दक्षिण दिसा की ओर पैर करके सोने से दिमागी और हर्ट से जुड़ी परेशानियां पैदा होती हैं। इसलिये दक्षिण की ओर पैर करके नहीं सोयें । इसका कारण है की धरती के उतरी धुव्र के अंदर बिजली तरंग का धनात्मक केंद्र अधिक है । और दक्षिण के अंदर नगेटिव मनुष्य का सर विधुत का धनात्मक केंद्र होता है। और पैरों की और नगेटिव । यदि आप दक्षिण की ओर सिर रख कर सोते हैं तो सिर की धनात्मक और धुव्र की नगेटिव तरंग के अंदर एक तरह का संतुलन हो जाता है। क्योंकि आप यह तो जानते हैं। कि नगेटिव विधुतिय तरंग पोजिटिव तरंग एक दूसरे की ओर खींचती हैं।
ऐसे सोने से कई लाभ होते हैं। हर्ट और दिमागी बिमारियों से भी बचाव होता है। और नींद भी बढ़िया आती है। सपने कम आते हैं। यदि आपके पांव दक्षिण की ओरहो तो सिर की धनात्मक विधुत तरंग दोनों एक दूसरे के विरोधी होती हैं। इस वजह से दिमाग शांत नहीं रह पाता है।
यदि आप दक्षिण दिसा की ओर सर रखकर नहीं सो सकते तो आप पूर्व दिसा की ओर सर रखकर सो सकते हैं। इसके भी अपने फायदे होते हैं।
1 आंखों के लिये यह अच्छा है।
2 अच्छी नींद आती है।
3 सिरदर्द से बचाव होता है।
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This post was last modified on May 19, 2024
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मनुष्य का दिमाग 6 से 7 परसेंट तक चलता है अगर मनुष्य का दिमाग 10:00 पर्सेंट तक चलता है तो आपने सही कहा कि वह भगवान हो सकता है क्योंकि मनुष्य नॉर्मल रहने के लिए अपना दिमाग का इस्तेमाल केवल 6 से 7 परसेंट तक करता है और वह दिमाग