इस लेख के अंदर कुछ फेमस भीख मांगने के तरीके और कुछ भीख मांगने के नए तरीके के बारे मे बात करेंगे । तो दोस्तों चलिए जानते हैं भीख मांगने के तरीके के बारे मे ।दोस्तों भीख मांगने वाले लोग तो आपने बहुत देखे हैं। और आपके घर के अंदर भी कोई ना कोई भीखारी आता ही होगा । और आप उसे पैसे देते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि कुछ लोग भीख मांगने का बिजनेस भी कर रहे हैं।
यदि आप नेट पर सर्च करोगे तो आपको ऐसे अनेक लोग मिल जाएंगे जोकि केवल भीख मांग कर करोड़पति बन गए हैं। और एक आप और हम हैं जो भीख मांगने वालों पर दया करके उनको पैसा देते हैं। हम को लगता है कि वास्तव मे यह अभागे हैं। लेकिन वास्तव मे यह सच नहीं है। लेकिन यदि किसी के हाथ पैर नहीं हैं। उसके बाद वह अभागा हो सकता है। क्योंकि वह काम नहीं कर सकता लेकिन यदि किसी के हाथ पैर सही सलामत हैं। लेकिन उसके बाद भी वह भीख मांग रहा है और हम उसे भीख दे रहे हैं तो अभागा वह नहीं है क्योंकि वह तो दिन के 1000 रूपये तक कमा लेता है।
इतने रूपये तो हम भी नहीं कमा पाते हैं। इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो खुद को साधु संत बताते हैं और पैसे मांगते फिरते हैं। इस प्रकार के लोग भी पाखंड़ी होते हैं। क्योंकि कोई भी सच्चा साधु आपसे यह नहीं कहेगा कि आप उसे पैसे दो । वरन आप उसे जो भी देंगे वह उसे लेकर चला जाएगा ।
इस संबंध मे हम हमारे साथ घटी एक घटना का उल्लेख करना चाहेंगे । एक बार हमारे ही घर के अंदर एक भीखारी आया और बोला .. कुछ ना करो । हम कोई ज्यादा पैसे वाले नहीं हैं । एक आम इंसान हैं। मैरे पास 10 रूपये थे ।। मैने उसे देने चाहे ।लेकिन उसने मना कर दिया और बालो की ज्यादा पैसे दो । उसकी इस आदत से मुझे गुस्सा आया और उसके बाद मैं बोला … देखो भाई हमारे पास इतने ही पैसे हैं। यदि आपको लेना हो तो ले नहीं तो जा सकते हैं। उसके बाद उल्टा भीखारी बोला …. आपके पास पैसे तो हैं लेकिन आप हम को देना नहीं चाहते हैं। मैं ने उसको कहा . हां हैं पैसे हम तूझे देना नहीं चाहते हैं।
क्या सब तेरे लिये ही कमाये हैं क्या ।उसके बाद वह चला गया। दोस्तों इस प्रकार के पांखड़ी लोगों को भीख देने से हमे कोई लाभ नहीं होता है। वरन नुकसान ही होता है। बहुत से भीखारी तो ऐसे होते हैं जो दिन मे भीख मांगते हैं और रात मे शराब पीकर गाली गलौच करते हैं।
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भीख मांगने के तरीके
दोस्तों भीख मांगने के लिए भीखारियों के अपने अपने तरीके होते हैं।और हर भीखारी अपने तरीके से भीख मांगता है। इस लेख के अंदर हम आपको भीखारियों द्वारा यूज किये जाने वाले कॉमन तरीकों के बारे मे बात करेंगे । जोकि भीख मांगने के लिए वे उपयोग करते हैं। इसके अलावा यह भी बात करेंगे की भीख मांगने का सबसे बेस्ट तरीका कौनसा है ।जिसकी मदद से भीखारी सबसे ज्यादा पैसा कमा सकते हैं।
1.भीख मांगने का भंगवा भेश तरीका
दोस्तों अधिकतर इस तरीके का प्रयोग हिंदु धर्म के लोग करते हैं। वे एक भंगवा चोला लेकर आते हैं। और भीख मांगने से पहले उसे धारण करते हैं। अपने हाथ के अंदर एक लोटा सा लेते हैं और भगवान का नाम लेकर भीख मांगते रहते हैं। आप के आस पास इस तरीके का प्रयोग करने वाले अनेक लोग मिल जाएंगे । वे अपने कटोरे को हर व्यक्ति के आगे करतें हैं। और यदि कोई दान देना चाहे तो वह कटोरे के अंदर कुछ डाल देता है। अक्सर देखा गया है कि इस तरीके का प्रयोग करने वाले भीखारी पैसे की मांग नहीं करते हैं। दान करने वाले अपनी इच्छा के अनुसार पैसा कटोरे मे डाल सकते हैं। लेकिन इस तरीके की सबसे बड़ी कमी यह होती है कि इसमे कम पैसा मिलता है। और बहुत से दुकान वाले और व्यक्ति ऐसे होते हैं जोकि पैसा देते ही नहीं हैं।
इस तरीके का प्रयोग वैसे अधिक संतोषी व्यक्ति ही कर सकता है। खास कर भीख मांगने का बिजनेस करने वाले लोग इस तरीके का प्रयोग नहीं करते हैं।
2.गाकर भीख मांगने का तरीका
कुछ भीखारी इस तरीके का प्रयोग करके भी भीख मांगते हैं। इसके लिए वे अपने साथ या तो एक ढोलक रखते हैं या फिर एक गिटार रखते हैं। अक्सर आपने ट्रेन के अंदर ऐसे भिखारियों को देखा होगा । वे जब भीख मांगते हैं तो पहले अपना कोई गाना गाकर सुनाते हैं। उसके बाद अपनी झोली सबके सामने फैलाकर पैसा मांगते हैं। इसके अलावा इस तरीके के अंदर एक महिला भी होती है। जो अपने पति या उसके साथ जो पुरूष होता है उसका गाने मे साथ देती है। इस प्रकार के भीखारी कई बार घरों के अंदर भी आते हैं। हालांकि यह तरीका भी कुछ खास प्रभावी नहीं होता है। इसमे पैसे तो मिलते हैं। लेकिन उतने अच्छे नहीं मिल पाते हैं। और इसमे महिला पार्टनर का होना भी आवश्यक होता है।
3.भीख मांगने का पारिवारिक रिकोर्ड तरीका
भीख मांगने का यह तरीका अब लगभग बंद सा हो चुका है। और इस तरीके का प्रयोग हर कोई नहीं कर सकता है। इस तरीके के अंदर एक भीखारी जब भीख मांगने आता है तो वह भीख लेने के बाद पुरे परिवार की जानकारी और पते एक बही के अंदर लिखकर ले जाता है। उसके बाद वह फिर काफी समय बाद आता है और सारे डेटा को अपडेट करके ले जाता है। उसके बाद जब वह मर जाता है तो यही तरीका उसके बेटे अपनाते हैं। इस प्रकार से भीख मांगने का सिलसिला चलता रहता है। इस तरीके के अंदर कमाई अच्छी होती है। लेकिन इसका प्रयोग रोज नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार के भीखारी भी हमारे यहां पर आते हैं। हालांकि एक बार भीख मांगने के बाद वे बहुत सालों तक वापस नहीं आते हैं।
4.भीख मांगने का मजदूरी तरीका
भीख मांगने का यह तरीका काफी प्रोफेसनल होता है। और इसका प्रयोग अधिकतर समझदार और चालाक लोग ही करते हैं। वे बहुत से ऐसे लोगों और बच्चों को काम पर रख लेते हैं जोकि अच्छे से भीख मांगकर ला सकते हों । इसके अलावा उन कामगारों को रहने और खाने की व्यवस्था खुद बड़े भिखारी ही करते हैं। कामगारों को सबुह 8 बजे ही कटोरा लेकर भीख मांगने के लिए भेजा जाता है। और उसके बाद वे पूरे दिन भीख मांगते हैं और शाम को आकर सारे पैसे मालिक को सौंप देते हैं। इसके बदले मे उनको मजदूरी मिलती है। सभी कामगारों का इस तरीके के अंदर एरिया फिक्स होता है।
लेकिन इस तरीके के साथ समस्या यह है कि इसका प्रयोग हर जगह पर नहीं किया जा सकता है। वरन इस तरीके का प्रयोग दिल्ली बंबई जैसे बड़े शहरों के अंदर किया जाता है तो यह ज्यादा प्रभावी तरीके से काम करता है।
5.भीख मांगने का कार्ड तरीका
भीख मांगने के इस तरीके के अंदर भीखारी कुछ कार्ड को छपवा लेते हैं। और उस पर कुछ भी लिखवा लेते हैं। जैसे कि वह गुंगा है या बहरा है। और उसके बाद वह बस या ट्रेन के अंदर जाता है। और सबको एक एक कार्ड देता है। कुछ समय बाद कार्ड एकत्रित करता है तो उसके साथ पैसे भी कुछ लोग देदेते हैं। इस तरीके का प्रयोग अक्सर महिलाएं करती हैं। क्योंकि जहां पर भी मैंने देखा है अधिकतर महिलाएं इसी तरीके से भीख मांगती हैं। पीछले दिनों जब मैं बस से कहीं पर जा रहा था तो एक महिला बस मे चढ़ी और हम सब को एक कार्ड दिया । देखने मे वह महिला किसी भी एंगल से नहीं लग रही थी कि बीमार है। क्योंकि वह काफी खूबसूरत भी थी।
बहुत बार हमे अपनी आंखों पर यकीन नहीं होता की इतनी खूबसूरत महिला भी भीख मांग सकती है? जबकि उससे तो कोई भी शादी करने को तैयार हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक पूरे गांव के अंदर आपको कई ऐसे लड़के मिल जाएंगे जिनकी सगाई नहीं हो रही है। जबकि उनके पास पैसों की कमी नहीं है।
6.भीख मांगने का लिटटा तरीका
दोस्तों अक्सर इस तरीके का प्रयोग महिलाएं और छोटे बच्चे करते हैं। वैसे भीख मांगने का यह सबसे घटिया तरीका है। हमारी समझ के अनुसार यह तरीका वास्तव मे प्रयोग मे नहीं लेना चाहिए । जब हम अपने साले की शादी के अंदर जाकर वापस आए तो शहर के अंदर हम रूके अचानक से कुछ भिखारी बच्चे आए और हम लोगों से पैसे मांगने लगे । हमने कुछ लोगों को पैसे दिये किंतु उनकी संख्या बहुत अधिक थी। उसके बाद हमने उनको पैसे देना बंद कर दिया । और उनको बोला यहां से चले जाएं । लेकिन वे चले जाने की बजाया हम लोगों से चिपक के खड़े हो गए । बहुत मुश्किल से वहां से निकले ।
यह घटिया भिखारी कई बार आदमी को घेरकर भी खेड़े हो जाते हैं। इसके अलावा कुछ महिलाएं भी लिटटा तरीका प्रयोग करती हैं। और वे बार बार आपको दुवाएं देती रहती हैं। लेनिक ठीठ बन जाती हैं अंत मे आपको पैसा देना ही होता है।
7.भीख का इमोशनल तरीका
इस तरीके का नमूना मुझे सिर्फ एक बार ही देखने को मिला था। एक बार जब हम ट्रेन के अंदर जा रहे थे तो एक महिला इसी तरीके का प्रयोग करके भीख मांग रही थी। हालांकि वह असल मे मजबूर थी या नहीं ? इस बात के बारे मे हम नहीं कह सकते हैं। वह महिला देखने मे पागल सी लग रही थी। और अपने हाथ के अंदर एक लड़के की फोटो ले रखी थी। और बोल रही थी कि उसका बेटा मर गया है। उसका पति पहले से ही मर चुका है। उसके घर मे कमाने वाला कोई नहीं है। उसे आपकी मदद चाहिए । मतलब वह अपनी पूरी स्टोरी सुना सुना कर सबको इमोशनल कर रही थी । हम जिस डिब्बे मे बैठे थे । उसस भीख लेने के बाद वही कहानी उसने कई डिब्बों के अंदर दौहराई थी।
8.भीख मांगने का विकलांग तरीका
कुछ लोग तो जन्म से विकलांग होते हैं। और उनके पास यदि कुछ खाने पीने के लिए अच्छा नहीं होता है तो फिर वे भीख मांगने लग जाते हैं। इस संबंध मे हम आपको एक एक घटना का जिक्र सुनाना चाहेंगे । हमारे गांव के पास मे एक रेल्वे स्टेशन पड़ता है। काफी साल पहले उसके पास बहुत सारे भिखारी रहते थे । और जब हम पढ़ने जाते थे तो एक लगड़ा लड़का हमारा दोस्त बन गया जो देखने मे किसी भी एंगल से भिखारी का बेटा नहीं लग रहा था। वह अक्सर हम लोगों से पैसे मांग लेता था।
हम उसे दे भी देते थे । एक दिन जब वह हमे मिला तो रो रहा था। और बोल रहा था कि उसका बाप खत्म हो गया है। उसके कमाने वाला कोई नहीं है। उसकी मां और 5 बहने हैं। हम लोगों ने कुछ सोचा और उसे बोले की तू एक काम कर यार ।यह फैसन वैसन छोड़ और कल एक दम से गंदे कपड़े पहनकर स्टेशन के पास कटोरा लेकर बैठ जाना ।
उसने दूसरे दिन ऐसा ही किया । एक तो वह विकलांग था ही दूसरा वह कटोरा लेकर बैठ गया । और बोलने लगा अल्लाह के नाम पर मुस्लमानों दान करों । अल्लाह आपकी हर मुराद पुरी करेगा । पहले ही दिन उसने 300 रूपये कमाये । शाम के समय जब हम कॉलेज से आए तो वह बोला यार आइडिया काम कर गया । लेकिन ज्यादा कमाने के लिए कोई उपाय । हमने उसे कहा कुछ दिन यहां काम करने के बाद नई नई रेल्वे स्टेशनों पर ट्राई किया करो ।
उसने ऐसा ही किया । उसके बाद जब एक दिन मिला तो बोल रहा था कि मैं तो यार दिन के 800 रूपये कमा लेता हूं । पूरे परिवार को विकलांग बनाकर भीख मांगने के लिए लगवा रखा है। हम सब मिलकर महिने का एक लाख रूपया कमाते हैं। गाड़ी खरीदने की सोच रहे हैं ।
9.भीख मांगने का कालबेलिया तरीका
दोस्तों कालबेलिया एक जाति होती है। जोकि सांपों को पकड़ने का काम करती है। यह लोग सांपों को पकड़ लेते हैं। और अपने पास एक बीन लेलेते हैं। गांवों के अंदर घूम घूम कर अपने सांप को दिखाते हैं और पैसे मांगते हैं। वैसे देखा जाए तो यह तरीका हर कोई प्रयोग नहीं कर सकता है।
10. प्रोफेसनल सेवा देने वाले साधु
वैसे यह कोई भीख मांगने का तरीका नहीं है। लेकिन एक तरह से दान करने जैसा है। किंतु इच्छा पर निर्भर है। आपने कई जगहों पर देखा होगा कि मंदिरों मे पंडत वैगरह रहते हैं। वे ज्योतिष शास्त्र का नॉलेज प्राप्त कर लेते हैं और उसके बाद लोगों के जीवन मे आने वाली घटनाओं के बारे मे भविष्यवाणी करते है। यह तरीका सबसे बेस्ट है। और आप चाहें तो आप इसका यूज कर सकते हैं। यदि आपके पास टैलेंट है तो आप ऐसा कर सकते हैं। इसका प्रयोग करने से पहले आपको बहुतसी साधनाओं से गुजरना होता है। इस वजह से इसका प्रयोग करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है।
यहां पर आपको कुछ भी मांगने की आवश्यकता नहीं होती है। आप लोगों की परेशानियों को हल करते हैं और लोग आपको पैसा दान कर देते हैं। इसमे पैसे की कोई कमी नहीं है। सबसे ज्यादा पैसा इसी के अंदर है और आपको लोग आदर की द्रष्टि से देखते हैं।
इस लेख के अंदर हमने 10 भीख मांगने के तरीकों के बारे मे जाना । हम यकीन करते हैं कि भीख मांगने के तरीके आपको अच्छे से समझ मे आ गए होंगे । दोस्तों अगली बार जब कोई भिखारी आपके घर आए तो हल्के मे ना ले क्योंकि वह भी लखपति हो सकता है।
भीख मांगने का एक और भी प्रकार है लेकिन आपके द्वारा दिये गये उपरोक्त सभी से ये मैच नही करता है क्योंकि भिक्षां देही हमारे हिन्दू सनातन धर्म में बहुत पहले से ही है जो कि प्राचीन शिक्षा के साथ भी जुड़ा है उस समय गुरूकुल में आये समस्त शिक्षा प्राप्त करने वालों को इस भिक्षां देही की इस सुन्दर प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। सुन्दर इसलिये क्योंकि इस प्रक्रिया से गुजरने में अहं का नाश होता था और सुन्दर व्यक्तित्व निखर के आता था। जो जीवन के हर क्षेत्र में हमेशा याद रहता था। साथ ही उस समय नियम भी कडे़ थे जिस घर के दरवाजे पर भिक्षां देही पहली आवाज दे दी गयी तो दूसरे घर पर नही जाया जाता था। एक ही घर से जो भी मिले चाहे न मिले उसी से सन्तुष्ट होना ही पड़ता था और फिर वापस गुरूकुल जा कर दान में मिली भिक्षा को दे देना पड़ता था। लेकिन आजकल न वो परिवार ही है और न ही महौल और न ही भिखारी। सबके सब झूठ, धोखा और फरेब में आ गये है। पर कहीं कहीं शायद कभी कभी ऐसे लोग भी मिल जाते है। जिन्हें पहचानना मुश्किल तो नही है लेकिन ऐसों का मिल पाना बहुत ही कम जरूर है। वे न तो कुछ बोलते है और ना ही कुछ प्रक्रिया करते है वे सिर्फ एक जगह ही बैठे रहते है और अपनी ही धुन में लीन रहते है। ऐसे मॉगने वाले धर्म के पक्के और शान्त स्वभाव के भी होते है गम के मारे होते है परिवार द्वारा ठुकराये हुये भी होते है। इसलिये सभी को एक जैसा ऑकना सही नही ऐसे भिखारी महानता की श्रेणी में आते है और अगर इन्हें कुछ दे नही सकते तो परेशान करने का अधिकार किसी को नही है। हमें यह हमेशा ध्यान रखना ही चाहिये। यह मानवता ही धर्म है।