सबसे सच्चा भगवान कौन है ? इसके बारे मे हम इस लेख मे चर्चा करेंगे।
वैसे देखा जाए तो दुनिया के अंदर अनेक धर्म हैं और हर धर्म के लोग अपने अपने भगवान को मानते हैं । लेकिन सारे एक ही बात स्वीकार करते हैं कि भगवान सिर्फ एक है और उसके नाम अनेक हैं। बहुत हद तक यह बात सही भी है। भगवान सिर्फ एक ही है। लेकिन इस संबंध मे बहुत सी भ्रांतिया पनप गई हैं। भगवान के नाम पर बहुत से लोग गलत काम कर रहे हैं। और गलत काम करने के बाद यह कहते हैं कि यह भगवान का आदेश था। तो भाई उन लोगों से हम कहना चाहेंगे कि भगवान न तो खुद गलत करता है और नहीं दूसरों को गलत करने का आदेश देता है। वो इंसानों की तरह ओछी और छोटी सोच का नहीं है कि गलत काम करे । वो बहुत पॉवर फुल है।
लेकिन अपने पॉवर का कभी गलत इस्तेमाल नहीं करता क्योंकि उसे अपने पॉवर पर घमंड नहीं है। बहुत से लोग धर्म के नाम पर लड़ते नजर आते हैं। और बोलते हैं कि वे अपने धर्म की रक्षा कर रहे हैं। अपने भगवान की रक्षा कर रहे हैं। तो मैं उन लोगों से यह कहना चाहूंगा कि भाई भगवान को तुम्हारी रक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है।तुम उसके सामने एक कीडे हो उससे ज्यादा कुछ नहीं । जिसने यह दुनिया बनाई है। तो सोचो वह क्या कर सकता है ? मुहम्मद गौरी और न जाने कितने मुगल भारत आए और हिंदुओं के मंदिरो को नष्ट करने की कोशिश की एड़ी चोटी का जोर लगाया । लेकिन फिर भी वे मंदिरों को नष्ट करने के बाद भी हिंदु धर्म को नष्ट नहीं कर सके । यह कहावत सही है कि वह चीज को खत्म करना चाहता है उसे कोई बचा नहीं सकता और जिसको वह बचाना चाहता है। उसे कोई खत्म कर नहीं सकता।
एक सच्चा भगवान कौन है ? आप इस बारे जरूर जानना चाहेंगे । तो इस लेख के अंदर हम आपको एक सच्चे भगवान की खासियत बताने जा रहे हैं जो सिर्फ भगवान मे ही हो सकती हैं।
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सबसे सच्चा भगवान कौन है ?
आपके मन मे भी यह सवाल अवश्य ही आया होगा कि सच्चा भगवान कौन है ? हिंदु धर्म के अंदर तो 33 करोड़ देवी देवता बताए गए हैं उनमे से सच्चा भगवान खोजना बहुत ही कठिन काम है। और इतने सारे दैवों के अंदर बहुत से लोग इनको ही भगवान समझने की गलती कर देते हैं। जैसाकि मैं आपको पीछले एक लेख के अंदर बता चुका हैं कि देवता कोई भगवान नहीं होते हैं। या जिनका जन्म होता है वे कोई भगवान नहीं होता है। भगवान सिर्फ वह होता है। जिसका जन्म नहीं होता है। और हिुंदु धर्म के अंदर सबसे बड़े और सच्चे भगवान काम नाम है भगवान शिव आपको बता दें कि भगवान शिव और भोलेनाथ दोनों अलग अलग हैं। भगवान शिव ही सबसे सच्चे भगवान हैं। उनके बराबर कोई नहीं है । जो निराकार हैं। कुछ वेबसाइटों पर यह लिखा गया है कि सारे भगवान एक ही हैं। लेकिन मैं आपको बतादूं कि सब एक नहीं हैं। दूसरे देवता को भगवान शिव ने बनाया है। जबकि भगवान शिव उनके गुरू हैं। तो सोचों सब एक कैसे हो गए । दूसरे देवी देवता मात्र भगवान शिव के नियमों के आधार पर काम करते हैं। वे उन नियमों के विरूद्व कभी नहीं जा सकते हैं। तो अब आप समझ ही गए होंगे की सबसे सच्चा भगवान कौन है?
यह चीजें सिर्फ सच्चे भगवान मे होती हैं
बहुत से लोगों को अभी भी देवताओं और भगवान के अंदर फर्क समझ मे नहीं आता है। कुछ लोग कहते हैं कि हिंदु धर्म के अंदर अनेक भगवान हैं तो हम आपको कहना चाहेंगे कि हिंदु धर्म के अंदर भी एक ही भगवान है। जिसका नाम भगवान शिव है। और अन्य देवी देवताओं की हम जो पूजा करते हैं वे एक सच्चे भगवान न होकर भगवान के द्वारा नियुक्त दूत मात्र हैं और वे संसार को चलाने के लिए पैदा किये गए हैं। संसार के अंदर अच्छाई लाने और बुराई का अंत करने के लिए बनाए गए हैं। जिस तरह से एक कम्पनी का मालिक एक होता है। लेकिन उस कम्पनी के अंदर अनेक बड़े पद होते हैं। कई बार ज्ञान के अभाव मे लोग बड़े पद पर बैठे व्यक्ति को ही कम्पनी का मालिक समझ लेते हैं। बस यही बात यहां पर भी लागू होती है। सब देवता उसके अंडर मे काम करते हैं। लेकिन वह खुद किसके अंडर मे नहीं है।
सबसे सच्चा भगवान कौन है ? भगवान निराकार है
सच्चा भगवान कौन है ? यदि आपसे कोई यह पूछे तो एक सच्चे भगवान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह निराकार होता है। उसका कोई आकार नहीं होता है। वह किसी भी आकार मे आ सकता है। जा सकता है। लेकिन उसका खुद का कोई आकार नहीं होता है। भगवान शिव निराकार हैं। उनका खुद का कोई आकार नहीं है। आप जो शिवलिंग देखते हैं। वह भगवान शिव की शक्ति का प्रतीक है। आपको बतादें कि भगवान शिव की कोई प्रतीमा नहीं है। क्योंकि उनका कोई आकार ही नहीं है। आप जो प्रतिमा देखते हैं वह भगवान शंकर की है ना की भगवान शिव की ।
सबसे सच्चा भगवान कौन है ? भगवान जन्म और म्रत्यू से परे हैं।
जिसका जन्म हुआ है और जिसकी म्रत्यू हुई है। वह भगवान नहीं होता है। पुराणों के अंदर साफ लिखा है कि भगवान का न तो जन्म होता है और ना ही म्रत्यू होती है। भगवान इन सब चीजों से परे हैं। सबसे सच्चा भगवान कौन है ? इस प्रश्न के उत्तर मे भगवान की दूसरी सबसे बड़ी विशेषता है। इस संबंध मे हम आपको बता दें । कि हिंदु धर्म मे जो देवी देवता हैं। वे कोई परमात्मा नहीं हैं। वे सिर्फ परमात्मा के आदेश का पालन करते हैं। हिंदु धर्म मे और दूसरे धर्म के अंदर जो अवतार हुए हैं वे परमात्मा के अंश मात्र हैं। खुद परमात्मा या भगवान का जन्म नहीं होता है। परमात्मा का अंश होने की वजह से हम इनको भगवान का दर्जा देते हैं।
भगवान सर्वशक्तिमान है
आपको बतादें की भगवान शिव सर्वशक्तिशाली हैं। या कहें कि वे सबसे ज्यादा शक्तिशाली हैं। उनके बराबर किसी की शक्तियां नहीं हैं। उनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता । यहां तक की देवता भी उनकी बराबरी नहीं कर सकते । उनकी शक्तियों का कोई अंत नहीं है। मतलब भगवान चाहे जो कर सकते हैं।
सबसे सच्चा भगवान कौन है ? उसका कोई मालिक नहीं है
कहते हैं की वह खुद सबका मालिक है लेकिन उसका कोई मालिक नहीं है। मतलब दुनिया के सारे जीव जंतु यह धरती और आकाश ब्रहा्रंड और इंसान व देवता सब का वही मालिक है। लेकिन उसको नियंत्रित करने वाला आज तक न तो बना है और न ही बनेगा ।
सबसे सच्चा भगवान कौन है ? वो सर्वव्यापक है
सबसे सच्चा भगवान कौन है ? तो इसका एक उत्तर यह भी है कि जो सर्वव्यापक है वही सच्चा भगवान है। भगवान शिव सर्वव्यापक हैं। मतलब वे सब जगह पर मौजूद हैं । गलत सही सब कुछ वे देखते हैं। यदि आप सोचते हैं कि आपको गलत करता हुआ कोई नहीं देख रहा है तो आपको इस चीज को दिमाग से निकाल देना चाचिए । भगवान आपके हर काम को देखते हैं।
हर चीज को उसने बनाया लेकिन उसको किसी ने नहीं बनाया
आपके दिमाग मे यह सवाल भी आया होगा कि भगवान को किसने बनाया ? लेकिन इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं है। बस इतना मालूम है कि उसने हर चीज बनाई लेकिन उसको किसी ने नहीं बनाया । यह सबकुछ उसका बनाया हुआ है। कितनी शानदार तरीके से उसने दुनिया बनाई है। इसके अंदर हर चीज सही जगह पर है। वास्तव मे उसके समान कोई रचनाकार नहीं है।
जो सर्वगुण सपन्न है
आप कहीं पर भी चले जाएं आपको एक भी दुनिया के अंदर ऐसा आदमी नहीं मिलेगा जो सर्वगुण सपन्न हो । मतलब हर इंसान के अंदर कोई ना कोई कमी मिली ही जाएगी । लेकिन भगवान शिव ही एकमात्र इस दुनिया के अंदर हैं जो सर्वगुण सपन्न हैं।
सबसे सच्चा भगवान कौन है ? जो पूर्ण ज्ञानी है
भगवान शिव ही एक मात्र इस ब्रहा्रमांड के अंदर हैं जो पूर्ण ज्ञानी हैं। उनके समान कोई दूसरा ज्ञान सम्पन्न नहीं है। उनके ज्ञान के आगे कोई भी आज तक ना तो टिका है और ना ही टिक सकेगा। भगवान के पास इतना ज्ञान है कि उसकी कोई सीमा नहीं है। इंसान को थोड़ा सा ज्ञान का मिल गए वह उसके बूते पर उसको समझने की कोशिश करने लगा जिसके पास ज्ञान की कोई सीमा नहीं है तो क्या वह समझ पाएगा ।
सबसे सच्चा भगवान कौन है ? जिसके अंदर कोई बुराई नहीं है
दुनिया के हर इंसान को आप उठाकर देख लिजिए उसके अंदर अच्छाई भी मिलेगी लेकिन बुराई भी मिलेगी । ऐसा कोई इंसान नहीं मिलेगा जिसके अंदर सिर्फ और सिर्फ अच्छाई हो । आप पूरी दुनिया को खंगाल कर देखलिजिए आपको ऐसा कोई जीव या देवता नहीं मिलेगा जिसके अंदर सिर्फ और सिर्फ अच्छाई ही हो । मतलब जिसके अंदर कोई भी बुराई नहो वह सिर्फ भगवान शिव हैं।
जिसका कभी अंत नहीं होता
वैसे देखा जाए तो दुनिया के अंदर जो भी चीज बनी है। उसका अंत निश्चित है। इस ब्रहा्रमंड का भी अंत होगा । और इस धरती का भी अंत होगा लेकिन एक ऐसी शक्ति है जिसका अंत ना तो कभी हुआ है और ना ही कभी होगा ।और वह एक मात्र भगवान शिव हैं । भगवान उस समय से ही मौजूद हैं जिस समय कुछ नहीं था। उस समय केवल भगवान थे और भगवान ने ही कुछ बनाया है।
जो माया मोह से परे है
दुनिया के अंदर एक भी जीव ऐसा नहीं है। जो पूर्ण रूप से माया मोह से परे हो । यहां तक की भी देवता गण भी माया मोह से पूरी तरीके से मुक्त नहीं हैं। उनको भी अपनों का मोह है। लेकिन भगवान शिव को किसी का मोह नहीं है। क्योंकि वो इन चीजों से बहुत परे हैं।
सबसे सच्चा भगवान कौन है ? जो सबसे सही इंसाफ करने वाला है
आपने अदालते तो बहुत देखी होगी । लेकिन दुनिया की कोई भी अदालत कभी भी पूर्ण सही इंसाफ नहीं कर सकती । क्योंकि उसके पास इंसाफ करने की क्षमता मौजूद नहीं है। अदालतों के अंदर भी इंसान बैठते हैं जो खुद इंद्रियों के गुलाम होते हैं। वो कैसे सही इंसाफ कर पाएंगे । वास्तव मे वो जो इंसाफ करता है उसे कहीं चुनौती नहीं दी जा सकती है। और उसके जैसा कोई इंसाफ नहीं कर सकता ।
जो कोई भी गलती नहीं करता
कहते हैं कि गलतियां इंसान से होती हैं। लेकिन भगवान से नहीं । बहुत से लोग भगवान की बनाई दुनिया के अंदर कमियां ढूंढते रहते हैं। लेकिन उनको सिर्फ एक पहलू के बारे मे पता होता है। दूसरे पहलू के बारे मे वे अंजान होते हैं। भगवान शिव ही एक मात्र ऐसे हैं जो कभी कोई गलती नहीं करते ।
दोस्तों अब तक आपको समझ मे आ ही चुका होगा की सबसे सच्चा भगवान कौन है ? यह लेख आपको भगवान के सबंध मे नई दिशा देगा और आपकी सोच को बदलेगा । दोस्तों भगवान रचना का नाम है जो अच्छा करने के लिए है । बुरा करने के लिए नहीं हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि दुनिया के अंदर जो भी गलत होता है। उसका जिम्मेदार भगवान नहीं होते हैं। वरन हम खुद उसके जिम्मेदार होते हैं। यदि हम कुछ गलत करते हैं तो इसकी सजा हमे मिलती है। भले ही इसमे देर हो जाए।
सबसे सच्चा भगवान कौन है ? लेख का मकसद
दोस्तो सबसे सच्चा भगवान कौन है ? लेख लिखने का जो मैन मकसद है वह यह है कि बहुत से कुबुद्वि इंसानों को भगवान और आम जीवों के अंदर फर्क करना नहीं आता है। और वे बुरे लोगों को भी भगवान समझ बैठते हैं वे बुरे लोग भगवान का होना तो दूर भगवान का अंस भी नहीं होते हैं। उपर दी गई बातों से आप आसानी से समझ जाएंगे कि सच्चा भगवान कौन होता है।
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