इस लेख मे हम बात करेंगे cash on delivery kya hota hai । Cash on Delivery (COD) का नाम तो आपने सुना ही होगा । और आपने कभी कभार इसका प्रयोग भी किया होगा ।
आजकल ऑनलाइन खरीददारी का जमाना है। और अधिकतर लोग खरीददारी मे पेमेंट चुकाने के लिए Cash on Delivery (COD) का प्रयोग करते हैं। वैसे बड़ी बड़ी ई कॉमर्श कम्पनियां जैसे amazon , flipkart इसी तरीके का प्रयोग करती हैं।यदि हम इंडिया की बात करें तो इंडिया के अंदर कैस ऑन डिलिवरी सिस्टम बहुत अधिक लोकप्रिय है। और अधिकतर कस्टमर इसी तरीके से पेमेंट करते हैं। Cash on Delivery (COD) की सबसे खास बात तो यह होती है कि इसमे आपको पहले पेमेंट नहीं करना पड़ता है। वरन जब आपके घर पर प्रोडेक्ट पहुंच जाता है उसी के बाद ही आपको पमेंट करना होता है।
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Cash on Delivery (COD) kya hai
Cash on Delivery (COD) ऑनलाइन भुकतान का एक तरीका है। मतलब पेमेंट करने का एक तरीका है। मानलिजिए आपने अमेजन से कोई सामान खरीदा और जब आप उस सामान का पेमेंट करना चाहेंगे तो आपके सामने पेमेंट के कई तरीके आएंगे । जैसे आप क्रेडिट कार्ड से भुकतान कर सकते हैं या फिर आप कैस ऑन डिलिवरी चुन सकते हैं। क्रेडिट कार्ड जैसे सिस्टम के अंदर आपको पहले ही भुकतान करना होता है। लेकिन कैस ऑन डिलिवरी के अंदर आपको तब भुकतान करना होता है। जब आपका सामान आपके घर पहुंच जाता है।
जब आप ऑनलाइन सामान खरीदें तो पहले अपने ऐरिया के पिन कोड डॉलकर यह चैक कर लें कि आपके क्षेत्र के अंदर कैस ऑन डिलिवरी सिस्टम उपलब्ध है या नहीं ? यदि उपलब्ध है तो आप पेमेंट के इस मोड को चुन सकते हैं। इस प्रकार से Cash on Delivery (COD) वह सिस्टम है जिसके अंदर एक हाथ से सामान दिया जाता है। और दूसरे हाथ से उसकी कीमत ली जाती है। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं। कि यह एक रियल स्टोर के जैसा होता है। लेकिन इसके अंदर आपके घर सामान डिलिवर किया जाता है।
Process of Cash on Delivery (COD)
कैस ऑन डिलिवरी सिस्टम बहुत ही सरल तरीके से काम करता है। कोई भी बड़ी कम्पनी हो । वह अपने सामान को डिलिवर करने के लिए कुछ कूरियर कम्पनियों के साथ करार करती है। और वह कूरियर कम्पनी ही सामान को पहुंचाने का काम करती है।
- सबसे पहले आप किसी भी कम्पनी की वेबसाइट पर जाते हैं और कुछ सामान को पसंद करते हैं और अपना डिलिवरी एड्रस भरते हैं और पेमेंट मैथड कैस ऑन डिलिवरी सैट कर देते हैं।
- उसके बाद वह प्रोडेक्ट संबंधित क्षेत्र की कूरियर कम्पनी के पास भेजा जाता है। और फिर वहां से वह कूरियर कम्पनी उस प्रोडेक्ट के एड्रस पर स्थिति अपनी ऑफिस के अंदर उसे भेज देती है।
- तीसरी स्टेप्स के अंदर डिलिवरी ब्योय उस प्रोडेक्ट पर लिखे एड्रस पर उसे लेकर जाता है।
- अगली स्टेप्स के अंदर कस्टमर उस प्रोडेक्ट को देखता है। और उसके बाद डिलिवरी ब्योय को पेमेंट कर देता है।
- और अंत मे डिलिवरी ब्योय पेमेंट को कम्पनी की ऑफिस के अंदर जमा करवा दिया जाता है।
Cash on Delivery (COD) ke fayde
Cash on Delivery के फायदे और नुकसान भी हैं। केस ऑन डिलिवरी किस तरह से एक कस्टमर के लिए और एक कम्पनी के लिए फायदे मंद होती है। आइए इस बारे मे विस्तार से जानते हैं।
सही प्रोडेक्ट की उपलब्धता
आमतौर पर जब हम कैस ऑन डिलिवरी का चुनाव करते हैं तो प्रोडेक्ट हमारे पास पहुंचने पर ही हम उसके लिए पैसा देते हैं। और तब तक हम प्रोडेक्ट को देख भी लेते हैं। यदि उसके अंदर कुछ भी गड़बड़ी है तो हम उसे अस्वीकार कर सकते हैं। कुल मिलाकर यह एक तरह से किसी दुकान से खरीद दारी करने जैसा ही है।
Cash on Delivery सबसे ईजी तरीका है
यदि आप ऑनलाइन खरीददारी करना चाहते हैं तो कैस ऑन डिलिवरी सबसे ईजी तरीका है। और इसके अंदर आप केस मे पेमेंट कर सकते हैं। यदि आप पढ़े लिखे नहीं हैं तो भी आप इस तरीके से आसानी से खरीद दारी कर सकते हैं। इंडिया के अंदर इसतरीके को सबसे बेस्ट माना जाता है। इसी वजह से बहुत से लोग इसका यूज करते हैं। इसके अलावा जो अपने कार्ड का प्रयोग ऑनलाइन नहीं करना चाहते हैं। वे भी इस तरीके को चुनते हैं।
विश्वसनियता
ऑनलाइन खरीदारी के अंदर आज भी लोग उतना विश्वास नहीं करते हैं। यही वजह है कि बहुत से लोग अपनें कार्ड का प्रयोग इन वेबसाइटों पर नहीं करना चाहते हैं। लेकिन Cash on Delivery सिस्टम की मदद से वे आसानी से ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटस को परख सकते हैं। कई बार क्या होता है कि कुछ नई ऑनलाइन वेबसाइट पैसा तो पहले लेलेती हैं। लेकिन मॉल भेजती नहीं हैं। जिससे आपका पैसा डूब जाता है। लेकिन केस ऑन डिलिवरी सिस्टम के अंदर ऐसा कुछ नहीं होता है।
टेंशन फ्री
दोस्तों अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग ऑनलाइन सामान खरीदने के लिए पहले पेमेंट कर देते हैं। उसके बाद काफी लंबे समय तक उनके पास सामान नहीं पहुंच पाता है। मतलब वे टेंशन के अंदर आ जाते हैं। यदि आप इस तरह की टेंशन से बचना चाहते हैं तो केस ऑन डिलिवरी का प्रयोग कर सकते हैं। इस स्थिति के अंदर यदि आपके पास सामान नहीं भी पहुंच पाता है तो आपको टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं है।क्योंकि आपने पैसे ही नहीं दिए हैं।
कार्ड से भुकतान की सुविधा
दोस्तों कैस ऑन डिलिवरी सिस्टम के अंदर आपके पास पैसा देने के दो तरीके होते हैं। या तो आप पैसे को ऑनलाइन जमा करवा सकते हैं। जब आपके पास प्रोडेक्ट पहुंच जाता है। और यदि आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो आप केस पेमेंट कर सकते हैं।
कूरियर कम्पनी की मनमानी से छूटकारा
दोस्तों अक्सर भारत के अंदर देखा गया है कि कुछ डिलिवरी ब्योय भी अच्छे से सामान को डिलिवर नहीं करते हैं। मेरे एक दोस्त ने कुछ समय पहले ऑनलाइन पहले पेमेंट करके एक मैमोरी कार्ड मंगवाया था। उस कार्ड को मंगवाए हुए लगभग 20 दिन हो गए । लेकिन वह उसके घर नहीं पहुंचा । तो उसने कम्पनी को फोन कर उसकी शिकायत की । तब जाकर कार्ड उसके घर पहुंचा । वह लोकल कूरियर के द्वारा लेट किया गया था। यदि आप केस ऑन डिलिवरी चुनते हैं तो लेट होता है तो आपको कोई नुकसान नहीं होगा । वरन शॉपिंग कम्पनी अपने आप इसका जवाब मांगेगी ।
अधिक सामान की बिक्री
दोस्तों केस ऑन डिलिवरी की वजह से सामान की बिक्री के अंदर काफी इजाफा होता है। जो कम्पनियों के लिए सबसे बड़े फायदों मे से एक है।जो कम्पनी केस ऑन डिलिवरी की सुविधा देती हैं उसकी विश्वसनियता अधिक हो जाती है। और इसी वजह से लोग जमकर खरीददारी करते हैं।क्योंकि अधिकतर लोग हमेशा पहले पैसा देने मे परहेज करते हैं।
Cash on Delivery (COD) ke nuksan
Cash on Delivery (COD) के अनेक फायदे हैं। लेकिन यह विक्रेताओं को नुकसानदायी साबित होती है। केस ऑन डिलिवरी की वजह से विक्रेताओं का खर्च अधिक बढ़ जाता है। मालिजिए जब कोई व्यक्ति प्रोडेक्ट को खरीद लेता है।
और वह उसके पास पहुंचता है तो वह इसे लेने से इनकार कर देता है तो फिर इसका शिपिंग चार्ज कम्पनी को वहन करना पड़ता है। बहुत बार फर्जी ऑडर दिये जाते हैं। जिससे कम्पनियों को भारी नुकसान होता है। क्योंकि उनको लेने वाला कोई नहीं होता है जिससे वे घूम फिर कर वापस कम्पनी के पास आ जाते हैं।
इसके विपरित यदि कम्पनी ने सामान का पहले पैसा लेलिया है तो इस बात के बहुत कम चांस होंगे की सामान कस्टमर वापस करेगा । वह ऐसी स्थिति के अंदर तभी वापस कर सकता है। जबकि सामान के अंदर कोई समस्या हो ।
इन सब के अलावा Cash on Delivery हर जगह पर उपलब्ध नहीं है। यदि आप किसी गांव के दूर दराज ईलाके के अंदर रहते हैं तो आप कैस ऑन डिलिवरी सिस्टम नहीं चुन सकते हैं। वैसी स्थिति के अंदर आपको पहले ही पेमेंट करना होगा और सामान को कूरियर ऑफिस जाकर लाना होगा ।
ऑरेजन प्रोडेक्ट को बदलने का खतरा भी Cash on Delivery के अंदर बना रहता है। क्योंकि इस स्थिति के अंदर एक ब्योय आपके पास प्रोडेक्ट को लेकर आता है। और ऐसी स्थिति के अंदर यह संभव है कि वह उसे बदलदें । ऐसा कई बार हो चुका है। हालांकि जब आप केस ऑन डिलिवरी नहीं करते तो प्रोडेक्ट सीधा कम्पनी से कूरियर ऑफिस मे जमा हो जाता है।
Cash on Delivery vs non Cash on Delivery
दोस्तों यदि आप पहली बार ऑनलाइन सामान खरीदते हैं तो आपके सामने यह समस्या रहती है कि पता नहीं यह आएगा या नहीं आएगा । ऐसी स्थिति मे तो Cash on Delivery एक दम से सही है। लेकिन यदि आप फेमस कम्पनी जैसे अमेजन आदि से खरीद रहे हैं तो इन दोनों के अंदर मुझे कोई अंतर नहीं दिख रहा है। लेकिन फिर भी केस ऑन डिलिवरी एक दम से बेस्ट आप्सन है। और आपको इसी को चुनना चाहिए ।जब प्रोडेक्ट आपके सामने आ जाए तो आप इसके लिए पेमेंट करें जो सबसे अधिकतम संतुष्टि के लिए आवश्यक है।
हालांकि आपको बतादें कि Cash on Delivery की सुविधा बहुत ही कम कम्पनियां देती हैं। सो यदि आपको कई बार अन्य कम्पनियों से सामान खरीदना पड़े जोकि मार्केट मे नई हैं तो कोशिश करें कि महंगा सामान ना खरीदें । क्योंकि नेट की दुनिया मे फ्राड कुछ ज्यादा ही होते हैं।
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