अधिकतर लोग यहसमझते हैं कि दुनिया की सबसे महंगी मुद्रा सिर्फ अमेरिका की हीहै। लेकिन यहबात गलत है।दुनिया के अंदर कुछ ऐसे देशभी हैं जिनकी मुद्रा सबसे महंगी मुद्रा है। और
आर्थिक रूप से यह देश दुनिया के सबसे मजबूत देशों के अंदर गिने जाते हैं।हमारी सरकार को डॉलर मंहगा होने काडर सताता रहता है। इसका कारण यह है की डॉलर के अंदर अधिकतर विदेशी व्यापार होता है।और इस वजह से सरकार अनेक तरीकों को अपनाकर डॉलर को सस्ता करने का काम करती है।अधिकतर महंगी मुद्रा वाले देश वे देस हैं जो पेट्रोलियम और गैस का उत्पादन करते हैं। यह देस प्रेट्रोलियम और गैस को विदेशों के अंदर बेचते हैं जिससे इनकी आर्थिक स्थिति काफी मजबूत हो गई है।
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दुनिया की सबसे महंगी मुद्रा कुवैत दीनार
दुनिया की सबसेमहंगी मुद्रा केअंदर सबसे पहलादेश आता है।कुवैत , कुवैत की दीनारदुनिया की सबसेमहंगी मुद्रा है।एक कुवैत दिनारकी कीमत 225 रूपयेके आस पासहोती है। और3.32 डॉलर केबराबर होती है।इस वजह सेदेखा जाए तोकुवैत की दिनारसबसे ज्यादा महंगीहै।कुवैत की दीनार इतनी महंगी होनेकी वजह यह है कि कुवैत दुनिया का 10 प्रतिशत तेल का उत्पादन करता है।
और इसमे 95 प्रतिशत निर्यात से सरकार को आय होती है।और इसकी populatioin की बात करें तो इसके अंदर केवल 3.36 मिलियन लोग रहते हैं। जिसकी वजह से प्रतिव्यक्ति आय बहुत अधिक है।और इसके अलावा एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि कुवैत के अंदर प्रतिदिन 3 मिलियन बैरल तेल निकाला और बेचा जाता है। जबकि इसकी जनसंख्या भी इतनी ही है।कुवैत एक कर मुक्त देस भी है।
जब इराक ने सन 1990 के अंदर कुवैत पर हमला किया और उसको अपने कब्जे के अंदर लेलिया तो कुवैती दिनार की जगह पर अपनी करैंसी चलाई थी । लेकिन जब वापस कुवैत मुक्त हुआ तो उसने नई करैंसी जारी की ।कुवैत दिनार की पहली सीरिज सन 1960 के अंदर जारी हुई थी । और 1960 से लेकर अब तक दिनार की 6 सीरिज जारी हो चुकी हैं।
दुनिया की सबसे महंगी मुद्रा बहरीन दीनार
बहरीन दीनार दुनियाकी दूसरी सबसे महंगी मुद्रा के अंदर आती है। 1 बहरीन दीनार 190 भारतिय रूपये के बराबरहोती है। हालांकि इसके भावों के अंदर उतार चढ़ाव होते रहते हैं।सबसे पहले सन1965 के अंदर बहरीन दीनार की शुरूआत हुई थी ।1 9 65 के अंदर बहरीन दीनार के कई सारेसिक्के 5,10 ,15 ,25, 50 के जारी किये गए थे । अक्टूबर 1 9 77 मे 10 फिल्स का एक सिक्कापेश किया था।
2000 के अंदर 500 फिल्स का सिक्का भी पेश किया गया था । जिसको विद्रोह के बाद बंद कर दिया गया था। बहरीन के अंदर मुद्रा छापने वाली ऐजेंसी को सेंट्रल बैंक ऑफ बहरीन कहा जाता है।16 अक्टूबर 1 9 65 को बहरीन सरकार ने सबसे पहले नोट पेश किये गए थे । उसके बाद बहरीन के नोटों के अंदर कई तरह के बदलाव किये जाते रहे । 4 सितंबर 2016 को, सेंट्रल बैंक ऑफ बहरीन ने 10 और 20 दीनार के नोट को उन्नत सुरक्षा के साथ प्रिंट किये इसके अंदर ब्रेल लिपी का प्रयोग किया गया था । जिसकी वजह से अंधे भी इन नोटों का आसानी से प्रयोग कर सकते थे ।
पहले बहरीन एक बहुत गरीब देश होता था। लेकिन 20 वीं शताब्दी के बाद तेल की खोज के बाद बहरीन के आर्थिक स्तर के अंदर बहुत बड़ा उछाल आया ।बहरीन के अंदर भी 20-30% मध्यम वर्ग रहता है।
दुनिया की सबसे महंगी मुद्रा ओमान का रियाल
तीसरे नंबर पर सबसेमहंगी मुद्रा वाला देस ओमान है। और ओमान की करैंसी का नाम रियाल है। 1 ओमानी रियाल185.42 भारतिय रूपये के बराबर होती है। सबसेपहले सन 1980 के अंदर ओमानी ने एक रूपये और ढेड रूपये के सिक्के जारी किये गए थे ।
19 40 में 10 , 20 और 50 पैसे के सिक्के जारी किये गए थे । ओमान के धनवान होने के पीछे तेल उत्पादन काबहुत बड़ा हाथ है। ओमान 9 00,000 बैरल पैदा करता है । जिसको विदेशों के अंदर बेचा जाताहै।एक आम ओमानी की प्रतिवर्ष आय 10,000 डॉलर से भी अधिक होती है। इसके अलावा यहां परउधोग धंधों पर बहुत अधिक सब्सीडी दी जाती है। स्वास्थ्य और शिक्षा निःशुल्क हैं । यहां पर भी अधिकतर मजदूर प्रवासीकाम करने के लिए आते हैं।
पाउंड यूके
यूके का पाउंड भी सबसेमहंगी करैंसी के अंदर गिना जाता है। एक पाउंड 91 रूपये के बराबर होता है।पाउंड का चिन्ह £ होता है। यह कई देशों की मुद्राहै। जिसके अंदर यूनाइटेड किंगडम, जर्सी, ग्वेर्नसे, आइल ऑफ मैन, दक्षिण जॉर्जिया आते हैं।अमेरिका के डॉलर और यूरो के बाद सबसेअधिक विदेशी व्यापार के अंदर प्रयोग की जाने वाली मुद्रा है।पाउंड स्टर्लिंग दुनियाकी सबसे पुरानी मुद्रा अभी भी उपयोग में है।एक पाउंड = 20 शिलिंग्स = 240 रजत पेनी
पाउंड एंग्लो-सैक्सन इंग्लैंड में 240 यूनिट पैनियों के बराबर और चांदी के एक पौंड वजन के बराबर था।
बैंक ऑफ इंग्लैंड पाउंड को जारी करती है। उसके द्वारा बनाए गए नोट लगभग हर जगह जहां पर पाउंड का प्रयोग होता है। स्वीकार किया जाता है। पाउंड के अंदर भी कई प्रकार के सिक्के जारी किये गए थे । जिनमे 20 पाउंड 50 पाउंड 2 पाउंड 10 पाउंड आदि।
ब्रेटेन की मुद्रा भारी होने की कई सारी वजह हैं। इसमे सबसे पहली वजह तो यह है। कि दुनिया के अधिकतर देश किसी ना किसी समय ब्रेटेन के गुलाम रह चुके हैं। गुलामी के समय ब्रेटेन ने काफी धन कमाया और यह यह धन अपने देश ले जाया गया ।इसके अलावा ब्रेटेन की व्यापार क्षमता भी अच्छी रही थी । जिसमे उसने काफी अधिक धन कमाया था । काम को वैज्ञानिक ढंग से करने मे ब्रेटेन बहुत आगे रहा है।
यूरो यूरोप
एक यूरो की कीमत लगभग84 भारतिये रूपये के बराबर होती है।यह संयुक्त राज्य अमेरिका के डॉलर के बाद विदेशीमुद्रा बाजार में दूसरी सबसे बड़ी और दूसरी सबसे अधिक व्यापारिक मुद्रा है। यूरो100 सेंट में विभाजित है।सन 2018 के अनुसार 240 मिलियन लोग यूरो का प्रयोग करतेहैं। अगस्त 2018 के अंदर यूरो मे व्यापार € 1.2 ट्रिलियन से अधिक होने की संभावना है।16दिसंबर 1 99 5 को मैड्रिड के अंदर भी यूरोको अधिकारिक मुद्रा के रूप मे अपनाया गया । 1 जनवरी 1 999 के अंदर यूरो को वैश्विक मुद्रा के रूप मे बाजारोंमे प्रवेश मिला था।
1 जनवरी 2002 से, राष्ट्रीय केंद्रीय बैंक (एनसीबी) और ईसीबी ने संयुक्त आधार पर यूरो बैंकनोट जारी किये हैं। यूरो बैंक नोट पर यह नहीं दिखाया जाता है कि वे किसके द्वारा जारी किये जाते हैं।
स्विस फ्रैंक स्विट्जरलैंड
1 Swiss Franc इंडिया के 72 रूपये के आस पास होती है। वैसे इसकेअंदर और डॉलर मे कोई खास फर्क नहीं है।स्विट्जरलैंड की बैंको के अंदर अधिकतर भारतियों का काला धन छुपेहोने का अनुमान है।स्विट्जरलैंड की मुद्रापर लैटिन भाषा का प्रयोग किया जाता है।17 9 8 से पहले लगभग 75 इकाइयां यहां पर सिक्के बना रही थी ।और लगभग 860 विभिन्न प्रकार के सिक्के थे ।
स्थानीय स्विस मुद्राओं में लुज़र्न गुल्डन, न्यूचटेल गुल्डन, सेंट गैलेन थालर, श्वाइज़ गुल्डन, बेसल थालर, बर्न थालर, फ्रिबॉर्ग गुल्डन, जिनेवा थालर, जिनेवा जैसी मुद्राएं भी शामिल थी।
1815 के बाद, बहाल स्विस संघ ने सिक्के प्रणाली को सरल बनाने का प्रयास भी किया था । लेकिन 1820 तक, स्विट्जरलैंड में कुल 8,000 अलग-अलग सिक्के मौजूद थे।1865 में, फ्रांस, बेल्जियम, इटली और स्विट्ज़रलैंड ने लैटिन मौद्रिक संघ का गठन किया,1 9 45 में, स्विट्जरलैंड ब्रेटन वुड्स सिस्टम में शामिल हुआ और $ 1 = 4.30521 फ्रैंक (1 फ़्रैंक = 0.206418 ग्राम सोने के बराबर ]
1 9 07 में, स्विस नेशनल बैंक ने बैंक नोट जारी करने पर विचार किया ।और 50, 100, 500 और 1000 फ्रैंकों के बैंक नोट जारी किये गए।1 9 13 में 5-फ्रैंक नोट्स आए।1 9 14 में, फेडरल ट्रेजरी ने 5, 10 और 20 फ्रैंक के संप्रदायों में पेपर मनी जारी की। ये नोट तीन अलग-अलग संस्करणों में जारी किए गए थे इतालवी : फ़्रेंच, जर्मन ।
यूएसए डॉलर
डॉलर भी दुनिया कीमहंगी मुद्रा के अंदर आता है। एक डॉलर 71 इंडियन रूपये के बराबर होता है। यदि डॉलरके कुछ मजेदार फेक्टस की बात करें तो डॉलर बिल को 50 से अधिक समय से बदला नहीं गयाहै। 1 9 63 के अंदर पहली बार नोट बदले गए थे ।अधिक समय तक नहीं बदले जाने की वजहसे अक्सर यह कहा जाता है कि एक डॉलर नकली है।
भगवान में हम विश्वास करते हैं” 1956 के परिवर्तन के बाद अमेरिका की मुद्रा के अंदर यह जोड़ा गया था।
सैल्मन पी चेस वह पहला व्यक्ति था जिसकी तस्वीर को सबसे पहले अमेरिका नोट के उपर छापा गया था ।1869 तक जार्ज वांशिगटन अमेरिका नोट पर नहीं था।
यदि आप डॉलर के नोट के उपर दायें कोने के अंदर देखेंगे तो आपको एक पक्षी उल्लू नजर आएगा यह ज्ञान की देवी मिनर्वा का पवित्र पक्षी है।
वैसे देखा जाए तो अमेरिका एक अधिक धनवान देश नहीं है। वहां पर भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो भारत की जैसी गरीबी के अंदर रहते हैं। बहुत से लोगों के पास घर नहीं है। यहां पर मध्यमवर्गिय लोग भी काफी ज्यादा हैं।
दुनिया की सबसे महंगी मुद्रा लेख के अंदर आपको हमने सही सही जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है। लेकिन क्योंकि मुद्रा का रेट हर समय बदलता रहता है। इस वजह से हम आपको केवल अनुमानित रेट बताते हैं। यदि आपको सही सही रेट के बारे मे जानना है तो आप इसके लिए गूगल पर सर्च कर सकते हैं।