बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना काफी फेमस योजना है। इस योजना की शुरूआत महिला और बाल विकास मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालए और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त परियासों की वजह से शूरू किया गया है। इस बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शूरूआत 22 जनवरी 2015 को की गई थी ।
इसको सबसे पहले निम्न लिंगानुपात वाले 100 जिलों के अंदर आरम्भ किया गया था ।100 जिलों के अंदर से एक पायलेट जिले का चयन किया गया ।
Table of Contents
बेटी पढाओ बेटी बचाओ योजना का प्रमुख उदेश्य क्या था
भारत के अंदर जनसंख्या तो तेजी से बढ़ रही है लेकिन महिलाओं की संख्या के अंदर सुधार नहीं आ रहा है। आज भी बहुत से लोग बेटी के पैदा होने को अच्छा नहीं मानते हैं। इसी वजह से हरियाणा राज्य के अंदर तो लिंगानुपात बहुत अधिक गिर गया है। 2001 की जन गणना के अनुसार 1000 लड़कों के पीछे 927 लड़कियां थी जोकि 2011 के अंदर गिर कर मात्र 919 ही रह गई। इस योजना का प्रमुख उदेश्य है। बेटी के जन्म को प्रोत्साहन देना ।
बेटियों की सुरक्षा के लिये नय कानून बनाए जा रहे हैं। इस योजना के अंदर बेटियों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिये जाने की बात भी कही गई। बेटियों के प्रति हो रहे अत्याचारों को कम किया जाएगा । और कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए भी कदम उठाए गए । ताकि महिलाओं की संख्या के अंदर इजाफा हो सके।
योजना तीन लेवल से हो रही है
पहली, राष्ट्रीय स्तर पर – नेशनल टास्क फाॅर्स सेक्रेटरी ऑफ़
दूसरी, लेवल राजकीय स्तर पर – स्टेट टास्क फाॅर्स सेक्रेटरी
तीसरी, जिला स्तर पर – डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर
बेटी पढाओ बेटी बचाओ योजना के फायदे
बेटियों की सुरक्षा
आज देस के अंदर कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है। चारो ओर रेप और बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं। इस योजना के अंदर बेटियों की सुरक्षा के लिए 50 करोड़ रूपये खर्च करने का प्रावधान किया गया ।
अलर्ट बटन सुविधा
महिलाओं को अलर्ट बटन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी जिसकी मदद से वे किसी भी प्रकार की मुश्बित होने की स्थिति के अंदर उसका प्रयोग कर सकती हैं।
जागरूकता हेतु प्रयास
इस योजना का यह भी प्रमुख उदेश्य रहा है कि लोगों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए जागरूक किया जाना जरूरी है। इसके लिए सरकारी और गैर सरकारी संगठन भी प्रयास कर रहे हैं। पोस्टर चिपकाने से लेकर दिवारो पर भी लिख रहे हैं।
एच एन मीणा एवं उनकी पत्नी डॉ हेमलता मीणा इस धर्म के काम से कई सालों से जुड़े हुए हैं। वे बिना किसी सरकारी सहयोग के अपने वेतन से पैसा खर्च करके इस काम को कर रहे हैं। सरकारी नौकरी की व्यवस्थाओं के बाद भी छूटी के समय है काम कर रहे हैं। इसके लिए वे ट्रकों पर नारे लिख वा रहे हैं वो भी ट्रक चालकों की सहमती से ।
उनका कहना है कि वे इस काम मे तब तक जुड़े रहेंगे जब तक कि लोगों की सोच के अंदर change नहीं आ जाता है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना मे कैसे जुड़ सकते हैं।
1.इस योजना के अंदर कोई भी लड़की भाग ले सकती है जिसकी उम्र 10 साल तक हो
- इस योजना के अंदर लगाए गए पैसों की वजह से इनकम टेक्स के अंदर राहत मिलेगी ।
- बैंक और पोस्ट ऑफिस के अंदर खाता खुलवाया जा सकता है।
इस योजना के लिए एप्लाई के लिए डाक्यूमेंट
- लड़की का जन्म प्रमाण पत्र
- माता पिता के पहचान पत्र
- माता पिता का पता
खाता कैसे खोला जाएगा और कितना पैसा जमा करा सकते हैं
- आप बैंक के अंदर खाता खोल सकते हैं खाते खोलने के लिए 1000 रूपये की राशी ली जाएगी और वह राशी खाते के अंदर ही रहेगी ।
- प्रतिवर्ष 100 रूपये कम से कम जमा किया जाना चाहिए । अधिकतम 150000 रूपये जमा करा सकते हैं।
- इस खाते के अंदर केवल 14 वर्ष तक पैसे जमा करा सकते हैं।
पैसे कैसे निकाल सकते हैं और फायदा
लड़की की उम्र 18 साल होने के बाद वह खुद अपने पैसे निकाल सकती है। लड़की की पढ़ाई वैगरह खर्च के लिए भी पैसे बीच मे भी निकाले जा सकते हैं। यदि हर साल इस खाते के अंदर 12000 डाले जाते हैं तो 14 वर्ष बाद आपको 6 लाख के आस पास रूपये मिलेंगे ।
आपको पता होना चाहिए कि सुकन्या सम्रद्वी योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना दोनों ही योजनाएं आपस मे जुड़ी हुई हैं जो सुकन्य सम्रद्वी योजना है। उसके सारे फायदे इस योजना के अंदर हैं। आप सुकन्या सम्रद्वि योजना के खाते की तरह ही इस योजना के अंदर भी खाता खुला सकते हैं।
This post was last modified on November 7, 2018