अब वैज्ञानिको ने दावा किया है कि आंइस्टीन का दिमाग इसलिये अधिक तेज था । क्योंकि उनके दिमाग के अंदर अधिक धारियां थी । नोबल पुरस्कार पाने वाले आंइस्टीन की मौत 1955 के अंदर हो गयी थी । उनकी मौत के बाद उनके दिमाग को शरीर से अलग कर रखलिया गया था । वैज्ञानिको ने शोध के लिये उनके दिमाग को 240 खंड के अंदर बांटा । शोध के समय आइस्टीन के दिमाग की अन्श् दिमागों से तुलना की गयी । 1230 ग्राम का उनका दिमाग अन्य लोगों के दिमाग से वजन मे समान था ।
उनके दिमाग के चेहरे और जुबान को नर्व इप्लस भेजने वाले हिस्से कुछ बड़े थे । उनके दिमाग का अंकों से जुड़ा हुआ हिस्सा काफी बढ़ा था । तभी वे गणित की बड़ी से बड़ी समस्याओं को असानी से हल कर देते थे । जबकि उनके दिमाग का अन्य विषयों से जुड़ा हिस्सा बड़ा नहीं था । जिसकी वजह से वे अन्य विषयों के अंदर कमजोर थे ।
This post was last modified on May 19, 2024