इस लेख के अंदर हम आपको नरेंद्र मोदी की पत्नी के बारे में जानकारी देंगे । नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन के जीवन परिचय के बारे मे विस्तार से बताएंगे ।दोस्तों नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे अधिक पॉवरफुल लोगों की सूचि के अंदर गिने जाते हैं। सन 2019 के अंदर मोदी की पार्टी ने 300 से उपर सीटे जीत कर यह दिखा दिया है कि वे कितना दम रखते हैं। नरेंद्र मोदी भारत के सबसे अधिक लोकप्रिय नेता बन चुके हैं। इसी वजह से नेट पर लोग नरेंद्र मोदी के परिवार से जुड़ी जर जानकारी को सर्च कर रहे हैं। जैसे नरेंद्र मोदी की पत्नी का नाम , उनके पिता का नाम वैगरह ।
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नरेंद्र मोदी की पत्नी का नाम [ narendra modi wife history]
दोस्तों नरेंद्र मोदी की पत्नी का नाम जशोदाबेन है। नरेंद्र मोदी चुनाव हलफनामे के अंदर पत्नी के स्थान को पहले खाली छोड़ देते थे । लेकिन उसके बाद कांग्रेस ने इसका विरोध किया और कहा कि नरेंद्र मोदी शादी सुदा होने के बाद भी अपनी पत्नी के नाम को क्यों नहीं लिखते हैं।सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार कोई भी उम्मीदवार निर्वाचन आयोग को दिए गए हलफनामे के अंदर पत्नी के स्थान को कभी भी खाली नहीं छोड़ सकता है। उसी के बाद वाड़ोदरा से मोदी चुनाव लड़ रहे थे । तो उन्होंने निर्वाचन आयोग को दिए गए हल्फनामे के अंदर
पत्नी के नाम के स्थान पर जशोदा बेन लिखा हुआ था। हालांकि नरेंद्र मोदी ने अपनी पत्नी की संपति का कोई ब्योरा नहीं दिया है।जशोदा बेन ने एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू के अंदर यह बताया कि उनकी शादी सन 1968 ई के अंदर हुई थी। और दोनों 3 साल साथ रहने के बाद अलग अलग रहने लगे लेकिन उनका तलाक कभी कभी नहीं हुआ है।
जशोदाबेन “जशोदाबेन नरेंद्रभाई मोदी” नाम का उपयोग करती हैं, जो उनका विवाहित नाम है। उनका सही नाम “चिमनलाल मोदी की बेटी जशोदाबेन” (उनके पिता का नाम) को संबोधित किया गया था।
नरेंद्र मोदी की पत्नी के बारे मे जानकारी /जशोदाबेन के बारे मे जानकारी
जशोदाबेन नरेंद्र मोदी की पत्नी है। और उनका जन्म सन 1952 के अंदर हुआ था। जशोदाबेन और मोदी का विवाह वडनगर मे सन 1968 ई मे हुआ था। जशोदाबेन खुद को नरेंद्रमोदी की पत्नी होना कहलाना पसंद करती है। सन 2014 तक नरेंद्र मोदी ने विभिन्न चुनाव प्रचारों के अंदर अपनी पत्नी के बारे मे कुछ भी नहीं बताया था।वह खुद सेवानिवृत्त शिक्षक हैं और साधा जीवन जीती हैं। मोदी के प्रधान मंत्री बन जाने के बाद उनकी सुरक्षा को और अधिक बढ़ा दिया गया है। अब वे पहले की तरह उतनी स्वतंत्र नहीं हैं। क्योंकि वे देश के पिएम की पत्नी हैं।
नरेंद्र मोदी की पत्नी का जीवन, विवाह और कैरियर
जैसा की हमने आपको उपर बताया है जशोदाबेन का जन्म सन 1952 ई के अंदर हुआ था।और दो साल की होने के बाद उनकी मां की मौत हो गई थी।नरेंद्र मोदी और जशोदाबेन ने वडनगर की घांची जाति के रीति-रिवाज से शादी की थी ।उस समय मोदी 13 साल के थे । और इनका गौना 1968 ई के अंदर हुआ जब मोदी 18 साल के हो चुके थे ।
शादी के कुछ समय बाद ही नरेंद्र मोदी अपनी पत्नी से अलग हो गए थे । और हिमालय के अंदर सन्यास के लिए भटकने लगे ।दो साल बाद जशोदाबेन के पिता की मौत हो गई। लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी।और माध्यमिक विध्यालय का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया।
तीन साल बाद जब मोदी बाहर रहकर आए तो उन्होंने अपने चाचा की कैंटिन मे काम करने के लिए अहमदाबाद जाने का निश्चिय किया । मोदी की माता ने गौना केा बनाए रखने के लिए जशोदाबेन के घर वालों से संपर्क किया ।लेकिन इस मामले पर मोदी की अपने घर वालों के साथ तीखी बहस हुई। जशोदाबेन के अनुमान के अनुसार वे सिर्फ शादी के 3 साल की अवधि के अंदर केवल 3 महिने ही साथ रहे थे ।
जशोदाबेन ने प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षक बनने के लिए आगे की पढ़ाई की, और 1978-1990 तक बनासकांठा जिले में पढ़ाई की।1991 ई के अंदर वे राजोसाना गांव के अंदर चली गई। और उन्होंने वहीं पर नौकरी भी की थी। उनकी इनकम यही कोई 200$ के आस पास है।
जशोदाबेन अपने भाई और उनकी पत्नी के साथ उंझा के अंदर रहती है। वे सादा जीवन जीती है। और सुबह पांच बजे उठकर प्रार्थना के लिए मंदिर मे जाती है।
जशोदाबेन और मोदी का अलगाव
अक्सर बड़े नेताओं को उनकी पत्नियों से अलग रहना ही पसंद होता है। और कई तो अपने राजनीति के अंदर आ जाने के बाद शादी भी नहीं करते हैं।यह बात भी नरेंद्र मोदी पर लागू होती है।सन 2014 के अंदर मोदी ने संसद की वडोदरा सीट से चुनाव जीतने के बाद ही यह स्वीकार किया था कि उनकी एक पत्नी भी है। पहले मोदी यह कहते थे कि वे भारत के अंदर भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए आए हैं। उनका कोई परिवार नहीं है। वो कैसे भ्रष्ट हो सकते हैं।
नरेंद्र मोदी के भाई सोमाभाई मोदी ने एक बयान जारी करते हुए यह कहा था की मोदी ने कभी शादी के लिए हां नहीं भरी थी। वरन उनको घरवालों के दबाव मे आकर शादी करनी पड़ी थी।हालांकि मोदी ने अपनी शादी को कभी भी समाप्त नहीं किया । लेकिन विवेकानन्द की शिक्षाओं से प्रभावित होकर उन्होंने भारतिए समाज के लिए काम किया।
मोदी के अपनी पत्नी को स्वीकार करने से पहले कुछ मिडिया संस्थानों ने जशोदाबेन के घर का दौरा भी किया । लेकिन उस वक्त वह घर पर नहीं मिली क्योंकि वह चार धाम की यात्रा पर गई हुई थी।वह रामदेव के ऋषिकेश आश्रम के अंदर भी रूकी थी।अपनी पत्नी को आधिकारिक रूप से नहीं स्वीकार करने की वजह से मोदी के विरोधियों ने भी काफी हमला बोला और इसके लिए मोदी की तीखी आलोचना भी हुई थी।2014 की गर्मियों में, कांग्रेस पार्टी के राजनेता अजय राय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अंदर एक मुकदमा दायर किया गया । जिसके अंदर जशोदाबेन के खाता संख्या नहीं होने की बात कही गई।
1992 में, जशोदाबेन ने अखबार को इंटरव्यू देने से इंनकार कर दिया । कई अखबारों की तो हिम्मत भी नहीं हुई कि जशोदाबेन का इंटरव्यू ले सकें।
जशोदाबेन ने एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू के अंदर बताया कि
———-उन्हें मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के अंदर आमंत्रित नहीं किया है। यदि उनको आमंत्रण दिया होता तो वे कबकी जा चुकी होती । लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि उन्होंने मुझे कानूनी दस्तावेजों के अंदर एक पत्नी के रूप मे स्वीकार किया । यदि उनको मौका मिला तो वे उनसे फिर मिलने जाएगी ।
- जून 2014 में, जशोदाबेन ने गोपीनाथ मूंडे की अंतिम संस्कार के अंदर भाग लिया और सन 2014 के अंदर उन्होंने अपनी पहली बम्बई यात्रा की जहां पर उन्होंने सिद्वविनायक मंदिर के अंदर अपने पति के लिए प्रार्थना की ।
- फरवरी 2015 में जशोदाबेन को कुछ ईसाई मिशनरियों की मेजबानी की जो गीता और रामायण की मदद से हिंदुओं की मदद करना चाहते थे ।
- जून 2015 के अंदर भाजपा के एक कार्यक्रम के अंदर जशोदाबेंन को बोलने के लिए आमंत्रित किया गया । लेकिन उसके बाद मोदी और अमित शाह ने उस कार्यक्रम को दो दिन तक रूकवादिया गया । हालांकि इस संबंध मे कोई कारण नहीं दिया गया । लेकिन कारण जशोदाबेन को ही बताया गया था।
- नवंबर 2015 में, जशोदाबेन ने विदेश जाने के लिए पासपोर्ट का आवेदन किया । लेकिन पासपार्ट के अंदर विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता होने की वजह से वह खारिज हो गया । उसके बाद जशेादाबेन के भाई अशोक ने कहा था कि कानूनी तरीकों पर विचार किया जा रहा है।
जशेादाबेन की सुरक्षा व्यवस्था
मई 2014 से, मेहसाणा जिले की पुलिस ने जशोदाबेन के लिए पुलिस सुरक्षा प्रदान करना शुरू किया था। उसके बाद जशोदाबेन की सुरक्षा को विशेष सुरक्षा समूह को सौंप दिया गया था।और अब जशोदाबेन की सुरक्षा गार्ड करते हैं।
जशोदाबेन के परिवार ने शिकायत की है कि उनके गार्ड कोई पहचान पत्र नहीं रखते हैं, खुद को पहचानने से इनकार करते हैं, और उस व्यक्ति या कार्यालय का नाम बताने से इंकार करते हैं।
——————- मैं हर समय 5 सुरक्षा गार्डों से घिरी रहती हूं ।अक्सर मुझे अपने रिश्तेदारों के लिए खाना बनाना पड़ता है। उनके लिए बिस्तर भी लगाना पड़ता है। आप देख सकते हैं कि यह थोड़ा कष्ट प्रद हो सकता है। मैं यात्रा के लिए सर्वाजनिक परिवहन का प्रयोग करती हूं । जबकि गार्ड मेरा एसीयान के अंदर पीछा करते हैं।
जशोदाबेन, रायटर को , नवंबर 2014
17 साल की उम्र मे शादी
मिडिया को दिए गए एक इंटरव्यू के अंदर नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने बताया कि उनकी शादी काफी कम उम्र के अंदर 17 साल मे ही हो गई थी। यह उस वक्त की बात है जब वह स्कूल के अंदर पढ़ा करती थी।
हम दोनों मे कभी झगड़ा नहीं हुआ
नरेंद्र मोदी की पत्नी ने बताया कि भले ही वे मुझसे अलग रहते हों । लेकिन किसी भी बात को लेकर हम दोनों के अंदर झगड़ा नहीं हुआ है। वे कहा करते थे कि मैं पूरे देश का भ्रमण करूंगा और तुम मेरे साथ कहां कहां पर घूमोगी । अलग होने के बाद भी हम दोनों मे किसी भी बात को लेकर तनातनी नहीं हुई।
वो मुझे कभी नहीं बुलाएंगे
जब मिडिया ने जशोदाबेन से पूछा कि यदि नरेंद्र मोदी उनको कभी मिलने बुलाएंगे तो क्या आप जाना पसंद करेंगी। तब उन्होंने कहां ऐसा कभी नहीं होगा । लेकिन यदि वे बुलाते हैं तो मैं एक बार उनसे मिलने जरूर जाना चाहूंगी ।
तुम्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए
जब मेरी शादी हुई थी तो मैं मात्र सत्रह साल की थी। इतनी कम उम्र के अंदर वे मुझे ससुराल आने के लिए टोकते थे और कहा करते थे कि तुम्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
राजनीतिक विचारधारा की बात नहीं करते थे
जशोदाबेन ने बताया कि वो कभी भी मुझसे राजनिति की बातें नहीं करते थे । लेकिन बहुत बार जब मे ससुराल जाती थी तो वे वहां पर नहीं होते थे । इस दौरान वे कई जगहों पर अपने काम से जाते थे ।मेल मिलाप बंद होने की वजह से बाद मे मैंने ससुराल जाना ही छोड़ दिया और अपने भाई के यहां पर रहने लगी ।
रिटायरमेंट के बाद का समय कैसे गुजरता है ?
इस प्रकार का सवाल पूछे जाने के बाद जशोदाबेन ने बताया कि उन्हें पूजा करना काफी पसंद है। इस वजह से वे सुबह जल्दी उठकर पूजा करती हैं।मैं अपना समय अपने भाई अशोक के पास गुजारती हूं ।इसके अलावा कभी कभी अपने दूसरे भाई के पास चली जाती हूं ।
मोदी से अलग होने के बाद खुद को कैसे सम्भाला
मोदी से मैंने कभी कानूनी तौर पर तलाक नहीं लिया है।लेकिन मोदी से अलग रहने के बाद मैं कुछ समय ससुराल के अंदर रही और उसके बाद अपने पिता के यहां चली आई। मेरे पिता ने ही मेरी पढ़ाई की फीस वैगरह चुकाई।जब मैं 10 वीं के अंदर थी तो मेरे पिता की मौत हो गई। मेरी माता की मौत काफी पहले ही हो चुकी थी।1974 मे एसएसी की परीक्षा दी और 1976 मे ट्रेनिंग पूरी करने के बाद टीचर बन गई।
नरेंद्र मोदी की हो चुकी है कई बार आलोचना
नरेंद्र मोदी को अपनी पत्नी की उपेक्षा की वजह से कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। इस संबध मे कांग्रेस के राष्टि्रय प्रवक्ता रशीद अल्वी ने कहा कि एक व्यक्ति अपनी पत्नी की देखभाल नहीं कर सकता तो वह देश की देख भाल कैसे कर पाएगा ।
मोदी के आलोचकों का कहना है कि लगभग 50 साल तक पत्नी को स्वीकार नहीं करना मोदी की महिलाओं के सम्मान मे कमी को व्यक्त करता है।मिडिया रिपोर्ट की माने तो आज भी मोदी की पत्नी एक बेडरूम वाले घर के अंदर रहती है। और उनको वो सभी काम करने पड़ते हैं जोकि एक आम महिला करती है। जैसे अपने घर के अंदर झाडू लगाना और बनाना आदि ।
वाकाई मे महान है नरेंद्र मोदी की पत्नी
अधिकतर न्यूज रिपोर्टों के अंदर यह साबित हो चुका है कि भले ही नरेंद्र मोदी उनको अपनी पत्नी नहीं मानते हैं। लेकिन जशोदाबेन नरेंद्र मोदी को आज भी अपना पति मानती है। और इसी वजह से आज भी उनकी सफलता के लिए व्रत करती है। दान देती है और मंदिरों के अंदर जाती है।मोदी की पत्नी आदर्श महिला का प्रतीक है जो उनके पति के त्याग देने के बाद भी पति के प्रति सर्पित जीवन जीती है।इस वजह से नरेंद्र मोदी की पत्नी के संबंध मे एक अखबार ने लिखा कि उनको तो भारत रत्न मिलना चाहिए क्योंकि सबसे ज्यादा त्याग उन्होंने किया है।
महिलाओं के मुद्दों पर टिप्पणीकार शोभा डे ने जशोदाबेन को “सुपर हीरो” और “प्लकी” कहा, और कहा कि उनकी हरकतें “बोल्ड, ब्लंट और टू द पॉइंट” थीं।
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