दोस्तों इंसान के अंदर यदि कुछ करने का जज्बा हो तो वह milk ATM जैसी कई तरह की machine आसानी से बना सकता है। बस इंसान के अंदर कुछ नया करने का जनून होना चाहिए । कुछ भी हो जाए ऐसा इंसान हार मानने वालों मे से नहीं होते हैं। milk ATM machine को भी एक ऐसे सख्स ने बनाया है। जोकि बिल्कुल पढ़ा लिखा नहीं है। लेकिन कुछ कर गुजरने का ज्जबा है।
गुजरात के रहने वाले निलेश गुस्सर ने जब देखा कि किसानों की गाढी कमाई बिचौलियों के हिस्से के अंदर जा रही है तो उन्होंने एक ऐसी मसीन बनादी जिसकी मदद से बिचौलिय की भूमिका को हमेशा हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। और मिल्क एटिएम मसीन का दूसरा बड़ा फायदा होगा कि किसान को उनके दूध का उचित मुल्य भी मिल सकेगा ।
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खुद से मिली प्रेरणा
निलेश खुद एक किसान है। वे समाज के अंदर हो रहे अन्याय के खिलाफ हमेशा से ही आवाज उठाते रहे हैं। वे खुद एक milk seller भी हैं। जब वे खुद दूध बेच रहे थे तो उन्होने पाया कि तमाम किसान एक समस्या से गुजर रहे हैं। उनकी दूध की price का बड़ा हिस्सा बिचौलिए खा रहे हैं। और इन बिचौलियों से किसी तरह से नीजात दिलाने के उपाय करने होंगे । उसके बाद काफी कुछ पढ़ा और देखा । उनके दिमाग के अंदर एक ऐसी मसीन बनाने का विचार आया जो एटिएम की तरह दूध को बेच सके । बस फिर क्या था उन्होंने इस पर काम शूरू किया और milk ATM machine बना डाली।
नेट से जुटाई मसीन बनाने की जानकारी
निलेश 11 वीं पास हैं। उन्हें कहीं से कोई टैक्निकल कोर्स वैगरह भी नहीं किया है। एक कम पढ़े लिखे इंसान का इस प्रकार की machine बना देना वो भी कम कीमत पर काफी अचरज की बात होती है। वैसे यह मसीन एटोमेटिक टेलर मसीन की तरह ही काम करती है। लेकिन इसमे कुछ बदलाव भी किये गए हैं। जैसे इसमे finger printing system भी लगाया गया है। जिसकी मदद से केवल कोई व्यक्ति अपना अंगूठा लगाकर भी दूध निकाल सकता है। निलेश ने इस मसीन के कई पार्ट को विदेशों से भी मंगवाया है। निलेश के इस आविष्कार से खास कर बिचौलियों को नुकसान हुआ है। और किसान इसकी वजह से काफी ज्यादा खुश हैं। क्योंकि उनको दूध की काफी अच्छी कीमत मिलने लगी है। अब तक निलेश कई मसीने बेच भी चुके हैं।
कैसे मिला किसानों को सीधा फायदा
निलेश बताते हैं कि वे भी पहले एक किसान हुआ करते थे । उनके पास 6 गायें भी थी । जब वे दूध बेचते थे तो मार्केट के अंदर दूध की कीमत 50 रूपये होने के बाद भी उन्हें दूध केवल 25 रूपये मे ही बेचना पड़ता था । जिससे उनकों काफी नुकसान होता था । इसी वजह से उन्हें milk ATm machine बनाने का विचार किया और एसी मसीन को बना भी डाला अब किसान इस मसीन की मदद से दूध सीधा अपने कस्टमर को बेच देता है। जिससे किसान को पूरा मूल्य मिलता है। और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो रही है।
अब तक 40 मसीने बेच चुके हैं
निलेश ने इस मसीन को बनाने के लिए काफी मेहनत की । मसीन के बारे मे काफी कुछ नेट पर पढ़ा फिर उसके कल पूर्जे विदेशों से भी मंगवाए । मसीन तैयार हो जाने के बाद खुद उसको नेस्ट करके देखा । और उसमे निरंतर सुधार किया । पहले इस मसीन के अंदर से दूध निकालने के लिए पैसे का प्रयोग किया जाता था । लेकिन अब इस मसीन के साथ id password व finger print जैसे सिस्टम को जोड़ दिया गया है। और अब यह मसीन केस लेस हो गई है। इस मसीन को अब तक 40 से ज्यादा किसान खरीद चुके हैं। और इसकी मदद से काफी अच्छा पैसा भी कमा रहे हैं।
कैसे काम करती है मिल्क एटिएम मसीन
इस मसीन की कीमत 75 हजार से लेकर एक लाख तक है। इसके अंदर आप 250 लिटर दूध को स्टोर रख सकते हैं। और इसमे पॉवर बैकअप भी आता है। जब लाइट चली जाती है तो भी मसीन ऑन रहती है। जिससे दूध खराब नहीं होता है। मसीन के अंदर फ्रीज जैसा cooling system भी है। इसकी मदद से कोई भी ग्राहक केवल अपने अंगूठा लगाकर दूध निकाल सकते हैं। कस्टमर अपने username और password से इसमे log in भी कर सकते हैं। हालांकि शूरूआत के अंदर उनको अपने कार्ड के अंदर पैसे भी डलवाने पड़ते हैं। इसको कहीं पर भी लेजाया जा सकता है। ऐसी कई मसीने लगाकर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
लेकिन यह मसीन लगाने के लिए आपके पास 250 लिटर से ज्यादा दूध होना आवश्यक है तभी इसमे फायदा होता है। आप इसको कहीं पर भी लगा सकते हैं। जहां पर लाइट की व्यवस्था है।