28 प्रकार का होता है नरक जानिए पूरी स्टोरी

नर्क कितने प्रकार के होते है- हमारे प्राचीन शास्त्रों के अंदर नरक के कई प्रकार types of narak in hindi  बताये गये हैं।‌‌‌ ‌‌‌‌‌‌यहां नरक की सजा या नरक की यातना के बारे मे भी विचार करेंगे। ‌‌‌विष्णू पूराण के अंदर नरक [narak]  के 28 प्रकारों का उल्लेख मिलता है। धर्म ‌‌‌ग्रंथों के अंदर इस बात का उल्लेख मिलता है कि जो  व्यक्ति बुरे कर्म करता है। उसे मरने के आद नरक [narak] के अंदर जाना पड़ता है। ‌‌‌जहां तक इस बात के सच होने का प्रश्न है तो इस संबंध मे मेरा यह मानना है कि होना हो दुनिया के हर धर्म के अंदर इस बात का उल्लेख मिलता है।  

कुछ लोग भी स्वर्ग और नरक को एक कल्पना मानते हैं। लेकिन यदि हम हिंदु शास्त्रों की बात करें तो मरने के बाद इंसान की आत्मा की दो प्रकार की गति होती है। जिसमे से एक को गति कहा जाता है तो दूसरी को अगति के नाम से जाना जाता है।‌‌‌जबकि अगति को चार भागों के अंदर बांटा गया है।1.क्षिणोदर्क, 2.भूमोदर्क, 3. अगति और 4.दुर्गति ।और इसके बाद गति को अलग भागों के अंदर बांटा गया है। जैसे बह्रम लोक , देवलोक और पितर लोक और नर्क लोक । हम नरक लोक की बात करने वाले हैं।‌‌‌

जब इंसान मर जाता है। तो उसे उसके कर्मों के अनुसार मार्ग मिलता है। देवलोक का मार्ग धूम मार्ग होता है। और जिस इंसान को देवकलोक मिलता है। वह इसी मार्ग पर जाता है। जबकि अर्चि मार्ग पर पितरों को जाना होता है। इसके अलावा एक मार्ग और होता है। जिसको उत्पति विनाश मार्ग के नाम से भी जाना जाता है।‌‌‌जिन आत्माओं की गति नर्क लोक के अंदर होती है। वे आत्माएं उत्पति विनाश मार्ग पर ही  जाती हैं।

 तो इसका मतलब इसमे सच्चाई है। क्योंकि यदि भगवान नहीं होता तो यह सब झूठ होता तो उसका नाम कब का रेत पर लिखे अक्सरों की तरह मिट जाता लेकिन आज भी वास्तव ‌‌‌भगवान का नाम कायम है क्योंकि वो सच मे ही है। ‌‌‌और जब वो है तो नरक जैसा भी कुछ हो सकता है।  

Table of Contents

‌‌‌1.नर्क कितने प्रकार के होते है tamisram  [भारी जिस्मानी सजा]

  इस तरह के नरक के अंदर ऐसे लोगों की आत्माएं जाती हैं जिन्होंने किन्हीं दूसरे लोगों का धन लूटा होता है। यहां पर इनकी आत्माओं की अच्छी खासी पिटाई की जाती है। और आत्मा को गहरी चोट भी पहुंचाई जाती हैं।  

‌‌‌बहुत से लोग जो दूसरों का धन लूट लेते हैं। भले ही उन लोगों ने बल का प्रयोग करके धन लूटा हो । यदि कोई चोरी करके धन ले जाता है। तो उसे भी इस नरक के अंदर जाना पड़ता है। और यहां पर भयानक दिखने वाले इंसान के जैसे प्राणी इन आत्माओं को बुरी तरीके से पिटते हैं। हालांकि ऐसा करने से आत्मा मरती तो नहीं ‌‌‌है। लेकिन उसे उसके किये के बारे मे बार बार याद दिलाया जाता है। आत्मा इस पिटाई से बहुत अधिक दुखी हो जाती है।

और उसके बाद उसे दूसरों का धन लूटने पर बहुत अधिक अफसोस होता है।‌‌‌यहां पर किसी भी प्रकार की सिफारिश भी नहीं चलती है। अधिकतर लूटैरे अदालतों के अंदर बच जाते हैं। लेकिन भगवान के इस डंडे से उनका बचना नामुमकिन होता है।

2.Flogging

‌‌‌ जो लोग अपनी पति या पत्नी को बिना कारण त्याग देते हैं उनको यहां पर भेजा जाता है। और बांध कर  भयानक सजा दी जाती है।  

‌‌‌यह भी नरक का एक प्रकार है। जो लोग अपनी पत्नी को छोड़ देते हैं या उसके उपर अत्याचार करते हैं। कुछ लोग अपनी पत्नी को मारते हैं और उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं। उन लोगों को यहां पर लाकर उनके कुकर्मां की सजा दी जाती है।‌‌‌यहां पर सबसे पहले पापी आत्मा को बांधा जाता है। और उसके बाद उस आत्मा को अनेक तरीके से प्रताड़ित किया जाता है। दोस्तों यहां केवल एक पुरूष ही नहीं होता है। वरन ऐसे बहुत सारे पुरूष बंधे रहते हैं जो अपनी पत्नी के उपर अत्याचार करते हैं। उनके दर्द से यहां का वातावरण बहुत भयानक हो जाता है।

‌‌‌3 . नर्क कितने प्रकार के होते है rauravam  [सांप की पीड़ा ]

यहां पर ऐसे लोगों की आत्मा को भेजा जाता है जो दूसरों की संम्पति से आनन्द उठाते हैं। ऐसे लोगों की आत्मा को एक भयानक नागिन के सामने फेंक दिया जाता है जो उसको भयंकर पीड़ा देती है।  

‌‌‌कुछ लोगों को दूसरों का धन हड़पने के अंदर बहुत मजा आता है। जो लोग दूसरों का धन हड़प लेते हैं। ऐसे लोगों को मरने के बाद एग गहरी खाई मे फेंक दिया जाता है। वहां पर बहुत पहले से ही ऐसी आत्माएं चीख रही होती हैं जोकि इस प्रकार का पाप करती हैं। उनको खतरनाक नागिने काटती हैं। अरबों नागिन होती हैं वे‌‌‌डंक मार मार कर आत्मा का बहुत अधिक बुरा हाल कर देती हैं।

4‌‌‌ .mahararuravam  [सांप से मौत ]

जो लोग वैध रूप से संपति के वारिश होने के बाद भी संपति लेने से इनकार करते हैं। और दूसरों की संपति लेने वाले और दूसरों की पत्नी से प्रेम करने वाले लोगों को यहां पर डाल दिया जाता है। यहां सांप उनकी आत्मा को डंक मारकर पीड़ा देते हैं।  

‌‌‌कुछ लोग पर स्त्री से प्रेम करते हैं। यदि कोई शादी शुदा इंसान किसी दूसरे की स्त्री से प्रेम करता है। तो धर्म के अनुसार यह सब करना पाप है। और ऐसे लोगों को उनकी मौत के बाद एक सांप के आगे फेंक दिया जाता है और बार बार यह बोला जाता है कि तूने दूसरे की स्त्री से प्रेम करने का पाप किया है। इस वजह ‌‌‌से तेरी आत्मा को यह कष्ट दिया जा रहा है। जैसे ही सांप डंक मारता है आत्मा को बहुत अधिक पीड़ा होती है।

5‌‌‌ .kumbhipakam [ तेल मे डालना ]

नर्क कितने प्रकार के होते है – जो लोग अपनी खुशी के लिये जानवरों को मारते हैं उनकी आत्मा को तेल के अंदर डाल दिया जाता है।

‌‌‌आजकल बहुत से लोग केवल अपने फायदे के लिए पशुओं को मार देते हैं। और उसके बाद उनका मांस खाते हैं। इसके अलावा कुछ लोग बेवजह ही निर्दोष जानवरों की हत्या करते हैं।‌‌‌इसे लोगों की आत्माको सजा देने के लिए गर्म तेल होता है। उसके अंदर डाल दिया जाता है। और जैसे जैसे तेल गर्म होता जाता है। आत्मा को बहुत अधिक दर्द होता है। आत्मा बिलबिलाने लगती है। लेकिन उसके बाद भी उसे छोड़ा नहीं जाता है। वरन उसको बुरी तरीके से प्रताड़ित किया जाता है।‌‌‌नरक के प्रकार के अंदर अरबों आत्माओं को खोलते हुए तेल के अंदर डालकर पकाया जाता है।

6 . नर्क कितने प्रकार के होते है kalasutram [ ‌‌‌गर्म जगह]

जो लोग बुजुर्गों का समान नहीं करते उनको यहां पर भेजा जाता है। गर्म जगह पर उनकी आत्मा को कष्ट पहुंचाया जाता है।

‌‌‌आजकल बूढे लोगों का अपमान करने का चलन बन चुका है।  हिंदु धर्म के अंदर पहले ही यह कहा गया है कि बुजुर्ग लोगों का समान करना चाहिए । लेकिन उसके बाद भी जो लोग बूढे लोगों का अपमान करते हैं उनका तिरस्कार करते हैं ऐसे लोगों को मरने के बाद जलते लावा की कुंड में फेंक दिया जाता है।‌‌‌वे वहां से निकल नहीं पाते हैं और बहुत अधिक चीखते हैं। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं होता है।

7. asitapatram [‌तेज जिस्मानी सजा ]

  जो लोग अपने जीवन काल के अंदर अपने ऑब्जेक्टस का पालन नहीं करते हैं। उनकी आत्मा को यहां पर कोड़े से पीटा जाता है। और कांटों पर यात्रा कराई जाती है।    

‌‌‌8. sukarmaukham [ कुचलना ]

जो शासक अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं। और अच्छे से शासन नहीं करते हैं। उनको भारी पत्थर से  कुचला जाता है।  

यह राजा लोगों के लिए है। दोस्तों अक्सर जो इंसान सक्षम होने के बाद भी अपने कतर्व्य को भूल जाते हैं। ऐसे लोगों को इसी नरक के अंदर लाकर अच्छी तरीके से पेला जाता है।ऐसे लोगों को सबसे पहले एक जगह पर सुलाया जाता है। और इसके हाथ पैर वैगरह बांध दिये जाते हैं उसके बाद भारी ‌‌‌पत्थर से आत्मा को कुचला जाता है। आत्मा किराह उठती है। उसे उसके कतर्व्य की याद दिलाई जाती है और कई बार यह सजा दी जाती है। अक्सर जो लोग बड़े बड़े पदों पर बैठे रहते हैं और अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निवार्हन नहीं करते हैं।

उनको इसी नरक के अंदर अच्छे तरीके से पेला जाता है।‌‌‌अबकी बार यदि आप किसी भी अधिकारी के पास जाएं किसी काम को करवाने के लिए तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। वह जितना आपके काम को टालेगा उतना ही अच्छे तरीके से पेला जाएगा । भगवान की नजरों से कोई भी बच नहीं सकता है। क्योंकि वह तो सब जगह है।

9‌‌‌. andhakupam [जानवरों से ‌‌‌हमला]

  जिन लोगों के पास संसाधन होते हुए भी अच्छे लोगों की मदद नहीं करते उनकी आत्मा को यहां पर धकेला जाता है। उन पर यहां शेर बाग ईगल हमला करते हैं।  

‌‌‌मान लिजिए कोई डॉक्टर है। और उसे सब कुछ आता है उसके बाद भी वह अच्छे लोगों को लूटता है और उनकी मदद नहीं करता है। या फिर यदि आपके पास पैसा है लेकिन उसके बाद भी आप अच्छे लोगों की मदद नहीं कर रहे हैं तो आपको इस नरक के अंदर जानके लिए तैयार रहना चाहिए।

‌‌‌क्योंकि वहां के कानून को सिर्फ अच्छे कर्मों से खरीदा जा सकता है कागज के नोटों से नहीं

‌‌‌इस प्रकार के लोगों की आत्मा को शेर के बाड़े के अंदर धकेल दिया जाता है। और उसके बाद शेर उस आत्मा पर हमला करता है। आत्मा को मारता पिटता है। आत्मा वहां से भागने की कोशिश करती है। लेकिन प्रभु की लिला की वजह से वह उसके अंदर कैद हो जाती है। उसे बहुत कुछ सहना पड़ता है।

10‌‌‌.taptamurti

जो लोग सोने चांदी आदि को लूटते हैं। उनको जलती हुई भटटी मे डाला जाता है।  

‌‌‌कुछ लूटेरे भी बड़े दिमाग वाले होते हैं। अधिकतर लोग वैध चांदी सोने के धंधे के अंदर अवैध व्ययापार करते हैं। यदि कोई सुनार आपको नकली अगूंठी दे देता है तो वह भी इसके अंदर आता है। इसके अलावा यदि आपके सोने और चांदी के आभूषण कोई चोरी कर लेता है तो वह भी इसी के अंदर आता है।‌‌‌इस प्रकार के चोरों को एक जलती हुई भटी मे डाला जाता है। उसके नीचे आग जलती रहती है। दोस्तों यह काफी भयानक होता है। पीड़ा बहुत होती है लेकिन सब कुछ सहना पड़ता है।

11.kirmibhojanam [‌‌‌कीड़े और नाग ]

  जो लोग मेहमानों का सम्मान नहीं करते दुसरों को अपने लाभ के लिये इस्तेमाल करते हैं। उनको कीड़े और नाग जीवित खा जाते हैं।

  ‌‌‌कुछ लोगों को दूसरों का अपमान करने की आदत होती है। यदि कोई किसी का अपमान करता है तो यह भी एक पाप है।इसके अलावा यदि कोई किसी को अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करता है। या कहें की कोई किसी को धोखा देता है तो वह भी बड़ा पाप माना गया है।

इस प्रकार के पाप के अंदर ।‌‌‌यदि आपको कोई झूंठी दिलासा देता है या आप से झूंठ बोलकर कोई काम निकलवाता है तो इन लोगों की आत्मा को मरने के बाद कीड़ों की कूंड के अंदर डाल दिया जाता है। उसके बाद कीड़े आत्मा को खाते हैं। लेकिन आत्मा चाहकर भी कुछ नहीं कर पाती है। वह दर्द से चिखती हुई अपने गुनाह को याद करती है।

12 .sanlmali [ ‌‌‌गर्म लोहे]

जो लोग व्यभिचार करते हैं उनका गर्म लोहे से दागा जाता है।   ‌‌‌व्यभीचार का मतलब होता है कुकर्म जो लोग कुकर्म करते हैं। यह नरक उनके लिए होता है। आपको बतादें की कुकर्म के अंदर कई प्रकार की चीजे आती हैं।

लेकिन वैसे यदि कोई स्त्री अपने पति को छोड़कर या यदि कोई पति अपनी पत्नी को छोड़कर किसी भी पर स्त्री के साथ यौन संबंध बनाता है तो यह पाप है।‌‌‌और ऐसे लोगों की आत्मा को एक पत्थर से बांधा जाता है और उसके बाद गर्म लाल लौहे के सरियों से आत्मा को दागा जाता है। इस दौरान आत्मा को बहुत अधिक दर्द होता है।‌‌‌अक्सर जो लोग शादी के बाद किसी भी पर पार्टनर से सबंध रखते हैं। इस नरक की सजा उनको ही नसीब होती है।

13.vajrakantakasali

 ‌‌‌यहां पर उन लोगों को भेजा जाता है जोकि जानवरों के साथ सेक्स करते हैं।   ‌‌‌कुछ लोग तो जानवरों के साथ भी संबंध बनाने से नहीं चुकते हैं। इस प्रकार के पापी लोगों को सबसे पहले इस नरक के अंदर लाया जाता है। और उसके बाद यहां पर उनको एक जगह बाधा जाता है। लौहे की बनी तीखी सुई की मदद से उसके पूरे शरीर को बुरी तरीके से छल्ली किया जाता है।

14 .vaitarani [‌‌‌गंदी नदी]

जो शासक अपनी ताकत का दुरपयोग करते हैं और व्यभिचारी होते हैं। उनको यहां पर भेजा जाता है।‌‌‌उनकी आत्मा को एक ऐसी नदी के अंदर फेंका जाता है जिसमे मल मूत्र मांस और भयंकर जानवर होते हैं।  

15‌‌‌.puyodakam

यह मल मुत्र से भरा हुआ स्थान होता है। यहां पर ऐसे लोगों को डाला जाता है। जो महिलाओं से बिना शादी के इरादे से सेक्स करते हैं और उनको धोखा देते हैं।   कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो किसी लड़की को शादी का झांसा देते हैं और उसके बाद उसके साथ संबंध बनाते हैं। आए दिन अखबारों के अंदर इस प्रकार की न्यूज आपको मिल जाएगी । यदि संबध बनाने के बाद यदि कोई पुरूष उस लड़की से शादी नहीं करता है। तो वह पापी माना जाता है। और मरने के बाद यमराज ऐसे लोगों ‌‌‌को नरक के अंदर यातना देते हैं।‌‌‌ऐसे लोगों को एक मल मुत्र से भरे हुए स्थान मे डाल दिया जाता है। और उसे यहां पर तब तक रहना पड़ता है। जब तक कि उसके पाप कर्मो की सजा उसे मिल नहीं जाती है।

16‌‌‌.visasanam

जो अमीर लोग गरीबों को नीचा दिखाते हैं। जरूरत से ज्यादा अपने वैभव को ‌‌‌प्रदर्शित करते हैं। उनको यहां पर भेजा जाता है।   ‌‌‌कुछ लोग इस दुनिया के अंदर अमीर होते हैं तो कुछ लोग गरीब होते हैं। लेकिन कुछ लोग गरीबों को परेशान करते हैं। इस प्रकार के पापी को इस नरक के अंदर सजा दी जाती है। उन पापियों को यहां पर लाया जाता है। उसके बाद एक भाले से उसके शरीर को आर पार कर दिया जाता है। ऐसा करने से पापी आत्मा को बहुत अधिक दर्द ‌‌‌होता है।

17. lalabhaksam [‌‌‌वीर्य की नदी ]

कामुक पुरूष साथी जो अपनी पत्नी को वीर्य निगल बनाता है। उसको वीर्य के समुद्र के अंदर फेंक दिया जाता है।   ‌‌‌ऐसा माना जाता है कि विर्य का निगलना भी पाप है। जो पुरूष अपनी पत्नी को विर्य निगलने के लिए विवश करते हैं। यह नरक उनके लिए ही होता है।ऐसे पुरूषों को वीर्य की बनी नदी के अंदर डाल दिया जाता है। जहां पर उनके पाप कर्म की सजा  पूर होने तक रहना होता है।

18‌‌‌. sarameyasanam [कुत्तों से पीड़ा]

  जो लोग हत्या करते हैं जहर खाते हैं। और देश को बरबाद करते हैं । उनका मांस कुत्तों को खिलाया जाता है।   ‌‌कुछ लोग काफी अधिक पापी होते हैं। वे जो किसी की हत्या करवा देते हैं या वे खुद किसी को मार देते हैं। ऐसे लोग बहुत बार कानून के शिकंजे से तो बच जाते हैं। लेकिन यमराज के डंडे से वे बच नहीं पाते हैं।ऐसे लेागों की आत्मा को चाकू से काट कर उनके मांस को भूखे कुत्तों को खिला देते हैं। उनको बहुत‌‌‌अधिक दर्द होता है। लेकिन आत्मा मर नहीं पाती है।

19‌‌‌ . avici [ धूल के अंदर ]

  जो लोग झूठी गवाही देते हैं झूठी शपथ लेते हैं । को धूल भरे स्थान पर उंचाई से फेंका जाता है।  ‌‌‌कुछ लोग मुकदमे के अंदर कुछ पैसों के लालच मे आकर झूठी गवाही देते हैं। ऐसे लोग पाप करते हैं। मरने के बाद उनकी आत्मा को गहरे गड़े के अंदर बार बार फेंका जाता है। ऐसा करने से बहुत पीड़ा होती है और पापी को अपने पाप का एहसास होता है।

20. pranarodham [‌‌‌टुकड़े टुकड़े करना ]

  जो लोग लगातार जानवरों का शिकार करते हैं यम के सेवक उनके टुकड़े टुकडे कर डालते हैं।

21. ayahpanam ‌‌‌[जल पदार्थों के पीने ]

  जो लोग शराब और अन्य मादक पदार्थों का सेवन करते हैं उनको गर्म लोहा पीलाया जाता है।

22 .raksobjksam [ ‌‌‌पशुओं का बदला ]

  जो मानव पशुओं की बली देते हैं उनका मांस खाते हैं उनको यहां पर फेंका जाता है। जिन पशुओं को पहले लोग मारते हैं वे पशु ही उनसे अपना बदला लेते हैं।  

23. ‌‌‌sulaprotan

  जो लोग दूसरों का नुकसान करते हैं और उनको धोखा देते हैं उनको सूली पर चढ़ाया जाता है। और भूख प्यास से भी कष्ट दिया जाता है।  

24. ksharakardamam [‌‌‌उल्टी फांसी ]

  जो लोग अच्छे लोगों का अपमान करते हैं उनको उल्टा फांसी पर लटका दिया जाता है।  

25 .‌‌‌ dandasukam [जिंदा खाना ]

  जो लोग दूसरों को जानवरों की तरह सताते हैं उनको यहां पर जिंदा खाया जाता है।  

26. vatarodham [‌‌‌हथियार यातना ]

  जो लोग पर्वत चोटियों पर रहकर पशुओं को कष्ट पहुंचाते हैं। उनको हथियार से यातनाएं दी जाती हैं।  

27.paryavartankam

‌‌‌ जो व्यक्ति भूखे व्यक्ति को गाली देते हैं उनको भोजन से मना करते हैं उनकी आंख को चील और कोवों को खिलाई जाती हैं।   इसके अलावा हर धर्म ग्रंथ के अंदर यह कहा गया है , कि हमलोगों को भूखों को भोजन खिलाना चाहिए । उसके बाद भी यदि हम ऐसा नहीं करते हैं। तो इसका दंड हमें यमलोक के अंदर मिलता है। इसलिए यदि आपके घर मे कोई भूखा भोजन करने के लिए आए , तो उसे खाना जरूर ही देना चाहिए ।

28. raksobjaksam

‌‌‌जो लोग उधार लिया हुआ पैसा नहीं देते हैं। उनको सुई चुभोई जाती है। उनके शरीर पर छेद किये जाते हैं।

अक्सर कुछ लोग इस तरह के होते हैं। जोकि पैसा उधार तो लेलेते हैं। लेकिन उसके बाद भी वे उन पैसों को वापस नहीं करते हैं। यदि आपके पैसा भी किसी ने लेलिया है। और उसके बाद वे उन पैसों को वापस नहीं कर रहे हैं तो आपको चिंता नहीं करनी चाहिए । मरने के बाद उनसे सब कुछ ब्याज सहित वसूल कर लिया जाएगा ।

This post was last modified on March 12, 2024

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