जी हां दोस्तों आपको लेख की हेडिंग पढ़कर काफी अजीब लगा होगा । लेकिन वैज्ञानिक इस बात को सच मान रहे हैं। शोध के नतिजे काफी चौकाने वाले हैं। कुछ वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि अगले 200 सालों के अंदर भारत पाकिस्तान और बंग्लादेस जैसे देस पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे ।ऐसा किसी उल्का पींड या प्रलय से नहीं होगा । वरन ऐसा होगा ग्लोब्ल वार्मिंग की वजह से । इस समय प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ रहा है। यदि ऐसे ही प्रदूषण होता रहा तो ओजोन परत के अंदर छेद का आकार बहुत अधिक बढ़ता जाएगा । और जिसका परिणाम होगा सूर्य की पराबैंगनी
किरणी धरती पर सीधी आएंगी । जिसका परिणाम होगा की धरती का तापमान भी बढ़ जाएगा । और गर्मी और उमस इतनी तेज हो जाएगी कि यहां पर रहना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा । अधिक गर्मी से फसलों का उत्पादन भी कम हो जाएगा तो भूखमरी की समस्या भी पैदा हो जाएगी ।
विज्ञान के अनुसार जब गर्मी के साथ ही उमस भी तेज होती है तो इसे वेट बल्ब तापमान के नाम से जाना जाता है। जब वेट बल्ब तापमान 35 डिग्री के आस पास पहुंच जाएगा तो स्थिति काफी डेंजर हो जाएगी । और इंसान का शरीर इसके अनूकूल खुद को नहीं ढाल पायगा । जिसका परिणाम होगा । इंसान अधिक तापमान की वजह से दम
तोड देंगे । हांलाकि कुछ ऐसी जगह भी हैं जहां पर वेट बल्ब तापमान 35 डिग्री के आस पास पहुंच चुका है। जिसकी वजह से यहां कई हजार लोगों की मौते भी हो चुकी हैं।
35 डिग्री वेट बल्ब तापमान हो जाता है तो इंसान का शरीर इसको सहन नहीं कर सकता और मीनटों के अंदर ही दम तोड़ देगा । आगे वैज्ञानिकों ने कहा है कि केवल तापमान की वजह से ही लोग नहीं मरेंगे । वरन अकाल की वजह से भी लोगों की मौत होगी । और इतनी बड़ी आबादी का पलायन होना भी संभव नहीं होगा । जिसका परिणाम होगा लोग घूट घूट कर मरेंगे।
वैज्ञानिकों ने जारी की चेतावनी
वैज्ञानिकों के अनुसार यदि दुनिया को बचाना है तो ग्रीन हाउस से उत्सर्जन होने वाली गैसों के अंदर कमी लानी होगी । नेचर मे पत्रिका के अंदर छपे शोध का समर्थन कई वैज्ञानिकों ने किया है। वैज्ञानिकों के अनुसार हमारे पास बहुत कम समय बचा है। यदि समय रहते हम नहीं सम्भले तो स्थितियां हमारे हाथों निकल जाएंगी । उसके बाद कुछ नहीं हो पायेगा । इसलिए सभी देसों को एक जुट होकर काम करना चाहिए ताकि धरती को प्रलय होने से बचाया जा सके ।
वापस आएगा 2 अरब साल पहले का विनाश काल
कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि आज से 2 अरब साल पहले धरती पर विनाश हुआ था। वह विनाश तापमान बढ़ोतरी की वजह से हुआ था। वैज्ञानिकों के अनुसार धरती का तापमान बहुत अधिक उपर चला गया था। जिसकी वजह से जीव अपने आपको बदल नहीं पाए और नष्ट हो गए ।रिसर्च के मुताबिक तब धरती का तापमान 30 डिग्री के आस पास पहुंच चुका था। तब जीव मरने लगे थे । हांलाकि अभी धरती का तापमान इसे आधा ही है।
वैज्ञानिकों के अनुसार ज्वालामुखी फटने की वजह से कार्बनडाई आक्साईड वातावरण के अंदर घुल गया था। जिससे धरती का तापमान काफी तेजी से बढ़ा जिसका परिणाम हुआ कि समुद्र के अंदर दबी मैथेन गैस बाहर आगई और तापमान मे और तेजी से बढ़ोतरी हुई
मैथेन गैस के वातावरण के अंदर आ जाने की वजह से सारे जीव मरने लगे थे ।
अब वैसा ही कुछ महाविनाश होने वाला है। यदि ग्लोबल वार्मिंग और तापमान मे बढ़ोतरी को नहीं रोका जाता है तो अर्काटिक की परतों के अंदर दबी मैथेन बाहर निकले गी और जिसकी वजह से धरती पर इंसानों का रहना दूभर हो जाएगा ।
दुनिया खत्म होने के हो चुके हैं कई दावे
वैसे दोस्तों दुनिया खत्म होने के अनेक दावे भी किये जाते हैं। कुछ जगहों पर यह खबरे भी दी खाई गई थी की 2017 के अंदर दुनिया खत्म हो जाएगी । और ऐसा एक बड़े ग्रह के धरती से टक्कराने की वजह से होगा । इस प्रकार का दावा एक किताब जिसका नाम
प्लैनेट एक्स- द 2017 अराइव है। हांलाकि नासा ने इस प्रकार के किसी भी दावों का खडंन किया है। नासा के अनुसार फिल्हाल धरती से कोई ग्रह टक्कराने वाला नहीं है। यदि टक्कराने वाला होता भी तो खगोल वैज्ञानिकों को इसकी जानकारी होती । हांलाकी वैज्ञानिक यह मानते हैं की एक दिन दुनिया खत्म जरूर होगी । किंतु यह नहीं पता कब
और कैसे खत्म होगी ।