मसाई जनजाति दक्षिणी कैन्या और उतरी तनजांनिया के अंदर निवास करते हैं। मसाई जनजाति कैन्या और तंजानिां की अधिकारिक भाषाएं स्वहली और अंग्रेजी भी बोलते हैं। यहां के ज्यादातर निलोत लोग अपनी मवेशियों को चराने का काम करते हैं और यह लोग भयानक योद्वा भी हैं। मसाई का समाज पितृसत्तात्मक हैं सेवा निव्रत हो चुके पुरूष बड़े मामलों के अंदर अपना निर्णय देते हैं।
- यह लोग अधिकतर लाल रंग के कपड़ों के अंदर रहते हैं। जिनको शुका कहा जाता है।
- इन लोगों को मौत के बाद दफनाया नहीं जाता है। वरन बोड़ी को जमीन पर ही छोड़ दिया जाता है। इसके पीछे इनकी मान्यता रहती है कि जमीन मे गाड़ने से जमीन खराब होती है।
- मसाई लोग एक जगह घर बनाकर रहने वाले नहीं होते हैं वरन यह लोग घूमकड़ होते हैं और जगह जगह पर घूमते रहते हैं। इसके पीछे की वजह यह भी है कि ऐसा करने से इनके जानवरों को नई नई घास भी मिलती रहेगी ।
यही मसाई लोगों के खाने का जरिया हैं
- इन लोगों की संपति इनके पास कितने जानवर हैं और कितने बच्चे हैं इस हिसाब से तय होती है।
- मसाई खाने के अंदर दूध व मीट का प्रयोग करते हैं स्पेसल खाने के अंदर यह लोग जानवरों का खून भी पी लेते हैं । इनका मानना है कि खून पीने से ताकत आती है। कमजोरी दूर होती है।
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मर्द साबित करने के लिए करते थे मसाई शेर का शिकार Maasai proof gents kill by lion
यहां के मसाई लोगों के अंदर पहले एक परम्परा थी कि किसी भी पुरूष को मर्द साबित करने के लिए भाले से शिकार करना होता था । इस काम के अंदर काफी ज्यादा रिस्क भी था । इस काम के अंदर असफल होने पर मसाई की जान भी चली जाती थी । पुरूष यदि अपने को मर्द साबित करने मे असफल हो जाता तो उसको कई सारे अधिकारों से वंचित कर दिया जाता था ।
कैसे पीते हैं मसाई लोग खून How to drink Masai people bleed
मसाई लोगों जब खून पीने की इच्छा होती है तब वे एक तीर से पशू की गर्दन के अंदर एक छेद कर दिया जाता है। और फिर उस छेद पर मुंह लगाकर सीधे खून पी लेते हैं। लेकिन कई बार जानवर के खून को एक बर्तन के अंदर एकत्रित कर लिया जाता है। और फिर सब लोग मिलकर इसको पीते हैं।
मसाई लोगों का घर House of Masai people
मसाई लोगों का घर अस्थाई होता है। वह घास फूस और गोबर से बना होता है। महिलाएं घर को बनता हैं। इनका घर भी भारत के झूग्गी झोंपड़ी वाले लोगों के घर की तरह ही होता है।
मसाई लोग अलग अलग दल बनाकर रहते हैं। एक परिवार के अंदर 20 से 40 लोग तक रहते हैं। प्रत्येक परिवार की झोंपड़ी अलग अलग होती है। झोंपड़ी को घास फूस और पेड़ की टहनियों से बनाया जाता है।कई सारी झोंपडियों के बीच खुली जगह छोड़दी जाती है। और वहां पर रात के समय पशु आदी को रखा जाता है। पशुओं के चारों और बाड़ जिसे क्राल कहते हैं होती है। रात के अंदर चोर डाकू और जंगली जानवरों की सुरक्षा का जिम्मा योद्वाओं पर होता है। वे रात मे तलवार भाले लेकर अपने घरों की सुरक्षा भी करते हैं। जब आस पास की घास आदि खत्म हो जाती है तो मसाई जानजाति के लोग अपने पशुओं को लेकर अन्यत्र चले जाते हैं। और वहां पर अपने झोंपड़े वैगरह फिर से बनाते हैं। और वहां पर भी यही क्रम चलता है।
मसाई लोगों का पहनावा Masai People’s ensemble
यहां के पुरूष खतना के बाद काले रंग का वस्त्र पहनते हैं। इसके अलावा नीले रंग का वस्त्र भी पहना जाता है। इन लोगों के अंदर लाल कलर के वस्त्र को ज्यादा पसंद किया जाता है। 1960 के दशक के बाद इन लोगों को सूती वस्त्र पहनना भी सिखाया जा चुका है। तंजानिया के मसाई अब प्लास्टिक की सैंडल पहनते हैं। इसके अलावा महिलाएं लकड़ी के कंगन पहनती हैं जो इनके आभूषणों के अंदर गिना जाता है। महिलाएं कई प्रकार की सजावट करती हैं।गोरों के साथ संपर्क करने से पहले, मोती ज्यादातर स्थानीय कच्चे माल से उत्पादित किया गया । सफेद मोती मिट्टी, गोले, हाथीदांत, या हड्डी से बने थे । काले और नीले मोती लोहा, लकड़ी का कोयला, बीज, मिट्टी, या सींग से बने थे । लाल मोती बीज, जंगल, लौकी, अस्थि, हाथीदांत, तांबा, या पीतल से आया है
मसाई जनजाति के वैवाहिक संबंध और सामाजिक संगठन
मसाई जनजाति का सामाजिक संगठन गोत्रों पर आधारित है। पुत्र का गोत्र पिता के गोत्र से निर्धारित होता है। एक ही गोत्र के अंदर विवाह नहीं हो सकता ।मसाई जनजाति के अंदर विवाह तो जन्म के समय ही निर्धारित हो जाता है। जिसको हम आजकल सगाई कहते हैं। मसाई जनजाति के अंदर प्रौढ व्यक्ति कई शादियां करता है। पहली पत्नी को दूसरी पत्नी से अधिक महत्व दिया जाता है। पिता की मौत के बाद जायदाद को आपस मे बांट लिया जाता है।
मसाई जनजाति का धर्म
मसाई जनजाति के अंदर एक धार्मिक नेता होता है। जिसे लैबान कहा जाता है। समाज के अंदर उसका बड़ा मान होता है। वह एनगाई नामक देवता की पूजा करता है। मसाई लोग भी जादू टोने करते हैं। धार्मिक नेता के द्वारा वर्षा की भविष्यवाणी भी की जाती है।
मसाई जनजाति मे पशु पालन
दोस्तों मसाई जनजाति के लोग पशुपालन भी करते हैं। यह दूध के लिए गाय को पालते हैं। गाय का दूध महिलाएं ही निकालती हैं। गाय का मांस भी खाया जाता है। लेकिन गाय के मरने के बाद मसाई जनजाति के लोग उसका मांस खाते हैं। यह लोग बकरी और भेड़ें भी पालते हैं। मसाई जानजाति बकरियों को बड़ी संख्या के अंदर रखती है। क्योंकि इनसे उन्हें दूध और मांस प्राप्त होता है। इसके अलावा यह लोग गाय के दूध को सुरक्षित रखने के लिए लोकी का प्रयोग करते हैं।यह लोग गधे भी पालते हैं। जिनका प्रयोग बोझ ढ़ोने के लिए ही किया जाता है।यह लोग शराब का सेवन भी करते हैं। यह शहद का प्रयोग भी शराब को बनाने मे करते हैं।
अब बदल चुका है सब कुछ Now everything is changed
आधुनिक जीवन शैली का प्रभाव अब मसाई लोगों के जीवन पर भी पड़ा है। अब यहां पर सब कुछ बदल चुका है। अधिकतर मसाई लोगों को शहरों के अंदर भेजा जा चुका है। जहां पर वे काम करते हैं। और उनके बच्चे पढ़ने के लिए जाते हैं। बच्चों का खतना भी बंद हो चुका है।
इस लेख के अंदर हमने जाना की मसाई जानजाति कहां पर पाई जाती है। और मसाई जनजाति के रहन सहन के बारे मे । यह लेख आपको कैसा लगा कमेंट करके बताएं।
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This post was last modified on May 3, 2019