इस लेख मे हम बात करेंगे दिलबाग कैसे बनती है , देशी दिलबाग बनाने का तरीका ।
दिलबाग का नाम तो आपने सुना ही होगा । वैसे यह राजस्थान के अंदर काफी पुपुलर है। और लोग इसको मजे से खाते हैं। मानते हैं कि इसको खाने के बाद दिल बाग बाग हो जाता है। अब होता है या नहीं यह तो खाने वाले ही जाने हमने इसको कभी ट्राई नहीं किया है।वैसे तो दिलबाग भी एक मीठी सुपारी की तरह ही होती है। लेकिन इसकी सबसे बड़ी बात तो यह होती है कि यह सबसे ज्यादा हानिकारक होती है। मीठी सुपारी उतनी हानि नहीं पहुंचाती है। https://www.dilbaghgroup.com दिलबाग को बनती है।
वैसे हम आपको यह सजेशन नहीं देंगे कि आप दिलबाग खाना चालू करदें । हम आपको दिल बाग के बारे मे कुछ बता रहे हैं। ताकि आप इन सब खराब चीजों से आसानी से बचे रहें।
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दिलबाग कैसे बनती है
दिलबाग कैसे बनाया जाता है। ? इस पर हमे कोई सटीक जानकारी नहीं मिल सकी है। ऐसा माना जाता है कि दिलबाग के अंदर अर्कनट, स्लेक्ड लाइम, पैराफिन और केचुए का एक संयोजन होता है। और इन सब चीजों को बनाने के लिए 4000 प्रकार के कैमिकल का यूज किया जाता है। इन सब के अंदर कम से कम 40 कैंसरकारी यौगिक होते हैं।वहीं लोगों का कहना है कि दिलबाग हानिकारक नहीं है। लेकिन जहां तक डॉक्टरों का मानना है तो उनका कहना है कि यह काफी ज्यादा हानिकारक होती है। दिलबाग जैसी चीजों के अंदर उत्तेजक तत्व होते हैं। इस वजह से यह लोगों को अपना शिकार बना लेती हैं। जब कोई व्यक्ति दिल बाग चबाता है तो 20 प्रतिशत हानिकारक रसायन फेफड़ों तक पहुँचते हैं और 80 प्रतिशत उत्सर्जित हो जाते हैं।
वैज्ञानिकों की माने तो दिलबाग एक भंयकर जहर है जिसको नहीं खाना चाहिए।दिलबाग में निटेरामाइन, आर्सेनिक, बेंजोपॉरेनिस, कई कीटनाशकों के अलावा क्लोरीन और अमोनियम यौगिकों के यौगिक शामिल हैं। दिलबाग में कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन भी हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार दिलबाग काफी खतरनाख होती है। और यह आपके होंठ ,गले और जीभ को बुरे तरीके से प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा यह आपके गुर्दे को भी खराब कर सकता है। इसके अलावा यदि आप दिलबाग का सेवन करते हैं तो नींद की कमी ,भूख कम लगना और एकाग्रता मे कमी आ सकती है।
छिपकली की चमड़ी मिलाते पकड़े गए
दोस्तों नामी कम्पनियों का तो पता नहीं है। लेकिन आपके शहर के आस पास चौरी छुपे बहुत सी ऐसी कम्पनियां चल रही हैं। जोकि यह सब काम करती है। पीछले दिनों न्यूज के अंदर आया था कि एक जगह पर एक ऐसी फैक्ट्री पकड़ी गई है। जहां पर लोग मसाले के अंदर छिपकली की चमड़ी को पीस कर मिला देते थे । और उसके बाद लोग भी उसके आदी हो जाते थे । इस तरह की नकली चीजें बाजार के अंदर बहुत तेजी से उतर रही हैं। और कई बार इन चीजों को खाने की वजह से मौत भी हो जाती हैं।
यहां पर यह लोग लगभग हर प्रकार के मसाले का नकली माल तैयार करते थे । दोस्तों यह कोई नई बात नहीं है कि आप जो मसाले मेरा मतलब दिलबाग वैगरह खाते हैं तो वो आपके पास असली ही आती होगी । सुना है कि जो कम्पनियां भी मसाले बनाती हैं। उसके अंदर घटिया किस्म की चीजें का प्रयोग होता है। और यदि आप इन्हें देख लोगे तो खाओगे भी नहीं ।
मिर्जापुर मे सन 2016 के अंदर भी इसी तरीके की एक फैक्ट्री को पकड़ा गया था। जिसके अंदर नकली मसाले और जर्दा बनाने की चीजों को बरामद किया गया था।जब पुलिस विभाग ने छापा मारा तो पाया कि सब नकली चीजों से मसाले की पुड़िया बनाई जा रही थी। इसके अलावा अंदर बहुत अधिक गंदगी थी।
, ग्रेटर नोएडा के अंदर ही सन 2016 मे एक नकली मसाले बनाने की फैक्ट्री को और पकड़ा गया था। आपको बतादें कि यह लोग केवल 3 महिने ही फैक्ट्री चलाते थे । ताकि पुलिस उनको पकड़ ना सके ।
सब कुछ नकली चल रहा है
दोस्तों कोई भी हो सब चीजें नकली चल रही हैं। यदि आप दिलबाग खाते हैं तो वह नकली हो सकती है या आप कोई और सुपारी खाते हैं तो वह भी नकली हो सकती है। खास कर पान मसाले नकली होते हैं। यदि आप एक बार गुगल पर सर्च करेंगे की नगली गुटका बनाने की फैक्ट्री तो आपको बहुत अधिक रिजेल्ट मिल जाएंगे । जिनको देखकर आसानी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बहुत से लोग फेंमस ब्रांडों के नाम का फायदा उठाकर नकली चीजे बनाते हैं और फिर बाजार मे बेच देते हैं। और खाने वालों को पता चल तो जाता है। क्योंकि नकली चीजों की क्वालिटी हल्की होती है। पर वे इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं।
नकली चीजों से कैंसर का बड़ा खतरा
आपको बतादें की हर चीजों का स्टैंडर्ड होता है। मतलब कि किसी चीज के अंदर कितनी कौनसे पदार्थ की मात्रा मिलाया जाना उचित होगा । जैसे कि यदि आपके पास एक किलो दूध है और उसके अंदर आप कितनी चीनी मिला सकते हैं ? कि वह पीने के लिए सही हो और नुकसान ना करे ? ठीक उसी तरीके से मसाले पान के अंदर भी इन सब स्टेडर्ड के आधार पर काम किया जाता है। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि मार्केट के अंदर अधिकतर नकली चीजें मिलती हैं। और उन सब चीजों के अंदर कोई भी स्टैडर्ड नहीं होता है। बस स्वाद पर उनमे ध्यान दिया जाता है। कोई मरे तो उनको इससे कोई मतलब नहीं है।
यिउ आप बाजार से दिलबाग और दूसरी पूडिया खरीदते हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं होती है कि वह असली ही है। तो ऐसी स्थिति के अंदर आपको काफी भयंकर नुकसान हो सकते हैं। एक तो आप पैसे दे रहे हैं। और दूसरा जहर ले रहे हैं। आज मुंह और गले के कैंसर व गुर्दे के कैंसर इन सब चीजों की वजह से ही हो रहे हैं। हमारे कहने का मतलब है यदि आप यह सब चीजें खाते हैं तो आपको अभी छोड़देना चाहिए नहीं तो आपको नुकसान होगा । बहुत से लोग 24 घंटे मसाले चबाते रहते हैं जोकि गम्भीर नुकसान करता है। उनको मन से यह वहम निकाल देना चाहिए कि नुकसान नहीं करता ।
देसी दिलबाग कैसे बनती है ?
दोस्तों दिलबाग जैसी पूड़िया खाने से अच्छा है आप कोई और तरीका ट्राई कर सकते हैं। चलो हम आपको इसके लिए एक बढ़िया तरीका बाता देते हैं। यदि आप सच मे ही तानसेन और दिलबाग जैसी पूड़िया को छोड़ना चाहते हो तो आपको करना यह है कि आप दुकान के अंदर जाएं और 10 रूपये की सूंप और थोड़ा सेंधा नमक और एक नींबू ले आएं । बस उसके बाद सौंप को तवे पर भून लें और फिर उसके अंदर नींबू का सारा रस डाल दें । उसके बाद उसके उपर सेंधा नमक डालदें ।
और इसको पूड़िया के अंदर भरकर रख लें । जब भी आपके मन मे पूड़िया खाने का विचार आए तो इसको अपने मुंह के अंदर रखलें आपका मन भर जाएगा। इसका बड़ा फायदा यह है कि आपको इसमे कोई नुकसान भी नहीं है और यदि आप दिलबाग जैसी पूड़िया खाते हैं तो कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी से ग्रस्ति हो सकते हैं।
भाई जीवन अनमोल है इसको यूंही नहीं गवाना चाहिए । तो हमारा तो सुझाव यही है कि इस नुस्के को ट्राई करके देखें आपको बहुत ही अच्छा लगेगा । और आप जो कचारा खा रहे हैं। कम से कम उससे छूटकारा मिल जाएगा । यकीन मानिए आप मन से ट्राई करेंगे तो सब कुछ संभव है।
देखलेंगे तो जाना तक पसंद नहीं करेंगे खाना तो दूर की बात है
बड़ी कम्पनियों का तो पता नहीं है कि वे किस तरह से यह पान मसाले बनाती हैं। लेकिन जो जो नकली पूडिया बनाने की फ्रेक्टि्रयां पकड़ी जाती हैं। उनके अंदर का दर्श्य यदि आप एक बार देखलेंगे तो आप खाना भूल जाएंगे । इनके अंदर इतनी अधिक मात्रा मे गंदगी होती है कि यदि वैसी जगह की खाने की चीजें इंसान खा लेगा तो वैसे ही मर जाएगा । तो दोस्तों इस तरह के कई विडियो इंटरनेट पर आते रहते हैं । जिनके अंदर नकली फेक्ट्रीयों के अंदर का द्रर्श्य दिखाया जाता है। जिसको देखकर हर कोई हैरान रह जाता है कि हम इंतनी गंदी जगह से उठाई गई चीजों को खाते हैं।
करोड़ों का डुबलिकेट कारोबार
दोस्तों एक रिसर्च सन 2017 के अनुसार भारत मे 35,521 करोड़ का पानमसाला का कारोबार होता है। लेकिन इसमे लगभग 20 प्रतिशत कारोबार नकली मसालों का हो ही जाता है। और अब तो इसका प्रतिशत दिनो दिन बढ़ता जा रहा है।पहले सिर्फ बड़े बड़े शहरों के अंदर ही यह धंधा होता था। जो अब गांवों तक पहुंच गया है। बहुत से कारोबारियों को पुलिस 5 5 साल बीत जाने के बाद पकड़ पाती है। तब तक वे अच्छा पैसा कमा चुके होते हैं। और नकली माल का सबसे बड़ा नुकसान होता है हम लोगों को , उन लोगों को जो यह जहर खाते हैं। तो मेरे भाइयों यह सब आज से ही बंद करदो ।
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This post was last modified on May 1, 2019