सच बोलने के फायदे भी काफी होते हैं । लेकिन सच बोलना हर किसी के बस की बात नहीं होती है इस लेख के अंदर हम सच बोलने के फायदों के बारे मे बात करने वाले हैं।
सच बोलना भी हर इंसान के बस की बात नहीं होती है। और आजकल तो हर इंसान पूरे दिन के अंदर कई बार झूठ बोल ही जाता है। कुछ लोग मजाक करने के लिए भी झूठ बोलते हैं तो कुछ अपनी किसी समस्या को छुपाने के लिए झूठ बोलते हैं। वैसे देखा जाए तो ना तो अधिक झूठ बोलना चाहिए और ना ही अधिक सच बोलना चाहिए । क्योंकि यदि आप ज्यादा सच बोलेंगे तो इस माहोल के अंदर आप खुद मुश्बित के अंदर फंस सकते हैं और यदि आप अधिक झूठ बोलेंगे तो लोग आपकी ईज्जत करनी ही बंद कर देंगे । इसलिए झूठ और सच को आवश्यकता अनुसार ही बोलें ।
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1. लोग अधिक पसंद करेंगे
दोस्तो जरा एक बार सोचो कि दो लोग हैं। जिनमे से एक सच बोलता है और दूसरा झूठ बोलता है। तो जाहिर सी बात है कि झूठ के कोई सर पैर तो होता नहीं है। इसलिए वह अपने झूठ को सच साबित नहीं कर सकता । जबकि सच बोलने वाला निश्चित होकर बोलता है। उसे किसी का कोई डर नहीं होता है और वह पूरें आत्मविश्वास के साथ बोलता है। यही वजह है कि लोग उसे सबसे ज्यादा पसंद करते हैं।
2. उम्र बढ़ जाती है
यह सही बात है कि जब हम झूठ बोलते हैं तो हमारी उम्र कम हो जाती है क्योंकि झूठ हम बोल तो लेते हैं लेकिन झूठ बोलने मे वो मजा और वो शांति नहीं है जोकि सच बोलने मे हैं। यदि आपने कोई बड़ी बात किसी से छुपाली झूठ बोल दिया तो आपके मन मे हमेशा डर बना रहेगा कि कब यह बात उसको पता न चल जाए । और इस तरह से आपको यह चिंता दिन बदिन खाए जाएगी । सोचो जो लोग 2 नम्बर का काम करते हैं वे पैसा तो खूब कमाते हैं लेकिन उनको वो शांति कभी भी नसीब नहीं होती है जो सड़के किनारे चलने वाले भिखारी को होती है। और इस प्रकार की मानसिक चिंताओं की वजह से अनेक प्रकार के दिमागी बेमारियां हो जाती हैं और इनकी वजह से इंसान की उम्र पर भी गहरा असर पड़ता है।
3. मन शांत रहता है
याद रखें जब आप झूठ बोलते हैं तो दूसरों से बात को छुपा लेते हैं लेकिन खुद से कोई बात छुपाना संभव नहीं होता है। भले ही दुनिया का कोई बड़ा से बड़ा अपराधी रहा है। वह खुद बुरा इंसान है यह वह जानता है और उसका मन उसे हमेशा यह गलत काम छोड़देने के लिए कहता है। लेकिन आप जानते हैं कि वह इस काम को आसानी से छोड़ नहीं सकता है। लेकिन उसका मन कभी भी शांत नहीं रहता है। उसमे हमेशा कुछ ना कुछ गड़बड चलती ही रहती है।यदि आप नहीं चाहते हैं कि आप टेंशन मे जिए आपका चैन सकून हैराम हो जाए तो आपको सच बोल देना चाहिए।
4. दिल को सकून मिलता है
कई बार क्या होता है कि हम बहुत सी बातों को छुपाते जाते हैं और हमारे दिमाग के अंदर इतनी सारी बातें एकत्रित हो जाती हैं कि बाद मे हमे लगता है कि यह सब बाते हमने अपने किसी दोस्त या करीबी से नहीं बताकर गलत किया है। लेकिन अब बताएं भी कैसे ?
इस तरह के विचार हमारे मन के अंदर चलते रहते हैं और हम अंदर ही अंदर से दुखी होते रहते हैं। लेकिन यदि आप इस तरह की बातों को एक साथ अपने करीबी को बताने के बाद जो महसूस करोगे तो आपको अलग ही एहसास होगा । आपको ऐसा लगेगा । जैसे आपको उपर से वजन हट गया हो । कहने का अर्थ है सच्चा सकून सच मे ही है झूठ मे नहीं ।
5. अच्छा चरित्र बनता है
याद रखें जब बच्चा बचपन से ही झूठ बोलने लगता है तो जाहिर सी बात है वह गलत चीजों को सीखने लग जाता है। बात बात पर झूठ बोलना इस बात का ईशारा होता है कि बच्चा गलत दिसा के अंदर जा रहा है। झूठ आपको हमेशा गलत काम करना सीखाता है और सच आपको सही काम करना करना सीखाता है । जो सच बोलता है वह कभी गलत बन ही सकता और जो झूठ बोलता है वह अच्छा कुछ कर नहीं सकता । सच बोलने वाले इंसान का चरित्र सच के जैसा ही होजाता है और झूठ बोलने वाले का चरित्र झूठ के जैसा ही बन जाता है।
6. खुशहाल जिदगी
दोस्तों यदि आप किसी से एक बात छुपाते हो तो आपको एक बात छुपाने के लिए कई सारे झूंठ बोलने पड़ते हैं। यह कई सारे झूठ आपको अंदर ही अंदर कचोटते हैं और आपकी जिंदगी नरक बन जाती है। मानलिजिए किसी पत्नी का कहीं ओर चक्कर चल रहा है तो वह अपने पति से यह सच छुपाने के लिए कई झूठ बोलती है। और उसे यह डर सताता रहता है कि कहीं उसका झूठ पकड़ा नहीं जाए और एक उस औरत को देखें कैसे निश्चित रहती है जिसका कोई अफेयर नहीं है। उसे किसी प्रकार का भय नहीं रहता है जिसकी वजह से चैन से रहती है।
कहने का मतलब यही है कि आप झूठ बोलके अधिक समय तक खुश नहीं रह सकते
7. खुद का इम्प्रुवमेंट
याद रखें यदि आप सच बोलते हैं इसका मतलब खुद को इम्प्रुव करते चले जाएंगे । जरा सोचिए । एक कलांश के अंदर दो प्रकार के दो स्टूडेंट हैं एक सच बोलने वाला और दूसरा झूंठ बोलने वाला । और टीचर ने उनदोनों से पूछा कि सवाल समझ मे आया कि नहीं ? सच बोलने वाला स्टूडेंट बोला नहीं और झूठ बोलने वाला बोला आ गया । क्या आपको पता है सच बोलने वाला स्टूंडेट लाईफ के अंदर आगे बढ़ जाता है और झूठ बोलने वाला नहीं बढ़ पाता है।यह हर जगह पर होता है केवल स्टूडेंट लाईफ की हम बात नहीं कर रहे हैं
याद रखें जब आप सच बोलते हैं तो आपको पास दो ऑपसन होते हैं और जब आप झूठ बोलते हैं तो आपके पास सिर्फ एक ऑपसन होता है और वो होता है झूठ
आत्मा की उन्नति होती है ।
दोस्तों सच्च बोलने से आत्मा की उन्नति भी होती है। अक्सर आपने देखा होगा , कि जो लोग झूठे होते हैं। वे ही अक्सर बुरे किस्म के होते हैं। लेकिन जो लोग सच बोलते हैं। वे अच्छे गुणों वाले इंसान होते हैं। और मरने के बाद भी उनकी दुर्गति नहीं होती है।
सच बोलना आपको एक अच्छा इंसान बनाता है ।
यह बात सच है , कि जब आप सच बोलते हैं। तो आप एक अच्छे इंसान बनते हैं। और जो लोग झूठ बोलते हैं। वे अक्सर एक बुरे इंसान बनते हैं। सच बोलने वाले इंसान आपको काफी कम ही मिल पाएंगे । अक्सर ऐसे इंसान तो आपको बहुत ही कम मिलेंगे , जोकि सिर्फ सच बोलते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपको सच बोलना है , तो फिर हमेशा से ही आपको प्रयास करना होगा , तब जाकर आप सच बोल पाएंगे ।
सच बोलने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
दोस्तों सच यदि आप बोलते हैं। तो आप धर्म के करीबी अपने आप ही चले जाएंगे । हर किसी के पास सच बोलने की क्षमता नहीं होती है। कहा जाता है , कि जंहा पर सच होता है , वहां पर ही भगवान होते हैं। तो आपको यदि भगवान का आशीर्वाद चाहिए तो आपको सच बोलना चाहिए ।
अंतिम शब्द
फाईनली तौर पर हम आपको इतना ही कहना चाहते हैं कि सच और झूठ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और दोनों का बैलेंस होना आवश्यक है। यदि आप केवल सच बोलेंगे तो आपका नुकसान है और आप केवल झूठ बोलेंगे तो आपका नुकसान है। कहने का मतलब है जहां पर आवश्यक है झूठ बोलना वहां पर झूंठ बोले और जहां पर झूंठ बोलने की कोई आवश्यकता ही नहीं है वहां झूठ न बोलें ।