राजेंद्र राठौड़ का जीवन परिचय rathore biography

‌‌‌राजेंद्र राठौड़ जीवन परिचय,[ rajendra rathore biography] राजेंद्र राठौड़ की जीवनी के बारे मे जानेंगे। राजेंद्र राडौड़ यह नाम अब किसी परिचय का मौहताज नहीं है।राजस्थान के चूरू जिले के सबसे दमदार विधायक राजेंद्र राठौड़ वास्तव मे एक दमदार विधायक ही नहीं है। वरन आम आदमी के साथ जुड़े हुए भी हैं।

पीछले दिनों एक यूजर ने मुझे मेल किया और बोला की आप हमे राजेंद्र राठौड़ के ‌‌‌बारे मे कुछ जानकारी प्रोवइड करवाएं । तो दोस्तों इस लेख के अंदर हम बात करने वाले हैं। राजेंद्र राठौड़ के जीवन परिचय के बारे मे । और उनके अंदर क्या खास बात है। जिसकी वजह से वो 6 बार चूरू के विधायक रह चुके हैं।

राजेंद्र राठौड़ का जीवन परिचय

‌‌‌राजेंद्र राठौड़ बीजेपी के दमदार विधायक हैं।

‌‌‌राजेंद्र राठौड़ का जन्म 21/04/ 1955 को ग्राम हरपालसर तहसील सरदारसहर जिला चूरू के अंदर हुआ । इनके पिता का नाम उत्तम सिंह है। और इनकी माता का नाम हर फुल कंवर है।

‌‌‌शिक्षा

यदि हम राजेंद्र राठौड़ की शिक्षा की बात करें तो वे दूसरे मंत्रियों की तरह उंगूठा छाप नहीं हैं। उनके पास उंची डिग्री भी है। BAC ,MA ,LLB इन्होंने राजस्थान यूनिवर्सीटी जयपुर से की थी ।

‌‌‌राजेंद्र राठौड़ का विवाह

राजेंद्र राठौड़ की पत्नी चांद कंवर ने पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू मे बताया था कि उनका विवाह सन 1979 के अंदर हुआ था । चांद कवर ने इंटरव्यू  मे कहा कि उनके पति काफी व्यस्थ रहते हैं। शादी के 11 साल तक तो वे हनुमानगढ़ के अंदर रही । वहीं हर साल उनके लिए करवां चौथ ‌‌‌व्रत रखती हूं  । लेकिन वे अपनी व्यवस्थता की वजह से किसी भी करवां चौथ पर घर नहीं पहुंच पाए । ‌‌‌राजेंद्र राठौड़ को एक बेटा है। जिसका नाम Parakram Singh है। जो उधमी है।

‌‌‌ ‌‌‌राजेंद्र राठौड़ जीवन परिचय  अनुभव

राजेंद्र राठौड़ कई बार चूरू के अंदर मंत्री रह चुके हैं।

  • 1990 से 1991 मे ग्रह समीति के सदस्य रहे।
  • 2001 से 2003 मे जन लेखा समिति के सदस्य रहे।
  • 2004 मे राजकिय उपक्रम समिति के सभा पति रहे ।
  • ‌‌‌मई 2004 से दिसम्बर 2008 तक सर्वाजनिक निर्माण विभाग के मंत्री रहे ।
  • 20,12, 2013 से स्वास्थ्य मंत्री ।
  • ‌‌‌1990 से लेकर 2013 तक राजस्थान विधानसभा के सदस्य
  • ‌‌‌1978 . 79 सदस्य ,सीनेट राजस्थान विश्वविधालय
  • 1979 से 80 अध्यक्ष राजस्थान छात्रसंघ
  • 1980 व 1981 के अंदर मास्को मे आयोजित सम्मेलन मे भाग लिया था।

‌‌‌विदेश यात्रा अनुभव

  • मास्को , थाईलैंड , तंजानियां

‌‌‌संपर्क एड्रस

सैक्टर 2 सैनिक बस्ती चूरू । व वर्तमान पता है 48 सिविल लाइन जयपूर ।

‌‌‌राजेंद्र राठौड़ पर लगे थे कई गम्भीर आरोप

राजनीति के अंदर आरोपों का दौर तो चलता ही रहता है। राजैंद्र राठौड़ पर भी कई बार गम्भीर आरोप लगे । लेकिन एक भी आरोप उन पर साबित नहीं हो पाया । राठौड़ ने इस दौरान कहा था कि साच को आंच नहीं होती है। तो आइए जानते हैं किन जगहों के साथ राजेंद्र राठौड़ का ‌‌‌नाम जुड़ा था ।

5 अप्रैल 2012 मे प्रकाशित न्यूज के अनुसार दारिया सिंह के एनकाउंटर के तार भी राजेंद्र राठौड़ से जुड़े होने के संकेत प्राप्त हुए थे । दारा सिंह की पत्नी के द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान इस केस की जांच  सिबीआई को सौंपदी थी । ‌‌‌गौरतलब है कि 23 अक्टूबर 2006 को दारिया सिंह को मानसरोवर थाना इलाके के पास मार गिराया था । ‌‌‌उस समय भाजपा के अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा था कि राठौड़ को इस मामले मे बेवजह फंसाया जा रहा है।

दारा सिंह उर्फ दारिया एनकाउंटर के अंदर 14 आरोपी बनाए गए थे । केंद्रिय जांच ब्यूरों ने इनके खिलाफ चालान पेश किया था । हालांकि बाद मे सबूतों के अभाव मे इन सभी को बरी कर दिया गया था ।2006 में जयपुर के मानसरोवर में हुए एनकाउंटर के अंदर कोर्ट ने किसी को दोषी नहीं माना था।

‌‌‌आपको बतादें कि सन 2012 के अंदर हुए इस मामले मे राठौड़ को लगभग 10 महिने जेल मे रहना पड़ा था । बाद मे उनको जमानत मिली थी । लेकिन बाद मे सबूत नहीं होने के अभाव मे सभी आरोपियों को दोषमुक्त करदिया । हालांकि एक न्यूज चैनल को दिये गए इंटरव्यू के अंदर राठौड़ ने बाद मे कहा था कि उसे झूठे केस मे ‌‌‌फसाया गया था । डेली न्यूज के मुताबिक यह केस इस वजह से अधिक समय पर नहीं चल सका क्योंकि दारिया की पत्नी ने समझोता कर लिया था।

‌‌‌राजेंद्र राठौड़ को क्यों पसंद करती है जनता

आपको बतादें कि राजेंद्र राठौड़ चूरू के अंदर अब तक छ बार मंत्री रह चुके हैं। भले ही उन पर आरोप लगते रहे हों । लेकिन इस नेता के अंदर काफी कुछ खास है । जो यहां के किसी दूसरे नेता के अंदर नहीं है। ‌‌‌भले ही कुछ लोगों को लगता है कि राठौड़ ने अपना पर्सनल काम नहीं करवाया । लेकिन मैं कई जगहों पर निरिक्षण कर चुका हूं । राठौड़ ने अपने 20 से 30 साल के समय मे काफी कुछ करवाया है।

rajendra rathore जनता से मिलते हुए facebook image

‌‌‌आप आस पास के गांवों शहरों के अंदर कहीं भी चले जाएं आपको राठौड़ के शिलान्यास ही मिलेंगे । मैं बहुत से ऐसे गांवों के बारे मे जानता हूं । जहां पर बिजली तो दूर पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। मकान के नाम पर गोबर के मकान हैं। ‌‌‌और सड़क का कोई नामोनिशान नहीं है। वहां पर भी विधायक होते हैं।

‌‌‌सबसे अधिक जन संपर्क

आपको बतादें की राजेंद्र राठौड़ चूरू के अंदर सबसे पहले ऐसे नेता हैं जिनका सबसे ज्यादा जन संपर्क है। चूरू के अंदर अधिकतर गांवों और शहरों के लोगों को राजेंद्र राठोड़ पर्सनली रूप से जानते हैं। जन संपर्क अच्छा होने की वजह से ही उनको हर बात जीत हाशिल हुई है।

‌‌‌गरीबों की सहायता

आमतौर पर राजेंद्र राठौड़ को इस वजह से भी सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है क्योंकि वे गरीबों की सहायता के लिए जाने जाते हैं। मैं खुद कई ऐसे लोगों को जानता हूं । जिनकी सहायता राजेंद्र राठौड़ ने की है। इसके अलावा कई बार ऐसी स्थितियां भी आई हैं। जब किसी का लिवर फैल हो गया हो ‌‌‌या कोई गम्भीर बिमारी की स्थिति के अंदर भी राठौड़ जनता की हमेशा मदद करने को तैयार रहते हैं।

‌‌‌गांवों मे सड़क निर्माण

चूरू के अंदर आज से कुछ दशक पहले ऐसे बहुत से गांव थे । जिनके अंदर सड़क का कोई नामोनिशान नहीं था । लेकिन आज अधिकतर गांव ऐसे हैं। जिनको चारों और सड़कों से जोड़ा जा चुका है। यह सब राठौड़ की देन है। वरना तो चूरू का हाल भी दूसरे जिलों की तरह होता ।

‌‌‌आधारभूत सुविधाओं का विकास

चूरू जिले के अंदर राजेंद्र राठौड़ ने बहुत सारे काम करवाएं हैं। जिन गांवों के अंदर पीने के लिए पानी नहीं था वहां पर पानी की टंकी बनाई गई है। और मीठे पानी की योजना को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करवाया है।

‌‌‌शिक्षा के क्षेत्र मे विकास

आज जो चूरू के अंदर मेडिकल कॉलेज खुला है। वह राठौड़ की मेहनत का नतीजा वरना तो चूरू के अंदर मेडिकल कॉलेज खुलने का सपना ही बना रहता । इसके अलावा नजाने कितने की गांवों के अंदर जहां पर ग्रामिणों ने मांग ‌‌‌पर स्कूल बनाया गया ।

‌‌‌गांवो मे विधुतिकरण और बिजली

बहुत से लोगों को अभी भी यहलगता है कि गांवों के अंदर जो बिजली लगी है। वह तो अपने आप ही लगी है। और 24 घंटे लाईट की सुविधा अपने आप ही होती है। दरसअल उनका सोचना गलत है। यह सब राजेंद्र राठौड़ के अथक परियासों का परिणाम है कि चूरू के अधिकतर गांवों मे बिजली बहुत कम ‌‌‌काटी जाती है। यहां के लोग तो लाईट एक बार कुछ समय के लिए कट जाए तो सीधा मंत्री के पास फोन कर देते हैं।

जबकि गंगानगर के अंदर ऐसे बहुत से गांव और शहर भी हैं जहां आज भी लोग बिजली के लिए तरसते हैं। ‌‌‌हम खुद वहां पर घड़सयाना के अंदर रहे । लाईट की समस्या से काफी परेशान रहे । तब समझ मे आया कि यार इससे तो आपना गांव ही अच्छा है।

108 गाँव और 300 ढाणियों का विधुतीकरण, 2200 बी पी एल परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन, यह सब राजेंद्र राठौड़ की मेहनत का नतीजा है।

इंदिरा गाँधी नहर से मीठा पानी

खारा फ्लोराइड युक्त पानी से मुक्ति दिलाने के लिए चूरू के अंदर आपणी योजना के तहत मीठे पानी की व्यवस्था की गई है।167 करोड़ की लागत से शहरी व ग्रामीण इलाकों में 32 टंकियों का निर्माण किया गया हैl

‌‌‌किसानों की सहायता

आमतौर अभी भी बहुत से लोगों को यह लग रहा होगा कि किसानों को मुआवजा जो मिल रहा है। वह सरकार देती है। लेकिन आपको बतादें कि इसके पीछे भी राजेंद्र राठौड़ का हाथ है। चूरू के अंदर लगातार अनुदान जो मिल रहा है। वह ऐसे ही नहीं मिल रहा है। चूरू कृषि सम्बंधित योजनाओं व अनुदान का लाभ पाने वाला सबसे अग्रणी जिला हैl

‌‌‌राजेंद्र राठौड़ के कुछ महत्वपूर्ण विचार

लेख के अंत मे हम राजेंद्र राठौड़ के कुछ महत्वपूर्ण विचारों को भी जान लेते हैं ।

आज भारत विश्व का सबसे युवा राष्ट्र है, पर ऐसा हमेशा नहीं रहेगाl हमारे पास अथक परिश्रम कर भारत को विश्व का सिरमौर बनाने के लिए सिर्फ दशक ही हैं,

हो स्वस्थ तन और मन तो सफल होगा हमारा जीवन

 

जिस व्यक्ति को रब का नाम जपने के लिए कुछ करना पड़े l जो सदा अपने ह्रदय में गुरु का निर्मल नाम जपता रहे lउसे प्रेरित रखने के लिए दुनिया के और समाज के मापदंडों की जरुरत नहीं होती

हर युग में, हर खुदा के फ़रिश्ते और हर पीर ने यही पैगाम दिया है के इंसानियत का मजहब एक होना चाहिए क्योंकि खुदा एक है

अथक प्रयास ही हमारी क्षमता का असली प्रमाण है

‌‌‌अंतिम शब्द

हमे इस बात को मानने मे कोई हर्ज नहीं करना चाहिए की राजेंद्र राठौड़ ने विकास कार्य कर वाय हैं। लेकिन अभी भी चूरू के अंदर बहुत सा विकास होना बाकी है। आज भी चूरू जिला उधोगिक क्षेत्र के अंदर पिछड़ा हुआ जिला है। लोगों को रोजगार के अवसर मिल सके इस वजह से जिले का उधोगिक विकास  ‌‌‌जरूरी है।

‌‌‌राजेंद्र राठौड़ जीवन परिचय, राजेंद्र राठौड़ की जीवनी , लेख आपको कैसा लगा कमेंट करके बताएं।

This post was last modified on May 3, 2019

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