देखिए बिना हाथ पैर वाले निक वुजिसिक ने कैसे जीती जिन्दगी की जंग

एक बार जरा सोचिए यदि आपके हाथ पैर जन्म से ही नहीं होते तो आप क्या करते । मेरे हिसाब से आप इसे अपना दुर्भाग्य समझते और जिंदगी पर अपनी कमियों का रोना रोते । और जिंदगी के अंदर कुछ किये बिना ही ऐसे ही गुजार देते ।‌‌‌लेकिन यह कहानी है। ऐसे सख्स की जिसके दोनों हाथ और दोनों पैर भी नहीं हैं। फिर भी वह दुनियां के सबसे अधिक सफल इंसानो मे से एक है। इसकी सफलता की चमक के आगे उन लोगों की चमक भी फीकी नजर आती है जिनके सब कुछ होते हुए भी असफलता का रोना रोते रहते हैं।

‌‌‌जरा सोचिए एक बिना हाथ पैरा वाला इंसान इस जिंदगी की जंग को जीत सकता है तो आप क्यों नहीं जीत सकते । आपके पास तो सब कुछ है। इसलिए अपनी आदतों को सुधारिए । अपनी कीस्मत को कोसना बंद कीजिए ।‌‌‌ और आज से ही लग जाएं अपने सपनों को पूरा करने मे जोकि आपने इस जीवन मे देखें हैं। एक बात मन मैं अच्छी तरह से बिठालें कि असंभव कुछ भी नहीं है। बस ठान लेने की जरूरत है। जो लोग अपने को अपंग मानते हैं वो जिंदगी मे अपंग बनाकर रह जाते हैं और जो लोग अपंग होकर भी अपने को अपंग नहीं मानते वास्तव मे वे ‌‌‌बहुत आगे तक जाते हैं। ‌‌‌ऐसे लोगों का नाम इतिहास मे हमेशा हमेशा के लिए अमर हो जाता है।

‌‌‌आज हम आपके लिए जो सक्सेस स्टोरी लेकर आए हैं वो आपके लिए काफी प्रेरणा दायी है। आपको इससे सीख लेनी चाहिए । यह सख्स है निक वुजिसिक है। जिसने हर मुश्किलों का सामना करते हुए । दुनिया को यह दिखा दिया कि शारीरिक अपंग इंसान भी वो सब कुछ कर सकता है जोकि वह चाहता है।

‌‌‌निक का जन्म और बचपन

निक का जन्म 1982 को मेलबर्न आस्ट्रेलिया के अंदर हुआ । उनके पिता का नाम  boris था। और माता का नाम  dushka था। इनकी मां एक नर्स का काम करती थी । और पिता अकाउंटेंट थे । निक जन्म से ही फोकोमेलिया नामक एक ‌‌‌दुर्लभ बिमारी से ग्रसित थे । जब उनके माता पिता बिना हाथ पैर वाले बच्चे को ‌‌‌देख दुखी हुए । लेकिन बाद मे उन्होंने उसे ईश्वर की देन मानकर स्वीकार करलिया । और वे उसे अन्य बच्चों की तरह ही खूब प्यार देने लगे ।

‌‌‌जब वे स्कूल जाने लायक हो गये तो उनके माता पिता ने उनको स्कूल भेज दिया। किंतु सामान्य बच्चों के साथ पढ़ना उनके लिए आसान नहीं था । स्कूल के अंदर दूसरे बच्चे उनका मजाक भी उड़ाते थे । जिसकी वजह से वे बहुत अधिक परेशान हो गए । एक दिन तो उन्होने आत्महत्या करने की कोशिश भी की किंतु बच गए

‌‌‌माता पिता ने बहुत कुछ किया

दूसरे बच्चों के माता पिता की तरह ही उनके माता पिता भी अपने बच्चे को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते थे । इसलिए उन्होंने निक के लिए बहुत कुछ किया । जब वे 18 महिने के हुए तो उनको तैरना सीखाया जाने लगा । 6 साल की उम्र मे उनको पंजे की मदद से टाइप करना सिखाया जाने लगा ‌‌‌निक के माता पिता ने यह तय किया की उनको सामान्य बच्चों के स्कूल ही भेजेंगे । यही वजह रही की वे सामान्य बच्चों की तरह उछलना । फुटबाल खेलना अपने पंजे की मदद से शरीर का बेलैंस बनाना । किक मारना आदि बहुत कुछ सीखा। ‌‌‌टाईपिंग स्पीड भी उनकी अच्छी हो गयी । अब वे सामान्य बच्चों से किसी भी द्रष्टी मे कमतर नहीं रह गये थे ।

‌‌‌इन चीजों ‌‌‌का क्ष्रेय उन्होंने अपने माता पिता को दिया ।

‌‌‌सक्सेस स्टोरी से बदल गई जिंदगी

जब निक 13 साल के थे तो एक दिन वे कोई मैगजीन पढ़ रहे थे । उसमे एक ऐसे विकलांग व्यक्ति की कहानी थी। जिसने विकलांग होने के बाद भी अपनी मेहनत के दम पर सफलता पाई थी। उसी दिन के बाद निक ने नगेटिव होना छोड़ दिया। और अपनी जिंदगी को बदलने मे लग गए ।

‌‌‌सक्सेस लाईफ की शूरूआत

17 साल की उम्र मे वे लेक्चर देना शूरू किया और दो साल बाद वे एक बड़े मोटिवेशल स्पीकर बन चुके थे ।सन 2005 के अंदर life without limb   नामक एनजिओ बनाया था और 2007 के अंदर motivational speaking  नामक कम्पनी बनाई थी।

‌‌‌निक अब कई देसों के अंदर मोटिवेशनल स्पीच दे चुके हैं। उनके स्पीच काफी लोक प्रिय हो चुके हैं। जब वे स्पीच देते हैं तो उनके सुनने वाले मंत्रमुंध हो जाते हैं।

‌‌‌जीते हैं खुशहाल जिंदगी

उन्होने 2012 के अंदर मियाहारा नाम की एक लड़की से शादी करली और अब उनके दो बच्चे भी हैं जोकि पूरी तरह से स्वस्थ हैं। वे अब एक अच्छी खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। उनकी लाईफ को देखकर कोई यह नहीं कह सकता की वे एक ‌‌‌विकलांग इंसान हैं।

‌‌‌मिल चुके हैं कई आवार्ड

उनको उनके काम के लिए कई सारे आवार्ड भी मिल चुके हैं। वे अपने स्पीच को किताबों और टीवी के जरिय लोगों तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कई सारी किताबे भी लिखी हैं।

‌‌‌निक के विचार

मेरे पास जो कुछ नहीं है उसका अफसोस करने की बजाय मेरे पास जो है उसके लिए मे हमेशा भगवान का शुक्रगुजार हूं।

‌‌‌दोस्तों विगलांगता अभीशाप नहीं है। इस दुनिया के अंदर कोई भी इंसान पूरा नहीं होता है। हर इंसान के अंदर कोई ना कोई कमी होती है। लेकिन याद रखें यदि उपरवाला आपको हजार कमी देता है तो एक अच्छाई भी देता है। बस आपको अपने अंदर उस अच्छाई को ही खोजना है। वह अच्छाई ही आपको बुलंदियों पर पहुंचा सकती है

‌‌‌उस एक अच्छाई के आगे आपकी हजार कमियां भी छुप जाती हैं।

By Copeland.powell – Own work, CC BY-SA 3.0, https://en.wikipedia.org/w/index.php?curid=48638580

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।