दोस्तों गेंहू का पानी पीने के अनेक फायदे हैं ,गेहूं की रोटी खाने के फायदे । यदि आप गेंहू या जो का पानी पीते हैं तो यह काफी फायदे मंद होगा । आज कल गेंहू सबसे अधिक खाया जाता है। और गेंहू के अंदर कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को उर्जा देने का काम करते हैं। इस लेख के अंदर हम गेंहू खाने के फायदों और गेंहू के औषधी गुणों के उपर विस्तार से चर्चा करेंगे ।
इन सबके अलावा कई वैज्ञानिक रिसर्च की भी चर्चा करेंगे जो आपको यह बताएंगे कि गेंहू का पानी पिने के फायदे और उनको खाने से क्या होता है। यदि आप गेंहू के पोषक तत्वों से अनजान हैं तो यह लेख पढ़ सकते हैं यहां पर आपको पूरी विस्तार से जानकारी मिलेगी और यदि आपकी इससे जुड़ी कोई समस्या है तो आप नीचे कमेंट भी कर सकते हैं।
दोस्तों इस लेख के अंदर हम एक वर्ड प्रयोग कर रहे हैं और वह वर्ड है साबुत अनाज । दोस्तों साबुत अनाज की सबसे आम किस्मों की बात करें तो इसके अंदर मकई, चावल और गेहूं हैं।साबुत अनाज का मतलब कि एक पूर्ण अनाज जिसके 3 भाग मौजूद हो । आमतौर पर साबुत अनाज के 3 भाग होते हैं ।
- चोकर नामक कठोर, बाहरी आवरण है। इसमें फाइबर, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं।
- एण्डोस्पर्म अनाज की मध्यवाली परत होती है जोकि कार्ब्स से बनी होती है।
- Germ अनाज की आंतिरक परत होती है।इस आंतरिक परत में विटामिन, खनिज, प्रोटीन और पौधों के यौगिक होते हैं।
अनाज को जब पीसा जाता है तो इसके यह तीनो हिस्से मूल अनुपात मे मौजूद होने चाहिए । तभी इसको साबुत अनाज माना जाता है।सबसे बड़ी बात यह है कि जब अनाज को परिष्क्रत किया जाता है तो अनाज की उपरी परत को हटा दिया जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर इसे साबुत अनाज नहीं माना जाता है।
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गेहूं का पानी पीने के फायदे
दोस्तों आपको बतादें कि गेहूं का पानी पीने के फायदे के लगभग वोही फायदे होते हैं जोकि आमतौर पर गेंहू खाने से होते हैं। हालांकि यह एक अनुमान मात्र है और वैज्ञानिक रिसर्च इस बारे मे उनलब्ध नहीं है।
सो सबसे बेहतर होगा कि आप गेंहू का पानी पीने की बजाये उनको खांए तो अधिक फायदे हो सकते हैं। इन सबके अलावा यदि आप जौ का पानी पीते हैं तो इसके अनेक फायदे हैं ।
जिनको आप नेट पर भी सर्च कर सकते हैं। लेकिन गेंहू के पानी पीने के फायदे के बारे मे कुछ कहा नहीं जा सकता है। इस वजह से आपको यह सलाह दी जाती है कि आप गेंहू का पानी पीने की बजाए उनका सेवन कर सकते हैं। भले ही आप किसी भी रूप मे सेवन करें जैसे चपाती बनाकर या फिर गेंहूं के अन्य कोई फूड बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
गेहूं की रोटी खाने के फायदे और गेहूं खाने के फायदे
दोस्तों हम सब घर के अंदर गेंहू रखते हैं और उनको पीस कर खाते हैं। अक्सर हम लोग एक गलती करते हैं गेंहू के दानों को काफी महिन पिस लेते हैं ।
जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए । क्योंकि ऐसा करने से गेंहूं के अंदर जो पोषक तत्व होते हैं वो नष्ट हो जाते हैं। इस वजह से गेहूं के दानों को थोड़ा मोटा ही रहनें दें । तो आइए जानते हैं घर के अंदर बनाई हुई गेहूं की रोटी खाने के फायदे के बारे मे ।
गेहूं की रोटी के फायदे कोलन कैंसर की रोकथाम के लिए
कोलन कैंसर एक प्रकार का पाचन तंत्र कैंसर है।एक रिसर्च के अंदर यह पता लगाया गया है कि गेहूं खाकर कोलन कैंसर के खतरे को 40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।गेहूं फाइबर में समृद्ध हैं और एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोन्यूट्रिएंट्स का दावा करते हैं जो आपके पेट के कैंसर के संभावित खतरे को कम करते हैं ।
हालांकि इस संबंध मे कई रिसर्च हुए हैं और हर रिसर्च के परिणाम थोडे अलग आए हैं। लेकिन यह कहा जा सकता है कि गेहूं खाने से पाचन तंत्र को अच्छा बनाया जा सकता है। कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
गेहूं का पानी पीने के फायदे सीलिएक रोग से आराम
सीलिएक रोग आमतौर पर आपकी छोटी आंत को नुकसान पहुंचाता है। जिसकी वजह से पोषण तत्वों का सही से अवशोषण नहीं हो पाता है। इस रोग के प्रमुख लक्षण होते हैं।लक्षणों में वजन कम होना, ब्लोटिंग, पेट फूलना, डायरिया, कब्ज, पेट दर्द और थकान आदि ।
गेहूं की एक प्राचीन किस्म जिन्कॉर्न अभी भी इस रोग के लिए अनुपयुक्त है।लस मुक्त आहार का सेवन करने से यह रोग ठीक हो सकता है और गेहूं लस का मुख्य आहार स्रोत है।प्रोटीन राई, जौ और कई प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में भी यह पाया जाता है।
दिल की बीमारी नहीं होती
आपको बतादें कि गेंहू खाने से दिल की बीमारी होने से रोका जा सकता है।यदि आप साबुत अनाज खाते हैं तो हर्ट के जोखिम को कम कर सकते हैं। जोकि दुनिया भर के अंदर मौत का कारण है।कई रिसर्च पेपर के अंदर यह सामने आया है कि प्रतिदिन साबुत अनाज के तीन 1-औंस (28-ग्राम) सर्विंग से आपके हृदय रोग का खतरा 22% तक कम हो जाता है।
17,424 वयस्कों में 10 साल के अध्ययन के अंदर यह पाया गया कि जो लोग साबुत अनाज को खाते थे उनके अंदर हर्ट रोग होने की संभावना को 47 प्रतिशत तक कम कर दिया था।साबुत अनाज के अंदर ब्रेड और अनाज और चोकर को हर्ट रोग से जोड़कर देखा गया है।
गेहूं की रोटी खाने के फायदे स्ट्रोक के अपने जोखिम को कम करें
साबुत अनाज स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकता है। यह वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर भी प्रमाणित हो चुका है।250,000 लोगों के उपर किये गए रिसर्च के अंदर यह पता चला है कि जो लोग साबुत गेहूं का प्रयोग करते थे उनके अंदर स्ट्रोक की संभावना 14 प्रतिशत तक कम थी।
साबुत अनाज में कुछ यौगिक, जैसे फाइबर, विटामिन के, और एंटीऑक्सिडेंट, होते हैं जो स्ट्रोक को कम करने मे मददगार होते हैं।
गेहूं के फायदे मोटापे को कम करें
फाइबर युक्त आहार खाने से आपका जल्दी पेट भरता है और इससे कम भोजन पेट के अंदर जाता है।उच्च फाइबर को वजन घटाने के लिए जाना जाता है।साबुत अनाज और उससे बने उत्पाद उच्च फाइबर वाले होते हैं जो आपके मोटापे को कम करने मे आपकी अच्छी मदद कर सकते हैं।
वैज्ञानिकों के द्वारा लगभग 120,000 लोगों और 15 रिसर्च के अंदर यह पाया गया कि उच्च फाइबर वाले पदार्थ इंसान का वजन कम करने मे काफी उपयोगी हो सकते हैं।1965 से 2019 तक हुई कई रिसर्च के अंदर भी इस बात को प्रमाणित किया जा चुका है कि गेहूं खाने से वजन कम हो सकता है।
गेंहू का पानी पीने के फायदे टाइप 2 मधुमेह को कम करे
वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि टाइप 2 मधुमेह को कम करने के लिए गेहूं भी काफी फायदे मंद हो सकते हैं।वैज्ञानिकों ने 15 विभिन्न प्रकार के रिसर्च करने के बाद यह निष्कर्ष दिया कि प्रति दिन केवल 2 सर्विंग खाने से मधुमेह के खतरे को कम किया जा सकता है।इन सब के अलावा गेहूं रक्त शर्करा के स्तर और इंसुलिन संवेदनशीलता के अंदर सुधार करने के लिए भी जाना जाता है।
यह मैग्नीशियम की वजह से हो सकता है। गेहूं के अंदर मैग्नीशियम होता है जोकि चयापचय करने मे काफी मदद गार होता है। और ऐसा करने से यह इंसूलीन की संवेदनशीलता से जुड़ा होता है।
गेहूं खाने के लाभ पाचन मे मददगार
दोस्तों गेहूं आपके पाचन को अच्छा कर सकते हैं। कई बार जब हम कोई भारी भोजन कर लेते हैं तो उसका पचना मुश्किल होता है। लेकिन गेहूं के साथ ऐसा नहीं है यह आसानी से पच जाता है।
गेहूं के अंदर फाइबर प्रीबायोटिक्स पाये जाते हैं जोकि अनाज को तोड़ने मे एक तरह से मदद करते हैं। यदि आप जल्दी पचने वाले भोजन को पसंद करते हैं तो उसके अंदर एक गेहूं भी हो सकता है।
गेहूं की रोटी के लाभ सूजन को कम करे
दोस्तों यदि आपको कोई पुरानी सूजन है तो गेहूं इसको कम करने मे मदद कर सकता है।20 रिसर्च के अंदर यह परिणाम सामने आया है कि साबूत अनाज पुरानी सूजन को कम करने मे काफी मददगार हो सकते हैं।
जो महिलाएं सबसे अधिक साबुत अनाज खाती हैं। उनके अंदर किसी तरह का पुराना सूजन होने की संभावना एकदम से कम हो जाती है।
गेहूं आपके कैंसर के खतरे को कम करे
गेहूं और कैंसर का कनेक्सन करने के लिए वैज्ञानिकों ने 20 रिसर्च किये जिनके अंदर केवल 6 रिसर्च ने यह दावा किया गया कि गेहूं कैंसर की संभावना को कम कर सकता है। जबकि 14 रिसर्च मे इसका कोई लिंक नहीं पाया गया है।
सन 2019 के अंदर किये गए रिसर्च यह बताते हैं कि साबुत अनाज एंटीकैंसर लाभ कोलोरेक्टल कैंसर के खिलाफ हैं, जो कैंसर के सबसे सामान्य प्रकारों में से एक होता है।इन सबके अलावा यह भी माना जाता है कि फायबर से जुड़े कुछ लाभ भी कैंसर के खतरे को कम करने मे मदद कर सकते हैं।
गेहूं अकाल मृत्यु जे जोखिम को कम करता है
दोस्तों गेहूं को अकाल मौत से भी जोड़कर देखा गया है।क्योंकि गेहूं पुरानी बीमारी के प्रभाव को कम कर देते हैं और इसकी वजह से मरने का खतरा भी कम हो जाता है।एक अन्य रिसर्च के अंदर यह सुझाव दिया है कि अनाज का सेवन विशेष रूप से हृदय रोग से मरने के जोखिम को कम करता है, साथ ही साथ किसी अन्य कारण से भी।
इस रिसर्च के अंदर कई पेटर्न को शामिल किया गया था। जैसे शरीर का वजन , खाने का पेटर्न,धुम्रपान आदि ।
इस रिसर्च के परिणाम भी चौकाने वाले आये थे ।1-औंस (28-ग्राम) को मृत्यु के 5% कम जोखिम कर सकता है।
साबुत अनाज सबके लिए नहीं होता है
दोस्तों आपको बतादें कि साबुत अनाज का सेवन भी सबके लिए नहीं होता है। गेहूं और जो के अंदर ग्लूटेन, एक प्रकार का प्रोटीन होता है जिसकी वजह से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है।
ग्लूटेन संवेदनशीलता होने पर थकान, अपच और जोड़ों के दर्द सहित कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
हालांकि कुछ लोगों को किसी भी प्रकार के अनाज को पचाने मे भी कठिनाई होती है। इस तरह के लोगों के साथ पाचन समस्याएं हो सकती हैं।इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम की वजह से भी कुछ लोगों के अंदर आत्र समस्याएं भी पैदा कर कर सकता है।
इन सबके अलावा गेहूं एक हल्का अनाज नहीं होता है। पेट के ऑपरेशन किये रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
साबुत अनाज को अपने आहार के अंदर कैसे शामिल करें
दोस्तों गेहूं की रोटी खाने के फायदे के बारे मे हमने जाना । लेकिन जैसाकि वैज्ञानिक रिसर्च बताते हैं कि गेहूं तब अधिक फायदे मंद होता है। जब इसको साबुत अनाज के रूप मे खाया जाता है।
लेकिन इन सबके साथ समस्या यह है कि साबुत अनाज के रूप मे गेहूं कैसे खाएं ? वैसे भी कोई गेहूं चाबना पसंद नहीं करेगा ।लेकिन यदि आप मार्केट के अंदर देखेंगे तो आपको केवल ना के बराबर प्रोडेक्ट ऐसे मिलेंगे जोकि साबुत अनाज से बने हुए हैं।
- आप ब्रेड ट्राई कर सकते हैं।
- घर के अंदर दलिया बनाकर खा सकते हैं।
- आप गेहूं के मोटे आटे का भी प्रयोग करके देख सकते हैं।
गेहूं के पोषक तत्व और गेहूं में पाए जाने वाले पोषक तत्व
दोस्तों अब तक हमने गेहूं का पानी पीने के फायदे और गेहूं की रोटी खाने के फायदों के बारे मे जाना । लेकिन अब हम जानते हैं कि गेहूं के अंदर कौन कौन से पोषक तत्व पाये जाते हैं और वै किस तरह से काम करते हुए हमारे शरीर को फायदा पहुंचाते हैं।
पोषक तत्व और फाइबर
गेहूं के अंदर कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को उर्जा देने के लिए आवश्यक होते हैं।
- चोकर साबुत अनाज में अधिकांश फाइबर प्रदान करता है।
- विटामिन बी भी साबुत अनाज के अंदर होता है।इसके अंदर थायमिन और फोलेट भी है।
- जस्ता, लोहा, मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे खनीज भी साबुत अनाज के अंदर पाये जाते हैं।
- प्रोटीन की बात करें तो साबुत अनाज के अंदर काफी ज्यादा प्रोटीन होती है।
- एंटीऑक्सिडेंट भी इसके अंदर कई प्रकार के पाये जाते हैं । इसके अंदर फाइटिक एसिड, लिग्नन्स, फेरुलिक एसिड और सल्फर यौगिक आदि आते हैं।
- पॉलीफेनोल, स्टेनोल्स और स्टेरोल्स जैसे तत्व जिनकों पौधों का यौगिक कहा जाता है। यह रोगों को रोकने मे मदद करते हैं।
आइए एक रिसर्च के अनुसार जान लेते हैं कि 28 ग्राम साबुत अनाज के अंदर कितने पोषक तत्व होते हैं।
- फाइबर: 3 ग्राम
- मैंगनीज: संदर्भ दैनिक इंटेक (RDI) का 69%
- फॉस्फोरस: RDI का 15%
- थियामिन: आरडीआई का 14%
- मैग्नीशियम: RDI का 12%
- कॉपर: RDI का 9%
- जस्ता और लोहा: RDI का 7%
गेहूं मुख्य रूप से कार्ब्स से बना हुआ होता है। यदि हम गेहूं की बनावट की बात करें तो हम आपको बताते हैं कि इसके अंदर कौन कौन से तत्व कितनी मात्रा के अंदर होते हैं।100 ग्राम गेहूं के अंदर
- कैलोरी: 340
- पानी: 11%
- प्रोटीन: 13.2 ग्राम
- कार्ब्स: 72 ग्राम
- चीनी: 0.4 ग्राम
- फाइबर: 10.7 ग्राम
- वसा: 2.5 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट
कार्बोहाइड्रेट
गेहूं का 90 प्रतिशत हिस्सा कार्बोहाइड्रेट का बना होता है।ग्लाइसेमिक इंडेक्स गेहूं के अंदर अच्छे पाये जाते हैं और गेहूं का बनाया पास्ता कम कुशलता से मतलब धीरे पचता है। इसकी वजह से रक्त के अंदर शर्करा के स्तर को कम बनाए रखने मे मदद मिलती है।
रेशा
साबुत अनाज के अंदर उच्च फाइबर होता है लेकिन परिष्कृत अनाज के अंदर कुछ भी फाइबर नहीं होता है।मिलिंग सामग्री के दौरान परिष्कृत गेहूं मे फाइबर हटा दिया जाता है। और हम जो घर के अंदर आटा पीस कर खाते हैं उसके अंदर बहुत ही कम फायबर होता है।
गेहूं के चोकर में मुख्य फाइबर अरबीनोक्सिलन (70%) है, जो कि हेमिकेलुलोज है। और इसके अलावा सेलुलोज होता है।गेहूं के अंदर मौजूद अधिकांश फाइबर अघुलनशील है और यह आपकी आंत से गुजरता है। कुछ फायबर को बैक्टिरिया तोड़ते हैं।
बड़े और गेहूं के चोकर आंतों के स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी हैं।
प्रोटीन
प्रोटीन गेहूं का 7 से 22 प्रतिशत तक होता है।प्रोटीन के अंदर ग्लूटेन होता है जिसकी मात्रा 80 प्रतिशत तक हो सकती है। यह गेहूं के आटे की लोच और चिपचिपाहट के लिए जिम्मेदार होता है।
विटामिन और खनिज
गेहूं के अंदर कई प्रकार के विटामिन और खीनज भी पाये जाते हैं।गेहूं के अंदर सेलेनियम भी पाया जाता है। हालांकि इसकी मात्रा जहां पर गेहूं को उगाया जाता है। उस जगह पर निर्भर करती है। यह हमारे शरीर के अंदर आवश्यक कार्य करता है।
- मैंगनीज साबुत अनाज, फलियां, फल और सब्जियों में उच्च मात्रा में पाया जाता है।
- गेहूं के अंदर फास्फोरस भी पाया जाता है जो शरीर के उतको की देख भाल के लिए आवश्यक है।
- फोलेट बी विटामिन में से एक, फोलेट को फोलिक एसिड या विटामिन बी 9 के रूप में भी जाना जाता है। गर्भावस्था के दौरान यह उपयोगी होता है।गेहूं का आटा आयरन, थायमिन, नियासिन, कैल्शियम और विटामिन बी 6 का अच्छा स्रोत भी होता है।
रिसर्च के अंदर यह बताया जा चुका है कि गेहूं के अधिक उपयोगी पदार्थ चकोर के अंदर ही होती हैं और परिक्रष्त गेहूं के अंदर यह नहीं होते हैं।एंटीऑक्सिडेंट के उच्चतम स्तर एलेरोन परत केवल गेहूं की उपरी परत के अंदर ही होती है। फ़ेरुलिक एसिड एक प्रकार का एंटीऑक्सिडेंट होता है जो गेहूं की उपरी परत के अंदर ही होता है।
गेहूं के चोकर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट कोलन कैंसर को रोकने मे मदद कर सकता है। रोगाणु एग्लूटीनिन आपके शरीर के अंदर कई प्रकार के रोगो से बचा सकता है।उच्च-ल्यूटिन खाद्य पदार्थ नेत्र स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।
अंकुरित गेहूं खाने के फायदे
दोस्तों अंकुरित अनाज खाने के अपने ही फायदे होते हैं। यदि आप अंकुरित गेहूं खाते हैं तो यह पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं । और इनके अंदर आपको एक आम गेहूं के बहुत सारे फायदे मिलते हैं। तो आइए अब फटा फट जान लेते हैं कि अंकुरित गेहूं खाने के क्या क्या फायदे हो सकते हैं।
विटामिन ई के अच्छे स्त्रोत
दोस्तों अंकुरित गेहूं विटामिन ई के एक अच्छे स्त्रोत होते हैं और यदि आप अंकुरित गेहूं खाते हैं तो आपके शरीर को अच्छा विटामिन ई मिलता है।आपको पता होना चाहिए कि विटामिन ई आपके शरीर के अंगो को सामान्य रूप से बनाए रखने मे मदद करता है।यदि शरीर के अंदर विटामिन ई की कमी होती है तो खून की कमी भी हो सकती है।
अंकुरित गेहूं खाने के फायदे त्वचा के लिए
दोस्तो आपको यह भी पता होना चाहिए कि यदि आप अंकुरित गेहूं खाते हैं तो यह आपकी त्वचा के लिए सकारात्मक असर करता है और आपकी त्वचा और बाल काफी चमकदार बन जाते हैं । उनके अंदर की बिमारियों के लिए यह राम बाण है।
सम्पूर्ण पोषक तत्वों का उपभोग
वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर यह साफ हो चुका है कि गेहूं का खेत से लेकर जब हमारी टेबल तक पहुंचता है तो उसके पोषक तत्वों का बहुत सारा भाग नष्ट हो जाता है। कुछ भाग तो पीसने के दौरान नष्ट होता है। कुछ भाग छलनी के अंदर और कुछ भाग गर्म करने के दौरान नष्ट होता है।लेकिन यदि आप अंकुरित गेहूं खाते हैं तो आप सम्पूर्ण पोषक तत्वों का उपयोग कर सकते हैं जो सबसे बेहतर फायदा है।
रक्त को शुद्व करने मे
अंकुरित गेहूं खाने के फायदे की बात करें तो यह मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ाता है। शरीर के अंदर कई प्रकार के विषैले पदार्थ होते हैं और उन पदार्थों का शरीर से बाहर निकलना काफी आवश्यक होता है। अंकुरित गेहूं रक्त को साफ करता है जिसकी वजह से बीमारियों की संख्या मे कमी आती है।
अंकुरित गेहूं के फायदे पाचन समस्याओं के लिए
दोस्तों कुछ लोगों को पाचन से जुड़ी समस्याएं होती हैं। यदि आपको भी पाचन की समस्या है तो आपको अंकुरित गेहूं खाना चाहिए । यह आपकी पाचन की समस्याओं का हल कर सकता है।
शक्तिवर्धक
यदि आप गेहूं को भीगोकर खाते हैं तो यह एक शक्तिवर्धक दावा की भांति काम करता है। आप इनको रोज खा सकते हैं । लग भग जब आप कुछ महिनों तक इनका सेवन करेंगे तो आपको अपने शरीर के अंदर एक नई उर्जा का एहसास होगा ।
गेहूं को भिगोने का आसान तरीका
दोस्तों गेहूं को भिगोने का सबसे आसान तरीका है कि सबसे पहले गेहूं को धो लें । ध्यानदें बाजार से अच्छी क्वालिटी के गेहूं ही प्रयोग करें ।उसके बाद इनको दिन के अंदर 4 बार धोए और 12 घंटे के लिए एक कपड़े के अंदर बांध कर रख सकते हैं। जब यह अंकुरित हो जाएं तो आपइनको दिन मे दो से तीन बार खा सकते हैं आप इनको नींबू वैगरह लगाकर स्वादिष्ट बनाकर खा सकते हैं। यह काफी उपयोगी रहेगा ।
पीसा हुआ गेहूं और साबुत अनाज
दोस्तों आपको लेख के अंदर यह पता तो चल ही चुका होगा कि हम जो गेहूं पीस कर खाते हैं। वे हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व देने मे असमर्थ होते हैं। और हम जो गेहूं का आटा खाते हैं वह कई समस्याएं पैदा कर देता है। क्योंकि उसके सारे पोषक तत्व पहले ही खत्म हो चुके होते है।
गेहूं को एक दम से महिन ना पीसे
दोस्तों अक्सर हम घर के अंदर छोटी आटा चक्की रखते हैं और उसके अंदर गेहूं डालकर पीसते हैं। और हम सब लोग यह गलती करते हैं कि गेहूं को एकदम से महिन बना लेते हैं। जिसकी वजह से गेहूं के अंदर जो उपयोगी पदार्थ होते हैं उनका लाभ हमे नहीं मिल पाता है। यदि आप गेहूं को पीस कर खाते हैं तो उनको इस प्रकार से पीसे की उनका उपरी भाग आसानी से गेहूं के अंदर नजर आना चाहिए ।ऐसा करने से गेहूं के अंदर के पोषक तत्वों का नुकसान कम से कम होगा ।
साबुत अनाज को खाएं
दोस्तों वैज्ञानिक इस बात की सलाह देते हैं कि हम लोगों को ज्यादा से ज्यादा साबुत गेहूं खाना चाहिए । ऐसा करे से ही हम काफी ज्यादा फायदे के अंदर रहेंगे ।यदि आप चाहे तो साबुत अनाज को खिचड़ी बनाकर खा सकते हैं।
गेहूं को जब पीस कर खाया जाता है तो उसके उपरी भाग चोकर को हटा दिया जाता है । इस वजह से फाइबर, विटामिन, खनिज, लिग्नान, फाइटोस्टेरोगेन, फिनोलिक यौगिकों की हानि होती है।साबुत अनाज की तुलना मे परिष्क्रत अनाज के अंदर स्टार्च की मात्रा अधिक होती है।
अधिकांश विटामिन और खनिज (44.45%) अनाज के रोगाणु और चोकर हिस्से में पाए जाते हैं। अनाज के मिलिंग से थायमिन, बायोटिन, विटामिन बी 6, फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, नियासिन और पैंटोथेनिक एसिड आदि का नुकसान भी होता है।कैल्शियम, लोहा, और मैग्नीशियम आदि के नुकसान के बारे मे भी सन 2010 के अंदर हुए रिसर्च बताते हैं।
मूल विटामिन का 70 प्रतिशत हिस्सा तब खो जाता है। जब अनाज को पिघलाया जाता है।गेहूं की खाने की प्रोसेस के अंदर बहुत सारे खनीज नष्ट हो जाते हैं।फाइबर, प्रोटीन का 25% नुकसान, मैंगनीज का 90% नुकसान, जस्ता और लिनोलेनिक एसिड का 85% नुकसान हो जाता है।खेतों से मेज तक गेहूं आने तक उसके अंदर कई पोषक तत्व निकल जाते हैं।
आप नीचे दी गई तालिका के अंदर पीसे हुए गेहूं और बाजरा के अंदर पोषक तत्वों की मात्रा को देख सकते हैं। आमतौर पर गेहूं जब पीसा जाता है तो उसके अंदर सभी प्रकार के पोषक तत्वों की मात्रा कम हो जाती है।
2013 के अंदर हुआ रिसर्च इसी बात की ओर इशारा कर रहा है।गेहूं के आटे में प्रोटीन, वसा, राख, कैल्शियम, लोहा और जस्ता की कमी हो जाती है। इन सबके अलावा घुलनशील और अघुलनशील आहार फाइबर भी कम हो जाता है। गेहूं के आटे के शोधन के दौरान थायमिन, राइबोफ्लेविन और टैनिन सामग्री में नुकसान क्रमशः 48, 38 और 67% तक नुकसान की बात की गई है।
गेहूं खाने के नुकसान
दोस्तों जैसा कि आपको पता है कि गेहूं आधारित पदार्थ हमारे चारो और मौजूद हैं। जैसे बैगेल्स, पास्ता, ब्रेड ।लेकिन सब बातों को छोड़दें तो गेहूं कई समस्याओं की जड़ भी है। गेहूं को खत्म करने का विचार अनुचित है। लेकिन कुछ लोग अब गेहूं रहित भोजन की तरफ शिफट हो रहे हैं।
गेहूं हमारे आहार के अंदर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और दुनिया भरके अंदर आहार का लगभग 20 प्रतिशत गेहूं से ही आता है।सीलिएक रोग से जो लोग ग्रस्ति हैं उनको गेहूं से दूर रहने की आवश्यकता है। क्योंकि उनकी छोटी आंत गेहूं की लस को पचाने मे सक्षम नहीं होती है।
इसके अलावा गेहूं को मोटापा, हृदय रोग, और पाचन समस्याओं की मेजबानी, सीलिएक जैसे विकारों के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
गेहूं रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है, प्रतिरक्षा समस्याओं का कारण बनता है, महत्वपूर्ण खनिजों के अवशोषण को रोकता है।1950 के अंदर वैज्ञानिकों ने गेहूं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इसके अंदर कुछ बेकार के तत्वों को समावेश किया था।
अक्सर जिसको हम हरित क्रांति के अंदर जानते हैं । यह इसी वजह से संभव हो पाया था।हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ। विलियम डेविस ने अपनी पुस्तक, व्हीट बेली: लूज़ द व्हीट, लूज़ द वेट एंड फाइंड योर पाथ बैक टू हेल्थ के अंदर उल्लेख किया कि संकरित गेहूं सोडियम एजाइड नामक एक विष भी पाया जाता है।
ग्लूटेन नामक एक तत्व गेहूं के अंदर भी होता है जो कि पचाने मे काफी कठिन होता है।द यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के सेंटर फॉर सेलियाक रिसर्च के चिकित्सा निदेशक एलेसियो फसानो के अनुसार यह तत्व वास्तव मे सही नहीं है।
गेहूं का ग्लाइसेमिक सूचकांक बहुत अधिक है । जिसकी वजह से गेहूं खाने से रक्त शर्करा के स्तर मे भी बढ़ोतरी होती है। साबुत अनाज में पाए जाने वाले कुछ लेक्टिंस के साथ समस्या यह है कि वे हमारे इंसुलिन रिसेप्टर्स और आंतों के अस्तर से बंधते हैं। यह सूजन को बढ़ाता है और ऑटोइम्यून बीमारी और इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान देता है। यह मोटापे के बाहर चयापचय सिंड्रोम के लक्षणों को पैदा करता है।
फाइटिक एसिड फाइटेट्स भी एक समस्या है। यह हम लोग सही से पचा नहीं पाते हैं। और इस वजह से इसका कोई फायदा नहीं है। और इस वजह से गेहूं के साथ जो हम अन्य पदार्थों का सेवन करते हैं उनका ठीक से चयापचय नहीं किया जाता है। जिसकी वजह से शरीर के लिए पोषक तत्वों को अवशोषित करना मुश्किल बनाते हैं – जिससे एनीमिया और ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है।
गेहूं का पानी पीने के फायदे और गेहूं की रोटी खाने के फायदे लेख आपको कैसा लगा नीचे कमेंट करके हमे बताएं ।
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