Telekinesis के बारे मे यह कहा जाता है कि यह एक ऐसा तरीका है। जिसकी मदद से इंसान किसी भी वस्तु को बिना छुए हिला सकता है। आप जब Telekinesis के बारे मे नेट पर सर्च करोगे तो आपको कई ऐसे Telekinesis के लेख मिल जाएंगे जिनके अंदर यह दावा किया गया है कि इंसान अपने दिमाग की ताकतों को जाग्रत करके ।आसानी से किसी भी वस्तु को बिना छुए हिला सकता है। लेकिन यदि उनको प्रुफ दिखाने की बात की जाए तो वे इसका प्रुफ नहीं दिखा पाते हैं।
और विज्ञान की बात करें तो विज्ञान इस बात को हमेशा से Telekinesis को नकारता रहा है। विज्ञान के अनुसार इंसानी दिमाग के पास ऐसी कोई ताकत नहीं होती है। जिसकी मदद से किसी वस्तु को बिना छुए हिलाया जा सके ।
Telekinesis के उदाहरण फिल्म क्रिस 3 के अंदर भी मिलते हैं। इस फिल्म के अंदर काल सिर्फ अपने मन की ताकत से वस्तुओं को इधर उधर हिला सकता है। लेकिन यह महज एक कल्पना मात्र है।
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Telekinesis क्या है ?
Telekinesis एक ऐसी विधा है जिसका प्रयोग करके आप अपने सामने रखी दूर पड़ी किसी भी वस्तु को हिला सकते हैं। वो भी बिना उस वस्तु को छुए । हम इसको रियल नहीं मानते हैं। लेकिन फिर भी आपके लिए नीचे हम कुछ विधि दे रहे हैं जिनको आप घर पर ट्राई कर सकते हैं। और यह तय कर सकते हैं। कि यह रियल है या फेक?
Connect between object and mind
टेलीकेनेसिस सीखने के लिए सबसे पहली आवश्यकता होती है। ध्यान केंद्रित करना । आपको सबसे पहले ध्यान केंद्रित करने का अभियास करना चाहिए । आप के मन को पहले किसी एक चीज पर एकाग्र करने की कोशिश करें ।
must be relaxed.
टेलीकेनेसिस करने से पहले आपको रिलेक्स होना चाहिए । आपके दिमाग के अंदर जो विचार चल रहे हैं । उनको बंद कर देना चाहिए और दिमाग को शांत करना चाहिए ।
Believing
Believing भी इसमे काफी इम्पोरटेंट चीज है। आप जो करने जा रहे हैं आपको उस पर पूरा विश्वास होना चाहिए । कि आप जो कर रह हैं वह सच है तभी आप इसको कर पाएंगे ।
Visualize
आप जिस ऑब्जेक्ट को हिलाना चाहते हैं उसे लेकर महसूस करें की वह आपका ही एक हिस्सा है और आप उसको हिलाना चाहते हैं। यानि आप कल्पना करें की वह आप से जुड़ा हुआ है।
Practice
ऐसा नहीं है Telekinesis आप एक दिन के अंदर ही सीख जाएंगे । वरन आपको इसके लिए रोज 10 से 15 मिनट तक अभियास करना होगा । जितना ज्यादा आप अभियास करेंगे । आप उतनी ही जल्दी इसको सीख पाएंगे ।
Telekinesis three step
को करने से पहले आपको हम तीन स्टेप बता रहे हैं। जिनको आपको फोलो करना होगा । तभी आप अपने से दूर रखी वस्तु को अपनी दिमागी उर्जा से हिला पाएंगे ।
Step One
सबसे पहले आपको अपने दिमाग को उस ऑब्जेक्ट से कनेक्ट करना है जिसको आप मूव करना चाहते हैं। ऐसा 10 मिनट तक करना है।
Step Two
अब ऑब्जेक्ट के साथ आपको कनेक्सन स्थापित करना है । और यह महसूस करना है कि वह ऑब्जेक्ट आपका हिस्सा है।
Step three
और अंतिम स्टेप के अंदर आपको ऑब्जेक्ट को मूव करना है। यदि आपके प्रयास करने के बाद भी मूव नहीं होता है तो आपको फिर से अभियास करना चाहिए ।
1. The Psi-ball Exercise
आप इसको सीखने के लिए और अभियास शूरू कर सकते हैं। सबसे पहले अपने दोनो हाथों की हथेलियों को आपस मे मिलाएं । उसके बाद एक मिनट तक ऐसे ही रखे और फिर उनको धीरे धीरे अलग करें । क्या आपको महसूस हो रहा है कि इनके बीच मे उर्जा है।
अपने दोनों हाथों के बीच मे एक उर्जा की गेंद को बनाने की कोशिश करें । यदि आप इसमे सफल हो जाते हैं तो आप आगे की स्टेप के लिए तैयार हो चुके हैं।
2. Pen roll Exercise
सबसे पहले एक ऐसा पेन लें जोकि काफी हल्का हो । उसके बाद उस पेन को टेबल पर रखे और । आप टेबल के पास कुर्सी पर आराम से बैठ जाएं । पेन आपके जस्ट सामने होना चाहिए । सबसे पहले अपने मन को उस पेन पर एकाग्र करने की कोशिश करें । कुछ समय आपको एकाग्र होने मे लग सकता है। उसके बाद उसके बाद यह फील करें की पेन आपका ही हिस्सा है। और फिर उसे दिमाग से बिना हाथ लगाए मूव करने की कोशिश करें ।
3. The pendulum Exercise
इस तरीके के अंदर आपको एक पेंडुलम या कुछ ऐसी वस्तु लेनी है जोकि पेंडुलम की तरह काम करती हो उसको एक हाथ से पकड़कर आराम से बैठ जाना है। आप चाहे तो किसी मेज पर भी बैठ सकते हैं। फिर उस चीज पर अपना ध्यान केंद्रित करना है। और अंत मे उसको अपनी दिमागी ताकत से हिलाना है। बार बार अभियास करें ।
4. Feather In A Jar
सबसे पहले आप एक सुखा जार ले और उसके अंदर एक पंख डाले । और जार के उपर ढकन लगाकर उसे अपने सामने टेबल पर रख ले । उसके बाद अपने ध्यान को पंख पर केंद्रित करें । जब ध्यान पूरी तरह से पंख पर केंद्रित को जाए तो महसूस करें की पंख आपको ही एक अंग है। और जब आपको यह विश्वास हो जाए तो पंख को उडाने के लिए आप अपने मन कि ताकत का प्रयोग करें । आप अपने मन या दिमाग की ताकत से ही पंख की उडान को नियंत्रित करें । यदि आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो कोशिश करें और अभियास करें ।
5. Candle Flame Bending
सबसे पहले एक मोमबती ले जोकि जल रही हो उसको अपने सामने टेबल पर रखें । फिर कमरे के सारे दरवाजे और खड़िकिया बंद करदें । ताकि हवा अंदर ना आ सके । उसके बाद उस मोमबती की लो के सामने बैठे ध्यान दें की आपके सांस से लो हिलनी नहीं चाहिए । अब अपने दिमाग को उस मोमबती की लो पर केंद्रित करें । फिर उस लो को महसूस करें कि वह आपका हिस्सा है। और अपने दिमाग की उर्जा का प्रयोग करते हुए उस लो को हिलाने की कोशिश करें । आप देखेंगे कि मोमबती की लो अपने आप ही हिलने लगेगी ।
सन 1970 के दशक के अंदर Telekinesis की मदद से चम्मच को मोड़ने की घटनाएं काफी वायरल होने लगी थी । कई लोगों ने महसूस किया कि चम्मच को मोडना मानसिक उर्जा की वजह से संभव हुआ है। लेखक माइकल क्रिचटन ने अपने 1988 के पुस्तक ट्रेवल्स में एक पीके पार्टी में झुकने के साथ अपने सफल अनुभव का वर्णन किया।
पैरासाइकोलॉजिस्ट और लेखक डीन रादिन ने बताया है कि वे 2000 में एक अनौपचारिक पीके प्रयोग सभा में मौजूद गवाहों के साथ बल के बिना आसानी से आसानी से चम्मच के कटोरा को मोड़ सकते हैं।
मैं इस तरह के दावों के बारे में अधिक संदेहपूर्ण था जब तक कि एक दिन मैंने व्यक्तिगत रूप से एक बड़े, भारी सूप के चम्मच के कटोरे को एक सौम्य स्पर्श के साथ आधा कर दिया और आधा दर्जन गवाहों के साथ मौजूद बाद में मुझे यह देखने के लिए परीक्षण किया गया कि क्या मैं सामान्य बल का उपयोग करके एक समान चम्मच के साथ फिर से ऐसा कर सकता हूं। लेकिन अब मैं कटोरे को नहीं मोड सका।
-डियन राडिन, टूटे हुए माइंड्स,
Final words
लेख के अंत मे हम आपको यही कहना चाहेंगे कि हो सकता है Telekinesis सब रियल हो । ऐसे अनेक रिसर्च हुए हैं जोकि साबित करते हैं कि यह सब झूठ है। काफी साल पहले अमेरिका की सेना ने इस विधा का प्रयोग करने की कोशिश की किंतु असफलता हाथ लगी । वहीं कुछ दावे यह भी किये जाते हैं कि यह रियल है।
This post was last modified on November 2, 2018
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telikinesis me kisi bhi objecct ko hilana kaise h means k action of power kaise use kare .... object ko hum order kare k ghum jao move karo etc. ja feel kare k bo ghum raha h move kar raha h float kar raha h je cheej samjhaiye hume doubt clear kisjiye please jawab jarur dijiega thanks you
es link par click kar aap jankari le skate hai
टेलीकिनेसिस का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन इसका कोई पूर्ण प्रमाण नहीं है कि यह मौजूद नहीं है।