मन और बुद्धि मे अंतर What is the difference inside mind and intelligent

दोस्तों बहुत से लोगों को यह समझ में नहीं आता है कि मन और बुद्धि मे भेद  अंतर क्या होता है। मैंने नेट पर बहुत सारी ऐसी वेबसाइट देखी हैं जिन पर यह मन और बुद्धि  मे अंतर मन और बुद्धि मे भेद दिया हुआ है। लेकिन उन पर भी कोई अच्छे तरीके से बताया नहीं गया है। इस लेख मे हम ‌‌‌आपको मन और बुद्धि के बारे मे विस्तार से बताने वाले हैं ।

मन और बुद्धि  मे अंतर

Table of Contents

‌‌‌मन क्या होता है ?what is mind

बुद्वि मे भेद या अंतर जानने से पहले  दोस्तों आपके मन मे यह पहला सवाल आया होगा कि मन क्या होता है ? तो आपकी जानकारी के लिए बतादें कि मन कोई फिजिकल दिमाग का पार्ट नहीं है। मन एक electrical सिग्नल या डेटा होता है जो हमारे दिमाग के अंदर सेव रहता है। और दिमाग के अंदर उस डेटा का एक स्पेसल स्वरूप होता है। ‌‌‌जैसे पॉजिटिव नगेटिव और उदासीन । मतलब जब कोई डेटा हमारे दिमाग के अंदर फलो होता है तो यह तीन तरह के प्रभाव हम पर छोड़ सकता है। यह फलो होने वाला डेटा ही मन होता है। जैसे यदि आप अपनी बीवी के बारे मे सोच रहे हैं तो आपके विचार अपने आप मे एक मन हैं और उनके साथ जुड़े प्रभाव भी एक मन हैं। इसी तरह से

‌‌‌आप यदि अपनी मां के बारे मे सोचते हैं तो उससे जुड़े विचार और प्रभाव एक मन है। कहने का मतलब है इंसान के दिमाग मे कई सारे मन हो सकते हैं। अब आप मन का मतलब तो समझ ही चुके होंगे । आइए बुद्धि क्या चीज होती है उसे जान लेते हैं।

‌‌‌ बुद्धि क्या होती है? What is intelligent

। बुद्धि मन से बहुत अलग चीज होती है। बुद्धिइंसान के दिमाग की एक क्षमता है। जैसे दिमाग के सोचने की क्षमता एक बुद्धि है। दिमाग के जोड़ने घटाने की क्षमता एक बुद्धि है। और भी कई सारी बुद्धि इंसान के पास हो सकती हैं। एक इंसान के पास कुछ क्षमताएं ज्यादा होती हैं। तो कुछ ‌‌‌कम होती है। कोई इंसान किसी एक क्षेत्र के अंदर विशेष तेज होता है। इसका अर्थ है कि वह उस क्षेत्र के अंदर ज्यादा बुद्धि रखता है। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि इंसान के दिमाग की क्षमताओं को बुद्धि कहा जाता है।

‌‌‌उदाहरण के लिए आपकी बाइक की दौड़ सकने की क्षमता और उसकी जितनी भी क्षमताएं हैं वह आपकी बाइक की बुद्धि है। उसी तरीके से इंसान के दिमाग की क्षमताएं बुद्धि होती हैं।

‌‌‌

मन और बुद्धि के भेद

बुद्धि और मन के बारे मे बेसिक बातें तो आप जान ही चुके हैं। नीचे हम आपको बताने वाले हैं मन और बुद्धि में अंतर ‌‌‌के बारे में ।

‌‌‌ बुद्धि एक क्षमता है और मन एक डेटा है

सही मायने मे बुद्धि एक क्षमता होती है और मन एक डेटा होता है। इंसान के पास जितनी क्षमताएं होगी । उसके पास मन भी उतने ही अधिक होंगे ।

‌‌‌मन का खुद का प्रभाव होता है लेकिन बुद्धि का कोई प्रभाव नहीं होता

मन और बुद्धि  मे अंतर

यह भी मन और बुद्धि में अंतर भी काफी बड़ा है  मन के पास खुद के पॉजिटिव नगेटिव विचार व प्रभाव होते हैं। लेकिन बुद्धिके पास इस प्रकार के कोई प्रभाव नहीं होते हैं। बुद्धिकेवल प्रभाव को समझनें का काम करती है। जैसे किसी इंसान के पत्नी के बारे मे अच्छा फील किया मतलब ‌‌‌पत्नी से जुड़ा मन है। और बुद्धिने उसको फील करवाया है। दिमाग की क्षमता का इस्तेमाल करके ।

‌‌‌

मन और बुद्धि के भेद – मन को बुद्धि की मदद से समझा जाता है

यदि किसी इंसान के पास बुद्धि नहीं है या कोई विशेष क्षमता नहीं है तो वह उस विशेष मन को नहीं समझ सकती है। यदि कोई व्यक्ति गणित से जुड़े सवाल कर रहा है और एक अन्य व्यक्ति के अंदर इसको समझने की बुद्धि नहीं है तो वह इसको नहीं समझ सकता है। कहने का ‌‌‌मतलब है मन को बुद्धिसे समझा जाता है।

 ‌‌‌‌‌‌मन और बुद्धि मे अंतर –  मन चंचल होता है लेकिन बुद्धि ऐसी नहीं होती है

मन के बारे मे यह सदा से ही कहा जाता है कि मन चंचल होता है। लेकिन बुद्धिऐसी नहीं होती है। मन के अंदर कई सारे विचार जुड़ते टूटते रहते हैं । लेकिन बुद्धि उन विचारों को जोड़ने का काम करती है। बुद्धिकभी भी चंचल नहीं हो सकती है।

‌‌‌‌‌‌मन और बुद्धि मे भेद- बुद्धि मन को प्रोसेस करती है

दोस्तों बुद्धि मन को समझती है। कहने का अर्थ है बुद्धि मन को प्रोसेस करती है। और मन एक स्पेसल प्रकार का डेटा होता है। बुद्धि उसे प्रोसेस करती है। जिस तरह से आपके मोबाइल के अंदर डेटा प्रोसेसर लगे होते हैं। उसी प्रकार से हमारे दिमाग के अंदर बुद्धिएज ए प्रोसेसर ‌‌‌का काम करती है।

‌‌‌‌‌‌मन और बुद्धि मे भेद- कई हजार उपमन मिलकर मैमोरी बनाते हैं लेकिन बुद्धि ऐसा नहीं करती

दोस्तों कई सारे उपमन मिलकर इंसान की मौमोरी को बनाते हैं। लेकिन बुद्धिइस काम को नहीं करती है। कई सारी बुद्धिएक साथ मिलने का कोई मतलब नहीं है।

‌‌‌‌‌‌मन और बुद्धि मे भेद –  बुद्धि एक फिजिकल प्रोसेसर होता है और मन एक electrical data होता है

इंसान के दिमाग के अंदर फिजिकल प्रोसेसर जो होता है। वह बुद्धि होती है। जबकि उसके दिमाग के अंदर बहुत सारा electrical डेटा होता है। वह मन होता है।

‌‌‌इंसान की बुद्धि का विकास मन से भी होता है

यह भी मन और बुद्धि में अंतर है कि   आपने देखा होगा कि इंसान के पास कुछ क्षमताएं कम विकसित होती हैं। लेकिन जब वह कई सारे डेटा को अपने दिमाग के अंदर एकत्रित कर लेता है तो उसकी क्षमताएं अधिक विकसित होती चली जाती हैं। जिससे साबित होता है कि इंसान की बुद्धि का विकास मन से होता है।

‌‌‌मन इमेज के रूप मे होता है लेकिन बुद्धि  नहीं

‌‌‌मन और बुद्धि  मे अंतर यह भी है कि हम लोग कई बार इेमेज की मदद से भी सोचते हैं। हमारे दिमाग के अंदर कई सारी ईमेज होती हैं। यह सब इमेज का प्रयोग जानवर भी चीजों को पहचानने मे करते हैं। वहीं बुद्धि  उन ईमेज को प्रोसेस करती है। सो इमेज एक प्रकार का मन हैं। लेकिन बुद्धि  इमेज प्रोसेसर है।

‌‌‌बुद्धि  पॉजिटिव नगेटिव नहीं होती

दिमाग मे कई प्रकार के विचार आते हैं कुछ विचार पॉजिटिव प्रभाव छोड़ते हैं तो कुछ नगेटिव प्रभाव भी छोड़ते हैं। जैसे कोई मर गया यह बात हम पर नगेटिव प्रभाव छोड़ती है। जैसे मैं सक्सेस हो गया । यह बात हम पर पॉजिटिव प्रभाव छोड़ती है। बुद्धि  इन प्रभावों को फील ‌‌‌कराने का काम करती है।

‌‌‌‌‌‌मन और बुद्धि मे भेद-  हर इंसान के पास बुद्धि  समान नहीं होती

मन हर इंसान के पास लगभग समान सा ही होता है। लेकिन बुद्धि  हर इंसान के पास समान नहीं होती है। कुछ इंसानों की बुद्धि  तेज होती है। वे चीजों को जल्दी समझ जाते हैं । जबकि कुछ इंसानों के पास बुद्धि  कम होती है। या यह कहें कि उसका विकास कम होता है। यह भी मन ‌‌‌और बुद्धि  मे अंतर या भेद है।

‌‌‌‌‌‌मन और बुद्धि मे भेद-  बुद्धि  जोड़ तोड का काम करती है मन नहीं करता

बुद्धि  की मदद से हम सूचनाओं को जोड़ तोड़ सकते हैं। यह सूचनाएं जोड़ तोड़कर एक नई सूचना बन जाती हैं। लेकिन मन किन्हीं भी सूचना को जोड़ तोड़ नहीं सकता है क्योंकि वह खुद एक सूचना होता है। और जब उसके साथ कोई प्रभाव जुड़ता है तो मन कहलाता है। ‌‌‌उदाहरण के लिए जब आपसे कोई पूछता है कि 10 और 24 कितने होते हैं तो बुद्धि  की मद से रिकॉल होता है। और आप दोनों सख्याओं को जोड़कर बताते हैं।

‌‌‌मन और बुद्वि दोनों मिलकर कैसे रहते हैं

दोस्तों बिना मन के बुद्वि सही तरीके से काम नहीं कर सकती है। और बिना बुद्वि के मन का विकास रूक जाता है। बुद्वि और मन दोनों सही तरीके से काम करते हैं। तभी इंसान अच्छे से कार्य कर पाता है। ‌‌‌जैसे आप किसी चीज पर सोच रहे हो कि अमुख चीज बढ़िया है या घटिया है । इस संबंध मे आपके पास दो प्रकार के विचार होंगे । कुछ उस चीज की विशेषताएं ऐसी होंगी जो कहेंगी कि वज चीज घटिया है। और कुछ विचार यह कहेंगे कि वह चीज बढिया है। ‌‌‌क्योंकि यह जो दो विचार आप कर रहे हैं यह आपके दो मन हैं। और जिस माध्यम से आप विचार कर रहे हैं। वह माध्यम आपकी बुद्वि है। जरा सोचो कि पशू इस वजह से अधिक नहीं सोच सकते हैं। क्योंकि उनके पास इंसान के जितनी बुद्वि नहीं होती है। हम इस वजह से अधिक सोच सकते हैं क्योंकि हमारे पास बुद्वि ‌‌‌अधिक है। भगवान ने हमे सोचने की क्षमता दी है।

‌‌‌निर्णय बुद्वि करती है या मन ?

वैसे यह काफी जटिल सवाल है। किसी भी निर्णय के अंदर बुद्वि और मन दोनों का महत्व होता है। लेकिन सही माने तो किसी भी निर्णय को तय बुद्वि करती है। लेकिन वह निणर्य मन के आधार पर ही लिया जाता है। इस चीज को समझने के लिए आइए एक उदाहरण लेते हैं। ‌‌‌आप किसी लड़की को पसंद करते हैं। यह तय आपकी बुद्वि करती है। लेकिन किस आधार पर ? यह आपने सोचा कभी ? यह तय होता है लड़की कैसी है ? उसकी खूबसूरती आदि के आधार पर और लड़की की यह सब चीजें आपका उस लड़के से जुड़ा हुआ मन है। बुद्वि सिर्फ सूचनाओं के एक नियम का प्रयोग करती है।

‌‌‌बुद्वि किस आधार पर निर्णय करती है ?

दोस्तों भगवान ने जब इंसान बनाया था तो उसके अंदर कुछ चीजें उसकी खुद की रक्षा के लिए भरी थी । वेही चीजें बुद्वि उपयोग करती है। आपने देखा कि दुनिया का हर जीव पॉजिटिव फील वाले वर्क को अधिक करना चाहता है ? उसे सब कुछ अच्छा चाहिए होता है। ‌‌‌और जब दो या अधिक विचारों के अंदर विरोधाभास हो जाता है। तो अच्छे विचारों या पॉजिटिव प्रभाव देने वाले विचारों की और बुद्वि झुक जाती है।

कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं। कि मन एक प्रकार की सूचनाओं का संग्रह होता है। लेकिन बुद्धि सूचनाओं का संग्रह नहीं है। यह उन सूचनाओं को सही तरह से प्रोसेस करने की क्षमता होती है। यह दोनों अपने आप मे पूरी तरह से अलग हैं। हमारी बुद्धि विचारों को सही करने और सही निर्णय लेने के अंदर काम आती है। मगर मन तो एक अलग ही प्रकार का होता है। यह कुछ भी सोच सकता है। और बुद्धि एक तरह से सारथी होती है। और मन घोड़ा होता है। यदि आप बिना बुद्धि के मन को छोड़ देते हैं। तो उसके बाद यह कुछ भी कर सकता है। इसलिए मन पर लगाम लगाने के लिए बुद्धि नाम हथियार दिया हुआ होता है।

‌‌‌अंमित वर्ड

मन और बुद्धि  दोनों बहुत ही अलग हैं। मुझे लगता है आप मन और बुद्धि  मे भेद के बारे मे अच्छी तरह से समझ गए होंगे । यदि आपको इसको समझने मे परेशानी हो रही है तो आप नीचे कमेंट करके हमें बता सकते हैं। हम आपकी मदद करेंगे ।

This Post Has 6 Comments

  1. Hardik Raheja

    Aksar hum decision budhhi ki bjay man se lete hai ye kaise hota hai

  2. arif khan

    ‌‌‌निर्णय आमतौर पर हम अपने मन से ही लेते हैं। बुद्धि बस एक क्षमता होती है। जिसको हम पॉवर कह सकते हैं। यह बस मदद करती है। निणर्य लेनेमे । आपके उपर निर्भर करता है कि आप निर्णय मे बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहते हैं या नहीं।

  3. Hardik

    Sir puchle swaal ka jawab dene ke liye “Thank You”.

  4. Hardik Raheja

    Sir example se btao ki budhhi ki help hum decision lene mein kaise kr sakte hain

  5. arif khan

    ‌‌‌आप तर्क वितर्क बुद्धि से करते हैं। और उसकी मदद से आप निर्णय ले सकते है।

Leave a Reply

arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।