दुनिया के हर हिस्से के अंदर अलग अलग प्रकार के अशुभ संकेत प्रचलन के अंदर हैं। जैसे हम भारत के अंदर रहते हैं तो रात 12 बजे को हम सबसे भंयकर समय मानते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हम यह मानते हैं कि रात 12 बजे सभी प्रेत आत्माएं अधिक सक्रिय हो जाती हैं और उनके पास अतिरिक्त पॉवर भी आ जाता है। खैर यह सब उन लोगों के लिए सच है जो कि भूत प्रेत के अंदर विश्वास करते हैं। जबकि जो लोग भूत प्रेत के अंदर विश्वास नहीं करते हैं ।उनके लिए यह सब झूठ होता है।666 नंबर को भी इसी तरीके से मनहूस नंबर माना जाता है।
हालांकि हिंदू धर्म के लोग इस नंबर को मनहूस नहीं मानते हैं। वरन इसको ईसाई लोग मनहूस मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन अक्षरों से जिसका नंबर शूरू होता है उसके उपर और आस पास बहुत बड़ी मुश्बित आ सकती है।इस नंबर के बारे मे बाइबल के अंदर भी उल्लेख मिलता है।
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666 नंबर क्या है
666 का मतलब यह है कि यह शैतान का नंबर है। यानि बाइबल के अंदर यह बताया गया है कि यह उस शैतान का नंबर है जो प्रभु की शिक्षाओं को नष्ट करने का प्रयास करता है। और जो इस नंबर को अपने पास रखता है या कहीं पर देखता है तो वह ईसाई धर्म का विरोधी हो जाता है। प्रभु का विरोध करने वाला पापी होता है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि 666 नंबर को एक अशुभ नंबर के तौर पर देखा जाता है। और उसके बाद तो आप जानते ही हैं कि इसको इंटरनेट के माध्यम से और तेजी से फैलाया गया और अब लोग को दिमाग मे यह अच्छी तरह से बैठ चुका है कि यह एक अशुभ नंबर है।
न्यू टेस्टामेंट के टेक्स्टस रिसेप्टस पांडुलिपियों में के अंदर इस नंबर का उल्लेख मिलता है। इसके अनुसार जिसके पास यह नंबर होता है। वह सर्वनाश द्रष्टि रखता है।इस संख्या को हेक्साकोसियोइहेक्सेकंटाहेक्साफोबिया के रूप में जाना जाता है।कुछ प्रारंभिक बाइबिल ग्रंथों में द बीस्ट की संख्या को 616 के रूप में उद्धृत किया गया है, सबसे पहला ज्ञात उदाहरण पैपिरस 115 में है।
अमेरिकी राज्य लुइसियाना के रीव इलाक़े के अंदर रहने वाले लोगों का मोबाइल नंबर के अंदर 666 आते थे । जिसकी वजह से वहां के लोग काफी परेशान थे और यह लोग यहां पर 1960 से रह रहे हैं। हालांकि इन लोगों ने नंबर बदलने के लिए जब प्रसाशन से गुहार लगाई तो इनके नंबर बदल दिये गए ।
हालांकि इन ईलाकों के अंदर रहने वाले लोग यह बताते हैं कि इन नंबरों से किसी भी प्रकार की आफत यहां पर नहीं आई है। लेकिन उसके बाद भी लोग इन नंबरों को अच्छा नहीं मानते हैं। कुछ लोग इन नंबरों को रोमन शासन के बादशाह नीरो से जोड़कर भी देखते हैं। जिसने ईसाइयों का कत्लेआम किया था।
666 नंबर देखकर प्रभु क्रोध से भड़क जाएगा
दोस्तों ऐसा बाइबल के अंदर लिखा गया है कि जब प्रभु संसार का नाश करेगा तो वह जिस किसी के पास 666 नंबर लिखा हुआ पायेगा तो क्रोध से भड़क उठेगा । हालांकि कुछ लोगों का यह तर्क है कि इसी वजह से 666 नंबर को अशुभ माना जाता है। और ईसाई धर्म के लोग इस नंबर को कहीं पर भी लिखकर या खुदवाकर नहीं रखते हैं।
666 का प्रयोग शैतान को बुलाने के लिए
दोस्तों ईसाई धर्म के एक लेख के अंदर यह बताया गया है कि 666 इस वजह से अशुभ नंबर माना जाता है । क्योंकि इस नंबर की मदद से शैतान को बुलाया जाता है। और प्राचीन काल के अंदर कुछ दुष्ट प्रक्रति के लोग इन नंबर का प्रयोग करके शैतान को बुलाते थे ।
666 का प्रयोग जानवर की संख्या के रूप मे
प्राचीन काल के अंदर लोग अपने गुलाम के उपर यह संख्या लिख देते थे । उनके अनुसार ऐसा करने से कोई उसकी खरीद और बिक्री नहीं कर सकता था। क्योंकि 666 लिखें हुए गुलाम की खरीद करना बुरा माना जाता था। यह भी अपने गुलाम को सुरक्षित रखने का एक अच्छा तरीका था।
666 नंबर सम्राट नीरो की क्रूरता से जुड़ा है
सम्राट नीरों काफी बुरा इंसान था। उसने अपनी पहली पत्नी को मार डाला और उसके बाद दूसरी पत्नी को भी मार डाला जब वह गर्भवति थी। इसके अलावा वह ईसाई धर्म मानने वालों का विरोधी था। इस वजह से उसको 666 नंबर से बताया गया था। मतलब कि वह शैतान का दूत था या शैतान के लिए काम करता था।इस वजह से जिन लोगों के पास यह नंबर होता है उनको अशुभ माना जाता है या कहें कि वे धर्मविरोधी भी हो सकते हैं।
रोम के लिए 666 का प्रयोग
जॉन ने प्रकाशितवाक्य लिखा, तो उसने रोम की दमनकारी शक्ति का मज़ाक उड़ाने के लिए 666 का इस्तेमाल किया होगा ।रोम की दमनकारी ताकत की वजह से ईसाई यह कहते थे की रोम कभी भी एक पूर्ण सम्राज्य नहीं बन सकता । इस तरह से देखा जाए तो रोम की दमनकारी ताकत को 666 से संदर्भित किया गया ।
666 अन्य धर्मों के अंदर
ईसाई धर्म के अंदर ही नहीं वरन दुनिया के कई अन्य धर्म के अंदर भी 666 को जाना जाता है।यहोवा के साक्षियों के लिए, गैर-मुख्यधारा ईसाई धर्म का एक अनूठा संप्रदाय, 666 भगवान के विरोध में दुनिया की एकीकृत सरकारों का प्रतिनिधित्व करता है। साक्षी नंबर सात को पूर्णता के संकेत के रूप में देखते हैं, इसलिए 666 यहोवा की नज़र में विफलताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।जबकि कबालीवादी यहूदी धर्म में, 666 दुनिया और उसकी कृतियों की पूर्णता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके अनुसार दुनिया 6 दिन के अंदर बनाई गई थी और वे 6 को भगवान के अक्षरों के बराबर मानते हैं।
ओमेन ने बनाया डर
1976 में रिलीज़ हुई यह फिल्म एक युवा लड़के (डेमियन) की कहानी है। जिसके अंदर 666 को एक भूत के डर से जोड़ा गया था। यह अपने समय की सबसे सफल हॉरर फिल्मों मे से एक थी। इस फिल्म को देखने के बाद वैसे भी लोग 666 को अच्छा नहीं मानते थे अब और ही इसको शैतान से जोड़कर देखा जाने लगा ।
प्रसिद्ध निर्देशक स्टेनली कुब्रिक से जुड़ा है 666
प्रसिद्ध निर्देशक स्टेनली कुब्रिक से भी 666 जुड़ा हुआ है।जानबूझकर उनकी मृत्यु को बीस्ट की संख्या के साथ जोड़ते थे।कुछ लोगों के अनुसार उसने अपनी फिल्म आईज़ वाइड शट का प्रयोग समाज के वर्ग को बाहर करने के लिए किया था। 7 मार्च, 1999 को उसकी हत्या करदी जाती है।यह दिनांक महत्वपूर्ण है क्योंकि 1 जनवरी, 2001 से ठीक 666 दिन पहले, जो कुब्रिक की सबसे प्रसिद्ध फिल्म, 2001: ए स्पेस ओडिसी की एक कड़ी है।
66 का शाब्दिक अर्थ एक नाम होता है।एक नंबर को एक नाम देने को “जेमेट्रिया” कहा जाता है, जो किसी के नाम में अक्षरों को जोड़ने की यूनानी प्रथा है। लैटिन में इस प्रथा को “आइसोसेफिज्म” कहा जाता है। ग्रीक भाषा के अंदर प्रत्येक अक्षर का एक अंक होता है।
बाइबल के अनुसार जो लोग बुद्धिमान होते हैं, वह अपने नाम की संख्या को जानकर एंटीक्रिस्ट की पहचान में अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं।
666 नंबर क्या है final word
अक्सर ईसाई धर्म के लोग 666 नंबर को बुरा मानते हैं। जैसे यदि उनके मोबाइल नंबर के बीच मे या कहीं पर 666 हैं तो वे इसको बदलवाने की सोचते हैं। इसी तरीके से यदि किसी सड़क वैगरह का नाम 666 आता है तो वे इसको भी बदलने की कोशिश करते हैं। क्योंकि उनको यह लगता है कि यह मनहूस है।लेकिन सच मायने मे ऐसा कुछ नहीं है। काफी रिसर्च के बाद भी मुझे ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे यह साबित होता हो कि 666 नंबर बुरा है। बस लोगों की यह धारणा बन चुकी है।
- 1989 में, नैन्सी और रोनाल्ड रीगन , 1988 के चुनाव के बाद लॉस एंजिल्स के बेल-एयर सेक्शन में अपने घर जाने के दौरान, इसका पता था- 666 सेंट क्लाउड रोड – बदलकर 668 सेंट क्लाउड रोड चेंज किया गया ।
- 2003 में, न्यू मैक्सिको में यूएस रूट 666 को यूएस रूट 491 में बदल दिया गया था
- महिलाओं ने 6 जून, 2006 (6/6/06) को जन्मे बच्चे के बारे मे चिंता व्यक्त की थी।
- 2015 में, अमेरिकी प्रतिनिधि जो बार्टन के पास एक विधायी बिल की संख्या थी, जिसे उन्होंने 666 से 702 में बदल दिया गया था।
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This post was last modified on September 22, 2019
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Jaisa ki aapne Bataya ki duniya ka nirmaan 6 dino me hua tha lekin Maine to padaha tha ki duniya ka nirmaan 7 Dino me hua aur is duniya me jo sabse Pahla vaikti tha use ek saap ne bhagwan ke virudha bharkaya tha q ki us saap ko burai ka pratik mana jata h.arif ji Mai in sab cheese par research krna chata hu kripya meri madat kare q ki mai janta hu Bible ke book me sansaar ke vinash ke bare me bhi Bataya gya h aur wo samay sansaar ka sabse khatrnak aur sabse bura samay hone wala h.