर निवास करने लग जाते हैं।
पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है
आपको बतादें कि गया के अंदर पिंडदान करने का काफी अधिक महत्व होता है।इसका कारण यह है कि इसकी वजह से पितरों को मोक्ष मिल सकता है। पितर जब नीच योनी के अंदर होते हैं , तो वे काफी अधिक दुखी होते हैं। और दुखी होने पर काफी परेशान भी होते हैं। उनके कल्याण के लिए गया के अंदर पिंडदान किया जाता है। यदि आप भी अपने पितरों को मोक्ष देना चाहते हैं। तो आपको गया के अंदर पिंडदान जरूर ही करना चाहिए ।
गया मे पिंडदान के फायदे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है
यदि आप गया के अंदर पिंडदान करते हैं , तो इसकी वजह से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। इसलिए आपको गया के अंदर पिंडदान जरूर करना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं। आमतौर पर जब उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है , तो वे आपको भी काफी अधिक परेशान करना शूरू कर देते हैं। और एक बार जब उनकी आत्मा को शांति मिल जाती है , तो उसके बाद वे भी अपने लोक मे चले जाते हैं , और फिर आपको भी परेशान नहीं करते हैं ।
आपको मिलता है पितरों का आशीर्वाद
याद रखें पितर कर्ज को सबसे बड़ा माना गया है। और यदि आपके पितरों का कल्याण नहीं होता है तो आपको उनके लिए उपाय करना बहुत अधिक जरूरी हो जाता है। इसलिए आपको चाहिए कि आप अपने पितरों की मुक्ति के लिए उपाय करें । इसके लिए आप गया के अंदर जब पिंडदान करवाते हैं , तो इससे पितरों की मुक्ति होती है , और उसके बाद वे आपको आशीर्वाद देकर अपने लोक के अंदर चले जाते हैं। इस तरह से पिंडदान का एक फायदा यह भी है , कि आपको पितरों का आशीर्वाद मिलता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
पितर दोष दूर हो जाते हैं
दोस्तों यदि आप गया के अंदर पिंडदान करते हैं , तो उसकी वजह से पितर दोष दूर हो जाता है। यदि आपके घर के अंदर किसी भी तरह का पितर दोष है , तो वह दोष आपको काफी अधिक परेशान करेगा । और आपके घर के अंदर कई तरह की समस्याएं देखने को मिलेगी । लेकिन पिंडदान करने से यह सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी । यदि आपके घर के अंदर पितर दोष है , तो आपको किसी से पता करना चाहिए । और उसके बाद उचित उपायों को आप कर सकते हैं। जिससे कि आपको काफी अधिक फायदा मिलेगा ।
घर मे शांति और खुशहाली आती है पिंडदान के फायदे
यदि आप गया के अंदर पिंडदान करते हैं , तो आपके घर के अंदर शांति और खुशहाली आती है। याद रखें आपके पितरों का यदि कल्याण नहीं होता है , तो वे आपकी उन्नति के अंदर बहुत अधिक बाधा पैदा करते हैं। और इसकी वजह से आपके घर की खुशी और शांति नष्ट हो जाती है। तो आपको पिंडदान करना चाहिए । जब पितर अपने लोक चले जाते हैं , तो फिर वे आपको कष्ट देना भी बंद कर देते हैं।
आपके घर मे बीमारी दूर होती है
आपको यह पता होना चाहिए कि जब आपके घर मे पितर दोष होता है , तो घर मे तरह तरह की बीमारी होने लग जाती है। घर का कोई ना कोई सदस्य बीमार रहने लग जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर यदि आप पिंडदान करते हैं , तो ऐसा करने से आपके घर की बीमारी दूर होती है। और घर के सारे सदस्य सुख और शांति से रहने लग जाते हैं।
घर मे धन की बरकत होने लग जाती है
गया के अंदर पिंडदान करने का एक फायदा यह भी होता है , कि इसकी वजह से धन की बरकत होने लग जाती है। आपके घर के अंदर जो भी कमाते हैं , वह फालतू के कामों के अंदर खर्च नहीं होता है। और यदि घर मे पितर दोष होता है ,तो आप जो भी कमाते हैं , वह सब आपका फालतू कामों के अंदर ही खर्च हो जाता है। जिसकी वजह से घर के अंदर दरिद्रता का वास होने लग जाता है। तो यदि आपके घर के अंदर पितर दोष है ,तो उसको दूर करने का प्रयास आपको करना चाहिए ।
अकाल मौत का भय समाप्त हो जाता है
यदि आपके घर के अंदर कोई पितर प्रेत योनी के अंदर है , तो उसकी वजह से आस पास के प्रेत भी उसके साथ हो जाते हैं , और वे घर के अंदर हानि करने की कोशिश करते हैं। जिसकी वजह से घर के सदस्यों की अकाल मौत भी हो सकती है। इसलिए आपको चाहिए कि आप गया के अंदर पिंडदान करें । ऐसा करने से आपके पितर की आत्मा को शांति मिलेगी । और ऐसा करने के बाद आपके पितर के साथ जो दूसरों के पितर हैं , वे भी आपके घर मे नहीं आ सकेंगे । और आपके परिवार को नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे।
शादी विवाह के अंदर हो रही रूकावट दूर हो जाएगी
यदि आपकी शादी और विवाह के अंदर रूकावट हो रही है , तो यह भी पितर दोष की वजह से हो सकता है। इसलिए आपको चाहिए कि आप पिंडदान करें । ऐसा करने से आपकी शादी और विवाह के अंदर हो रही रूकावट दूर हो जाएगी । आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि आपकी भी शादी नहीं हो रही है , तो आपको एक बार यह देखना चाहिए कि यह कहीं पितर दोष की वजह से तो नहीं है।
क्या पिंडदान करना सभी के लिए जरूरी है ?
हां यदि आप हिंदु धर्म को मानते है। तो आपके लिए पिंडदान करना जरूरी होता है। मरने के बाद पिंडदान होता है। हालांकि मरने से पहले भी पिंडदान किया जा सकता है। मगर पिंडदान यदि आप नहीं करते हैं , तो आत्मा को दूसरे लोकों मे जाने मे काफी अधिक परेशानी होती है। इसलिए पिंडदान को सिर्फ एक अंधविशास नहीं समझना चाहिए । वरन इसको करना चाहिए ।
क्या गया मे सभी का पिंडदान करना जरूरी है ?
नहीं जिस प्रेत की मुक्ति नहीं होती है। उनको गया के अंदर पिंडदान किया जाता है। जिन प्रेत की पहले ही मुक्ति हो जाती है , उनके लिए गया के अंदर पिंडदान करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है।
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