भगवान ने हम लोगों को इंसान बनाया है। यह भी बहुत बड़ी बात है। यदि भगवान चाहता तो वह हमे और कुछ भी बना सकता था । जैसे बकरी या कीड़ा मकोड़ा । इंसानको दुनिया का सबसे बुद्विमान प्राणी माना जाता है।
इस वजह से उसके अंदर बहुतसी चीजें दूसरों से बेहतर होती हैं। और दूसरों की मदद करना भी इंसान की बेहतर बुद्वि के अंदर आता है। वैसे तो जानवर भी एक दूसरे की मदद करते हैं तो इंसान को तो अवश्य ही दूसरों की मदद करनी चाहिए । पीछले दिनों हमारे एक रिडर ने एक सवाल हमे भेजा था कि सर हमे दूसरों की मदद क्यों करनी चाहिए ? इस प्रश्न पर मैंने काफी गहराई से विचार किया तो पाया कि वास्तव मे दूसरों की मदद करने का विचार विज्ञान की बजाय धर्म से अधिक जुड़ा है। लोग दूसरों की मदद करने को सतकर्म मानते हैं। जिससे जिवात्मा का परलोक अच्छा रहता है।
हमे बचपन से ही यह बातें सीखाई जाती हैं कि दिन दुखियों की मददकरनी चाहिए । इन बातों को सीखाने का औचित्य क्या है ? क्या आपने कभी इस बारे मे सोचाहै। वैसे देखा जाए तो यह सब चीजें हमें एक अच्छा इंसान बनाती हैं।
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1. दूसरों की मदद क्यों करनी चाहिए ,दूसरों की मदद करना एक इंसान का फर्ज है
यदि आप एक इंसान हैं तो आपको दूसरों की मदद करनी चाहिए । आपका यह फर्ज बनता है कि आप अपने से कमजोर लोगों की मदद करें। यदि आपने देखा हो तो जंगल के अंदर जब शेर किसी हिरण के बच्चे को पकड़ लेता है तो बंदर मिलकर उस शेर पर हमला कर देते हैं। ऐसा एक बार नहीं बहुत बार हो चुका है।कहने का मतलब यह ही है कि जब जानवर ही एकदूसरे की मदद कतरते हैं तो हम तो इंसान हैं। हमे भी एक दूसरे की मदद करनी चाहिए । हर इंसान का फर्ज बनता है कि वह हमेशा कमजोर लोगों की मदद करे।
2. दूसरों की मदद करने से दिल को सकून मिलता है
बहुत से लोग यह भी कहते हैं कि वे दूसरों की मदद इसलिए करते हैं क्योंकि उनको दूसरों की मदद करने से दिल को सकून मिलता है। उनका कहना सही भी है। सही मायने मे यदि आप किसी की मदद करते हैं तो आपके मन को अच्छा लगता है। और आप सोचते हैं कि चलो एक अच्छा काम तो किया । दिल को तसल्ली मिलती है कि आपने एक नेक काम तो किया । वास्तव मे दूसरों की मदद करने से हमारे दिल को वो तसल्ली मिलती है जो अन्य किसी काम को करने मे नहीं मिलती है। वास्तव मे दूसरों की मदद करने मे जो मजा और सकून है। वह किसी और काम मे नहीं है। इसी वजह से बहुत से लोग दूसरों की मदद करते हैं।
3. दूसरों की मदद क्यों करनी चाहिए? यह एक नेक काम है
दूसरों की मदद करना मतलब यह एक नेक काम है। और इस नेक काम को हर इंसान को करना चाहिए । यदि आप खुद को एक नेक इंसान बनाना चाहते हैं। अपने जीवन को नेकी के रस्ते पर ले जाना चाहते हैं तो आपको दूसरों की मदद अवश्य ही करनी चाहिए। नेक काम का मतलब है। यह खुदा या भगवान का काम है। और जो इंसान भगवान के इस काम को करते हैं। वे भगवान के सबसे प्रिय बन जाते हैं। और भगवान उनके साथ हमेशा अच्छा ही करता है।बहुत से लोग खुद को अच्छा इंसान साबित करने के लिए दूसरों की मदद करते हैं। याद रखें की दूसरों की मदद करने वाला ही हमेशा असली हीरो होता है। और वही खुदा का सबसे प्यारा बंदा होता है।
4.दूसरों की मदद करने से आप एक प्रेरणा स्त्रोत बन जाते हैं
आपने देखा होगा कि जब कोई व्यक्ति अपने पैसों को कहीं पर दान करताहै तो लोग हमेशा उसके काम की तारिफ करते हैं। और उसे सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। दूसरोंकी मदद करने वाला हमेशा ह्रदय के अंदर विराजता है। मतलब लोग उसे दिल से पसंद करते हैं।यदिआप चाहते हैं कि आप भी किसी के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन जाएं तो दिल खोलकर मदद कीजिएखुद को घमंडी ना बनाकर विनम्र बनाएं । भगवान बुद्व , भगवान क्रष्ण , भगवान शिव को लोगइस वजह से भगवान कहते हैं क्योंकि वे हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे ।
हमेशा याद रखें दूसरों की फिल्मों के अंदर हीरों तो कोई भी बन सकता है। लेकिन असल जिंदगी के अंदर हीरो बनने वाला ही महान होता है। और लोग उन्हीं की पूजा करते हैं। ऐसे लोग ही इतिहास लिखते हैं।
5. भगवान भी दूसरों की मदद करते हैं
आपको बतादें कि हिंदु धर्म के अंदर भगवान के जितने भी अवतार हुए हैं। उनमे से सारे अवतार केवल लोगों की मदद करने के लिए हुए हैं। जैसे महाभारत के अंदर भगवान क्रष्ण का अवतार लेने की यही वजह थी कि कौरवों के अत्याचार से जनता को मुक्ति दिलाई जा सके । और धर्म पर सत्य की जीत हो सके । कंस को मारना भी एक तरह से निर्बल लोंगों की सहायता करना ही था । इसके अलावा राम ने रावण को इस वजह से मार दिया क्योंकि वह अत्याचारी शासक था ।इसका मतलब यह था कि दूसरों की मदद करना मतलब भगवान को खुश करना है।
जरूरी नहीं की हिंदू धर्म के अंदर भी भगवान ने खुद आकर गरीबों की मदद की हो या उनके दोषों को दूर किया हो । वरन आप किसी भी धर्म के इतिहास को उठाकर देखलें आपको यही सब मिलेगा । जिससे एक बात सिद्व होती है। की भगवान जोकि हमारे आदर्श हैं वे ही जब दूसरों की मदद करते हैं तो हमे भी दूसरों की मदद करनी चाहिए।
6. एक अच्छे संदेश का प्रसारण
एक बार आप जरा सोचों की एक व्यक्ति का एक्सीडेंट हो गया और वह रोड़पर पड़ा है। यदि किसी ने उसकी मदद नहीं की और जब उसे कुछ होशा आया तो खुद ही एम्बुलेंस को फोन किया । तब एम्बूलेंस वाले आए और उसे ले गए तो उसके मन मे गलत भावना पैदा होगी । और जब भी किसी को उसकी मदद की आवश्यकता होगी तो वह दूसरों की मदद नहीं करेगा । क्योंकि उसके दिमाग मे गलत संदेश का प्रसार हो गया । वह सोचेगा जब उसे मदद की जरूरत थी तो किसी ने नहीं की तो अब दूसरों को उसकी मदद की जरूरत है तो वह क्यों करे ?
अब आप यह सोचों की यदि उसी व्यक्ति के एक्सीडेंट होते ही किसी ने उसकी मदद की होती तो उसके मन मे एक अच्छी धारणा बनती कि हां हमे जरूरत मंद लोगों की मदद करनी चाहिए क्योंकि किसी ने उसकी भी मदद की थी ।यदि आप दूसरे लोगों के मन मे एक अच्छाई का सेंदेश प्रसारित करना चाहते हैं तो आपको दूसरों की मदद अवश्य ही करनी चाहिए।
7. धर्म की स्थापना
एक बार आप कल्पना करें की कोई किसी की मदद ना करे तो क्या होगा ? आप कहीं जाएं आपको कोई रस्ता ना बताए , अमरजेंसी मे आपकी कोई भी मदद ना करे, जरूरत पड़ने पर आपको कोई पैसा ना दे , तो लोगों का सच से विश्वास उठ जाएगा । और दुनिया के अंदर बहुत गलत काम होने लग जाएंगे ।
मतलब दुनिया के अंदर जो सच का आज वजूद बचा हुआ है। वह सब खत्म हो जाएगा । और इंसान इंसान को काट खाएंगे । दूसरों की मदद करना एक नेकी है जो धर्म की स्थापना मे भी मदद करता है। यदि आप पैसे वाले हैं और गरीबों की मदद करते हैं तो निश्चिय ही गरीबों के लिए आप एक भगवान हैं। और आपकी मदद से उन्हें लगता है कि जो इंसान सच के साथ होता है। भगवान उसकी अवश्य ही मदद करते हैं।बस इसी सोच की वजह से बहुत से लोग बुरे कर्मों से बच जाते है।
8. कर भला हो भला
आपने कर भला हो भला वाली कहावत तो सुनी ही होगी ।जिसका मतलब होताहै। कि यदि आप दूसरों का भला करते हैं तो निश्चय ही भगवान आपके साथ होता है। इस तरहसे जब आप दूसरों की मदद करते हैं तो एक तरह से खुद की ही मदद कर रहे होते हैं।
इस संबंध मे मैं आपको एक दिलचस्प स्टोरी सुनाना चाहता हूं ।
प्राचीन समय की बात है। एक भिखारी सड़क पर बैठ कर रोज भीख मांगा करता था । एक दिन भगवान वहां से गुजरे और उन्हें उस भिखारी पर दया आ गई। उन्होंने उस भिखारी को बहुत सारे रूपये दिये । भिखारी रूपय पाकर बहुत खुश हुआ और सोचता हुआ चल रहा रहा था कि वह इन रूपयों से एक आलिशान घर बनाएगा । यह करेगा वो करेगा । एक चोर ने भिखारी को देखा और तुरन्त भिखारी से रूपये चूराकर भाग गया । बेचारा भिखारी कुछ नहीं कर सका ।वह दूसरे दिन फिर वहीं आकर भीख मांगने लगा । जब भगवानजी फिर वहीं से गुजरे तो उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ और उस भिखारी से पूछा तो उसने सारा मांजरा सुना दिया । उसके बाद रामजी ने फिर उसे कुछ सोने के सिक्के दिये । इस बार भी भिखारी बहुत खुश हुआ और घर जाकर हीरे को एक पुराने मटके के अंदर छुपा दिया और रात को सोने के सिक्कों के बारे मे सोचते हुए सो गया । सुबह जब भिखारी की पत्नी ने पानी लाने के लिए मटके को लेकर गई तो समुद्र से पानी भरते समय हीरा नदी के अंदर चला गया ।भिखारी उठा तो उसने देखा की हीरे वाले मटके के अंदर तो पानी भरा है। वह भाग कर मटके के पास गया और उसमे देखा तो उसे हीरा नहीं दिखा । वह समझ चुका था कि उसकी किस्मत खराब है।
अब वह फिर भीख मांगने के लिए निकल गया । उसके बाद भगवान उसे फिर मिले और कारण पूछा तो उसने सारी कहानी बतादी । अबकि बार भगवान ने उसे सिर्फ दो पैसा दिया ।
भिखारी जब रस्ते से जा रहा था तो उसने एक मछुआरे को बहुत सी मछली लिए हुए जाते देखा । उसने सोचा कि चलो वह दो पैसे मे किसी का कुछ भला तो करदेगा । उसने एक मछली को खरीदा और उसे पानी के अंदर छोड़ने के लिए जैसे ही झुका मछली के पेट से हीरा निकल कर जमीन पर गिर पड़ा ।
वह जोर से चिल्लाया कि मिल गया मिल गया । उसी वक्त उधर से वही चोर गुजर रहा था । जिसने उसके पैसे चुराये थे ।तो वह यह देखकर डर गया और सोचने लगा कि इसने मेरी शिकायत राजा से करदी तो राज मुझे मौत की सजा देंगे ।और वह डरकर भिखारी के पैरों मे गिर कर बोला आप मुझे माफ करदें मैं आपका धन वापस करता हूं । भिखारी को समझ मे आ चुका था कि कर भला हो भला ।
9. दूसरों की मदद करना सबसे बड़ा धर्म है
हिंदु धर्म हो या दुनिया का कोई भी धर्म हो हर धर्म के अंदर परोपकार को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। गीता मे भगवान ने कहा है कि यदि कोई मनुष्य दीन दुखियों की मदद करता है , अंधे की आंखे बनता है। , बूढ़ों लाठी का सहारा बनता है ,वह भगवान का सच्चा भगत है।
संत सेरोपियो मिस्र देश के निवासी थे । एक बार एक व्यक्ति ने उनके फटे चोंगे को देखकर कहा भाई आप एक नया चौंगा क्यों नहीं बनवा लेते है। संत ने कहा कि वे दूसरों की मदद करने मे इतने ज्यादा खुश हैं कि उनको अपने फटे चौंगे की कोई परवाह नहीं है। यही धर्म की सीख है। वह व्यक्ति बोला कि दिखाओ ऐसा कौनसे धर्म के अंदर लिखा गया है। वह ग्रंथ कहां है ? संत ने कहा उसे तो मैने बेच दिया । वह व्यक्ति बोला कि क्या पवित्र ग्रंथ को कभी बेचा जाता है ? तब संत ने कहा कि जो ग्रंथ दूसरों की सेवा करने के लिए अपनी चीजों को बेच देने का आदेश देता हो । उसे बेचने मे कोई बुराई नहीं है। मैंने उस ग्रंथ को बेचकर सारे पैसे लोगों को दान कर दिये । कहने का मतलब है। हर धर्म ग्रंथ के अंदर यह माना गया है की सेवा धर्म से बड़कर कोई धर्म नहीं है।
10. बुराइयों का अंत करने के लिए
यदि किसी समाज को बुराई मुक्त बनाना चाहते हैं।तो आपको दूसरों की मदद करनी ही होगी । क्या आपने सोचा कि दुनिया के अंदर लोग अपराध क्यों करते हैं ? इसकी बड़ी वजह है कि उन लोगों को सही समय पर मदद नहीं मिलती है। एक बार सोचों की भारत सरकार हर व्यक्ति को उसकी जरूरत की चीजें उपलब्ध करवादें तो क्या भारत बुराई मुक्त नहीं हो जाएगा ?
आज कहीं पर किसी का कत्ल हो जाता है कहीं पर चोरी हो जाती है । यह सब गलत काम क्यों होते हैं ? बस इसी वजह से क्योंकि सरकार लोगों की इच्छाओं को पूरा नहीं कर पा रही है। यदि सारे लोग संतुष्ट होंगे तो भला कौन बुरा बनना चाहेगा । किसी ने ठीक ही कहा है
यारो बुरा बनने का किसी को शौक नहीं है पर क्या करें ? मजबूरी इंसान को बुरा बना देती है ।
वह मजबूरी है। किसी चीज की कमी ।
11. एक मुहिम बनाने के लिए
बहुत से लोग दूसरों की मदद करने की सोचते हैं। लेकिन उनसे यह हो नहीं पाता है। बस सोचते ही रह जाते हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा ही है तो आपको बतादें कि आप इसकी शूरूआत खुद से करें । आपकी तरह हर व्यक्ति यदि इसकी शूरूआत खुद से करता है तो निश्चिय ही एक बड़ी मुहिम बन सकती है। बस खुद की सोच के अंदर बदलाव किजिए दुनिया बदल जाएगी और जब आप खुद ही नहीं बदल सकते हैं तो दुनिया को बदलना असंभव है। आपको दूसरों की मदद बस इस वजह से करनी चाहिए क्योंकि आपको खुद को बदलना है। एक अच्छा इंसान बनना है। हर व्यक्ति यह सोच ले तो दुनिया को बदलना बहुत आसान है।
दूसरों की मदद क्यों करनी चाहिए ? लेख आपको कैसा लगा कमेंट करके बताएं।
बेहद शानदार और बेहतरीन लेख लिखा है आपने.
अपने मुझे बहुत सारा अच्छा बाते सीखा दिये मुझे ऐसा लगा की मेरे अंदर शक्ति बहुत जो व्यक्ति को हमेशा help करुगा i miss you।।।।।।।।sir