lipstick kaise banti hai इस लेख के अंदर हम बात करेंगे लिपस्टिक कैसे बनती है। और लिपस्टिक के अंदर प्रयोग की जाने वाली सामग्री के बारे में ।
दोस्तों महिलाएं लिपस्टिक का प्रयोग बड़े चाव से करती हैं। और कुछ लड़कियां तो बैग के अंदर लिपस्टिक डाले बिना घर से बाहर भी नहीं निकलती हैं। लेकिन लिपस्टिक का वैसे कोई फायदा नहीं है। यह सिर्फ सुंदरता के लिए प्रयोग की जाती है।इसके नुकसान ज्यादा और फायदे कम होते हैं।और अधिक मात्रा के अंदर लपिस्टिक का प्रयोग करना सही नहीं होता है। अधिक मात्रा के अंदर लिपस्टिक पैट के अंदर जाने की वजह से कैंसर हो सकता है।
Table of Contents
कैसे बनती है लिपस्टिक
दोस्तों आइए जानते हैं कि लिपस्टिक कैसे बनती है। इसके अंदर किन किन चीजों का प्रयोग किया जाता है। और वे हमारे शरीर पर किस प्रकार से प्रभाव डालते हैं।
रक्त का प्रयोग होता है लिपस्टिक बनाने मे
भारत के अंदर 36000 कत्ल खाने हैं । जिनके पास पशुओं को काटने का लाईसेंस है। इसके अलावा इसस दुगने अवैध रूप से चल रहे हैं। इन जगहों पर पशुओं को काटा जाता है। लिपस्टिक के अंदर गाय के खून का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए पशु को उल्टा लटका दिया जाता फिर उसकी गर्दन काट दी जाती है और उसके खून को एक ड्रम के अंदर एकत्रित किया जाता है।
लिपस्टिक बनाने मे सीसे का प्रयोग
लिपस्टिक के अंदर सीसे का प्रयोग किया जाता है जोकि सबसे खतरनाक रसायन होता है। एक रिसर्च के मुताबिक लिपस्टिक के अंदर सीसा काफी ज्यादा मात्रा के अंदर पाया जाता है। अधिक मात्रा के अंदर सीसा पेट मे चला जाए तो कैंसर हो सकता है। इससे आईक्यू लेवल कम होता है। और यह रोगों से लड़ने की क्षमता को कम कर देता है। जिसकी वजह से इंसान कमजोर हो जाता है और अनेक रोग उसे घेर लेते हैं।
लिपस्टिक बनाने मे एल्यूमिनियम का प्रयोग
लिपस्टिक बनाने के लिए एल्यूमिनियम का प्रयोग किया जाता है। एल्युमिनियम भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह पेट के अंदर जाकर कई प्रकार के रोग पैदा कर देता है। जैसे अल्सर पक्षघात आदि।
कैडियम का प्रयोग
लिपस्टिक बनाने मे कैडियम का भी प्रयोग किया जाता है। यह महिलाओं के अंदर स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है। इसके अलावा यह किड़नी के अंदर जमा हो जाता है।
क्रोमियम
लिपस्टिक के अंदर इस घातक तत्व का भी प्रयोग किया जाता है। जो महिलाएं बार बार लिपस्टिक लगाती रहती हैं। उनके पेट मे बहुत सारी मात्रा तो ऐसे ही चली जाती है। और वे कैंसर का शिकार हो सकती हैं। इसके अलावा पेट मे टयूमर भी हो सकता है।
घरेलू लिपस्टिक कैसे बनाते हैं आइए जानते हैं।
दोस्तों बाजार के अंदर मिलने वाली लिपस्टिक हर प्रकार से हानिकारक होती है। लेकिन आप घर पर भी लिपस्टिक बना सकते हैं। और यह किसी प्रकार की कोई हानि नहीं करती है। तो आइए जानते हैं ।घर पर लिपस्टिक कैसे बनाते हैं।
1. एक चम्मच शहद
एक चम्मच निंबू का रस मिलाकर अपने होठों पर लगाएं । ऐसा करने से होठ चमकदार और मुलायम बन जाते हैं।
- आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच गुलाब जल को मिलाकर दिन मे तीन से चार बार लगाएं इससे होठ चमकदार बनते हैं।
- को तेल भी काले होठों को चमकदार बनाने मे काफी मदद गार है। के तेल को नारियल के तेल के साथ मिलाकर लगाने से होंठ चमकदार बनते हैं।
लिपस्टिक बनाने की प्रोसेस
दोस्तों लिपस्टिक बनाने की प्रोसेस को समझना आसान है। हम लिपस्टिक बनाने की प्रोसेस को तीन अलग अलग चरणों के अंदर समझते हैं। लिपस्टिक को पीघलाना , और मिसरण करना व टयूब के अंदर डाल देना ।और उसके बाद उसे पैक करके बेच देना । पिगमेंट तैयार होने के बाद उसके अंदर गर्म मोम को मिलाते हैं।इसको हवाई बुलबुले से मुक्त करने के लिए उत्तेजित करते हैं।उसके बाद इसे टयूबलिंग मोडुल्स के अंदर डालकर ठंडा करते हैं।और निरिक्षण करने के बाद लिपस्टिक तैयार हो जाती है।
लिपस्टिक बनाने मे प्रयोग करने वाला कच्चा माला
लिपस्टिक बनाने के लिए वैसे तो अलग अलग मटैरियल का यूज किया जाता है। लेकिन एक यूएस ए की वेबसाइट के अनुसार इसके अंदर alcohol ,pigment , मोम और तेल का यूज किया जाता है।मोम के अंदर तीन प्रकार के संयोजनों का प्रयोग किया जाता है ।-मोम, कैंडेलिला मोम, या अधिक महंगा कैमुबा ।
खनिज, ढलाईकार, लैनोलिन जैसे तेलों को मोम में मिलाया जाता है। खुशबू और रंजक को भी जोड़ा जाता है, क्योंकि संरक्षक और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो लिपस्टिक को बासी बनने से रोकते हैं। लिपस्टिक में ये घटक होते हैं, तो पदार्थ को चिकना या चमकदार बनाने या होंठों को नम करने के लिए कई अन्य प्रकार की सामग्री भी शामिल की जा सकती है। वैसे लिपस्टिक के अंदर प्रयोग किये जाने वाले पदार्थों का कोई मानक नहीं है। और अलग अलग प्रकार की लिपस्टिक के अंदर अलग अलग पदार्थों का प्रयोग किया जा सकता है।
- सबसे पहले लिपस्टिक बनाने के लिए कच्चे माल को मिलाया जाता है।एक मिश्रण में सॉल्वैंट्स होता है, दूसरे के अंदर तेल होता है, और तीसरे में वसा और मोमी पदार्थ होते हैं। इन्हें अलग स्टेनलेस स्टील या सिरेमिक कंटेनरों में गर्म किया जाता है।
- सॉल्वेंट सॉल्यूशन और लिक्विड ऑयल्स को फिर कलर पिगमेंट के साथ मिलाया जाता है। मिश्रण को एक रोलर चक्की की मदद से पीसा जाता है। इसको दानेदार होने से बचाने के लिए पीसा जाता है। तेल और वर्णक मिश्रण में हवा होती है। इस वजह से मिश्रण के साथ कुछ यांत्रिक कार्य करने की आवश्यकता होती है। इस दौरान वैक्यूमर का प्रयोग किया जाता है।
- 3 वर्णक द्रव्यमान मिश्रित होने के बाद इसको गर्म मोम के अंदर डाला जाता है। और इसको स्थिरता और समान रंग के अंदर लाया जाता है।उसके बाद तरल लिपिस्टक को तना और ढाला जाता है। भविष्य के लिए संग्रहित किया जाता है।
- यदि लिपस्टिक का तुरन्त उपयोग किया जाए तो इसको तरल होने से बचाया जाता है। और लंबे समय बाद संग्रहित लिपस्टिक का प्रयोग किया जाता है तो इसके स्थिरता और रंग की जांच होती है।
लिपस्टिक हमेशा अलग-अलग रंग के पिगमेंट की वजह से बैचों में तैयार की जाती हैं बैच का आकार, और एक समय में उत्पादित लिपस्टिक की ट्यूबों की संख्या, विशेष रूप से उत्पादित होने वाली लिपस्टिक की लोकप्रियता पर निर्भर करता है। उपयोग की जाने वाली निर्माण तकनीक (स्वचालित या मैनुअल) हो सकती है।। लिपस्टिक का उत्पादन स्वचालित प्रकिया से अधिक होता है इससे , एक घंटे में 2,400 ट्यूब तक या रूप से मैनुअल संचालन में, लगभग 150 ट्यूब प्रति घंटे की दर से उत्पादन होता है।
- लिपस्टिक का द्रव्यमान हवा मुक्त हो जाने के बाद यह टयूब के अंदर डालने के लिए तैयार हो जाता है।निर्माता के पास मौजूद उपकरणों के आधार पर मशीनों का सेटअप किया जाता है।लेकिन उच्च मात्रा के बेच मशीन के माध्यम से चलाए जाते हैं जो द्रव्यमान को उत्तेजित करके तरल के अंदर बनाए रखता है। लेकिन कम मात्रा के लिपस्टिक मैन्युअल रूप से बनाए जाते हैं और द्रव्यमान को तापमान के द्वारा तरल रूप मे रखा जाता है।
- लिपस्टिक द्रव्यमान को एक टयूब के अंदर डाला जाता है जिसके नीचे लिपस्टिक को आकार देने वाला सांचा लगा होता है।यह टयूब के साथ पूरी तरीके से जुड़ा हुआ होता है।
- लिपस्टिक को ठंडा किया जाता है। स्वचालित मोल्ड्स को ठंडा रखते हैं और मैन्युअल रूप से निर्मित मोल्डों को एक प्रशीतन इकाई में स्थानांतरित किया जाता है फिर मोल्ड से अलग किया जाता है। लिपस्टिक पिनहोल को सील करने और फिनिश में सुधार करने के लिए एक ज्वलनशील कैबिनेट से गुजारा जाता है और उसका निरिक्षण किया जाता है। उसके बाद आवश्यक हो तो फिर कार्य किया जाता है।
लिपस्टिक की लेबलिंग और पैकिंग
आवश्यक प्रक्रिया पूरी होने के बाद लिपस्टिक पैकिंग के लिए तैयार हो जाती है।स्वचालित पैकिंग सिस्टम के अंदर लिपस्टिक को मशीन की मदद से पैक किया जाता है। और मैन्यूअल पैकिंग सिस्टम के अंदर लिपस्टिक को मैन्यूअली रूप से पैक करते हैं। कई प्रकार के पैकेजिंग विकल्प उपलब्ध होते हैं, जिनमें बल्क पैक से लेकर व्यक्तिगत पैक शामिल हैं, और मेकअप किट या विशेष प्रचारक पेशकश में एक घटक के रूप में पैकेजिंग भी शामिल है
आमतौर पर लिपस्टिक के निर्माण मे बहुत कम अपशिष्ट पदार्थ निकलते हैं। और जो कुछ निकलते हैं उनका विनिर्माण किया जाता है। और जो एकदम से बेकार होते हैं उन अपशिष्ट को बाहर फेंक दिया जाता है।
लिपस्टिक गुणवकता नियंत्रण
लिपस्टिक का गुणवकता नियत्रण भी आवश्यक होता है। यह खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) की शर्तों को पूरा करने वाली होनी चाहिए।इस वजह से लिपस्टिक को तैयार करने मे बहुत सावधानी बरती जाती है। जो भी इसका बैच होता है उसका एक नमूना संग्रहित किया जाता है और उसका गुणवकता नियंत्रण किया जाता है। वैसे तो इसको बनाने वाले भी एक निरिक्षक की तरह काम करते हैं और खराब माल को वापस कर देते हैं। लेकिन हर टयूब का उपभोक्ता खुद निरिक्षण करता है।और खराब माल को रिजेक्ट कर देता है।
लिपस्टिक के अंदर रंग काफी महत्वपूर्ण होता है। और जब एक नया बैच आरम्भ होता है तो द्रव्यमान को गर्म करने के दौरान रंग का नियंत्रिण अच्छे तरीके से किया जाता है। किसी भी लिपस्टिक बनाने के बाद उसे उपभोगता के पास पहुंचने से पहले दो टेस्ट पास करने होते हैं। जिसके अंदर पहला आता है
हीट टेस्ट
हीट टेस्ट में, लिपस्टिक को एक धारक में विस्तारित स्थिति में रखा जाता है और 24 घंटे के लिए 130 डिग्री फ़ारेनहाइट (54 डिग्री सेल्सियस) के निरंतर तापमान ओवन में छोड़ दिया जाता है। लिपस्टिक का कोई ड्रॉपिंग नहीं होना चाहिए।
टूटना टेस्ट
इस टेस्ट के अंदर लिपस्टिक के उपर दबाव को बढ़कार यह चैक किया जाता है कि वह टूट रही है या नहीं । हालांकि इसके लिए कोई मानक नहीं है। हर निर्माता के अपने अपने मान दंड होते हैं और उन्हीं के खिलाफ चैक होता है।
दोस्तों लिपस्टिक सबसे सस्ता सबसे लोकप्रिय कॉस्मेटिक है । और इसको छोटी बड़ी सब महिलाएं यूज करती हैं। सन 1986 में संयुक्त राज्य अमेरिका में लिपस्टिक की बिक्री $ 720,000,000 से अधिक थी।लेकिन आज की बात करें तो यह इंडिया और लगभग हर देश के अंदर बहुत अधिक यूज हो रही है। और मार्केट के अंदर निरंतर नए नए लिपस्टिक आ रहे हैं।
लिपस्टिक के नुकसान
दोस्तों आपको बतादें कि लिपस्टिक के कई सारे नुकसान होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। अधिकतर महिलाएं लिपस्टिक का तो यूज करती हैं लेकिन उसके बाद भी उनको इसके नुकसान के बारे मे पता नहीं होता है। इस लेख के अंदर हम आपको लिपस्टिक के नुकसान के बारे मे बताने वाले हैं। तो आइए जानते हैं कि लिपस्टिक के नुकसान क्या क्या होते हैं।
लिपस्टिक से होठों का रंग काला पड़ता है
दोस्तों लिपस्टिक के अंदर मैंगनीज, लेड और कैडमियम आदि का प्रयोग किया जाता है जिसकी वजह से होंठों को भी नुकसान होता है। होंठ बार बार लगाने से काले पड़ते हैं और उनके सूखने की समस्याएं होती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
इसलिए लिपस्टिक को आपको तभी लगाना चाहिए जब जरूरत हो । यदि किसी तरह की जरूरत नहीं है तो उसके बाद आपको लिपस्टिक को नहीं लगाना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।
लिपस्टिक से एलर्जी
दोस्तों लिपस्टिक के अंदर कुछ इस प्रकार के तत्व पाये जाते हैं जिसकी वजह से त्वचा पर एलर्जी हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।यदि लिपस्टिक का उपयोग करने के बाद आपको किसी तरह के एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको लिपस्टिक का उपयोग करना बंद कर देना चाहिए । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।
लिपस्टिक के नुकसान आंखों मे जलन
दोस्तों कुछ महिलाएं होती हैं वे लिपस्टिक को आई सेड़ों की तरह इस्तेमाल करती हैं जिसकी वजह से उनकी आंखों के अंदर जलन हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
लिपस्टिक से पेट की समस्या
दोस्तों आपको पता ही होगा कि लिपस्टिक के अंदर लेड जैसी चीज होती है और यह मुंह के अंदर से आपके पेट के अंदर चली जाती है जिसकी वजह से पेट मे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। यह आपके किडनी और लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । मेटल युक्त लिपस्टिक के बार-बार होठों पर लगाने से यह पेट में पहुंचकर परेशानी पैदा कर सकता है ।
दिमाग के लिए लिपस्टिक के नुकसान
दोस्तों आपको बतादें कि लिपस्टिक आपके दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इसके अंदर लेड मौजूद होता है जोकि आपके दिमाग की क्षति का कारण बन सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और यही आपके लिए सही होगा ।
मस्तिष्क में अधिक मात्रा में लेड पहुंचने से नर्व ट्रांसमिशन में बाधा पहुंच सकती है और यह शरीर में कैल्शियम की पूर्ती के अंदर बाधा पैदा कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
इस तरह से लिपस्टिक आपके दिमाग के लिए भी काफी अधिक हानिकारक होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
गर्भावस्था के लिए हानिकारक
दोस्तों आपको बतादें कि लिपस्टिक आमतौर पर गर्भवती महिला के लिए काफी अधिक हानिकारक होती है। यह होठों के माध्यम से महिला के पेट के अंदर पहुंच सकती है जिसकी वजह से काफी नुकसान हो सकता है।इसकी वजह से गर्भपात तक हो सकता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।और इसकी वजह से रक्त के अंदर लेड का लेवल बढ़ जाता है जिसकी वजह से काफी नुकसान हो सकता है आप इस बात को समझ सकते हैं। और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
प्राचीन काल मे लिपस्टिक किस तरह से बनाई जाती थी।
लिपस्टिक जिसका प्रयोग हम आज करते हैं , तो आपको बतादें कि प्राचीन काल के अंदर सिर्फ इसी तरह की लिपस्टिक नहीं बनाई जाती थी। प्राचीन काल के अंदर महिलाएं अपने होठों को लाल करने के लिए अलग अलग तरीके का प्रयोग करती थी। जिसके अंदर कई तरीके हुआ करते थे ।
खनिज: जैसे कि जिंक ऑक्साइड, लौह ऑक्साइड, और लैपिस लाजुली।
पौधे: जैसे कि बेर, मेहंदी,
कीड़े: जैसे कि कोचिनल बीटल, जिससे कारमिन नामक लाल रंग प्राप्त होता है। आदि का प्रयोग महिलाएं अपने होठों को रंगने के लिए किया जाता था ।
मिस्र में, महिलाएं अपने होठों को लाल रंग से रंगने के लिए कोचिनल बीटल के पाउडर का उपयोग करती थीं। कोचिनल बीटल एक प्रकार का छोटा सा कीड़ा होता है , जोकि मध्य दक्षिण अमेरिका के अंदर पाया जाता है। इस कीड़े के अंदर लाल रंग का पदार्थ होता है जिसको कारमिन के नाम से जाना जाता है। यह रंग काफी अधिक स्थाई होने की वजह से इसका प्रयोग किया जाता था ।
कोचिनल बीटलों को इसके लिए सबसे पहले पीस लिया जाता था और उसके बाद इसको होंठों पर लगाया जाता था । यह यौन चीजों से जुड़ा हुआ था ।
कोचिनल बीटलों का उपयोग मिस्र में प्राचीन काल से किया जाता रहा है। 3500 ईसा पूर्व के मिस्र के मकबरे में कोचिनल बीटलों के अवशेष पाए गए हैं। इसके अलावा आपको बतादें कि ग्रीस की महिलाएं भी इसी कीड़े का प्रयोग अपने होठों को लाल करने के लिये किया करती थी।
इसके अलावा यूनान की महिलाएं अपने होठों को लाल करने के लिए मेहंदी का प्रयोग करती थी ।
और रही बात भारत की तो यहां पर चंदन का प्रयोग अपने होठों को लाल करने के लिए किया जाता था ।
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