ghatiya logo par shayari घटिया लोगों पर शायरी ।हम आपको यहां पर दे रहे हैं। दोस्तों जीवन के अंदर कुछ लोग इस तरह के होते हैं , जोकि काफी घटिया होते हैं। तो ऐसे लोगों के लिए हम लेकर आएं हैं घटिया लोगों पर शायरी । आप अपनी पसंद के अनुसार शायरी को चुन सकते हैं। पुरी तरह से यूनिक शायरी हैं। आप उनको देख सकते हैं। ghatiya logo par shayari यदि आपको पसंद आती है। तो आपको इनको फेसबुक और दूसरे सोसल मिडिया पर शेयर करना चाहिए ।
अपने मतलब के लिए ,
बना लिया उसने संया ,
और मतलब निकल गया ,
तो बोल रही है भइया ।
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अपने फायदे के लिए ,
हमको भाई बोला उसने ,
जब काम निकल गया ,
तो कसाई बोला उसने ।
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घटियापन की भी एक हद होती है ,
मगर घटिया लोगों के लिए ,
घटियापन सबसे बड़ी इज्जत होती है।
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घटिया है वो इंसान ,
जो अपनी सच्चाई सुनने मे कतराता हो ,
अपना सच बाहर आने से घबराता हो ।
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कमी नहीं है यहां ,
घटिया इंसानों की ,
जो अपने फायदे के लिए
किसी से प्यार करते हैं ,
मगर लड़कियां भी
कद्र करती हैं ऐसे जवानों की ।
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घटिया लोगों की बस एक ही पहचान है ,
उनका भेजा कहीं ओर है ,
और घुटनों मे जान है।
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इन घटिया लोगों से जमाना परेशान है ,
मगर क्या करें आजकल तो खुदा भी ,
पता नहीं क्यों घटिया लोगों पर मेरहबान है।
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अच्छे बनकर चले जाओ ,
एक भी लड़की बात नहीं करेगी ,
घटिया से घटिया बनकर जाओ ,
ना चाहोगे फिर भी साथ करेगी ।
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जो बस लेना जानते हैं ,
देना उनको आता नहीं है ,
ऐसे घटिया लोगों से ,
हमारा कोई वास्ता नहीं है।
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जिदंगी के सफर मे ,
जिस दिन पाला पड़ गया घटिया लोगों से ,
उस दिन समझ लेना पूरा दिन ही बुरा जाएगा ।
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अगर घटिया लोगों का संग करोगे ,
तो अपने घर मे भी जंग करोगे ।
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जंग शरहद पर होती है ,
घर मे आंगन मे नहीं ,
दोस्ती इंसानों से होती है ,
घटिया जानवरों से नहीं ।
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आपके सामने मीठा बोलेंगे ,
दुश्मनों के सामने आपका भेद खोलेंगे ,
ऐसे घटिया लोगों को हम एक पल ,
भी ना झेलेंगे ।
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किसी भी हद तक गिर जाते हैं ,
जो अपने फायदे के लिए ,
घटिया लोगों को आप कभी मत ,
कहना कानून और कायदे के लिए ।
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दिल से भले ही भोले हैं हम ,
मगर घटिया लोगों के लिए सोले हैं हम ।
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कुछ लोग वक्त के साथ चल जाते हैं ,
कुछ लोग वक्त के साथ बदल जाते हैं ,
मगर घटिया लोगों की कहानी ही अलग है ,
वो हर काम मे चल जाते हैं।
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घटिया लोगों को कभी दुनिया सताती नहीं ,
और बढ़िया इंसानों की याद तो ,
भगवान को भी आती नहीं ।
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घटिया लोग निभा सकते हैं अच्छे से हर किरदार ,
क्योंकि घटियापन से ही तो बना है यह संसार ।
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कैसे करोगे तुम घटिया लोगों से सामना ,
खुदा तुम्हें ताकत दे ,
उनसे करो तुम कुछ कामना ।
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कुछ को चुगली करने का रोग होता है ,
लड़कियां घटिया लोगों का भोग होता है ,
घटियापन से बड़ा भला इस दुनिया मे
क्या जोक होता है ।
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इनको तो सांवला रंग चाहिए ,
खुद कभी नहाते नहीं ,
मगर साथी खूबसूरत इनको अपने संग चाहिए ।
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जिनको नहीं आया है ,
कभी जीने का ढंग ,
ऐसे घटिया लोग ,
बेवजह आस पास ,
करते मिल जांएगे जंग ।
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जिस दिन झूठ का नकाब हटेगा ,
उस दिन घटिया लोगों का सैलाब हटेगा ।
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लोग कहते हैं तुम
बड़े ही घटिया इंसान हो ,
हम तो सिर्फ इतना कहते हैं ,
इंसान और घटिया दो एक जगह नहीं हो सकते ।
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वैसे तो घटियापन भी एक रोग है ,
और धरती इसका सबसे बड़ा उधोग है।
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कुछ लोग काले होते हैं ,
कुछ लोग मतवाले होते हैं ,
मगर घटिया लोग तो सबसे निराले होते हैं।
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घटिया लोगों की कमी नहीं इस जमाने मे ,
जो लेग रहते हैं , हर वक्त किसी को बहकाने मे ।
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घटिया तेरी सोच ,
घटिया तेरी औकात है ,
खुद को क्या समझता है तू ,
यहां कई आए और चले गए ,
बस कुछ दिनों की बात है।
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किसी के जिस्म से खेला ,
और किसी के दिल से खेलना ,
यह बस घटिया लोगों का काम हो सकता है।
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जो उठता है ,
वो गिरता जरूर है ,
तेजी से उठने के लिए ,
तो अपना घटियापन मशहूर है।
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घटिया लोगों का कभी अपमान नहीं होता ,
क्योंकि उनके पास वैसे ही कोई सम्मान नहीं होता ।
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यह घटिया लोग पहचान नहीं पाएंगे ,
आपके दिये एहसानों को ,
आज ही निकाल फेंको अपनी
जिदंगी से इन बेईमानों को ।
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इक गिरगिट है ,
जो हमेशा रंग बदलती है ,
एक घटियागिरी है ,
जो हमेशा किसी ना किसी
रूप मे अपने संग चलती है।
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बेवजह यह जंग करेंगे ,
मरने से यह खूब डरेंगे ,
उम्मीद मत रखना ,
कि घटिया लोग शांति
स्थापित करेंगे ।
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घटिया तेरा माल है ,
फिर क्यों सवाल है ,
घटिया लोगों से दोस्ती की ,
हमें आज इस बात का मलाल है।
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जो रिश्तों की कद्र नहीं करते ,
जो आसान किसी की डगर नहीं करते ,
हम ऐसे घटिया लोगों के संग ,
कभी सफर नहीं करते ।
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मुख पर राम नाम बगल मे छूरी है ,
ऐसे घटिया लोगों से जनाब ,
दूर रहना भी जरूरी है।
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हमने सोचा तेरा और मेरा मिलना एक संयोग था ,
पर बाद मे जाकर पता चला ,
यह तो घटिया लोगों का प्रयोग था ।
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घटिया लोग नहीं ,
उनकी मानसिकता होती है ,
क्योंकि उनके मन मे
तामसिकता होती है।
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तकलीफ शरीर नहीं ,
तकलीफ तो घटिया लोग देते हैं।
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दिल के दर्द को सह न सके ,
जब अपने ही घटिया निकले ,
तो जज्बात किसी को कह न सके ।
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वह कहती थी ,
तू घटिया है ,
तेरा खानदान घटिया है ,
मगर वह तो शादी से
पहले ही किसी के साथ भाग गई ,
वाह उपदेश देना कितना बढ़िया है।
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जिनकी कोई इज्जत नहीं होती ,
ऐसे घटिया लोगों से ,
अच्छी जिंदगिया कभी बेइज्जत नहीं होती ।
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फितरत जो घटिया लोगों की पहचान लेता है ,
वह जिदंगी मे फिर कभी धोखा नहीं खाता ।
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घटिया लोगों की जिदंगी ,
भी घटिया हुआ करती है ,
जो दूसरों का बुरा करते हैं ,
अंत मे उनके नीचे खटिया हुआ करती है।
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मेरे आंसुओं की कीमत नहीं समझी उसने ,
समझती भी कैसे ,
वह तो घटिया लोगों की सरदार थी ।
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मुश्किल मे जब यह सरकार थी ,
तब घटिया लोगों की दरकार थी ।
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हम बनना नहीं चाहते थे घटिया ,
लेकिन जमाना बनने नहीं देता बढ़िया ।
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जब आती है खाने की बात ,
तो खूब खाते हैं ,
जब होता है घटिया लोगों का साथ ,
तो खूब तड़पाते हैं।
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जिनसे दूसरों का सूख चैन बर्दाश्त नहीं होता ,
ऐसे घटिया लोगों के पास कभी दिल का एहसास नहीं होता ।
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अगर करनी है नफरत ,
तो घटिया लोगों से करो ,
अगर करनी है दोस्ती ,
तो बढ़िया लोगों से करो ।
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घटिया लोगों की पहचान ,
करने का भी दम होना चाहिए ,
हम खुदा से यही गुजारिश करते हैं ,
कि घटियापन दुनिया से खत्म होना चाहिए ।
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जो मुश्बित मे काम आए ,
उसे दोस्त कहते हैं ,
जो आपकी मुश्बित को बढ़ादे ,
ऐसे घटिया लोगों को पोश्त कहते हैं।
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हम तो तेरे लिए घटिया और कमीने हैं ,
असल मे जिनको घटिया लोग नहीं पहचान सकते ,
हम वो नगीने हैं।
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बरसात तो कभी कभी आती है ,
मगर घटिया लोगों की याद ,
तो हर वक्त आती है।
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जिनकी वाणी मे ही जहर है ,
भला उनके सामने क्या नदी और नहर है ।
उनके घटियापन से बदनाम हर गली और शहर है।
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कुछ दोस्त घटिया होते हैं ,
कुछ दोस्त बढ़िया होते हैं ,
बस कुछ ही जिदंगी के तटिया होते है।
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घटिया लोग ,
अपने दोस्त के अपमान पर भी हंसेगे ,
यह दोस्तों के एहसान पर भी हंसेगे ,
ऐसे लोग एक दिन ,
कब्र मे जाकर फंसेगे।
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घटिया लोगों ने ,
भाई बहन के रिश्ते को भी मिट्टी मिला दिया ,
एक वह था ,
जिसने बंजर जमीं पर भी फूल खिला दिया ।
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वक्त मिला तो खंजर से वार करेंगे ,
वक्त नहीं मिला तो इंतजार करेंगे ,
ऐसे घटिया लोग और कुछ नहीं
बदनाम संसार करेंगें ।
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उनको अच्छे नहीं लगते ,
हंसते और खिलखिलाते चेहरे ,
वो घटिया लोग जो ठहरे ।
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गांधी ने कहा बुरा ना सुनो बहरे हो जाओ ,
गांधी ने कहा बुरा ना देखों अंधे हो जाओ ,
गांधी ने कहा बुरा ना बोलो गूंगे हो जाओ ,
हमने सब कुछ होकर देख लिया
मगर घटिया लोग फिर भी नहीं माने ।
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कुछ रिश्ते मतलबी होते हैं ,
वैसे तो घटिया सभी होते हैं ,
मगर कुछ तो घटियापन
मे भी महान कवी होते है।
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दूर से जो अच्छे लगते हैं ,
देखने मे जो सच्चे लगते हैं ,
ऐसे घटिया लोग ही होते हैं ,
जो परखने पर बहुत भदृे लगते हैं।
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यूं तो बादलों के पास भी
कहां जल है ,
निकालोगे तो घटियापन का भी हल है ,
मगर यह कलयुग है जनाब ,
घटिया लोगों के पास अब बल है।
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वह घटिया लोग ही हैं ,
जो हर किसी को जख्म देते हैं ,
अपने झूठ की रकम देते हैं ,
घटिया लोगों से कुछ भी उम्मीद मत रखना ,
वो तो सिर्फ गम देते हैं।
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ठहरा जल भी गंदा हो जाता है ,
घटिया चेहरा सामने तब आता है ,
जब घटियापन उनका धंधा हो जाता है।
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झूठ पर झूठ बोलने की आदत नहीं हमारी ,
तुम घटिया लोगों के मुंह लगो ,
इसकी इजाजत नहीं हमारी ।
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झूठ भी जिनके लिए सच हो जाता है ,
क्या कहोगे ऐसे घटिया लोगों के लिए ,
बेईमानी जिनका कवच हो जाता है।
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एक गन्दा रिश्ता जिंदगी खराब कर देता है,
और एक घटिया इंसान मौत तक का हिसाब कर देता है।
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दूसरों के घर जलाओगे ,
तो एक दिन खुद का भी जलेगा ,
करलो जितना घटियापन करना है ,
फिर कभी मौका न मिलेगा ।
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डर नहीं होता है कभी ,
घटिया लोगों को बदनामी का ,
मगर वे बदला जरूर ,
लेते हैं अपनी नाकामी का ।
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जमाने मे कुछ भी सस्ता नहीं होता ,
और जो सस्त होता है ,
उसका सही रस्ता नहीं होता ।
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दिल का भोला है , तबियत का है सादा ,
वादिये इश्क से आया है , यह घटिया प्यादा ।
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बड़ी अनोखी होती है ,
घटिया लोगों की कहानी ,
कुकर्म करने मे ही ,
उनकी बीत जाती है जवानी ।
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घटिया लोगों का ,
इस दुनिया मे अंबार है ,
मगर अच्छे लोगों को तलासे ,
तो कहां तलासे ,
वर्तमान मे घटिया यह संसार है।
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यूं तो हम हाथों मे शराब लेकर चलते हैं ,
मगर घटिया नहीं हैं हम जनाब ,
सीने मे अच्छाई की किताब लेकर चलते हैं।
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घटिया लोग तो हर जगह बदनाम करते हैं ,
क्योंकि यह कमीने हर जगह उल्टे काम करते हैं।
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एक बार किसी को बेवकूफ बनाना आसान होता है ,
मगर घटिया लोगों का हर बार बस यही काम होता है।
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घटिया लोग ,
अच्छाई को मारने की चाह रखते हैं ,
सामने आपको भाई बोलते हैं ,
और आपकी बहन पर ही गंदी निगाह रखते हैं।
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अच्छे लोगों को यह जमाना पहचान नहीं पाता ,
जब तक दर्द ए दिल नहीं मिलता ,
घटिया लोगों को भी यह जान नहीं पाता ।
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जिस दिन सीख जाओगे मौत का सामना करना ,
उसी दिन आ जाएगा , घटिया लोगों से मुकाबला करना ।
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दो हंसकर बात क्या करली ,
वो प्यार समझ बैठे ,
थोड़े से हम गरीब क्या हुए ,
वो हमे बेकार समझ बैठे ।
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कुछ फूल कांटों मे खिला करते हैं ,
कुछ फूल राहों मे मिला करते हैं ,
मगर घटिया लोग तो हर जगह ,
झूठ का सिलसिला करते हैं।
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जिस तरह से पहचान लेता है
डॉक्टर रोगों को ,
हम भी एक नजर मे पहचान ,
लेते हैं इन घटिया लोगों को ।
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डर डर कर कब तक जीओगे ,
घटिया लोगों का सामना करना सीखो ,
कब तक अपमान का जहर पीओगे ।
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घटिया लोगों पर कभी भरोसा करना नहीं ,
अगर आ जाए घटिया लोग सामने ,
तो भी डरना नहीं ।
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घटिया लोगों की हद तो देखो
भगवान को खरीदने चले थे ,
खुद बिक गए ।
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बहुत देखे हैं भगवान के नाम पर लड़ने वाले ,
मगर बहुत कम मिले हैं ,
खुद पर विजय करने वाले ।
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कोई यूं ही भगवान नहीं होता ,
सच्चाई का रस्ता कभी आसान नहीं होता ,
वो तो घटिया लोग बना देते हैं ,
वरना पैदाइशी कोई शैतान नहीं होता ।
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घटियापन का फल क्या होता है ,
समझ जाओगे ,
जिस दिन गिरो के गहरे कुए मे ,
सब समझ आ जाएगा ,
जब हार जाओगे सब कुछ जुए मे ।
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इतने बड़े समंदर का भी किनारा होता है ,
तू चिंता मतकर बुरे कर्म करने वालों का
बुरा ही नजरा होता है।
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अदालत जमानत देदेगी ,
दुनिया बस लानत देदेगी ,
मगर जिस दिन आएगी
खुदा की बारी ,
तेरी खुद की गलतियां ही
तुझे मौत भयानक देदेगी ।
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कहते हैं खुदा किसी को माफ नहीं करता ,
दूसरों को जमीन पर सुलाने वाला ,
खुद आज जमीन पर पड़ा है ,
कौन कहता है खुदा इंसाफ नहीं करता ।
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जब खुदा के दरबार मे होगा ,
घटिया लोगों के कर्मों का हिसाब ,
तब नहीं दे पाएंगे जवाब ।
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खुदा के दरबार मे देर है अंधेर नहीं ,
भले ही घटिया लोग छुट गए हैं अदालतों से
मगर खुदा के आगे उनकी खैर नहीं ।
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घटिया लोग सामने से नहीं पीछे से वार करते हैं ,
सावधान रहना तुम ऐ बंदे ,
वो सही वक्त का इंतजार करते हैं।
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जो जैसा करेगा ,
वो वैसा भरेगा ,
खुदा का बंदा है यह यार
किसी से नहीं डरेगा ।
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घटिया लोग बस ,
संसार मे अशांति फैलाते हैं ,
वे किसी को चैन से जीने नहीं देते ,
बस झूठ की भ्राति फैलाते हैं।
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यह माना नहीं है शरीफों को ,
मगर हम नहीं डरते किसी घटिया इंसान से ,
क्या ही यह बिगाड़ पाएंगे ,
हम जैसे गरीबों का ।
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कोयले कभी हीरे बन नहीं सकते ,
कितना भी समझाओ घटिया लोगों को ,
वो कभी अच्छे बन नहीं सकते ।
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सदियो से चली आ रही है ,
लड़ाई अच्छाई और बुराई की ,
न घटिया लोग मिटे ,
ना अच्छे लोग घटे ।
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शेर को भी सवा सेर मिलता है ,
तू चिंता मतकर घटिया लोगों की ,
वक्त आने दे सही ,
एक दिन इनकी चिंता पर भी ,
कूड़े का ढेर मिलता है।
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जिदंगी मे कभी घटिया लोगों का साथ देना नहीं ,
चाहे जिदंगी मे कितनी भी मुश्किल आ जाए ,
मगर घटिया लोगों का साथ कभी लेना नहीं ।
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पतझड़ मे पेड़ों के पत्ते झड़ जाते हैं ,
इन घटिया लोगों की तो बात ही क्या ,
वक्त आने पर बड़े बड़े पैरों मे पड़ जाते हैं।
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घटिया लोगों के इरादे नापाक होते हैं ,
वो इस धरती पर सबसे बड़े अभिशाप होते हैं।
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सांप कितना भी छोटा क्योंना हो
कभी काटना नहीं भूलता ,
घटिया लोगों का कितना भी साथ दो
मगर वो वक्त आने पर धोखा
देना नहीं भूलता ।
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कुछ घटिया लोगों ने दर्द दिया ,
कुछ अच्छे लोगों ने मर्ज दिया ,
और कुछ ना दे सका जमाना ,
तो उम्र भर का कर्ज दिया ।
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घटिया दिल है तेरा ,
जीवन नर्क बना दिया मेरा ,
अब भला कैसे आएगा सवेरा ।
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कोई अब पूछता नहीं है ,
हमारे दिल का हाल ,
क्योंकि घटिया लोगों
ने हमें अपनी दोस्ती से
दिया है निकाल ।
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उम्र भर बस दर्द ही दिया है ,
इस जमाने ने ,
और बचा कुचा चैन भी
छीन लिया घटिया लोगों के सताने ने ।
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एक दिन तो फंसेगी ही मछली जाल मे ,
बताएं तो बताएं क्या ,
घटिया लोग हमें छोड़ कर चले गए इस हाल मे ।
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घटिया लोग कुछ भटके हुए इंसान हैं ,
करते हैं , जो जुर्म हंस हंस कर ,
वो अभी खुदा की ताकत से अंजान हैं।
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कितना भी रहले तू महलों और बंगलों मे ,
एक दिन कब्र तेरी जरूर बनेगी जंगलों मे ।
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जो एक पल मे पूरी बोतल गटकते हैं ,
वही लोग मरने के बाद यूंही धरती पर भटकते हैं।
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न धन मिला न राम मिला ,
घटिया के संग हर रिश्ता बेईमान मिला ।
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शरीफ शराफत की वजह से चुप रहते हैं ,
और घटिया लोग समझते हैं डर गया ।
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धोखा देना फितरत है , घटिया लोगों की ,
उनको रास ही आती है ,
यह दुनिया भोगों की ।
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कुछ नोट दीवारों मे चिना दिये ,
कुछ नोट जमीं मे दबा दिये ,
इस तरह घटिया लोगों ने
अपने उपर सारे कलंक हटा दिये ।
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घटिया लोगों से कभी दिल लगाना नहीं ,
अच्छे लोगों को कभी सताना नहीं ।
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दोस्त समझकर जिसको दिल की बात बताई थी ,
उसने ही हमारी दुनिया बिखराई थी ।
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घटिया लोगों ने जिदंगी को जहर बना दिया ,
कौन सुनता है जनाब अच्छे लोगों की ,
अच्छे लोगों ने भी मुहब्ब्त का शहर बना दिया ।
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घटिया लोगों का एक ही रंग है ,
मत करना एतबार उनपर कभी ,
धोखा देना उनका संग है।
————————–
घटिया लोगों ने जहर दिया ,
फिर भी जिंदा रहा ,
उनको लाख समझाने की कोशिश की ,
मगर परिंदा तो परिंदा रहा ।
————————–
वक्त आने पर घटिया लोग ,
अपनी औकात दिखाते हैं ,
तुम्हें बहलाने फुसलाने के लिए
ही तो वो अपने जज्बात दिखाते हैं।
————————–
जो आज थे ,वो कल
खो जाएंगे ।
वक्त आने पर घटिया लोग भी ,
आराम की नींद सो जाएंगे ।
————————–
दूसरों को झूठे ख़्वाब दिखा कर,
एक बोतल शराब दिखाकर ,
घटिया लोगों ने हमें
अच्छी तरह लुटा दोस्त बताकर ।
————————–
जो बीच मझदार में ही छोड़ जाते है ,
ऐसे घटिया लोग भला कहां से आते है।
————————–
घटिया लोग जिदंगी को जख्म देते हैं ,
ओढ कर झूंठ का पुलिंदा यह
ख्याली रकम देते हैं।
————————–
हमने जिसको दोस्त समझा ,
उसने हमे ही धोखा दिया ।
————————–
रस्ता बना ही होता है ,चलने के लिए ,
आग मे लकड़ी डाली जाती है जलने के लिए ,
घटिया लोग होते हैं , दूसरों को छलने के लिए ।
————————–
इश्क हो गया था हमे नौकरानी से ,
मगर सीख लेकर रूक गए ,
घटिया लोगों की कहानी से ।
————————–
तेरे संग दो पल बिता लेंगे तो क्या होगा ,
तुझे कुछ पल हंसा लेंगे तो क्या होगा ,
ऐसी मीठी मीठी बातें करके
घटिया लोग तुझे फंसा लेंगे तो क्या होगा ।
————————–
जो कहते थे तू चले तो बहार आ जाए,
आजकल वो घटिया लोग ,
देखकर मुझे छुप जाते हैं।
————————–
मिले थे जब दो बार चार बातें हुए ,
दिल हम उनसे लगा बैठे ,
हमे क्या पता था वो घटिया निकलेंगे ,
आज खुद की जिदंगी नर्क बना बैठे ।
————————–
घटिया लोगों के लिए ,
वह तोड़कर सारे बंधन आ जाएगी ,
मगर एक दिन अक्ल उसको
जरूर आएगी ।
————————–
रस्तों मे देरी हम करते नहीं ,
घटियापन से कभी हम डरते नहीं ,
हमे ही ठिकाने लगा देते ,
यह घटिया लोग अगर हम कुछ करते नहीं ।
————————–
बेमौसम बरसात का होना अच्छा नहीं होता ,
घटिया लोगों से किया गया प्यार ,
कभी भी सच्चा नहीं होता ।
————————–
यूं तो मौसम है सावन का ,
मगर फिर भी घटिया लोग ,
रोल अदा कर रहे हैं रावन का ।
————————–
बार बार मरने से अच्छा है ,
बस एक बार मर जाएं ,
घटिया लोगों को कुछ नहीं देगे हम ,
भले ही सब कुछ गरीबों के नाम कर जाएं।
————————–
भले ही जमाने को गरूर है ,
तेरी जवानी पर ,
मगर कौन यकीन करेगा ,
तेरे जीवन की घटिया
कहानी पर ।
————————–
कुछ लोग वक्त के साथ ,
इतिहास बन जाते हैं ,
कुछ लोग दिलों का ,
एहसास बन जाते हैं ,
यह कलयुग है जनाब ,
यहां दो हंसकर बात करने वाले
घटिया लोग भी खास बन जाते हैं।
————————–
घटिया लोगों की सबसे बड़ी पहचान ,
मुख मे राम बगल मे छूरी ,
ऐसे घटिया लोगों से बना लेना दूरी ।
————————–
जमाने को घटिया लोगों के बिना ,
चैन भी मिलता नहीं ,
याद रखना अच्छाई का फूल
कभी बिना बुराई के खिलता नहीं ।
————————–
तेरे घटियापन ने,
लुट लिया मेरी इस जमीं को ,
अब तेरे घटिया दोस्त ,
भी पूरी नहीं कर पाएंगे तेरी कमी हो ।
————————–
घटिया लोगों से कभी ,
इज्जत मत मांग लेना ,
अगर समाने आएं घटिया लोग ,
तो जरा हाथ मे डांग लेना ।
————————–
मौसम की खुमारी है ,
बेचारी इश्क की मारी है ,
यह भी घटिया लोगों के
चक्कर मे फंस गई थी ,
तभी यह आज तक कंवारी है।
————————–
एक घटिया इंसान सब पर भारी है ,
दम नहीं है किसी मे उससे लड़ने का ,
सबने गुफा मे बंद होकर रात गुजारी है।
————————–
आत्मा कभी मरती नहीं ,
बुराई कभी आत्मा पर वार करती नहीं ,
यूं डर डर कर रहने से जिदंगी गुरती नहीं ।
————————–
घटिया लोग चंदन पर लिपेट सांप की तरह होते हैं ,
जो हमेशा फायदे वाली चीजों को पसंद करते हैं।
————————–
वो खुश हुआ जब मेरी जिदंगी बरबाद करके ,
लेकिन हम तो मर जाएंगे ,
मगर वो भी खुश नहीं रह पाएगा अपनी जिदंगी आबाद करके ।
————————–
मरने का वक्त पहले से तय होता है ,
फिर भी हम लड़ते नहीं घटिया लोगों से,
क्योंकि हमें फिर भी मरने का भय होता है।
————————–
घटिया लोगों को कभी ,
अपने दिल का बात बताना नहीं ,
और अच्छे लोगों को कभी सताना नहीं ।
————————–
घटिया लोगों का कोई उसूल नहीं होता ,
जो घटिया लोगों को अच्छाई का रस्ता
बतादे ऐसा कोई स्कूल नहीं होता ।
————————–
माफ उनको करो जो माफी के लायक हो ,
दुनिया सो साफ उनको करो ,
जो घटियापन के नायक हों ।
————————–
हजार घटिया लोगों से दोस्ती करने से अच्छा है ,
किसी से दोस्ती ही ना करो ।
————————–
खुदा की लिखी किस्मत को बदल नहीं सकता ,
बगैर खुदा की मर्जी के ,
यहां कुछ भी चल नहीं सकता ।
————————–
जो उठे हुए को गिरादे ,
उसे शैतान कहते हैं ,
जो गिरे हुए को उठा दे ,
उसे भगवान कहते हैं ,
जो हर किसी की मदद करे ,
उसे इंसान कहते हैं।
————————–
एक घटिया इंसान ने एक बार कहा ,
लायक तो नहीं हैं हम दोस्ती के ,
मगर स्वामी जरूर हैं जबरदस्ती के ।
————————–
सदा रहों अपने अंदर की मस्ती मे ,
घटिया लोग नहीं आ सकते हैं ,
उस बस्ती मे ।
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गुनाहगारों का हिसाब तो खुदा करेगा ,
चिंता मतकरो तुम ,
एक दिन जरूर इन घटिया लोगों को
इस दुनिया से जुदा करेगा ।
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बहुत होते हैं पीठ पीछे वार करने वाले ,
कम ही मिलते हैं ,
गले लगाकर प्यार करने वाले ।
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आया है तू
घटिया लोगों के लिए सात समंदर पार करके ,
अब तक तो तू थक गया होगा उनका इंतजार करके ।
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गिरे हुए इंसान को कोई यहां उठाता नहीं ,
बदसूरतों को यहां पर कोई चाहता नहीं ,
घटिया लोगों को हर कोई अपना बनाएगा ,
पर अच्छों को यहां कोई अपनाता नहीं ।
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इतना भी मजबूर ना करो किसी को ,
कि उसे हथियार उठाना पड़े ,
फिर उसे घटिया लोगों का खून बहाना पड़े ।
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मरे हुए लोगों से
ज्यादा खतरनाक जिंदा लोग होते हैं ,
इन इंसानों के दिमाग मे ,
वैसे भी लाखों रोग होते हैं।
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घटिया लोगों का घटिया किरदार है ,
फिर भी पता नहीं क्यों लोगों को ,
इस घटियापन से बहुत प्यार है।
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जिस्म को सब लुटना चाहते हैं ,
साथ निभाना कोई नहीं चाहता ,
भला घटिया लोगों को इससे
ज्यादा क्या आता ।
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हर वक्त बदलता है घटिया लोगों का किरदार ,
उनके लिए बस लुटने का साधन है यह संसार ।
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दुश्मन और दोस्त को हम समझ नही पाए ,
दुश्मनों ने हमें धोखा दिया और दोस्त हमें बचा नहीं पाए ।
————————–
अगर सोच घटिया है ,
तो नजरे भी धोखा देंगी ,
अगर सोच अच्छी अच्छी है ,
तो जिदंगी भी हर मौका देगी ।
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आंखें भी खराब हैं ,
मौसम भी बेताब है ,
आजकल मिलता ,
कइयों को घटियापन का खिताब है।
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जो खुदा का बंदा है ,
उसे जन्नत नसीब होगी ,
मगर जो घटिया इंसान है ,
मौत उसके करीब होगी ।
————————–
उठती हैं लहर समंदर मे ,
बेईमानी होती है घटिया लोगों के अंदर मे ।
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बहुत कम होते हैं किस्मत को बदलने वाले ,
मगर बहुत होते हैं खुदा पर सवाल करने वाले ।
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हादसे का शिकार हुए हम थे ,
घटिया लोगों की वजह से ,
लाचार हुए हम थे ।
————————–
कुछ लोगों को दिखता है भारत तिरंगे मे ,
मगर घटिया लोगों को पता नहीं ,
क्यों मजा आता है दंगे ।
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जो दूसरों मे अच्छाई खोजते हैं ,
वो पहले अपने अंदर झांक कर देखलें ।
————————–
कुछ लोग कमीने होते हैं ,
कुछ लोग हसीने होते हैं ,
मगर घटिया लोग तो
खास तरह के रंगीले होते हैं।
————————–
उसूल नहीं होता कभी भी बेईमानों का ,
पता नहीं खुदा ने कैसे उनको दर्जा देदिया इंसानों ।
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घटिया लोगों को दूसरों को बेवकूफ बनाना अच्छे से आता है ,
इनको पैसे वाला इंसान बहुत भाता है।
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घटिया लोगों को नफरत होती है अच्छाई से ,
यह तो सदा दूर भागते हैं सदा सच्चाई से ।
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एक दिन इस दुनिया मे सबको मरना है ,
वैसे भी घटिया लोगों के बीच क्या करना है।
————————–
दोस्ती करो तो अच्छाई से करो ,
नफरत करो तो बुराई से करो ,
अगर प्यार करना ही तो सच्चाई से करो ।
————————–
घटिया लोग अपनी पहचान छुपाते हैं ,
अच्छे लोग बस नाम कमाते हैं।
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घटिया लोगों को डर नहीं लगता बदनामी से ,
क्योंकि उनका रिश्ता होता है बेईमानी से ।
————————–
वक्त सब कुछ सीखा देता है ,
घटिया से घटिया लोगों को
यह उनकी औकात बता देता है।
————————–
गलतियां उन्होंने लाखों की ,
फिर भी हमने उनको अपनाया ,
मगर उन्होंने हमारे ही दिल को दुखाया ।
————————–
वो हमें गलत समझ बैठे ,
घटिया हम नहीं थे कि दिल तोड़ देते ,
हम उनमे से नहीं थे ,
जो राहों मे छोड़ देते ।
————————–
समंदर का पानी तो खारा होता है ,
दूर से भले ही वह बहुत प्यारा होता है।
————————–
आसान नहीं होता घटिया लोगों की पहचान करना ,
इसलिए आज तक नहीं सीख पाए हम ,
उनका काम तमाम करना ।
————————–
हम अपनी दुनिया मे मस्त थे ,
घटिया लोग हमको देखकर त्रस्त थे ।
————————–
बारिश हुई तो मेरा रेत का महल ढह गया ,
घटिया लोगों से कभी दोस्ती मत करना ,
खुदा भी मेरे कान मे चुपके से कह गया ।
————————–
खुदा ने घटिया लोगों को बनाया ही क्यों था ,
धोखा ही देना था ,
तो प्यार के नाम पर सताया ही क्यों था ।
————————–
घटिया लोगों ने मेरी जिदंगी को खराब कर दिया ,
मगर इन्होंने मुझे ही नहीं ,
वरन पूरे जमाने को ही बरबाद कर दिया ।
————————–
आएं हैं हम मौसम का हाल जानने ,
और घटिया लोग लगे हमें अपना मानने ।
————————–
घटिया लोगों के चक्कर मे तू दिल को दुखी ना कर ,
कि तेरे से ही उसको जलन होने लगे ,
किसी को तू इतना भी सूखी ना कर ।
————————–
आसमान मे तारे जितने हैं ,
घटिया लोग धरती पर उतने हैं ।
————————–
एक दिन सूरज सबका डूबता है ,
आखिर जो घटिया राहों पर चलता है ,
कांटा एक दिन उनको जरूर चूभता है।
————————–
वो आए थे हमारा दिल दुखाने के लिए ,
हम तो वो पेड़ थे ,
जो बने ही थे सूखाने के लिए ।
————————–
हमारी किश्ती वहां डूबी जंहा पानी कम था ,
कुछ अपने घटिया लोगो ने हमको लूटा ,
वरना गैरों मे कहां इतना दम था ।
————————–
छोड़ी थी जब हमने घटियाबाजी ,
तब से जमाना हमसे हो गया था राजी ।
————————–
समझदारी की बात समझदार करते हैं ,
घटिया लोग भला कहां किसी से प्यार करते हैं।
————————–
कुछ लोग हवाओं की तरह चलते हैं ,
कुछ लोग अदाओं की तरह चलते हैं ,
और घटिया लोग झूठी फिजाओं की तरह चलते हैं।
————————–
मार डाला बेईमानों को ,
उनकी बेईमानी ने ,
सब कुछ लूट लिया
उनका इस जवानी ने ।
————————–
कहते हैं गद्दार को गदृारी मारती है ,
अच्छाई ही है जो सबको तारती है।
————————–
घटियापन मे जो मशहूर हैं ,
वो ही आजकल हर किसी के हूर हैं।
————————–
अगर जिदंगी बदलनी है तो अच्छाई का साथ दो ,
अगर बचना है धोखे से ,
तो घटिया लोगों को ना अपने दिल की बात दो।
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मौसम हुआ घटिया लोगों के आने का ,
वह सोच रही थी उनसे दिल लगाने का ,
मौत अंजाम हुआ ऐसे लोगों को चाहने का ।
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हथियारों से तो बैंको को लूटा जाता है ,
घटिया लोग तो बस बातों से लूट लेते हैं।
————————–
घटिया लोगों की इस दुनिया मे कमी नहीं है ,
यह ऐसे लोग हैं , जिनके उपर आसमां तो है ,
मगर पैरों मे जमीं नहीं है।
————————–
सच्चाई हमेशा कड़वी होती है ,
कुछ घटिया लोगों से यह दुनिया भड़वी होती है ,
————————–
ईमानदारी की तो भीख भी अच्छी ,
मगर घटिया लोगों की दी ,
सीख भी कच्ची है।
————————–
घटिया लोग नहीं चूकते हैं रिश्ते तार तार करने से ,
उनको फर्क नहीं पड़ता है। गंदा यह संसार करने से ।
————————–
ओढ़ लिया है झूठ का नकाब ,
और हाथ मे है शराब ,
और पूछ रहे हैं उनके अंदर
क्या है खराब ।
————————–
शराबी को शराब चाहिए ,
ख्वाबी को ख्वाब चाहिए ,
तू हमारा साथ देगी या नहीं ,
हमें आज ही जवाब चाहिए ।
————————–
हम हमें छोड़ गई घटिया समझकर ,
वो ही उनको छोड़कर चले गए ,
जिनसे उसने दिल लगाया था बढ़िया समझकर ।
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आपको पाना हमारा ख्वाब था ,
आपके लिए यह दिल बेताब था ,
मगर बेवफाई घटिया लोगों का जवाब था ।
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घटिया लोगों से तुम जरा दूर रहा करो ,
जो समस्या हो उसे अच्छे लोगों से कहा करो ।
————————–
हमको क्यों झूठे ख्वाब दिखाए तुमने ,
अगर घटियापन ही दिखाना था ,
तो क्यों बेकार के सबाब दिखाए तुमने ।
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कुछ को लगता है ,
जिदंगी का मजा तो घटिया लोगों के संग जीने मे है ,
मगर उनको क्या पता कितना मजा ,
थोड़े थोड़े जहर को पीने मे है।
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आज घटिया लोगों ने सीने मे आग लगाई है ,
हम तो उनके लिए दूसरे थे ,
मगर उन्होंनेेें तो अपनो की जिदंगी भी खूब तड़पाई है।
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शराब की दुकानों पर नाम मशहूर है हमारा ,
फिर भी एक उसूल जरूर है हमारा ।
————————–
घटिया लोगों ने इश्क को बदनाम करके रख दिया ,
बेचारे प्रेमियों का जीना हराम करके रख दिया ।
————————–
घटिया लोगों को जो मिलता है ,
वही रख लेते हैं ,
यह कमीने हैं साले ,
हर किसी को ठग लेते हैं।
————————–
अगर मौका मिलेगा तो हम भी तुझे बतादेंगे ,
जिदंगी कैसे जी जाती है , तुझे सीखा देंगे ।
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प्यार कुछ नहीं बेटा नजरों का धोखा है ,
अगर बदनाम होना है ,
तो जा घटिया लोगों से प्यार करले तुझे किसने रोका है।
————————–
चेहरे पर अब वो मुस्कान न थी ,
शरीर मे अब वो जान न थी ,
हमे समझ नहीं आया हम घटिया कैसे हो गए ,
घटिया लोगों से हमारी कभी पहचान न थी ।
————————–
अब वजह नहीं है हमारे पास मुस्कुराने की ,
ऐसी सजा हमे मिली है ,
घटिया लोगों को चाहने की ।
————————–
सूरज के सामने कभी अंधकार होता नहीं ,
जिसे घटियापन की समझ है ,
उसे कभी घटिया लोगों से प्यार होता नहीं ।
————————–
हमे गम नहीं है तेरे ना होने का ,
और कोई दुख भी नहीं है ,
तेरे जैसे घटिया को खोने का ।
————————–
जो रोटी के दो टुकड़ों मे बिक जाते हैं ,
वो हमें ईमानदारी सीखा रहे हैं ,
जीना किस तरह से है ,
अब वो हमें बता रहे हैं।
————————–
बरबाद मत करना कभी अपना समय
घटिया लोगों के चक्कर मे ,
वरना जैलेस्की की तरह ,
घुपे मिलोगे बंकर मे ।
————————–
सब कुछ बरबाद हो जाता है ,
सूरज और चंद्रमा की टक्कर मे ,
फिर भी तुम पड़े हुए हो ,
घटिया लोगों के चक्कर मे ।
————————–
कुछ पागल सड़क पर मिलेंगे ,
कुछ पागल कड़क पर मिलेंगे ,
मगर जो भी मिलेंगे वो तुझे छलेंगे ।
————————–
मेरी लाश पर पांव रखकर ,
वो यूं ही आगे गुजर गए ,
हमें लगा था ,
घटियापन छोड़कर वो सुधर गए ।
————————–
शूरूआत मे बहुत मीठे लगते हैं वो ,
मगर वक्त बीत जाने पर बहुत फीके लगते हैं वो।
————————–
घटिया लोगों से धोखा खाकर भी हम सीख ना सके ,
जब फिर से सीने मे चाकू चला तो हम चीख ना सके ।
————————–
अपने मतलब के लिए बदल गया है ,
साथ जीने मरने की कसमे खाने वाला ,
आज हमें छोड़कर चल गया वह ।
————————–
आजकल उनको सुनाई नहीं देता ,
आंखों से उनको दिखाई नहीं देता ,
यही घटियापन है बेटा ,
जो बड़ो बड़ों को मलाई नहीं देता ।
————————–
जिसके लिए घर छोड़कर भाग आए थे हम ,
आज चुपके से कब्र मे दफनाए थे हमे ।
————————–
वैसे पैसे से तो वो खूब अमीर थे ,
मगर घटिया उनके जमीर थे ।
————————–
कभी दोस्ती मत करना मतलबी लोगों से ,
वरना छूटकारा नहीं मिलेगा जिदंगी भर रोगों से ।
————————–
शरीफ इंसान शराफत से चुप रहता है ,
वरना हथियार तो वह भी उठाना जानता है।
————————–
क्या भरोसा करें हम गैरों के प्यार पर ,
यह तो हंसते फिर रहे हैं सारे संसार पर ।
————————–
आज मार दिया बुराई ने अच्छाई को ,
हमने भी इग्नोर कर दिया इस तन्हाई को ।
————————–
घटिया जिनकी सोच है ,
उनसे लुटता हर कोई रोज है।
————————–
इस दुनिया को जरूरत नहीं है ,
घटियापन के अंधेरे की ,
यहां तो जरूरत है प्रकाश के सवेरे की ।
————————–
कुछ लोग लड़कियों को इस्तेमाल करके छोड़ देते हैं ,
और लड़कियां फिर उन्हीं से नाता जोड़ लेती हैं।
————————–
यूं तो घटियापन की कोई परिभाषा नहीं होती ,
घटियापन तो वह है ,
जंहा पर कोई आसा नहीं होती ।
————————–
घटिया लोगों को कभी अच्छाई रास नहीं आती ,
आजकल की लड़कियां अच्छे लोगों के कभी पास नहीं आती ।
जिनके दिलों मे जान नहीं होती ,
ऐसी घटिया जिदंगी कभी महान नहीं होती ।
————————–
घटिया लोगों से खुद की पहचान छुपानी पड़ती है ,
कुछ झूंठी बातें उनको बतानी पड़ती हैं।
————————–
घटिया लोगों का तुम जितना सम्मान करोगे ,
वो तुम्हारा उतना ही अपमान करेंगे ।
————————–
घटिया लोगों को दर्द नहीं होता कभी गालियों से ,
वो तो बस खेल चुके होते हैं ,बालियों से ।
————————–
आसमान से टूट कर एक तारा गिरा था ,
मगर घटिया लोग क्या जानें ,
वह आंसू हमारा गिरा था ।
————————–
घटिया लोगों के सामने कभी इंसानियत
की बात मत करना ,
उन कमीनों के पीछे कभी
अपनी जिदंगी बरबाद मत करना ।
————————–
किसी का जिस्म लूट लेते हैं ,
किसी की दुनिया लूट लेते हैं ,
यह तो घटिया लोग हैं जनाब ,
हर किसी को कूट लेते हैं।
————————–
नफ़रत की एक बूंद ही सारा,
माहौल बदनुमा कर गई ,
घटिया लोगों की जिदंगी ,
गम का नगमा कर गई ।
————————–
जहरीला पानी पीओगे तो मर जाओगे ,
अगर घटिया लोगों का साथ करोगे ,
तो खुद को बरबाद कर जाओगे ।
————————–
घटिया लोगों का बुरा अंदाज होता है ,
बस खुदा के पास ही घटिया लोगों का इलाज होता है।
————————–
घटिया लोगों के तो कई नकाब होते हैं ,
मगर उनके पास हर समस्या के जवाब होते हैं।
————————–
घटिया लोग तो शुरूआत में मीठे होते हैं ,
बीच मे कुछ खट्टे होते हैं ,
अंत मे यह बम की तरह फटे होते हैं।
————————–
गिरे हुए लोग बस गिराना जानते हैं ,
घटिया लोगों से होता कुछ नहीं ,
यह तो बस सताना जानते हैं।
————————–
अपनी आदत नहीं है , किसी को दुख देने की ,
झूठ ही क्यों बोलते हो ,
अगर औकात ही नहीं है सुख देने की ।
————————–
एक गंदा रिश्ता जिदंगी खराब कर देता है ,
एक घटिया प्यार पहली बार ,
सबको बेताब कर देता है।
————————–
इश्क हमने भी किया था ,
इश्क तुमने भी किया था ,
मगर बदनाम हम हुए ,
इन घटिया लोगों से दिल लगाकर ,
काम तमाम हम हुए ।
————————–
धीरे धीेरे वो हमसे नाराज रहने लगे ,
कुछ नहीं दिखा तो हमें बेवफा कहने लगे ,
फिर हमें पता चला वो तो घटिया लोगों के संग रहने लगे ।
————————–
वक्त आने पर पौधा फल जरूर देता है ,
अगर खुदा से दिल से मांगते हो ,
तो खुदा हल जरूर देता है।
————————–
कब तक तू खुद को बचाता रहेगा ,
कब तक तू हमें यूं ही सताता रहेगा ,
भले ही तू नहीं मानना ,
मगर यह शायर तुझे घटिया लोगों की
दोस्ती के बारे मे फिर भी बताता रहेगा ।
————————–
कब तक अपना राज छुपाएगा तू ,
ऐ कमीने कितनों को सताएगा तू ,
जिस दिन सामना होगा तेरा खुदा से ,
अपने कर्मो का राज खुद बताएगा तू ।
————————–
हमारी कहानी मे कोई किरदार न था ,
इस रूखे जीवन मे कभी कोई प्यार न था ,
घटिया लोगों से धोखा खाने के बाद ,
अब हमे किसी पर एतबार न था ।
————————–
घटिया तेरा लिबास है ,
तू धोखा देगी सबको हमें विश्वास है।
————————–
घटिया लोग आपके मुंह पर आपका नाम जपेंगे ,
मगर आपके पीठ पीछे खूब गाली बकेंगे।
————————–
घटिया इंसान घटिया सोच से होता है ,
मरकर प्रेत इंसान पापों के बोझ से होता है।
————————–
घटिया लोग अपने आप को उठाने के लिए ,
हमें गिरा देते हैं ,
और हम दूसरों को उठाने के लिए ,
खुदा को गिरा देते हैं।
————————–
अगर मजबूर हो तो ,
फायदा उठाने हर कोई आएगा ,
अगर मशहूर हो ,
तो बचाने हर कोई आएगा ।
————————–
डूबते हुए नाविकों को ,
कोई किनारा नहीं देगा ,
गिरते हुए इंसान को ,
को कोई सहारा नहीं देगा ।
————————–
घटियां आंखों के इशारों ने ,
दिल लूट लिया कंवारों ने ,
बहुत समय बाद समझ आया ,
हमें ही बरबाद कर दिया इन नजरों ने ।
————————–
घटिया लोग कभी महकते फूल हो नहीं सकते ,
घटिया लोग तो वो हैं ,
जो अपने आप कूल हो नहीं सकते ।
————————–
जो कभी हमें नीचे गिराकर हमारे उपर खड़ा था ,
आज देखे हमने उसको ,
वह यूं ही रोड़ पर मरा पड़ा था ।
————————–
मां बाप को दुखी करके कोई खुश रह नहीं सकता ,
मगर घटिया लोगों के बारे मे मैं कुछ कह नहीं सकता ।
चाहे ओढ़ ले लाख लिबाज़ इज़्ज़तदार
मगर वो फिर भी रोगी होते हैं घटियापन की बीमारी के ।
————————–
मौसम तो यूँ ही बदनाम है जनाब,
रंग बदलना तो घटिया लोगों को आता है।
————————–
भटक रहे थे जब हम रेगिस्तान मे ,
तब तक घटिया लोग हमें ,
दफना चुके थे श्मसान मे ।
————————–
न कोई खुदा उसका न कोई भगवान होता है,
बस घटिया लोग ही कलयुग मे महान होता है।
यूं तो घटिया लोगो ने हमे गम दिया हर बार ,
फिर भी बसाया हमने अपना संसार ।
————————–
आत्मा को कभी मारा नहीं जाता ,
तुम कितनी भी कोशिश करलो ,
घटिया लोगों का जीवन कभी संवारा नहीं जाता है।
————————–
अगर तारिफ सुननी है ,
तो घटिया लोगों के पास जाओ ,
अगर सचाई सुननी है ,
तो बढ़िया लोगों के पास जाओ ।
————————–
आजकल तो दिल भी दगा दे जाता है ,
घटिया लोगों की तो बात ही क्या है ।
————————–
घटिया लोग तो सीधे दिल पर वार करते हैं ,
और हम कमीने हैं ,
जो उनके वार का इंतजार करते हैं।
————————–
घटिया मेरी पहचान है ,
झूठी मेरी शान है ,
फिर भी हर लड़की
पता नहीं क्यूं मुझपर कुर्बान है।
————————–
हर घर की एक कहानी होती है ,
हर बूढ़े की एक जवानी होती है ,
मगर घटिया गिरी तो सदियों पुरानी होती है।
————————–
दिल कहता है ,
घटिया लोगों से दोस्ती करले तू ,
मेरा भी बेड़ा पार हो जाएगा ,
उस हसीन कली के संग आंहे भरले तू ।
————————–
परेशान हो रहे हैं , सब राही ,
इन घटिया लोगों ने मचा रखी है तबाही ।
————————–
————————–
यूं तो हर मर्ज की दवा होती है ,
मगर घटिया पन पास से गुजर जाए ,
और पता ना चले ऐसी हवा होती है।
————————–
अगर रहना है घटिया लोगों के संग ,
तो यह जहर भी पीना पड़ेगा ,
क्या उम्मीद करते हो तुम उनसे साथ की ,
कोई साथ नहीं देगा तुम्हारा अकेले ही जीना पड़ेगा ।
————————–
जब घटिया लोगों से मिलोगे ,
तो दुनिया की समझ आएगी ,
जब बढ़िया लोगों से मिलोगे ,
तो जिदंगी दंग रह जाएगी ।
————————–
ख्वाहिश थी आसमान मे उड़ने की ,
मगर घटिया लोगों ने जिदंगी नर्क बना दी ।
————————–
जिस दिन चेहरे से झूठ का नकाब उतारा जाएगा ,
तब तुम्हें आग के सोलों पर से गुजारा जाएगा ।
————————–
कुछ लोग चुगलखोर होते हैं ,
कुछ लोग रहामखोर होते हैं ,
और घटिया लोग तो इनसे भी
बड़े चोर होते हैं।
————————–
हर किरदार को निभा लेंगे वो ,
वह किसी को चाह लेंगे वो ,
उनके बस मे नहीं है ,
वरना खुदा को भी सता लेंगे वो ।
————————–
वक्त सबको उसकी औकात बता देता है ,
इन घटिया लोगों को भी यह वक्त ,
ढंग से जीना सीखा देता है।
————————–
घटिया लोग दुनिया मे कभी कमाल कर नहीं सकते ,
दूसरों से पूछते हैं हजारों सवाल ,
खुद से कभी यह सवाल कर नहीं सकते ।
————————–
क्या मिला तुझे मेरी जिदंगी बरबाद करके ,
तू भी एक दिन कर्म फल भोगेगा ,
खुश नहीं रह पाएगा अपनी दुनिया आबाद करके ।
————————–
ज्यादा मीठा खाओगे तो शूगर हो जाएगा ,
मत करना दोस्ती घटिया लोगों से ,
वरना जीना दूबर हो जाएगा ।
————————–
दिल कहता है तुझे तेरे कर्मों पे छोड़ दूं,
तू है ही इतना घटिया ,
चल खुदा से तेरा रिश्ता जोड़ दूं ।
————————–
मरे हुए लोगों से ज्यादा खतरनाक
तो जिंदा लोग होते हैं ।
————————–
घटियापन की बीमारी का कोई इलाज नहीं होता ,
ऐसे लोगों के पास जीने का अच्छा अंदाज नहीं होता ।
————————–
जब रम जाता है घटियापन सांसों मे ,
तब लिखा जाता है यह इतिहासो मे ।
————————–
घटिया लोग तो भगवान मे भी कमियां ढूंढ लेते हैं ,
मगर वे यह नहीं देखते कि वो खुद कितने पानी मे हैं।
————————–
खुद की गलतियों को छुपाते हैं ,
दूसरों की गलतियों को बताते हैं ,
यही घटिया लोग कहलाते हैं।
————————–
सांप भी मर जाए ,
लाठी भी ना टूटे ,
घटिया लोगों का साथ इसी तरह से छूटे ।
————————–
जिनको जीने के लिए ,
समंदर का किनारा दिया हमने ,
हमारे पास जो कुछ था ,
सारा दिया हमने ,
अब वो घटिया लोग ,
कह रहे हैं। तुमने क्या दिया था ।
————————–
घटिया कभी हम जिदंगी मे बनेंगे नहीं ,
और अच्छे लोगों के खून से ,
कभी अपना हाथ रंगेंगे नहीं ।
————————–
मौत आ रही है ,
तो आ जाने दे ,
घटिया लोगों के संग जीने से
मरना बेहतर है।
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