रैन्समवेयर वायरस क्या है कैसे बचाए अपने system को hack होने से

‌‌‌रैन्समवेयर वायरस का नाम तो आपने भी सुना होगा । एक रिर्पोट के मुताबिक सिर्फ छ महिनों के अंदर 27000 अटैक हुए हैं। मतलब हर 10 मिनट के अंदर एक अटैक हो रहा है। इस वक्त दुनिया के अंदर रैन्समवेयर नामक एक वायरस का आतंक मचा हुआ है।‌‌‌कुछ विषेशज्ञों का मानना है कि यह तो शूरूआती दौर है। लगातार हैकर सिस्टम को हैक करने के नए नए तरीके निकाल रहे हैं। जिसकी वजह से आने वाले वक्त के अंदर हैकिंग के मामले कम होते नजर नहीं आ रहे हैं।

हमला वर अधिकतर पहले से टारगेटेड फाइलों पर अधिक हमले कर रहे हैं।रैंसमवेयर के हमले तेजी हो रहे हैं और उद्यमों के बुनियादी ढांचे को अधिक प्रभावित और सुनिश्चित करने के लिए लक्षित कर रहे हैं। न केवल पीसी और सर्वर पर फाइलों को एन्क्रिप्ट करना, बल्कि पूरे नेटवर्क को बंद करना अब अपराधियों का उद्देश्य है जो बैकअप डेटा को पुनर्प्राप्त करने के लिए संगठनों की क्षमता को रोकना चाहते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे पीड़ितों को बिना विकल्प के भुगतान कर सकें।

साझा नेटवर्क फ़ाइलों और क्लाउड सेवाओं के खिलाफ रैंसमवेयर हमलों के बारे में चेतावनी 2019 की स्पॉटबाय रिपोर्ट में साइबर स्पेस कंपनी Vectra के रैनसमवेयर पेपर पर आई है, जिसने 2019 के दौरान नेटवर्क फ़ाइल एन्क्रिप्शन हमलों में वृद्धि को ट्रैक किया है।
रैंसमवेयर हमले में लक्ष्य व्यापक और जितनी जल्दी हो सके प्रचार करना है, स्थानीय फ़ाइलों से परे होने के लिए फ़ाइल एन्क्रिप्शन के लिए वांछनीय है। । डेटा स्टोरेज – यह एक होस्ट एक लक्षित संगठन में कई विभागों में दस्तावेजों तक पहुंच को बंद कर सकता है उत्तरी अमेरिका में, शिक्षा क्षेत्र और वित्त और बीमा उद्योग इन हमलों के सबसे आम शिकार हैं, जिनमें से प्रत्येक एक-तिहाई घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। सरकार, विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, खुदरा और ऊर्जा संगठन भी 2019 की पहली छमाही में हमलों के शिकार हुए हैं।


वित्त इसके शीर्ष शिकार है और साइबर अपराधियों के लिए शीर्ष लक्ष्य है। यह हमलों के लिए एक स्पष्ट लक्ष्य है: उद्योग ग्राहकों और वित्तीय बाजारों के बारे में बहुत मूल्यवान और गोपनीय डेटा प्रदान करता है। ग्राहकों को अपने दैनिक जीवन जीने के लिए अपने वित्त तक पहुंच की आवश्यकता होती है और बैंक बड़ी रकम का भुगतान कर सकते हैं।
बैंकों के पास बहुत पैसा है, और आमतौर पर अन्य लोगों से संबंधित है। बैंक में डाउनटाइम का मतलब है कि लोग अपने पैसे तक पहुंच खो देते हैं, जो महंगा है। इसका मतलब है कि बैंक को एन्क्रिप्टेड डेटा वापस पाने के लिए फिरौती देने की अधिक संभावना है।” वेक्ट्रा के सिक्योरिटी एनालिटिक्स के प्रमुख क्रिस मोरेल्स का यही कहना है।


व्यवसायों को अपने डेटा के नियमित रूप से ऑफ़लाइन बैकअप भी रखना चाहिए, इसलिए यदि सबसे खराब होता है, तो साइबर अपराधियों की मांगों को दिए बिना सिस्टम को बहाल किया जा सकता है।
मोरालेस ने कहा, “इसे रोकना कठिन है, लेकिन इसे हराया जा सकता है। रैनसमवेयर हमले के कई अग्रदूत संकेत हैं जिनका पता लगाया जा सकता है और इसका जवाब दिया जा सकता है, इससे पहले कि एक रैनसमवेयर हमला सफल हो जाए,”


ransomware के हमले कारोबारियों पर सबसे अधिक हो रहे हैं


एंटीवायरस फर्म मालवेयरबाइट्स के मुताबिक रैंसमवेयर के अनुसार उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर यह है कि उन पर हमले कम हो रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि उनके पास पैसा नहीं है। लेकिन अधिकतर हमले व्यापारियों पर हो रहे हैं। और इसका ग्राफ तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। कंपनी ने रैनसमवेयर हमलों पर 363 प्रतिशत की साल-दर-साल वृद्धि पर ध्यान दिया, जिससे उसके व्यवसाय सॉफ़्टवेयर को चलाने वाले ग्राहकों को लक्षित किया गया। एंटीवायरस फर्म ने गुरुवार की एक रिपोर्ट में कहा, कि हमला करने वाले अपने लिए जहां पर अच्छा पैसा है उसी जगह पर हमला कर रहे हैं।


रैंसमवेयर की घटनाएं एक कंप्यूटर के अंदर डेटा एन्क्रिप्ट करके और पीड़ितों को भुगतान न होने तक बंधक बनाकर स्कूलों और शहर की सरकारों पर आईटी सिस्टम को बंद करने के लिए सुर्खियां बटोर रही हैं।
रैसमवेयर आमतौर पर पूरे कम्प्यूटर को लॉक कर सकते हैं। फ्लोरिडा के दो शहरों ने नगरपालिका के कम्प्यूटरों को लोक कर दिया गया था। उसके बाद आंकड़ों को खोने से बचाने के लिए हमलावरों को क्रमशः $ 500,000 और $ 600,000 का भुगतान करने का फैसला किया। एंटीवायरस फर्म ने कहा कि हमलावर उन कम्प्यूटरों को अधिक निशाना बनाने की कोशिश करते हैं। जिनके अंदर सबसे अधिक महत्वपूर्ण डेटा होता है। ताकि हमलावरों को वहां से अच्छी फिरौती मिल सके और यह हो भी रहा है।


एफबीआई और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ आम तौर पर पीड़ितों को फिरौती देने की सलाह देते हैं। ऐसा करने से हैकर्स को फिर से हड़ताल करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है, और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हमलावर आपके सारे डेटा को वापस लौटा देंगे । क्योंकि कई मामलों के अंदर यह भी सामने आया है कि फिरौती देने के बाद भी डेटा को नष्ट कर दिया गया था।

‌‌‌दोस्तों इस लेख के अंदर हम जानेंगे रैन्समवेयर वायरस क्या है ? और आप अपने कम्यूटर को इससे कैसे बचा सकते हैं ? और यह कम्यूटर को कैसे लॉक कर देता है ?

‌‌‌क्या है रैन्समवेयर

यह एक कम्यूटर वायरस होता है। यह भी अन्य वायरस की तरह ही है। लेकिन इसकी एक खास बात इसको अन्य वायरस से अलग कर देती है। यह आपके कम्यूटर के अंदर घुस कर आपके कम्यूटर को लॉक कर देता है। यह आपके कम्यूटर को पूरी तरह से लॉक कर देता है। यह आपके डेटा को नष्ट कर देता है। ‌‌‌आप कम्प्यूटर को रिर्स्टाट करके या ब्राउजर के केसच कलीन करके इससे छूटकारा नहीं पाया जा सकता ।

‌‌‌रैन्समवेयर दो प्रकार के होते हैं। पहला एनक्रिप्टिंग और स्क्रीन लॉकिंग रैन्समवेयर

‌‌‌रैन्समवेयर क्या करता है ?

दोस्तों रैन्समवेयर वायरस यदि किसी कम्यूटर पर अटैक करता है तो वह पूरी तरह से लॉक हो जाता है।‌‌‌मान लिजिए किसी यूजर के कम्प्यूटर को संक्रमित करना है तो उसके ईमेल एड्रस पर एक मेल भेजा जाता है। जैसे ही यूजर उस मेल के अंदर दी गई लिंक पर से होकर जाता है। उसके कम्प्यूटर के अंदर एक स्पेशल फाइल डाउनलोड हो जाती है। और उसे इस बात का पता भी नहीं चल पाता है। उसके बाद वह वायरस अपने सर्वर से ‌‌‌कनेक्ट हो जाता है और कुछ डेटा को डाउनलोड कर लेता है। उसके बाद वह अपना काम करने लग जाता है।

जब कम्यूटर को बूट किया जाता है तो मैसेज आता है कि आपका कम्यूटर हैक हो चुका है। यदि आप अपने डेटा को बचाना चाहते हो तो आपको इतनी रकम दैनी होगी । ‌‌‌ऐसी स्थिति के अंदर आपसे 40$ तक की मांग की जा सकती है। वहीं अमेरिका के अंदर 300$ तक मांग की जाती है। इसके अंदर समय भी दिया जाता है । यदि तय समय तक पैसा नहीं चुकाया जाता है तो रकम डबल हो जाती है। फिर भी यदि कोई पैसा नहीं चुकाता तो उसकी कम्यूटर के सारे डेटा डिलिट कर दिये जाते ।

‌‌‌रैन्समवेयर अटैक और दुनिया

एक रिर्पोट के अनुसार पूरी दुनिया के दो लाख से अधिक कम्यूटर इसकी चपैट मे आ चुके हैं। और इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। चीन जापान और अमेरिका जैसे देशों के कई सरकारी कम्यूटर को हैक किये जा चुके हैं। वहीं चीन भी इसके अटैक से बच नहीं सका है। लोगों को का यह भी कहना ‌‌‌है कि फिरौती की रकम देने के बाद हैकर सिस्टम से अपना वायरस हटा देते हैं और कम्यूटर सही तरीके से चलने लग जाता है।

‌‌‌कौनसा सिस्टम सबसे अधिक खतरे मे हैं ?

एक अंग्रेजी समाचार के अनुसार रैन्समवेयर ने अभी तक उन कम्यूटर पर अटैक नहीं किया है जोकि विडों एक्सपी का यूज कर रहे हैं। वहीं यदि आप विंडो एक्सपी का प्रयोग सूरक्षा प्रणाली के साथ करते हैं तो आपको इसका खतरा कम है। दूसरे देशों की तुलना मे भारत के अंदर ‌‌‌आटेड डेट वर्जन विंडों और विदाउट एंटी वायरस व वाले कम्यूटर यूज किये जाते हैं। इस वजह से इसका खतरा यहां पर सबसे ज्यादा है। ‌‌‌ऎपल के फोन भी इस खतरे के अंदर आ चुके हैं । लेकिन अभी तक ऎपल के किसी भी मोबाइल को हैक नहीं किया जा सका है।

‌‌‌रैन्समवेयर अटैक से बचने के तरीके

  1. अपनी फाईलों का नियमित अपने पैनड्राइव के अंदर बैकअप लेना ना भूलें
  2. यदि आपकी कोई वेबसाइट है तो उसके अंदर टूफेक्टर अर्थोराइजेशन इनेबल करें
  3. किसी भी अनजान व्यक्ति के भेजे ईमेल की फाईलों को बिल्कुल भी ना खोलेंगे
  4. यदि आप पूराने वर्जन का विंडो ‌‌‌का प्रयोग करते हैं तो उसे तुरन्त अपडेट करें । और अपने कम्यूटर के अंदर एंटीवायरस का प्रयोग करें । वैसे एंटीवायरस रैन्समवेयर को डिटेक्ट नहीं कर पाता है। लेकिन इससे काफी फायदा होता है।

‌‌‌5.एक से दूसरे मोबाइल के जुड़कर डेटा ट्रांसफर करने से

  1. कोई इन्फेक्टेड प्रोग्राम नेट से डाउनलोड करने पर

‌‌‌कमप्यूटर हैक हो जाने पर क्या करें

सबसे पहले आप यह निश्चित करें कि आपके सिस्टम पर अटैक हुआ है कि नहीं ? यदि आपको लगता है कि अटैक हो चुका है तो अपने डेटा का आपने जो पहले बैकअप ले रखा है। यदि वह आपके पास सेफ है तो विंड़ों को फार्मेट कर दें । व फिर से नई विंडों का इंस्टॉल करें । इसके ‌‌‌अलावा यदि हैकर फिरौती मांगते हैं तो उनको बिल्कुल भी फिरौती ना दें । यदि आपका डेटाबेस नष्ट किये जाने की धमकी दे रहे हैं तो डरें नहीं । आप बाद मे भी अपना डेटा वापस ला सकते हैं।

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This post was last modified on August 9, 2019

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