दूषित जल से होने वाले रोगों के नाम – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में 80% बीमारियाँ दूषित जल के कारण होती हैं। वैसे आपको बतादें कि दूषित जल की वजह से कई सारे रोग हो सकते हैं। यहां पर हम आपको दूषित जल की वजह से होने वाले रोगों की सूचि दे रहे हैं। जिसकी मदद से आप यह देख सकते हैं। कि अधिकतर रोग बस दूषित जल की वजह से होते हैं। इन केस इनके अंदर या तो जल साफ नहीं होता है। या फिर इसके अंदर कीटाणू होते हैं , जोकि आपको बीमार बना सकते हैं। इसलिए खुले तालाबों का पानी आपको नहीं पीना चाहिए । यदि आप पानी को उबाल कर पीते हैं , तो भी आप कुछ रोगों से बच सकते हैं। लेकिन बहुत सारे रोग अभी भी पानी से हो सकते हैं। खास कर कैमिकल वाले लोग जोकि पानी को उबालने पर भी समाप्त नहीं होते हैं।
Table of Contents
दूषित जल से होने वाले रोगों के नाम लिस्ट
- हैजा
- टाइफाइड बुखार
- पेचिश
- शिगेलोसिस
- साल्मोनेला संक्रमण
- लेप्टोस्पायरोसिस
- टायफस बुखार
- मलेरिया
- डेंगू बुखार
- चिकनगुनिया
- दिमागी बुखार
- प्लेग
- कुष्ठ रोग
- क्षय रोग
- हेपेटाइटिस ए
- हेपेटाइटिस ई
- पोलियो
- एडेनोवायरस संक्रमण
- रोटावायरस संक्रमण
- नोरोवायरस संक्रमण
- अमीबी संक्रमण
- जिआर्डियासिस
- लीशमैनियासिस
- ट्राइकोमोनिएसिस
- क्लैमाइडिया
- टोक्सोप्लाज़मोसिस
- एन्सेफेलोपथी
- ट्रिपैनोसोमियासिस
- गिनिया वर्म
- कांगो क्रेज़
- एम्फाइक्सोमेटोसिस
- लेशमानियासिस
- ट्राइकोमोनिएसिस
- सिफलिस
- गोनोरिया
- क्लैमाइडिया
- आर्सेनिक विषाक्तता
- लेड विषाक्तता
- कैडमियम विषाक्तता
- पारा विषाक्तता
- फ्लोराइड विषाक्तता
- क्लोरीन विषाक्तता
- डीडीटी विषाक्तता
- बिस्फेनॉल ए (बीपीए) विषाक्तता
- पालीक्लोरिनेटेड बाइफिनाइल (पीसीबी) विषाक्तता
हैजा दूषित जल से कैसे होता है
हैजा एक गंभीर बीमारी है जो विब्रियो कोलेरा नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। और आपको बतादें कि यह बैक्टीरिया जनक रोग होता है। यह रोगाणू दूषित जल के अंदर पाया जाता है। जब कोई इंसान दूषित जल को पीता है ,तो उसको हैजा हो सकता है। हालांकि यह संक्रमित इंसान के मल और मूत्र से भी फैल सकता है। और अधपके समुद्री भोजन की वजह से भी फैल् सकता है।
टाइफाइड बुखार और दूषित जल
टाइफाइड बुखार और दूषित जल का गहरा रिश्ता है।आपको बतादें कि टाइफाइड बुखार बैक्टिरियल संक्रमण होता है , जोकि आपकी आंतों को प्रभावित करता है। और उसके बाद यह खून के अंदर फैल जाता है। जिसको हम आंतों के बुखार के नाम से जानते हैं। इस टाइफाइड बुखार से बचने का एक अच्छा तरीका यही है कि आपको दूषित जल वैगरह का सेवन नहीं करना चाहिए ।दूषित जल में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया मौजूद हो सकते हैं।
पेचिश रोग
पेचिश को दस्त रोग के नाम से भी जाना जाता है।पेचिश का सबसे आम कारण बैक्टीरिया है, जैसे साल्मोनेला, शिगेला, या ई कोलाई। और वायरस की वजह से भी यह हो सकता है। जैसे कि नोरोवायरस या रोटावायरस और परजीवी भी इसकी वजह हो सकते हैं। मगर अधिकतर केस के अंदर यह दूषित जल से होता है। और इसलिए जल को उबाल कर सेवन करना चाहिए । यदि किसी को पेचिश के लक्षण नजर आ रहे हैं , तो उसे एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।
- मल में रक्त
- मल में बलगम
- दस्त
- पेट में दर्द
- बुखार
- सिरदर्द
- थकान
शिगेलोसिस और दूषित जल
शिगेलोसिस एक प्रकार का बैक्टिरियल संक्रमण होता है जोकि शिगोला नामक एक बैक्टिरिया से होता है।शिगेला बैक्टीरिया आमतौर पर दूषित जल से नहाने या फिर सब्जी धोने या पीने से हो सकता है।इसलिए जल का प्रयोग आपको सावधानी पूर्वक करना चाहिए ।
इस रोग के जो कुछ लक्षण होते हैं वे इस प्रकार से है।
- दस्त
- पेट में दर्द
- बुखार
- उल्टी
- थकान
- सिरदर्द
रोग की गम्भीरता की वजह से रोगी की मौत तक हो सकती है।
साल्मोनेला संक्रमण और दूषित जल
साल्मोनेला एक प्रकार का बैक्टीरिया है। जोकि दूषित जल और भोजन की वजह से आपके शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है। और उसके बाद आपकी आंतों को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। जिसकी वजह से पेट के अंदर ऐंठन हो सकती है। इसके अलावा सिरदर्द , थकान और ऐंठन हो सकती है। इस रोग से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप भोजन को सही और साफ करके खाएं । या रखें । और पानी को साफ सुथरा पीयें यदि आप खराब पानी पीते हैं , तो इससे नुकसान होने का डर रहता है।
लेप्टोस्पायरोसिस व दूषित जल
यह एक जीवाणू संक्रमण होता है , जोकि लेप्टोस्पायरा बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह आमतौर पर दूषित जल और दूषित भोजन की वजह से हो सकता है।इन सब चीजों के संपर्क मे आने की वजह से बैक्टीरिया आपके शरीर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं। जब दूषित पानी जैसे तालाब आदि के पानी के अंदर लोग तैरते हैं , तो उसकी वजह से भी यह रोग हो सकता है।
लेप्टोस्पायरोसिस होने के बाद इसके लक्षण 2 से 21 दिन बाद आपको दिखाई देते हैं। इसके कुछ लक्षण इस तरह से होते हैं।
- बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- मतली और उल्टी
- पीलिया
- गुर्दे की विफलता
मलेरिया भी दूषित जल से फैलता है
दोस्तों वैसे तो मलेरिया दूषित जल पीने से नहीं फैलता है। मगर मेलेरिया को पैदा करने वाला जो मच्छर होता है वह आमतौर पर पानी के अंदर ही अंडे देता है। और बाद मे वहीं से पनप कर हमलोगों को काटता है। और इससे मलेरिया फैलता है। हालांकि पानी को यदि आप ढक कर रखते हैं तो मच्छर के पनपने की संभावना काफी कम होती है। भारत में मलेरिया एक आम बीमारी है। 2022 में, भारत में लगभग 2.2 मिलियन मलेरिया के मामले आ चुके हैं। हालांकि मलेरिया एक तरह से काफी गम्भीर रोग होता है।
डेंगू बुखार व जल
डेंगू बुखार एक मच्छर जनित रोग है जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर मीठे पानी में पनपता है। और यह मच्छर मीठीे पानी के अंदर पनपता है। यदि आपने उस मीठे पानी को ढककर नहीं रखा है , तो उसके अंदर मच्छर पनप सकते हैं। घरों के अंदर और आसपास, गड्ढों, टायरों, प्लास्टिक की बोतलों, फूलदानों के अंदर यह अंडे दे सकता है। आपको बतादें कि पानी के पीने से यह रोग नहीं होता है। जब मच्छर काटता है , तो यह रोग होता है। लेकिन इसका आधार दूषित पानी ही होता है। इसलिए अपने आस पास दूषित पानी को एकत्रित ना होने दें ।
चिकनगुनिया और दूषित पानी
चिकनगुनिया एक मच्छर जनित रोग है जो एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिकस मच्छरों के काटने से फैलता है। आपको इसके बारे मे जानकारी रखनी चाहिए ।वैसे यह मच्छर गंदे पानी के अंदर अंडे देता है। और वहां से मच्छा पैदा होता है। और फिर यह आपको काट सकता है। जिसकी वजह से आपको यह रोग हो जाता है। इस रोग से बचने के लिए अपने आस पास दूषित पानी को एकत्रित ना होने दे ।
दिमागी बुखार व दूषित जल
दिमागी बुखार के कई सारे कारण होते हैं। मगर एक कारण दूषित जल होता है।अक्सर क्या होता है , कि जब हम दूषित जल का सेवन करते हैं , तो उसकी वजह से परजीवी हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं , और फिर वे वहां से हमारे दिमाग के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। इस रोग के कुछ लक्षण होते हैं , जिसके बारे मे हम आपको यहां पर बताने वाले हैं , तो आइए जानते हैं । इन लक्षणों के बारे मे ।
- बुखार
- सिरदर्द
- गर्दन में अकड़न
- मतली और उल्टी
- चक्कर आना
- बेहोशी
प्लेग दूषित जल से फैल सकता है
प्लेग एक जीवाणु संक्रमण है जो बैक्टीरिया यर्सिनिया पेस्टिस के कारण होता है।प्लेग सीधे तौर पर जल से नहीं फैलता है। यह चूहों के द्धारा फैलाया गया रोग होता है। मगर यदि चूहे किसी तरह से जल को दूषित कर देते हैं , तो उसकी वजह से प्लेग फैल सकता है।
वैसे प्लेग एक प्रकार का काफी भयानक रोग होता है। और यदि इसका जल्दी ही इलाज नहीं किया जाता है , तो यह काफी अधिक घातक साबित हो सकता है। प्लेग के कुछ लक्षणों के बारे मे बात करें तो यह इस प्रकार से हैं ।
- बुखार
- सिरदर्द
- गर्दन में अकड़न
- ठंड लगना
- थकान
- लसीका ग्रंथियों में सूजन
- खांसी
- सांस लेने में कठिनाई
कुष्ठ रोग और जल
माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु की वजह से कुष्ठ रोग होता है। यह त्वचा और आंखों को काफी अधिक प्रभावित करता है। एम. लेप्री जीवाणुओं के सीधे संपर्क मे आता है। यदि कोई इंसान कुष्ठ रोगी के घाव के संपर्क मे आता है , तो उसकी वजह से यह रोग फैल सकता है।दूषित जल में एम. लेप्री जीवाणु हो सकते हैं। जब कोई व्यक्ति दूषित जल पीता है या उससे नहाता है , तो उसकी वजह से भी यह रोग फैल सकता है। इसलिए दूषित जल से दूरी बनाकर आपको रखनी चाहिए ।
पोलियो और दूषित जल
पोलियोवायरस की वजह से पोलियों होता है। यदि कोई इंसान मल से दूषित भोजन और पानी को पीता है या खाता है तो उसको पोलियो होने का खतरा होता है।दूषित जल के अंदर पोलियोवायरस कई दिनों तक जिंदा रहता है। जब कोई इस जल को पी लेता है , तो पोलियोवायरस उसके पेट के अदंर चला जाता है। और फिर रक्तप्रवाह मे आ जाता है।और उसके बाद यह दिमाग तक पहुंच जाता है। जिसकी वजह से लकवा का कारण पैदा होता है।
पोलियों के लक्षण के बारे मे यदि हम बात करें तो यह 2 से 5 दिनों के बाद ही दिखाई देते हैं।
- बुखार
- सिरदर्द
- गर्दन में अकड़न
- थकान
- मांसपेशियों में दर्द
एडेनोवायरस संक्रमण और दूषित जल
एडेनोवायरस आंख गले और फेफड़े को प्रभावित कर सकता है।दूषित जल में एडेनोवायरस हो सकते हैं । और यदि कोई इस पानी के संपर्क मे आता है , तो यह वायरस उसको लग सकते हैं। जिससे यह रोग होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है।
एडेनोवायरस के कुछ लक्षण होते हैं , जिनको आपको एक बार जरूर ही जानना चाहिए ।जोकि इस प्रकार से हैं ।
- बुखार
- सिरदर्द
- गले में खराश
- थकान
- खांसी
- नाक बहना
- आंखों में जलन
- दस्त
जिआर्डियासिस व दूषित जल
जिआर्डियासिस एक परजीवी संक्रमण है जो जिआर्डिया लांब्लिया नामक एक एककोशिकीय जीवाणु के कारण होता है। और यह भी दूषित जल और भोजन की वजह से होता है।यह दूषित पानी के अंदर कई तरह से फैल सकता है। जैसे यदि आप दूषित जल को पीते या फिर उसके अंदर नहाते हैं। दूषित पानी के भोजन को खाते हैं। या फिर उसके संपर्क मे आते हैं , तो आपको यह रोग हो सकता है।
इस रोग के लक्षण आमतौर पर 1 सप्ताह या फिर 2 सप्ताह के बाद दिखाई देने लग जाते हैं।
- पतला या झागदार मल
- दस्त
- पेट में ऐंठन
- पेट फूलना
- उल्टी
- मतली
- भूख न लगना
अमीबी संक्रमण और जल
अमीबी संक्रमण अमीबी नामक एक कोशिकिय जीव की वजह से होते हैं। और यह जीव पानी के अंदर होते हैं।वैसे तो यह इंसानों के लिए हानिकारक नहीं होते हैं। मगर कुछ प्रकार के अमीबी मनुष्यों के लिए काफी अधिक डेंजर हो सकते हैं। जैसे कि आप गंदे पानी को पीते हैं या फिर आप गंदे पानी की मदद से भोजन बनाते हैं तो यह रोग आपको हो सकता है। अमीबिक डिसेंट्री ,प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) जैसे कुछ अमीबी संक्रमण हो सकते हैं। जोकि काफी अधिक घातक होते हैं।
डीडीटी विषाक्तता
डीडीटी विषाक्तता भी दूषित जल की वजह से होती है। डीडीटी एक प्रकार का विष होता है , जिसके संपर्क मे आने से इंसान के अंदर समस्याएं पैदा हो जाती है। जिसके कुछ लक्षण इस प्रकार के होते हैं।
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- मतली
- उल्टी
- पेट में ऐंठन
- दस्त
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- कमजोरी
इस तरह से इस लेख के अंदर हमने दूषित जल से फैलने वाले रोगों के बारे मे विस्तार से जाना और उम्मीद करते हैं , कि आपको यह पसंद आया होगा । यदि आपके मन के अंदर कोई सवाल है , तो नीचें कमेंट करके बताएं।
- जल संरक्षण के 15 दमदार तरीके आपकी करेंगे मदद
- सेसा तेल के फायदे और नुकसान benefits of sesa oil in hindi
- किसी पुरूष की बांई आंख फड़कने का अर्थ और मतलब
- हार्ट अटैक आने से पहले के 14 संकेत जान लें जिदंगी बचाने मे काम आएंगे।
- बोरिक एसिड पाउडर के 11 उपयोग के बारे मे जानकारी
This post was last modified on October 11, 2023