क्या आप जानते हैं पपीता कितने प्रकार के होते हैं ?papaya information in hindi ,पपीतापरिवार कैरिकसी के जीनस कैरिका में 22 स्वीकृत प्रजातियों में से एक है । इसका मूल अमेरिका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में है ।अक्सर आपने भी कई बार पपीता खाया ही होगा । और खाने के अंदर यह काफी स्वादिष्ट होता है।पपीते का पेड़ काफी छोटा होता है।इसके पेड़ का तना 5 से 10 मीटर तक होता है। पत्तियाँ बड़ी होती हैं, व्यास में 50-70 सेमी (20–28 इंच) होती हैं ।पौधे के सभी भागों में जालीदार लैटिसिफर्स में लेटेक्स होता है।इनका फल लगभग 15-45 सेमी (5.9–17.7 इंच) लंबा और 10–30 सेमी (3.9–11.8 इंच) व्यास का होता है।जो सिलेंडर के आकार का होता है।और यह नारंगी रंग का होता है।
Table of Contents
पपीते का उत्पति क्षेत्र papaya information in hindi
कैरेबियन द्वीप समूह , फ्लोरिडा , टेक्सास , कैलिफोर्निया , हवाई , और अन्य उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय दुनिया के क्षेत्रों के अंदर पपीता की खेती की जाती है।
पपीता कितने प्रकार के होते हैं पपीता तीन तरह का होता है
दोस्तों पपीते की खास बात यह होती है कि यह तीन प्रकार का होता है।एक नर दूसरा मादा और तीसरा हेर्मैफ्रोडाइट । नर केवल पराग पैदा करने का कार्य करता है। यह फल नहीं देता है जबकि मादा खाने योग्य फल तब तक पैदा नहीं कर पाता जब तक कि उसे पराग नहीं मिल जाता है।
हेर्मैफ्रोडाइट प्रकार के पपीते की खेती सबसे अधिक की जाती है। क्योंकि इसके फूलों में नर पुंकेसर और मादा अंडाशय दोनों होते हैं ।यह पौधा अधिक ठंड के प्रति संवेदनशील होता है। और 29 डिग्री से नीचे का तापमान इसके लिए अच्छा नहीं होता है। भूमी भी रेतिली होनी चाहिए । इसको अधिक पानी से भी नुकसान होता है।
- 2018 में, पपीते का वैश्विक उत्पादन 13.3 मिलियन टन था । जिसके अंदर केवल 45 प्रतिशत भारत का ही था।
- कच्चे पपीते के गूदे में 88% पानी, 11% कार्बोहाइड्रेट और नगण्य वसा होता है। 100 ग्राम की मात्रा में, पपीता फल 43 किलोकलरीज प्रदान करता है।
- पपीता की पतियों की मदद से मलेरिया और रेचक का ईलाज किया जाता है।
आइए जानते हैं पपीता के अंदर मौजूद कुछ पोषक तत्वों के बारे मे
पपीता, कच्चा | |
प्रति 100 ग्राम पोषण मूल्य (3.5 औंस) | |
ऊर्जा | 179 केजे (43 किलो कैलोरी) |
कार्बोहाइड्रेट | 10.82 ग्राम |
शर्करा | 7.82 ग्राम |
फाइबर आहार | 1.7 ग्रा |
मोटी | 0.26 ग्राम |
प्रोटीन | 0.47 ग्राम |
विटामिन | मात्रा% DV † |
विटामिन ए समान। बीटा कैरोटीन ल्यूटिन ज़ेक्सैंथिन | 6% 47 माइक्रोग्राम 3% 274 μg 89 माइक्रोग्राम |
थियामिन (बी 1 ) | 2% 0.023 मिग्रा |
राइबोफ्लेविन (B 2 ) | 2% 0.027 मि.ग्रा |
नियासिन (बी 3 ) | 2% 0.357 मि.ग्रा |
पैंटोथेनिक एसिड (बी 5 ) | 4% 0.191 मि.ग्रा |
फोलेट (B 9 ) | 10% 38 माइक्रोग्राम |
विटामिन सी | 75% 62 मिग्रा |
विटामिन ई | 2% 0.3 मिलीग्राम |
विटामिन K | 2% 2.6 μg |
खनिज पदार्थ | मात्रा% DV † |
कैल्शियम | 2% 20 मिग्रा |
लोहा | 2% 0.25 मिग्रा |
मैगनीशियम | 6% 21 मिलीग्राम |
मैंगनीज | 2% 0.04 मि.ग्रा |
फास्फोरस | 1% 10 मिग्रा |
पोटैशियम | 4% 182 मिग्रा |
सोडियम | 1% 8 मिलीग्राम |
जस्ता | 1% 0.08 मि.ग्रा |
papaya information in hindi Mexican Red/Yellow Papaya
यह पपीता काफी बड़े फल होते हैं और इनकी लंबाई लंबाई में 15 से 50 सेंटीमीटर होती है।अंडाकार होते हैं। इनकी त्वचा चिकनी और मोमी होती है।यह चमकीले ,पीले और नारंगी रंग की होती है।सतह के नीचे, मांस का रंग लाल, नारंगी, पीले से गुलाबी तक होता है। इसके अलावा इसके बीज खाने योग्य होते हैं लेकिन यह स्वाद के अंदर तीखे होते हैं।
यह पपीता काफी सुगंधित फल होते हैं जोकि मध्य अमेरिका और दक्षिणी मैक्सिको के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के मूल निवासी हैं।यह पौधे 3 से 9 मीटर की उंचाई तक पहुंचते हैं।
मैक्सिकन पपीता किस्म को मैराडोल पपीता के रूप में जाना जाता है,कैरेबियन रेड पपीता, कैरिबियन सनराइज पपीता और रेड पपीता के नाम से भी पहचाना जाता है।
मैक्सिकन पपीता विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत होता है। और यह प्रतिरक्षा प्रणाली को काफी मजबूत करता है।यह सूजन को कम करता है और हडियों व दांतों के लिए भी काफी लाभदायक होता है।फोलेट, फाइबर, लोहा और मैग्नीशियम जैसी चीजें भी इसके अंदर होती हैं।जो काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह पपीता पाचन के अंदर भी काफी अच्छा होता है।
एक मीठा, मांसल स्वाद और नरम बनावट है। और इसके त्वचा मांस और बीज खाने योग्य होते हैं।आमतौर पर इस पपीते के मांस को अलग खाया जाता है और बीज को स्वाद के लिए अलग खाया जाता है। पपीते का प्रयोग स्वाद के रूप मे भी किया जा सकता है।मैक्सिकन पपीता का उपयोग आइसक्रीम, शर्बत, मुरब्बा, और जाम के स्वाद के रूप में किया जा सकता है।
स्ट्रॉबेरी, अनानास, नारियल, केले, और संतरे, जीका, शहद, ब्राउन शुगर, दालचीनी, अदरक, मिर्च पाउडर, मीट जैसे पोल्ट्री, पोर्क, और के साथ मिलाकर अच्छी तरह से खाया जा सकता है।यह खाने मे काफी स्वादिष्ट लगता है। लेकिन इसका संग्रह समय कम होता है। यह फ्रिज मे सिर्फ 3 दिन तक ही रह सकता है।
papaya information in hindi Hawaiian Sunrise Papaya
22-26 औंस के बीच यह नाशपती के आकार का होता है।यह जब पक जाता है तो यह सुनहरे नारंगी रंग के अंदर बदल जाता है।भीतर का मांस सामन गुलाबी होता है और कई छोटे, चमकदार, काले, अखाद्य बीजों से भरा एक छिद्रयुक्त बीज गुहा को घेर लेता है।
यह अन्य किस्म की तुलना मे मीठा होता है।और इसके अंदर अम्लता काफी कम होती है।इस पपीते को सनराइज के नाम से भी जाना जाता है।स्ट्रॉबेरी पपीते बीटा कैरोटीन और विटामिन ए, सी, ई का अच्छा स्त्रोत होता है।और यह कच्चा खाने मे यह सबसे अच्छा है।इसको 3 से 5 दिन तक कमरे के तापमान पर रखने पर पक जाता है।
स्ट्राबेरी पपीते को कभी भी गर्भवति महिला को नहीं खिलाया जाना चाहिए क्योंकि इससे गर्भपात की समस्या हो सकती है। और इससे एलर्जी प्रतिक्रिया हो सकती है।स्ट्रॉबेरी पपीता 1961 में हवाई विश्वविद्यालय में बनाया गया था।और बाद मे इसकी खेती अलग अलग जगहों पर की जाने लगी थी।
Hawaiian Sunset Papaya
इस पपीते के अंदर गुलाबी रंग का मांस होता है। और देखने मे यह सूर्यअस्त के रंग का होता है।इस फल को दो पौधों के क्रास से बनाया गया था।पत्ती की पेटियां एक हल्के बैंगनी ब्लश के साथ सीधा हो जाते हैं।पहले फल लगभग 10 महीने बाद परिपक्व होते हैं।प्रति एकड़ 20 से 40 टन की पैदावार होती है। यह कुछ हैएन्थ्रेक्नोज का प्रतिरोध लेकिन अतिसंवेदनशील है पपीता रिंगसूट वायरस इसको नुकसान पहुंचा सकता है।
Bettina Papaya
बेट्टीना किस्म ज्यादातर क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में उगाई जाती है। और इसके अंदर काफी मीठा मांस होता है। यदि बात करें इसके वजन की तो यह 3 से 5 पाउंड होता है।
Guinea Gold Papaya
यह पपीता पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का मूल निवासी है। यह एक पतले सुनहरे पीले छिलके और मांस के साथ नाशपाती के आकार के फल पैदा करता है और यह 2 से 3 पाउंड वजन का होता है। पकने के लिए यह कम से कम 18 महिने का समय ले लेता है।
Hortus Gold Papaya
फार्म विश्वविद्यालय में मादा ‘हॉर्टस गोल्ड’ रोपे गए1960 में, इसके अंदर अधिक उप वाले पौधे का चयन किया गया था। और अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को चुना गया और इसे ‘हनी गोल्ड’ नाम दिया गया था।यह स्वाद के अंदर मीठा होता है।यह 1 किग्रा का फल होता है।ह बीज से सही प्रजनन नहीं करता हैऔर इसलिए कटिंग द्वारा प्रचारित किया जाता है। और इसको परिपक्व होने मे 10 महिने से अधिक का समय लगता है।
Kamiya Papaya
इसको 1960 ई के दशक मे हवाई विश्वविद्यालय में डॉ। हेनरी नाकसोन, कॉलेज ऑफ ट्रॉपिकल एग्रीकल्चर एंड ह्यूमन रिसोर्स द्वारा शुरू किए गए थे ।कामिया पपीता एक मध्यम आकार का फल है जिसमें नारंगी मांस, पतले छिलके, हल्के, लेकिन नाजुक सुगंध, चिकनी बनावट और उच्च चीनी सामग्री होती है।वैसे यह फल छोटे आकार का था।और इसकी सबसे बड़ी खास बात यह थी कि इसके बीज गुहा के अंदर थे जिनको निकालना काफी मुश्किल था। हालांकि यह काफी स्वादिष्ट था।
Kapoho Papaya
यह पपीता काफी मीठा होता है और स्वादिष्ट भी होता है। पुना जिले के अंदर यह काफी लोकप्रिय है। 90 प्रतिशत लोग वहां पर इसी प्रकार के पपीते की खेती करते हैं। इसके अंदर पीला मांस होता है।
Peterson Papaya
पपीता कैरिका पपीता है जो केवल उष्णकटिबंधीय में उगता है। कई उष्णकटिबंधीय देशों में पपीता को पंज कहा जाता है।पीटरसन मूल रूप से क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया के अंदर पाया जाता है।इसमें हरे धब्बों के साथ पीली त्वचा भी है। गहरे नारंगी रंग के मांस में काफी मजेदार स्वाद होता है।
Waimanalo Papaya
यह पपीता 9.14 मीटर तक उंचा हो सकता है और बारामासी होता है।यह मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं।एक में मीठा, लाल या नारंगी मांस होता है और दूसरे में पीला मांस होता है।कैरेबियन रेड को अमेरिका के बाजारों मे बड़े पैमाने पर बेचा जाता है।यह एक बौनी किस्म है और इसमें विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है। यह एक तेजी से बढ़ने वाला पौधा है ।
Tainung Papaya
फॉर्मोसा पपीता के रूप मे यह किस्म काफी प्रसिद्ध है।परिपक्व होने पर यह 3 से 4 पाउंड का हो जाता है। यह गुलाबी या हल्के लाल मीठे मांस के साथ लम्बी आकृति में बढ़ता है।
Oak Leaved Papaya
यह एक छोटा पेड़ होने के साथ ही तेजी से बढ़ने वाला होता है।यह 5 से 8 मीटर की उंचाई तक पहुंच सकता है।पेड़ का नाम-खातिर एक चमकदार हरे रंग का होता है और इसमें 5 से 7 गहरे दाँतेदार उंगलियाँ होती हैं। इसके छोटे फल 3 से 5 सेंटी के होते हैं।फलों के अंदर काले और हरे रंग के बीज होते हैं। खाने मे काफी अच्छे स्वाद के साथ होते हैं।
यह गर्मियों के अंदर यह उपलब्ध होता है।ओक लीव्ड पपीता एक प्रकार का पहाड़ी पपीता है जिसे वनस्पति रूप से कैरिका क्वेरिसिफोलिया के नाम से भी जाना जाता है।इस पौधे की पतियां काफी बड़ी होती हैं। यह दिखावटी रूप से काफी अच्छा होता है। यही कारण है कि इसको सजावट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
यह फल विटामिन ए और सी, कैल्शियम, फॉस्फेट, मैग्नीशियम और आयरन से भी भरपूर होते हैं।इसको कच्चा आसानी से खाया जा सकता है। और अन्य सलाद के साथ भी इसको खाया जा सकता है।ओक लीव्ड पपीता अर्जेंटीना, बोलीविया, पेरू, पैराग्वे, ब्राजील और उरुग्वे के एंडीज पहाड़ों का मूल निवासी है।
Samba Papaya
सांभा पपीते बड़े, लम्बी अंडाकार फल होते हैं, जिनकी लंबाई 20 सेंटीमीटर तक होती है और इनका छोर काफी गोल होता है।त्वचा पतली होती है और यह हरे से पीले से नारंगी की हो जाती है।एक बार जब यह पूरी तरह से पक जाता है तो काले बीजों से भर जाता है। खाने मे काफी स्वादिष्ट होता है।
यह विटामिन सी और विटामिन ए में समृद्ध हैं और राइबोफ्लेविन और फोलेट का एक अच्छा स्रोत हैं। इनमें बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और पोटेशियम भी पाये जाते हैं।इस पपीते के अंदर बहुत अधिक पोषक तत्व होते हैं। इसमे कुल 212 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं।
इस पपीते को हरा ही खाया जा सकता है। या फिर सलाद और चटनी बनाकर भी खाया जा सकता है।और इसके बीज को काली मिर्च के विकल्प के रूप मे प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह काफी तीखा होता है।दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे देशो के अंदर यह उगाया जाता है।
Royal Star Papaya
यह पपीता लंबे और बेलनाकार के होते हैं।लेकिन यह नाशपाती के आकार के होते हैं।और यह 20 सेंटीमिटर के लगभग लंबे होते हैं। नाशपति के आकार के होते हैं।
वजन की बात करें तो यह 1 से 2 पाउंड के बीच होता है।त्वचा हरे और पीले रंग की होती है। पूरी तरह से विकसित होने के बाद हरे व नारंगी रंग की हो जाती है।इस पपीते को तब भी खाया जा सकता है जब यह आधा पका हुआ हो । हालांकि पूरा पका होने पर यह और भी अच्छा होता है।उज्ज्वल, नारंगी-लाल मांस फर्म और रसदार है, एक मीठा, उष्णकटिबंधीय स्वाद प्रदान करता है।वैसे यह पपीते सालभर उपलब्ध होते हैं।
रॉयल स्टार पपीते एक प्रकार की संकर किस्म होती है।यह पपीते काफी भरपूर पोषक तत्वों के साथ होते हैं। इनके अंदर 212 पोषक तत्व मौजूद होते हैं।इनके अंदर विटामिन सी और ए अच्छी मात्रा मे होते हैं।बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन और खनिज कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, तांबा, मैंगनीज और सेलेनियम और फैटी ऐसिड़ भी इसके अंदर होते हैं जो हेल्थ के लिए भी काफी जरूरी होते हैं।
वैसे तो इस पपीते को कच्चा ही खाया जाता है लेकिन पकाकर भी खाया जा सकता है।इसके अलावा इसको दूसरे सलाद के साथ मिलाकर खाया जा सकता है। और इसकी चटनी बनाकर भी खाया जा सकता है।रेफ्रिजरेटर के अंदर इस पपीते को 5 दिन तक आसानी से सुरक्षित किया जा सकता है।
रॉयल स्टार पपीते तीसरी पीढ़ी के किसानों द्वारा कोलिमा, मैक्सिको और दक्षिण टेक्सास में उगाए जाते हैं। मैक्सिकन सीमा के पास रहने वाले परिवार, कोलिमा के समुदाय इसको विशेष रूप से उगाते हैं।इसके अलावा इस पपीते की कई तरह की रेसपी और आचार बनाकर खाया जाता है।
पपीता खाने के फायदे
पपीता एक ऐसा फल है जो आपको आसानी से कहीं पर भी मिल सकता है।आप इसको घर के अंदर भी आसानी से उगा सकते हैं।और खाने के मामले मे आप इसको कच्चा और पक्का दोनो ही तरीकों से खा सकते हैं। दोनों प्रकार के अंदर अच्छे औषधिय गुण होते हैं।पपीता अनेक प्रकार के रोगों मे काम आता है यह दांत गले और जीभ व घाव आदि के अंदर काम आता है।इसके अलावा पपीता मे विटामिन ए, विटामिन सी, फाइबर, पोटाशियम आदि होते हैं। जो शरीर के लिए बहुत अधिक आवश्यक तत्वों मे से एक हैं।
पपीते के फायदे मुंह मे छाले के लिए
कई बार गर्मी की वजह से या फिर किसी भी प्रकार के रियक्सन की वजह से मुंह के अंदर छाले बन जाते हैं। और इन छालों का ईलाज करने के लिए पपीते का प्रयोग किया जा सकता है।इसके लिए यदि पपीते के दूध को छालों पर लगाया जाता है जो छाले बहुत ही जल्दी ठीक हो जाते हैं।
दांत दर्द को सही करता है पपीता
आजकल कुछ लोग दांत दर्द से बहुत अधिक परेशान रहते हैं।काफी दवाइंया लेने के बाद भी उनको राहत नहीं मिलती है। ऐसी स्थिति मे पपीता काफी फायदेमंद हो सकता है।पपीते के दूध को आप यदि दांत मे लगाते हैं तो दांत दर्द से राहत मिलती है।
कंठ मे सूजन और दर्द से राहत देता है पपीता
ठंड लगना बहुत ही आम बात है।यदि ठंड लग गई है तो फिर गले मे सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है। इसके लिए पपीते के दूध के अंदर पानी मिलाएं और उसके बाद गरारे करें । ऐसा करने से गले के दर्द से आराम मिल जाता है। यह दिन के अंदर 3 बार करें ।
शरीर की कमजोरी को दूर करता है पपीता
दोस्तों पपीता शरीर की कमजोरी को दूर करने मे मदद करता है।इसके लिए या तो आप सीधे ही पपीता खा सकते हैं। जो शरीर के अंदर पौष्टिक तत्वों की पूर्ति करता है। या फिर आप किसी भी कच्चे पपीता की सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं।यह आपके शरीर को आवश्यक उर्जा प्रदान करने का कार्य करता है।
यूरिन इंफेक्शन से बचाव
कच्चे पपीता को खाने का एक फायदा यह भी है कि यह यूरिन इन्फेक्सन से बचाव करने का कार्य करता है।यदि आप पपीते का नियमित इस्तेमाल करते हैं तो आपको कभी भी यूरनी इन्फेक्सन की समस्या नहीं आएगी । यह पपीते का एक बेहतरीन फायदा है।
पपीता उम्र के असर को कम करता है
जैसे जैसे शरीर बूढ़ा होता है वैसे वैसे शरीर के सैल्स मरने लग जाते हैं और धीरे धीरे यह दिखने लग जाता है कि आप बूढ़े हो रहे हैं। पपीता के सेवन करने से उम्र का असर कम होता है। और आप लंबे समय तक जवान बने रहते हैं। हालांकि लोग उम्र के असर को कम करने के लिए मैकअप का सहारा लेते हैं। यदि आप किसी हिरोइन को बिना मैकअप के देखेंगे तो पाएंगे कि उसकी शक्ल तो बहुत ही बुरी लग रही है जिसकी तुलना भी आप नहीं कर पाएंगे ।
पपीते के फायदे दस्त को रोकता है
कई बार उल्टा सीधा खाने की वजह से दस्त हो जाता है।और इसे रोकने का सरल तरीका यह है कि पपीते के पके हुए बीजों को ले और चावल के साथ सेवन करें । इससे काफी फायदा होता है। या फिर कच्चे फल की सब्जी बनाकर खा सकते हैं। यह भी काफी फायदेमंद होती है।
बिच्छू के दर्द से राहत देता है पपीता
बिच्छू एक जहरीले डंक वाला जानवर होता है।जोकि कचरे के अंदर छिपा रहता है और यदि हम कोई काम करते हैं। उस कचरे मे हाथ डालते हैं तो यह डंक मार देता है ।जो काफी दर्द पैदा करता है। इसके दर्द को कम करने का तरीका यह है कि पपीते के कच्चे फल से दूध निकालें और फिर जिस स्थान पर बिंच्छू ने काटा है उस स्थान पर लगादें ।ऐसा करने से दर्द से राहत मिल जाएगी । यह एक घरेलू तरीका है।
पपीते के फायदे तनाव को कम करता है
दोस्तों एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार पपीता तनाव को कम करता है। इसके अंदर एंटी डिप्रेशन के गुण पाये जाते हैं। यदि आप तनाव के शिकार हैं तो पपीते का सेवन करें । यह आपके दिमाग को शांत करता है और डिप्रेशन को बढ़ने से रोकता है।
डायबिटीज से राहत प्रदान करता है
दोस्तों डायबिटीज से राहत प्रदान करने का कार्य भी यह करता है।इसके लिए पपीते के बीजों को खाया जाना चाहिए क्योंकि इन बीजों के अंदर एंटीडायबिटीज के गुण होते हैं। यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
वजन घटाने मे मदद करता है
दोस्तों कुछ लोगों का वजन काफी तेजी से बढ़ता जाता है और वे वजन को कम करने का अनेक उपाय कर चुके होते हैं लेकिन उसके बाद भी वजन कम नहीं हो रहा होता है। बढ़ता हुआ वजन कई समस्याओं का कारण बनता है।पपीते खाने का फायदा यह होता है कि यह पाचन को बेहतर करने का कार्य करता है और शरीर के अंदर से विषैले पदार्थों को बाहर भगाने का कार्य भी करता है।
पीरियड्स के दर्द को कम करता है
महिलाओं मे पीरियड्स काफी अधिक दर्द होता है। लेकिन पपीते का सेवन उनके दर्द को कम कर सकता है। इसके अंदर वात को संतुलित करने के गुण होते हैं। जोकि काफी फायदेमंद होता है।इस प्रकार से पपीते मे वातशामक गुण पाये जाते हैं।
पाचन तंत्र को सक्रिय करने मे मदद करते हैं
आमतौर पर बहुत से लोगों को कब्ज की समस्या रहती है। और कब्ज की वजह से पेट काफी फुला हुआ सा और भारी भी लगता है। लेकिन पपीते का सेवन करने से कब्ज दूर हो जाती है। क्योंकि यह पाचन को बढ़ाने का कार्य करता है। पाचन शक्ती मे बढ़ोतरी करके कब्ज को दूर करता है।
आंखों की कमजोरी को दूर करता है पपीता
दोस्तों आजकल हर तीसरे इंसान को आंखों की समस्या देखने को मिल जाएगी । यह कारण है तेजी से बढ़ता प्रदूषण और खाना पान पूरा दूषित हो चुका है। जिसके कारण यह समस्या हो रही है। आज से यदि आप 100 साल पीछे जाएंगे तो बड़े बूढ़ों को इस प्रकार की समस्या नहीं थी।इसका कारण यह था कि वे पूरी तरह से नैचुरल भोजन करते थे ।पपीते के अंदर विटामिन ए और सी होता है जो आंखों के लिए काफी फायदेमंद होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है
वैसे भी अब कोरोना काल चल रहा है तो हर इंसान को अधिक रोगप्रतिरोधक क्षमता की आवश्यकता है। ऐसी स्थिति मे पपीते का प्रयोग भी काफी फायदेमंद होता है। पपीते के अंदर रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण देखे गए हैं। यदि आप पपीते का सेवन करते हैं तो आप मे रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास काफी तेजी से होगा ।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने का कार्य करता है पपीता
शरीर में लिवर द्वारा निर्मित मोम या वसा जैसे पदार्थ को ही कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। यह शरीर के अंदर अलग अलग क्रियाओं को करने के लिए काफी आवश्यक होता है।हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का अच्छा कोलेस्ट्रॉल होता है जोकि आपके अंदर हर्ट से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए जाना जाता है।लेकिन लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का बेकार का कोलेस्ट्राल होता है जो हर्ट रोग और सीने मे दर्द की समस्या को बढ़ाने का कार्य करता है।
यदि आप गुड़ कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाना चाहते हैं तो आप पपीते का सेवन कर सकते हैं यह आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
सूजन को कम करता है पपीता
कई तरह के सूजन हो सकते हैं। शरीर के किसी अंग पर अंदरूनी चोट लगने की वजह से सूजन होता है।सूजन को कम करने के लिए पपीते की मज्जा का प्रयोग करना चाहिए । इसको जिस स्थान पर सूजन है उस स्थान पर लगाना चाहिए । यह काफी फायदेमंद होती है।आप इसको दिन के अंदर 2 बार लगा सकते हैं।और यदि आप किसी डॉक्टर के पास गए हैं और उन्होंने कोई टयूब दी है तो उसका प्रयोग करना और अधिक बेहतर रहता है।
दाद और खुजली से राहत प्रदान करते हैं पपीता
दाज और खुजली गर्मियों के अंदर बहुत अधिक होते हैं।दाद शरीर के ऐसे स्थानों पर होता है जहां पर साफ सफाई नहीं हो पाती है। दाद और खुजली दोनों के अंदर ही पपीता काफी फायदेमंद होता है।
इसके लिए बीजों को पीसकर, उसमें ग्लिसरीन मिलाकर दाद के उपर दिन के अंदर 2 बार लगाएं । और यदि किसी स्थान पर खुजली हो रही है तो उस स्थान पर उसको लगा सकते हैं। कई बार दाद और खुजली होने की वजह से घर पर दवाई उपलब्ध नहीं होती है तो घरेलू दवा ही काम आती है।
त्वचा विकारों को दूर करने मे मदद करते हैं पपीता
दोस्तों त्वचा के विकारों को दूर करने मे भी पपीता काफी मदद करता है।अक्सर आजकल का खानपान बहुत अधिक खराब हो चुका है। खराब खानपान की वजह से अनेक तरह के त्वचा के रोग हो चुके हैं।त्वचा के रोगों को दूर करने के लिए पपीते का चर्म काफी फायदेमंद होता है।
लकवा के लक्षणों से राहत प्रदान करता है पपीता
दोस्तों लकवा के लक्षणों से भी पपीता राहत प्रदान करने का कार्य करता है। इसके लिए पपीता के बीजों को निकाले और उसके बाद इसका तेल निकाल लें । फिर लकवा ग्रस्त स्थान पर मालिस करने पर यह काफी लाभदायी होता है।
पपीता का फायदा बवासीर के लिए
बवासीर के लिए पपीता काफी फायदेमंद होता है।यह दर्द से राहत प्रदान करता है।इसके लिए सबसे पहले पपीता के कच्चे फल को लेकर आएं और उसके बाद उसके दूध को निकालें फिर इसको मस्सों पर लगाएं । यह दर्द से राहत देने के लिए काफी कारगर होता है।लेकिन इसका प्रयोग अपने डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए । हालांकि यह नुकसान नहीं करता है।
पपीता बालों को मजबूत बनाता है
दोस्तों आजकल हर किसी को मजबूत बाल चाहिए होते हैं।पपीता बालों को मजबूत बनाने का कार्य करता है।पपीता के अंदर विटामिन और एंजाइम होते हैं जो आपके बालों को रूखा होने से बचाने का कार्य करते हैं।आप पपीते का नियमित सेवन करने से अपने सुस्त और बिखरे व बेजान बालों को काफी सुंदर बना सकते हैं।
कैंसर से बचाता है पपीता
देास्तों पपीते के अंदर निहित एंटी-ऑक्सिडेंट, विशेष रूप से लाइकोपीन, बीटा कैरोटीन और बीटा-क्रिप्टोक्साथिन जैसे गुण मौजूद होते हैं जोकि कैंसर के निर्माण को रोक देते हैं। पपीते के अंदर आइसोथियोसाइनेट्स नामक यौगिक होता है जोकि कैंसर कोशिकाओं के निर्माण को रोकने का कार्य करते हैं। यदि आप शुद्ध और शाकहारी भोजन का सेवन करते हैं तो आपको कैंसर होने की संभावना काफी कम हो जाएगी ।
पपीते खाने के नुकसान
वैसे तो पपीते खाना फायदेमंद होता है।लेकिन कुछ लोगों के लिए यह काफी नुकसानदायी हो सकता है। तो आपको यह पता होना चाहिए कि पपीते खाने से क्या क्या नुकसान हो सकता है ? जिससे कि आप सावधानी बरत सकें ।
- पपीते का सेवन एक साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं करना चाहिए । यह नुकसान कर सकता है।
- दस्त की समस्या है तो पपीते का सेवन करना सही नहीं होता है।
- जो लोग खून पतला करने की दवाओं का सेवन करते हैं उनको पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए ।
- यदि आप बहुत अधिक पपीता का सेवन करते हैं तो यह गुर्दे की पत्थरी का कारण बन सकता है।
- पपीते के अंदर मौजूद कुछ तत्व आपको दमा और सांस से संबंधित समस्याओं का शिकार बना सकते हैं।
- यदि कोई गर्भवती महिला पपीते का सेवन करती है तो यह उपयुक्त नहीं है। गर्भास्य के अंदर यह संकुन का कारण बन सकता है ।जिससे बच्चा मरा हुआ पैदा हो सकता है या फिर प्रसव के अंदर भी समस्याएं हो सकती हैं।
पपीते को किस प्रकार से खाया जा सकता है ?
- दोस्तों आप पपीते को आम के फलों के साथ खा सकते हैं।
- और पपीते के रस को नींबू के रस के साथ मिलाकर पी सकते हैं।
- केला और दही के साथ आप पपीते का सेवन कर सकते हैं।
- आप पपीतें को छिलकर ऐसे ही खा सकते हैं।
- कच्चे पपीते को साग बनाकर भी खाया जा सकता है।
पपीता कितने प्रकार के होते हैं और पपीता खाने के फायदे papaya information in hindi लेख के अंदर हमने पपीता के बारे मे विस्तार से जाना उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा । यदि आपका कोई विचार है तो नीचे कमेंट करके हमें बताएं ।
कैसा होता है सपने में बहुत सारे कुत्ते देखना
सेब के बारे मे जानकारी और सेब के प्रकार लिस्ट
अणु तेल के फायदे और नुकसान के बारे मे जानिए
पत्रकारिता कितने प्रकार की होती है ? type of Journalism
camel के बारे मे जानकारी ऊँट के प्रकार और इतिहास
This post was last modified on April 20, 2021