जलपरियों के अस्तित्व के बारे मे अभी तक कुछ कहा नहीं जा सकता। किंतु कुछ जगहों से रियल जलपरी के कंकाल मिलने से यह माना जाने लगा है कि पहले जलपरियां होती थी ।हांलाकि अब वे हैं या नहीं इस बारे मे कोई सबूत नहीं हैं।
आज हम एक ऐसी बिमारी की बात करेंगे जिसकी वजह से जलपरियों के जैसे बच्चे पैदा होते हैं। इस बिमारी को मरमेड कहा जाता है।यह बिमारी काफी दुर्लभ बिमारी है। इसके बहुत ही कम केस आतेहैं।
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इस बिमारी वाले बच्चे कैसे दिखते हैं
मरमेड सिंड्रोम से ग्रस्ति बच्चे के कमर के नीचे का भाग मे दोनों पैर एक ही जगह होते हैं।यानि वे जलपरी के जैसे होते हैं। वे चल फिर नहीं सकते। यहबिमारी जन्म के समय ही होती है।
बच्चे के पैरेअविकसित होतेहैं।
आप नीचे दियेगये विडियों को देख सकते हैं।
क्यों होता है मरमेड सिंड्रोम
चूकिं इस बिमारी के केस बहुत कम होते हैं।इसलिए इस पर शोध भी नहीं के बराबर हुए हैं। किंतु कुछ बातों को इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है।
1 जब महिला कोई गम्भिर बिमारी से पिडित हो
2 जीन उत्परिवर्तन की वजह से ऐसा हो सकता है।
3 गर्भावस्था के दौरानअनुचित देखभाल से भी ऐसा हो सकता है।
4 शारीरिक और मानसिक तनाव की वजह से
मरमेड सिंड्रोम के उपचार
इस सिंड्रोम के साथ जन्म लेने वाले बच्चे का उपचार मुश्किल होता है।बच्चे को जीवित रहने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है।
यदि वह बाद मे भी बच जाता है तो उसे विकलांग जीवन जीना पड़ता है। अब तक जीवित रहने वाले मरमेडी है टिफनी और मिलाग्रास ।
मरमेड सिंड्रोमवाले बच्चे और जलपरियों मे क्या अंतर है
मरमेड सिंड्रोम वाले लोग जलपरी होते हैं या नहीं इस बारे मे कहीं उल्लेख नहीं मिलता है। वैसे भी देखा जाए तो जलपरी समुद्र के अंदर सांस ले सकती हैं लेकिन मरमेड बिमारी वाले बच्चे ऐसा नहीं कर सकते ।और दूसरा बड़ा अंतर मरमेड संड्रोम वाले बच्चे की कई अंग अविकसित होते हैं। इस वजह से उनका जन्म
के बाद बचना मुश्किल होता है।
लेकिन polish मे कई ऐसे कंकाल मिले हैं जिनसे यह भी साबित होता है कि मरमेडी सिंड्रोम के बच्चे और जलपरियों के बीच एक संबंध है। वहां पर कई ऐसे कंकाल इतने बड़े मिले हैं जैसे वो कोई बड़ी जल परी हो । यानि वे पूरे मनुष्य के कंकाल थे हो सकता है वे कंकाल मरमेड बिमारी से शिकार लड़कियों के हों और तब लोग उन्हें जलपरी कहा करते हों ।
This post was last modified on November 2, 2018